भूगोल अर्थात Geography शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग यूनानी (Greek) विद्वान ईरेटॉस्थनीज नें किया था। Geography शब्द यूनानी (Greek) भाषा के Geographia शब्द से लिया गया है जो दो शब्दों Geo और Graphia से मिलकर बना है जिसमें Geo का अर्थ है “पृथ्वी” तथा Graphia का अर्थ है “वर्णन करना” अर्थात भूगोल का शाब्दीक अर्थ है पृथ्वी का वर्णन करना। चूंकि पृथ्वी पर मानव निवास करता है अतः भूगोल में पृथ्वी का मानव के निवास के रूप में वर्णन किया जाता है एक विषय के रूप में भूगोल का मुख्य सरोकार (प्रयोजन) पृथ्वी को मानव का घर समझते हुए उन सभी तत्वों का अध्ययन करना है जिन्होनें मानव को पोषित किया है
धरातल /पृथ्वी की सतह के समस्त परिवेश को दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है प्रथम वर्ग में पृथ्वी के भौतिक तत्व/ घटक जैसे पर्वत, पठार, मैदान, प्राकृतिक वनस्पति, जंगली जीव जंतु, वायुमंडल, महासागर, आदि सम्मलित है इन समस्त घटकों/ तत्वों को सम्मलित रूप से भौतिक पर्यावरण कहा जाता है धरातल के परिवेश के दूसरे वर्ग में मानव तथा मानव निर्मित भू-दृश्य जैसे अधिवास, कृषि, उद्योग, व्यापार, सड़क मार्ग, रेल मार्ग , समुद्री पतन आदि को सम्मलित किया जाता है इन्हें सांस्कृतिक भू-दृश्य भी कहा जाता है अतः भूगोल को दो शाखाओं में विभाजित किया जा सकता है
1. भौतिक भूगोल : -भौतिक भूगोल में भौतिक पर्यावरण का अध्ययन किया जाता है
2. मानव भूगोल :- मानव भूगोल में भौतिक पर्यावरण एवं मानव जगत के बीच संबंधों, मानवीय परिघटनाओं के स्थानिक वितरण एवं विश्व के विभिन्न भागों में सामाजिक आरै आर्थिक विभिन्नताओं का अध्ययन किया जाता है’।
मानव भूगोल की परिभाषाएँ
1. फ्रेडरिक रैटजेल :-

2. एलन सी. सेंपल :-

सेम्पल नियतिवाद की कट्टर समर्थक थी सेंपल ने मानव और पृथ्वी के बीच के सम्बंधों को परिवर्तनशील बताया।
3. पॉल विडाल-डी-ला ब्लाश :-

इन्होने संभववाद की नींव रखी,
मानव का प्राकृतिकरण
मानव सभ्यता के प्रारंभिक काल में जब मानव सामाजिक विकास की आदिम अवस्था में था तब प्रौद्योगिकी निम्न स्तर पर विकसित थी और मानवीय क्रियाकलापों पर प्राकृतिक पर्यावरण के तत्वों का प्रभाव अधिक था मानव प्रकृति का दास था मानव प्रकृति की सुनता था उसकी आज्ञा का पालन करता था उसकी प्रचंडता से भयभीत होता था इसलिए आदिम मानव पूर्णतया प्राकृतिक पर्यावरण की शक्तियों द्वारा नियंत्रित था प्राकृतिक पर्यावरण के सामने मानव तुच्छ व निष्क्रिय था इस परिस्थति में आदिमानव की अपेक्षा पर्यावरण की शक्तियां अधिक प्रबल थी इस प्रकार आदिम मानव ने अपने आपको प्रकृति के आदेशों के अनुरूप ढाल लिया इस प्रक्रिया को प्रकृतिकरण कहा जाता हैं जर्मन भूगोलवेत्ताओं ने इसे पर्यावरण निश्चयवाद/ नियतिवाद का नाम दिया
प्रकृति का मानवीकरण
प्रौद्योगिकी किसी समाज के सांस्कृतिक विकास के स्तर की सूचक होती है। प्रौद्योगिकी विकास से मानवीय क्रियाकलापों पर प्राकृतिक पर्यावरण के तत्वों का प्रभाव कम होने लगा और प्राकृतिक शक्तियों पर मानव का प्रभाव बढ़ने लगा मानव अपनी कार्यकुशलता के बल पर अभाव की अवस्था को छोड़कर स्वतंत्रता की अवस्था की ओर अग्रसर हुआ और मानवीय क्रियाकलापों की छाप प्रकृति पर स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगी जब मानव प्रकृति द्वारा प्रदत अवसरों का लाभ उठाता है तो उसके क्रियाकलापों की छाप प्राकृतिक पर्यावरण पर पड़ती है तथा धीरे-धीरे प्रकृति का मानवीकरण हो जाता है फ़्रांसिसी भूगोलवेत्ताओं ने इसे संभववाद का नाम दिया
