- Rajasthan Government Health Scheme (RGHS) अर्थात् राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना एक कैशलेस स्वास्थ्य लाभ योजना है RGHS में इनडोर चिकित्सा उपचार व्यय, डेकेयर उपचार , आउटडोर उपचार, जांच और चिकित्सा देखभाल तथा आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी चिकित्सा पद्धति के तहत उपचार और राज्य सरकार द्वारा निर्दिष्ट या निर्दिष्ट किए जाने वाले अन्य उपचार शामिल हैं। इस योजना में मंत्री, अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी, विधायक और पूर्व विधायक, सेवारत और सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारी, सेवारत सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी/पारिवारिक पेंशनभोगी शामिल होंगे।साथ ही, यह योजना स्वायत्त निकायों, बोर्डों, निगमों आदि के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए भी लागू होगी। योजना में अंशदान का निर्णय राज्य सरकार द्वारा समय रहते लिया जाएगा।
- RGHS विभिन्न श्रेणियों के संबंधित नियमों/योजनाओं के तहत निर्धारित शर्तों और प्रक्रियाओं के अनुसार निम्न चिकित्सा सुविधाओं को कवर करेगा,(i) राजस्थान मंत्री (चिकित्सा उपस्थिति) नियम, 1961(ii)राजस्थान न्यायिक अधिकारी (चिकित्सा सुविधाएं) नियम, 2008(iii) अखिल भारतीय सेवाएं(चिकित्सा उपस्थिति) नियम, 1954(iv) राजस्थान विधान सभा सदस्य (चिकित्सा सुविधाएं) नियम, 1964(v) राजस्थान विधान सभा पूर्व सदस्य और परिवार पेंशनभोगी (चिकित्सा सुविधाएं) नियम, 2010(vi) राजस्थान सिविल सेवा (चिकित्सा उपस्थिति) नियम, 2013(vii) राजस्थान राज्य पेंशनभोगी चिकित्सा रियायत योजना, 2014(viii) राज मेडिक्लेम पॉलिसी
- नए लाभार्थियों को फैमिली फ्लोटर आधार पर प्रति वर्ष 5.00 लाख रुपये तक के उपचार की अनुमति दी जाएगी।इस योजना में लाभार्थी सदस्य के किसी भी सरकारी/निजी पैनलबद्ध अस्पताल में गंभीर बीमारी के लिए प्रति वर्ष प्रति परिवार 5.00 लाख रुपये से अधिक के अस्पताल में भर्ती होने से संबंधित अतिरिक्त व्यय को कवर किया जाएगा
- उपचार किसी भी स्वास्थ्य सेवा नेटवर्क प्रदाता (HCNP) यानी सरकारी अस्पताल, स्वीकृत अस्पताल, PPP अस्पताल, रेफरल अस्पताल में कराया जा सकता है। टीपीए को प्रतिपूर्ति (भरपाई) RGHS दरों के अनुसार दी जाएगी। जहाँ कैशलेस उपचार उपलब्ध है वहां RGHS कार्ड धारक को कोई प्रतिपूर्ति(भरपाई) नहीं दी जाएगी। हालाँकि, RGHS कार्ड धारक द्वारा गैर-स्वीकृत अस्पताल में गंभीर आपातकालीन स्थिति में और अन्य असाधारण परिस्थितियों में किए गए चिकित्सा उपचार के लिए प्रतिपूर्ति (भरपाई) ली जा सकती है। ऐसी परिस्थितियों में, RGHS पोर्टल पर बिल जमा करने के बाद ही दावे की प्रतिपूर्ति (भरपाई)की जाएगी।
- कुछ उपचार ऐसे हैं जो आरजीएचएस के अंतर्गत कवर नहीं हैं। ऐसे बहिष्करणों का विवरण आरजीएचएस की वेबसाइट पर अपलोड की गई योजना में उपलब्ध होगा। ऐसे बहिष्करणों की प्रतिपूर्ति थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर (टीपीए) के माध्यम से नहीं की जाएगी।
- राज्य सरकार आरटीपीपी अधिनियम और नियमों के माध्यम से टीपीए का चयन करेगी।
- इस योजना के तहत लाभार्थियों का नामांकन 10-4-2021 से शुरू होगा और 30-04-2021 तक पूरा हो जाएगा। उपर्युक्त श्रेणी का प्रत्येक व्यक्ति 30-04-2021 से पहले आश्रितों के साथ अपना नामांकन सुनिश्चित करेगा ताकि राज्य बीमा और भविष्य निधि विभाग 31-05-2021 तक आरजीएचएस कार्ड वितरित कर सके। नामांकन की अवधि केवल वैध कारणों पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा बढ़ाई जा सकती है। नए भर्ती के लिए नामांकन की अवधि सेवा में शामिल होने की तारीख से 3 महीने होगी।