पर्यावरण निश्चयवाद या नियतिवाद :-

संभववाद :-

नवनिश्चयवाद / रुको और जाओ निश्चयवाद :-

इसे चैराहों पर यातायात नियंत्रित करने वाली बत्तियों द्वारा समझा जा सकता है। लाल बत्ती का अर्थ है ‘रुको’, पीली बत्ती, लाल और हरी बत्तियों के बीच रूककर तैयार रहने का अंतराल प्रदान करती है और हरी बनी का अर्थ है ‘जाओ’। इसका तात्पर्य है कि जब तक प्रकृति रूपांतरण की स्वीकृति प्रदान न करे तब तक इंतजार करता है और जब प्रकृति रूपांतरण की स्वीकृति प्रदान करती है तब मानव अपने विकास कार्यों के लिए आगे बढ़ता है
मानव भूगोल की प्रकृति
मानव भूगोल में मानवीय क्रियाकलापों से संबंधित दृश्यों का अध्ययन किया जाता है अतः मानव भूगोल की प्रकृति में मानवीय क्रियाकलाप केंद्र बिंदु है मानवीय क्रियाकलापों का विकास कहां, कब और कैसे हुआ आदि प्रश्नों को भौगोलिक दृष्टिकोण से प्रस्तुत करना ही मानव भूगोल की प्रकृति है मानव अपने जैविक, आर्थिक सामाजिक व सांस्कृतिक विकास के लिए वातावरण का किस प्रकार उपयोग करता है एवं वातावरण में क्या-क्या बदलाव लाता है का विश्लेषण मानव भूगोल में किया जाता है अतः मानव भूगोल में मानव व वातावरण के मध्य संबंधों का अध्ययन मानव को केंद्र बिंदु मानकर किया जाता है
मानव भूगोल की दार्शनिक विचारधाराएं (1970)
मात्रात्मक क्रांति से उत्पन्न असंतुष्टि और अमानवीय रूप से भूगोल के अध्ययन के कारण मानव भूगोल में 1970 के दशक में तीन नई विचारधराओं का जन्म हुआ।
1. मानव कल्याणपरक/मानवतावादी विचारधारा
लोगों के सामाजिक कल्याण के विभिन्न पक्षों जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास से संबंधित विचारधारा मानव कल्याणपरक विचारधारा कहलाती है
2. आमूलवादी (रेडिकल) / क्रांतिकारी विचारधारा
समाज में निर्धनता के कारण, बंधन व सामाजिक असमानता की व्याख्या के लिए कार्ल मार्क्स के सिद्धन्तों का उपयोग करने वाली विचारधारा क्रांतिकारी विचारधारा कहलाती है इस विचारधारा के अनुसार सामाजिक समस्याओं का सम्बन्ध पूंजीवाद से होता है यह विचारधारा विश्व में व्याप्त मानवीय समस्याओं का अध्ययन कराती है
3. व्यवहारवादी/ आचरणपरक विचारधारा
“ इस विचारधारा के अनुसार मनुष्य आर्थिक क्रियाएं करते समय केवल आर्थिक लाभ पर ही विचार नहीं करता बल्कि उसके अधिकांश निर्णय यथार्थ पर्यावरण की अपेक्षा आचरण पर्यावरण (मानसिक मानचित्र) पर आधारित होते हैं “
मानव एक सक्रिय प्राणी है और वह स्थानिक पर्यावरण के ज्ञान के अनुसार व्यवहार करता है। वह अपने कार्य व निर्णय अपने पर्यावरणीय व्यवहार के अनुसार निर्धारित करता है। सन् 1966 में पीटर गोल्ड ने मानसिक मानचित्र बनाकर यह समझाया कि मानव के स्थानिक निर्णय उसके पर्यावरण की मानसिक प्रतिबिम्ब के आधार पर लिये जाते हैं। हम अपने आस—पास की वस्तुओं की जो मानसिक तस्वीर बनाते हैं वैसा ही व्यवहार करने की कोशिश करते हैं।
मानव भूगोल के क्षेत्र व उपक्षेत्र
मानव भूगोल के क्षेत्र | उपक्षेत्र |
---|---|
1. सामाजिक भूगोल | 1.व्यवहारवादी भूगोल |
2.सामाजिक कल्याण का भूगोल | |
3.अवकाश का भूगोल | |
4.लिंग भूगोल | |
5.सांस्कृतिक भूगोल | |
6.ऐतिहासिक भूगोल | |
7.चिकित्सा भूगोल | |
2.नगरीय भूगोल | - |
3.राजनीतिक भूगोल | 1.सैन्य भूगोल |
2.निर्वाचन भूगोल | |
4.जनसंख्या भूगोल | - |
5.आवास भूगोल | - |
6.अर्थिक भूगोल | 1.संसाधन भूगोलl |
2.कृषि भूगोल | |
3.उद्योग भूगोल | |
4.अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का भूगोल | |
5.विपणन भूगोल | |
6.पर्यटन भूगोल |
- आधुनिक मानव भूगोल के जन्मदाता कौन थे ?
[अ] हंटिंगटन[ब] फ्रेडरिक रेटजेल
[स] रिटर[द] हम्बोल्ट [ब] - "मानव भूगोल अस्थिर पृथ्वी और क्रियाशील मानव के बीच परिवर्तनशील संबंधों का अध्ययन है" परिभाषा किसने दी ?
[अ] कार्ल सावर[ब] ब्लॉश
[स] रिटर[द] एलन सैम्पल [द] - नवनियतिवाद के प्रवर्तक कौन हैं ?
[अ] मैकिण्डर[ब] रेटजेल
[स] ग्रिफिथ टेलर[द] ब्लॉश [स] - निम्नलिखित में से किसे भूगोल की आधारभूत शाखा माना जाता है ?
[अ] मृदा भूगोल[ब] मानव भूगोल
[स] संसाधन भूगोल[द] नगरीय भूगोल [ब] - मानव भूगोल का प्रादुर्भाव व विकास किस शताब्दी से सम्बन्धित है ?
[अ] 12 वीं[ब] 18 वीं
[स] 16 वीं[द] 14 वीं [ब] - “ मानव भूगोल मानव समाजों और धरातल के बीच सम्बन्धों का संश्लेषित अध्ययन है” यह कथन किसका है
[अ] रिटर[ब] फ्रेडरिक रेटजेल
[स] एलन सैम्पल[द] डी ला ब्लॉश [ब] - संभववाद की नींव किसने रखी थी ?
[अ] रिटर[ब] फ्रेडरिक रेटजेल
[स] एलन सैम्पल[द] डी ला ब्लॉश [द] - मानव भूगोल की कौनसी विचारधारा ने मार्क्स के सिद्धांत का उपयोग किया है
[अ] आमूलवादी विचारधारा[ब] मानवतावादी विचारधारा
[स] व्यवहारवादी विचारधारा[द] उपरोक्त में से कोई नहीं [अ] - ‘रुको और जाओ’ की संकल्पना का प्रतिपादन किसने किया था ?
[अ] ग्रिफिथ टेलर ने[ब] फ्रेडरिक रेटजेल
[स] एलन सैम्पल[द] डी ला ब्लॉश [अ] - भूगोल का जनक किसे कहा जाता है ?
[अ] हिकेटियस[ब] एनैक्सीमेंडर
[स] रेटजेल[द] हैरोडोट्स [अ] - मानव भूगोल के अध्ययन का केंद्र बिंदु क्या है ?
[अ] स्थान[ब] मानवीय क्रियाकलाप
[स] धरातल[द] पृथ्वी [ब] - निम्न में से कौन नियतिवाद के कट्टर समर्थक थे ।
[अ] एलन सैंपल[ब] हंटिंगटन
[स] फ्रेडरिक रैटजैल[द] विडाल डी ला ब्लाश [अ] - जनसंख्या एवं प्राकृतिक संसाधनों की व्युह रचना भूगोल की किस शाखा में की जाती है?