- सभी श्रेणियों के लिए नामांकन फॉर्म आरजीएचएस वेबसाइट www.rghs.gov.in पर उपलब्ध होंगे, साथ ही ऐसे फॉर्म भरने की प्रक्रिया भी बताई जाएगी। फॉर्म केवल ऑनलाइन भरे जा सकते हैं। उपर्युक्त श्रेणी के प्रत्येक व्यक्ति को नामांकन के बारे में विशिष्ट आरजीएचएस कार्ड नंबर के साथ सूचित किया जाएगा। कार्ड के खो जाने/कार्ड की अनुपलब्धता की स्थिति में, इस विशिष्ट आरजीएचएस कार्ड नंबर का उपयोग एचसीएनपी में उपचार लेने के लिए किया जा सकता है।
- निजी अस्पतालों, डायग्नोस्टिक प्रयोगशालाओं, इमेजिंग केन्द्रों और ई-फार्मा स्टोर्स का पैनलीकरण:जिन अस्पतालों/डायग्नोस्टिक केन्द्रों, इमेजिंग केन्द्रों के पास NABH / NABL मान्यता है तथा जिन अस्पतालों के पास CGHS के तहत पैनलीकरण है, वे आरजीएचएस वेबसाइट पर सीधे आरजीएचएस के तहत आवेदन करेंगे।जिन अस्पतालों और डायग्नोस्टिक प्रयोगशालाओं/इमेजिंग केन्द्रों के पास NABH / NABL मान्यता नहीं है तथा जिन अस्पतालों का CGHS के तहत पैनलीकरण नहीं है, वे आरजीएचएस द्वारा निर्धारित मानदंडों और मापदंडों के अनुसार RGHS की वेबसाइट (www.rghs.gov.in) पर आवेदन कर सकते हैं। जिन अस्पतालों/लैबों का HBEC द्वारा पहले ही पैनलीकरण हो चुका है, उन्हें RGHS वेबसाइट पर पुनः ऑनलाइन आवेदन करना होगा। ई-फार्मा स्टोर्स के लिए प्रक्रिया और नियम व शर्तें समय आने पर तय की जाएंगी।
- राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना के लिए राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग नोडल विभाग होगा तथा वित्त (बीमा) विभाग प्रशासनिक विभाग होगा।
- पैरा 2 में सूचीबद्ध संबंधित नियमों/योजनाओं में आवश्यक संशोधन यथासमय जारी किए जाएंगे।
- वित्त (बीमा) विभाग, RGHS के कार्यान्वयन के लिए विभिन्न अनुलग्नकों, परिपत्रों, स्पष्टीकरणों आदि के साथ विस्तृत परिचालन दिशा-निर्देश जारी करेगा।
- यदि इस योजना के क्रियान्वयन में कोई कठिनाई उत्पन्न होती है, तो संबंधित अस्पताल/हितधारक मामले को निदेशक, राज्य बीमा एवं भविष्य निधि विभाग को संदर्भित करेगा तथा यदि निदेशक, एस.आई.पी.एफ. के स्तर पर मामला हल नहीं होता है, तो वित्त (बीमा) विभाग का निर्णय अंतिम होगा। अपीलीय प्राधिकारी ए.सी.एस./प्रमुख सचिव, वित्त होंगे।
- परिवीक्षाधीन अवधि में राज मेडिक्लेम की सुविधा देय है । अतः आदेश दिनांक 07.07.2021 में दिनांक 01.01.2004 एवं उसके पश्चात नियुक्त कार्मिकों के अनुसार RGHS फण्ड के अन्तर्गत कटौती की जानी है। इस हेतु परिवीक्षाधीन कार्मिक जिस पद पर नियुक्त हुए हैं, उस पद की पे-मैट्रिक्स के अनुसार निर्धारित स्लेब में, जो कि दिनांक 01.01.2004 एवं उसके पश्चात नियुक्त कार्मिकों पर लागू है (आदेश दिनांक 20.07.2021)
क्र. सं. |
सरकारी
कर्मचारियों की श्रेणी
|
1-1-2004 से पहले नियुक्त सरकारी कर्मचारी के लिए प्रति
माह अंशदान (रु.) |
1-1-2004 को या उसके बाद नियुक्त सरकारी कर्मचारी के लिए
प्रति माह अंशदान (रु.) |
1. |
वेतन मैट्रिक्स में 18000/- रुपये तक का मूल वेतन पाने वाले कर्मचारी |
265.00 |
135.00 |
2. |
वेतन मैट्रिक्स में 18000/- रुपये से अधिक परंतु 33500/- रुपये तक मूल
वेतन पाने वाले कर्मचारी |
440.00 |
220.00 |
3. |
वेतन मैट्रिक्स में 33500/- रुपये से अधिक परंतु 54000/- रुपये
तक मूल वेतन पाने वाले कर्मचारी |
658.00 |
330.00 |
4. |
वेतन मैट्रिक्स में 54000/- रुपये से अधिक मूल वेतन पाने वाले कर्मचारी |
875.00 |
440.00 |
क्र. सं. |
सरकारी कर्मचारियों की श्रेणी |
1-1-2004 से पहले नियुक्त सरकारी कर्मचारी के लिए प्रति
माह अंशदान (रु.) |
1. |
वेतन मैट्रिक्स में 18000/- रुपये तक का मूल वेतन पाने वाले कर्मचारी |
265.00 |
2. |
वेतन मैट्रिक्स में 18000/- रुपये से अधिक परंतु 33500/- रुपये तक मूल
वेतन पाने वाले कर्मचारी |
440.00 |
3. |
वेतन मैट्रिक्स में 33500/- रुपये से अधिक परंतु 54000/- रुपये
तक मूल वेतन पाने वाले कर्मचारी |
658.00 |
4. |
वेतन मैट्रिक्स में 54000/- रुपये से अधिक मूल वेतन पाने वाले कर्मचारी |
875.00 |