[अ] भौतिक भूगोल[ब] मानव भूगोल
[स] मृदा भूगोल[द] उपर्युक्त सभी [ब] - किस विचारधारा में मानव को प्रधानता दी गई है
[अ] नियतिवाद[ब] नवनियतिवाद
[स] संभववाद[द] इनमें से कोई नहीं [स] - भौतिक पर्यावरण एवं सांस्कृतिक पयार्वरण के बीच सम्बन्धों का अध्ययन कौनसा भूगोल करता है- *
[अ] भौतिक भूगोल[ब] मानव भूगोल
[स] जलवायु विज्ञान[द] कृषि भूगोल [ब] - ‘‘ रूको और जाओ ’’ नाम से कौनसी विचाराधारा जानी जाती है-
[अ] पर्यावरणीय निश्चयवाद[ब] संभववादी
[स] नव-नियतिवादी[द] अतिवादी [स] - 1990 का दशक भूगोल के किस उपागम के लिए जाना जाता है?
[अ] उत्तर आधुनिकवाद[ब] उत्तर अवेषणवाद
[स] संभववाद[द] उपरो सभी [अ] - किस विचारधारा में प्रकृति को प्रधानता दी गई है ?
[अ] पर्यावरणीय निश्चयवाद[ब] संभववाद
[स] प्रसम्भाव्यवाद[द] नवनियतिवाद [अ] - निम्नलिखित में से कौन-सा एक भौगोलिक सूचना का स्रोत नहीं है?
[अ] यात्रियों के विवरण[ब] प्राचीन मानचित्र
[स] चंद्रमा से चट्टानी पदार्थों के नमूने[द] प्राचीन महाकाव्य [स] - निम्नलिखित में कौन-सा एक लोगों और पर्यावरण के बीच अन्योन्यक्रिया का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कारक है ?
[अ] मानव बुद्धिमता[ब] प्रौद्योगिकी
[स] लोगों के अनुभव[द] मानवीय भाईचारा [ब] - मानव भूगोल की मानव कल्याणपरक/मानवतावादी विचारधारा का संबंध है ?
[अ] सामाजिक कल्याण[ब] निर्धनता कल्याण
[स] धार्मिक कल्याण[द] क्षेत्रीय कल्याण [अ] - मानव भूगोल का विभाजन किस दशक में हुआ ?
[अ] 1970 के दशक में[ब] 1950 के दशक में
[स] 1930 के दशक में[द] 1910 के दशक में [स] - किसी समाज के सांस्कृतिक विकास के स्तर का सूचक क्या है
[अ] जनसँख्या[ब] प्रोद्योगिकी
[स] संसाधन[द] उपरोक्त में से कोई नहीं [ब] - निम्नलिखित में से कौन-सा एक मानव भूगोल का उपगमन नहीं है?
[अ] क्षेत्रीय विभिन्नता[ब] मात्रात्मक क्रांति
[स] स्थानिक संगठन[द] अन्वेषण और वर्णन [ब] - ‘‘प्रकृति अवसर प्रदान करती है और मानव उसका उपयोग करता है तथा धीरे-धीरे प्रकृति का मानवीकरण हो जाता है ।’’ मानव भूगोल की यह विचारधारा कहलाती है-[अ]पर्यावरणीय निष्चयवाद[ब) संभववाद[स] नवनिष्चयवाद[द] व्यवहारवादी [ब]
- मानव को प्रकृति के अनुसार स्वयं को ढाल लेने की प्रक्रिया कहलाती है?[अ] अनुसरण[ब] अनुग्रहण[स] प्राकृतिकरण[द] मानवीकरण [स]
- ‘‘मानव भूगोल मानव समाजों और धरातल के बीच संबंधों का संश्लेषित अध्ययन है ।’’ यह परिभाषा किसकी है?[अ] रेटजेल[ब] एलन सेंपल[स] ग्रिफिथ टेलर[द] विडाल-डी-ला-ब्लाश [अ]
- शिक्षा, स्वास्थ्य एवं आवास से संबंधित विचारधारा है-[अ] व्यवहारवादी[ब] कल्याणपरक[स] आमूलवादी[द] रेडिकल [ब]
- किस विचारधारा में प्रकृति की तुलना यातायात नियंत्रक से की गई है-[अ] निश्चयवाद[ब] नवनिश्चयवाद[स] संभववाद[द] व्यवहारवाद [ब]
- ‘एक प्रदेश अन्य प्रदेश से किस प्रकार और क्यों भिन्न है’ तथ्य का अध्ययन मानव भूगोल के किस उपागम में किया जाता है[अ] प्रादेशिक विश्लेषण[ब] अन्वेषण व वितरण[स] क्षेत्रीय विभेदन[द] स्थानिक संगठन [स]
प्रश्न उत्तर
- आधुनिक मानव भूगोल का जनक किसे माना जाता है ?
फ्रेडरिक रेटजेल - जनसंख्या एवं प्राकृतिक संसाधनों की व्युह रचना भूगोल की किस शाखा में की जाती है ?
मानव भूगोल - किसी समाज के सांस्कृतिक विकास के स्तर का सूचक क्या है ?
प्रोद्योगिकी - जनसँख्या भूगोल का सम्बन्ध किस सामाजिक शास्त्र से है ?
जनांकिकी - सम्भावावाद शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम किस भूगोलवेत्ता द्वारा किया गया
लूसियन फैब्रै - ग्रिफिथ टेलर ने मानव व पर्यावरण के अन्तर्सम्बंधों को किस विचारधारा के द्वारा समझाया है ?
नवनिश्चयवाद / रुको और जाओ विचारधारा - भूगोल की दो शाखाओं के नाम लिखिए ।
भौतिक भूगोल (ब) मानव भूगोल - 1990 का दशक भूगोल के किस उपागम के लए जाना जाता है ?
उत्तर आधुनिकवाद - मानव भूगोल अस्थिर पृथ्वी और क्रियाशील मानव के बीच परिवर्तनशील संबंधों का अध्ययन है। मानवभूगोल को इस प्रकार परिभाषित करने वाला भूगोलवेत्ता कौन है ?
एलन सी. सैम्पल - मानव भूगोल की फ्रेडरिक रेटजेल की परिभाषा लिखिए ।
मानव भूगोल मानव समाजों और धरातल के बीच संबंधों का संश्लेषित अध्ययन है - आदिम मानव समाज व प्रकृति की प्रबल इच्छा शक्तियों के बीच की अन्योन्य क्रियाओं को किस शब्दावली से अभिव्यक्त किया जाता है ?
पर्यावरण निश्चयवाद - सैंपल की परिभाषा के तीन बिंदु लिखो ।
1.चंचल मानव 2.स्थिर पृथ्वी 3.परिवर्तनशील संबंध - मानव भूगोल में संभववाद विचारधारा का समर्थन करने वाले दो विद्वानों के नाम लिखिए
लूसियन फैब्रै व विडाल डी ला ब्लाश - ‘‘यहाँ न तो नितांत आवष्यकता की स्थिति है और न ही नितांत स्वतंत्रता की स्थिति है।’’ इसका संबंध किस विचारधारा से है ?
नवनिश्चयवाद विचारधारा - राजनैतिक भूगोल के दो उपक्षेत्रो के नाम लिखिए ।
(अ) निर्वाचन भूगोल (ब) सैन्य भूगोल - सांसकृतिक भू-दृश्य का सृजनकृता कौन है ? सांसकृतिक भू-दृश्यों के दो उदाहिण दीजिए
सांसकृतिक भू-दृश्य का सृजनकृता मानव है अधिवास , रेल्व स्टेशन , सड़क आदि - एक विषय के रूप में मानव भूगोल का मुख्य सरोकार क्या है ?
एक विषय के रूप में भूगोल का मुख्य सरोकार पृथ्वी को मानव के घर के रूप में समझना और उन सभी तत्वों का अध्ययन करना है, जिन्होने मानव को पोषित किया है - मानव भूगोल की विडाल डी ला ब्लास की परिभाषा लिखिए ।
मानव भूगोल पृथ्वी को नियंत्रित करने वाले भौतिक नियमों व पृथ्वी पर निवास करने वाले जीवो के मध्य संबंधों के अधिक संश्लेषित ज्ञान से उत्पन्न संकल्पना है। - पर्यावरण निश्चयवाद और संभववाद के बीच मध्य मार्ग को कौनसी संकल्पना परिलिक्षित करती है ?इस संकल्पना का प्रतिपादन किसने किया था ?पर्यावरण निश्चयवाद और संभववाद के बीच मध्य मार्ग को नवनिश्चयवाद/रुको और जाओ की संकल्पना परिलिक्षित करती है इस संकल्पना का प्रतिपादन ग्रिफिथ टेलर ने किया था
- पर्यावरण निश्चयवाद क्या है इसके प्रवर्तक कौन थे ?
आदिम मानव समाज व प्रकृति की प्रबल शक्तियों के बीच की अन्योन्य क्रियाओं को पर्यावरण निश्चयवाद नियतिवाद कहा जाता है इसके प्रवर्तक श्फ्रेडरिक रैटजलश् थे एलन सैंपल इसके कट्टर समर्थक थे - भौतिक भूगोल और मानव भूगोल में अन्तर लिखिए
भौतिक भूगोल में भौतिक पर्यावरण का अध्ययन किया जाता है जबकि मानव भूगोल में मानव और भौतिक पर्यावरण के बीच सम्बन्धों का अध्ययन किया जाता है - मानव कल्याणपरक/मानवतावादी विचारधारा क्या है ?
लोगों के सामाजिक कल्याण के विभिन्न पक्षों जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास से संबंधित विचारधारा मानव कल्याणपरक विचारधारा कहलाती है - मानव भूगोल में 1970 के दशक में तीन नई विचारधाराओं का उदय क्यों हुआ ?
मात्रात्मक क्रांति से उत्पन्न असंतुष्टि और अमानवीय रूप से भूगोल के अध्ययन के कारण मानव भूगोल में 1970 के दशक में तीन नई विचारधराओं का जन्म हुआ। - संभववाद क्या है इसके प्रवर्तक कौन थे ?
संभववाद की विचारधारा के अनुसार मनुष्य पर्यावरण का दास नहीं है बल्कि अपनी बुद्धि बल एवं कार्यकुशलता के आधार पर पर्यावरण में परिवर्तन करता है इसके प्रवर्तक पाल विडाल डी ला ब्लॉस थे - सामाजिक भूगोल के चार उपक्षेत्रो के नाम लिखिए ।
(अ) चिकित्सा भूगोल
(ब) व्यवहारवादी भूगोल
(स) ऐतिहासिक भूगोल
(द) सांस्कृतिक भूगोल - 1970 के दशक में मानव की भूगोल किन दार्शनिक विचारधाराओं का उदय हुआ ?
(अ) आमूलवादी (रेडिकल) /क्रांतिकारी विचारधारा
(ब) मानव कल्याणपरक/मानवतावादी विचारधारा
(स) व्यवहारवादी / आचरणपरक विचारधारा - आमूलवादी (रेडिकल) /क्रांतिकारी विचारधारा क्या है ?
समाज में निर्धनता के कारण, बंधन व सामाजिक असमानता की व्याख्या के लिए कार्ल मार्क्स के सिद्धांत का उपयोग करने वाली विचारधारा क्रांतिकारी विचारधारा कहलाती है इस विचारधारा के अनुसार सामाजिक समस्याओं का सम्बन्ध पूंजीवाद से होता है - आर्थिक भूगोल के चार उपक्षेत्रो के नाम लिखिए ।
(अ) संसाधन भूगोल
(ब) कृषि भूगोल
(स) उद्योग भूगोल
(द) पर्यटन भूगोल - मानव भूगोल के छः क्षेत्रों के नाम लिखिए
सामाजिक भूगोल
(ब) नगरीय भूगोल
(स) राजनीतिक भूगोल
(द) जनसंख्या भूगोल
(य) आवास भूगोल
(र) अर्थिक भूगोल - मानव भूगोल किसे कहते हैं ?
भूगोल की वह शाखा जिसमें पृथ्वी पर मानव के वितरण तथा मानवीय क्रियाकलापों का अध्ययन किया जाता है मानव भूगोल कहलाती है
या
भूगोल की वह शाखा जिसमें मानव और उसके भौतिक पर्यावरण के मध्य अंतर्संबंधों का अध्ययन किया जाता है मानव भूगोल कहलाती है - नवनिश्चयवाद/रुको और जाओ विचारधारा क्या है इसके प्रवर्तक कौन थे ?
यह विचारधारा पर्यावरण निश्चयवाद व संभववाद के बीच का मार्ग प्रस्तुत करती है इस विचारधारा के अनुसार न तो प्रकृति का मानव पर पूर्ण नियंत्रण है और न ही मानव प्रकृति पर विजय प्राप्त कर सकता है परंतु प्राकृतिक नियमों का पालन कर मानव प्रकृति पर विजय प्राप्त कर सकता है इसके प्रवर्तक ग्रिफिथ टेलर है - मानव के प्रकृतिकरण की व्याख्या कीजिए
मानव सभ्यता के प्रारंभिक काल में प्रौद्योगिकी निम्न स्तर पर विकसित थी और मानवीय क्रियाकलापों पर प्राकृतिक पर्यावरण के तत्वों का प्रभाव अधिक था मानव प्रकृति का दास था मानव प्रकृति की सुनता था उसकी आज्ञा का पालन करता था उसकी प्रचंडता से भयभीत होता था इसलिए आदिमानव पूर्णतया प्राकृतिक पर्यावरण की शक्तियों द्वारा नियंत्रित था प्राकृतिक पर्यावरण के सामने मानव तुच्छ व निष्क्रिय था ऐसी परिस्थति जिसमे आदिमानव की अपेक्षा पर्यावरण की शक्तियां अधिक प्रबल होती है उसे मानव का प्रकृतिकरण कहा गया हैं - मानव भूगोल के प्रमुख उपागम कौन से हैं ?
1. अन्वेषण और विवरण2. प्रादेशिक विश्लेषण
3. क्षेत्रीय विभेदन3. स्थानिक संगठन - प्रकृति का मानवीकरण की व्याख्या कीजिए
मानव द्वारा प्रौद्योगिकी का प्रयोग करके प्रकृति को अपने अनुसार ढाल लेना प्रकृति का मानवीकरण कहलाता है। प्रौद्योगिकी विकास से मानवीय क्रियाकलापों पर प्राकृतिक पर्यावरण के तत्वों का प्रभाव कम होने लगा और प्राकृतिक शक्तियों पर मानव का प्रभाव बढ़ने लगा मानव अपनी कार्यकुशलता के बल पर अभाव की अवस्था को छोड़कर स्वतंत्रता की अवस्था की ओर अग्रसर हुआ और मानवीय क्रियाकलापों की छाप प्रकृति पर स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगी जब मानव प्रकृति द्वारा प्रदत अवसरों का लाभ उठाता है तो उसके क्रियाकलापों की छाप प्राकृतिक पर्यावरण पर पड़ती है इस परिस्थिति को प्रकृति का मानवीकरण कहते हैं - मानव भूगोल की प्रकृति बताइए ।
मानव भूगोल में मानवीय क्रियाकलापों से संबंधित दृश्यों का अध्ययन किया जाता है अतः मानव भूगोल की प्रकृति में मानवीय क्रियाकलाप केंद्र बिंदु है मानव भूगोल में मानव मानवीय क्रियाकलापों का विकास कब, कहां और कैसे हुआ आदि प्रश्नों को भौगोलिक दृष्टिकोण से प्रस्तुत करना ही मानव भूगोल की प्रकृति है मानव अपने जैविक, आर्थिक सामाजिक व सांस्कृतिक विकास के लिए वातावरण का किस प्रकार उपयोग करता है एवं वातावरण में क्या-क्या बदलाव लाता है का विश्लेषण मानव भूगोल में किया जाता है अतः मानव भूगोल में मानव व वातावरण के मध्य संबंधों का अध्ययन मानव को केंद्र बिंदु मानकर करता है - व्यवहारवादी/आचरणपरक विचारधारा क्या है ?
इस विचारधारा के अनुसार मनुष्य आर्थिक क्रियाएं करते समय केवल आर्थिक लाभ पर ही विचार नहीं करता बल्कि उसके अधिकांश निर्णय यथार्थ पर्यावरण की अपेक्षा आचरण पर्यावरण (मानसिक मानचित्र) पर आधारित होते हैं मानव एक सक्रिय प्राणी है और वह स्थानिक पर्यावरण के ज्ञान के अनुसार व्यवहार करता है। वह अपने कार्य व निर्णय अपने पर्यावरणीय व्यवहार के अनुसार निर्धारित करता है। सन 1966 में पीटर गोल्ड ने मानसिक मानचित्र बनाकर यह समझाया कि मानव के स्थानिक निर्णय उसके पर्यावरण की मानसिक प्रतिबिम्ब के आधार पर लिए जाते हैं। हम अपने आस पास की वस्तुओं की जो मानसिक तस्वीर बनाते हैं वैसा ही व्यवहार करने की कोशिश करते हैं।
3 टिप्पणियाँ
Pk5661692@Gmail. Cor
जवाब देंहटाएंRaj p.k
जवाब देंहटाएंThanks sir😊😊🙏🙏
जवाब देंहटाएंThanks