बाजार में हमारी भागीदारी उत्पादक और उपभोक्ता दोनों रूपों में होती है ।
उपभोक्ता :- बाजार से अपनी दैनिक आवश्यकताओं के लिए विभिन्न प्रकार की वस्तुओं या सेवाओं को खरीदने वाले लोग ।
उत्पादक :- • दैनिक आवश्यकताओं की वस्तुओं का निर्माण या उत्पादन करने वाले लोग ।
बाजार में भी उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए नियम एवं विनियमों की आवश्यकता होती है, क्योंकि अकेला उपभोक्ता प्रायः स्वयं को कमजोर स्थिति में पाता है। खरीदी गयी वस्तु या सेवा के बारे में जब भी कोई शिकायत होती है, तो विक्रेता सारा उत्तरदायित्व क्रेता पर डालने का प्रयास करता है। सामान्यतः उनकी प्रतिक्रिया होती हैः आपने जो खरीदा है अगर वह पसंद नहीं है तो कहीं और जाइए। मानो, बिक्री हो जाने के बाद विक्रेता की कोई जिम्मेदारी नहीं रह जाती। उपभोक्ता आंदोलन इस स्थिति को बदलने का एक प्रयास है।
बाजार में शोषण कई रूपों में होता है। उदाहरणार्थ, कभी-कभी व्यापारी अनुचित व्यापार करने लग जाते हैं, जैसे दुकानदार उचित वजन से कम वजन तौलते हैं या व्यापारी उन शुल्कों को जोड़ देते हैं, जिनका वर्णन पहले न किया गया हो या मिलावटी/दोषपूर्ण वस्तुएँ बेची जाती हैं।
उपभोक्ताओं के शोषण के कारण:- सीमित सूचना सीमित आपूर्ति, सीमित प्रतिस्पर्धा, साक्षरता कम होना
भारत में उपभोक्ता आंदोलन 1960 के दशक में शुरु हुए थे। 1970 के दशक तक इस तरह के आंदोलन केवल अखबारों में लेख लिखने और प्रदर्शनी लगाने तक ही सीमित होते थे। लेकिन हाल के वर्षों में इस आंदोलन में गति आई है।
लोग विक्रेताओं और सेवा प्रदाताओं से इतने अधिक असंतुष्ट हो गये थे कि उनके पास आंदोलन करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा था।
उपभोक्ताओं के अधिकार :-
सुरक्षा का अधिकार
सूचना का अधिकार
चुनने का अधिकार
क्षतिपूर्ति निवारण का अधिकार
उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार
उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम, 1986 : भारत सरकार द्वारा ने 1986 में कंज्यूमर प्रोटेक्शन ऐक्ट (कोपरा) को लागू किया।
जब हम एक उपभोक्ता के रूप में बहुत-सी वस्तुओं और सेवाओं का उपयोग करते हैं, तो हमें वस्तुओं के बाजारीकरण और सेवाओं की प्राप्ति के खिलाफ सुरक्षित रहने का अधिकार होता है, क्योंकि ये जीवन और संपत्ति के लिए खतरनाक होते हैं। उत्पादकों के लिए आवश्यक है कि वे सुरक्षा नियमों और विनियमों का पालन करें। ऐसी बहुत सी वस्तुएँ और सेवाएँ हैं, जिन्हें हम खरीदते हैं तो सुरक्षा की दृष्टि से खास सावधनी की जरूरत होती है। उदाहरण के लिए, प्रेशर कुकर में एक सेफ्टी वॉल्व होता है, जो यदि खराब हो तो भयंकर दुर्घटना का कारण हो सकता है। सेफ्टी वॉल्व के निर्माता को इसकी उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करनी चाहिए।
कोपरा के अंतर्गत उपभोक्ता विवादों के निपटार के लिए जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तरों पर एक त्रिस्तरीय न्यायिक तंत्र स्थापित किया गया है।
जिला स्तर का प्राधिकरण जिसे उपभोक्ता आयोग विवाद निवारण केन्द्र भी कहते हैं। 1 करोड़ तक के दावों से संबंधित मुकदमों पर विचार करता है,
राज्य स्तरीय प्राधिकरण जिसे राज्य आयोग कहते हैं। 1 करोड़ से 10 करोड़ तक के दावों से संबंधित मुकदमों पर विचार करता है,
राष्ट्रीय स्तर की प्राधिकरण राष्ट्रीय आयोग, 10 करोड़ से उपर की दावेदारी से संबंधित मुकदमों को देखती हैं । यदि कोई मुकदमा जिला स्तर के आयोग में खारिज कर दिया जाता है, तो उपभोक्ता राज्य स्तर के आयोग में और उसके बाद राष्ट्रीय स्तर के आयोग में भी अपील कर सकता है।
आर टी आई - सूचना का अधिकार :- सन् 2005 के अक्टूबर में भारत सरकार ने एक कानून लागू किया जो आर टी आई या सूचना पाने का अधिकार के नाम से जाना जाता है। जो अपने नागरिकों को सरकारी विभागों के कार्यकलापों की सभी सूचनाएं पाने का अधिकार सुनिश्चित करता है ।
उपभोक्ता जिन वस्तुओं और सेवाओं को खरीदता है, उसके बारे में उसे सूचना पाने का अधिकार है। तब उपभोक्ता वस्तु की किसी भी प्रकार की खराबी होने पर शिकायत कर सकता है, मुआवजे पाने या वस्तु बदलने की माँग कर सकता है।
यदि लोग अंतिम तिथि समाप्त हो गई दवाओं को बेचते हैं, तो उनके खिलापफ कार्यवाही की जा सकती है। इसी तरह से यदि, कोई व्यक्ति मुद्रित मूल्य से अधिक मूल्य पर वस्तु बेचता है तो कोई भीउसका विरोध् और शिकायत कर सकता है। यह अधिकतम खुदरा मूल्य के द्वारा इंगित किया हुआ होता है। वस्तुतः उपभोक्ता, विक्रेता से अधिकतम खुदरा मूल्य से कम दाम पर वस्तु देने के लिए मोल-भाव कर सकते हैं।
चुनने का अधिकार :
किसी भी उपभोक्ता को जो कि किसी सेवा को प्राप्त करता है, चाहे वह किसी भी आयु या लिंग का हो और किसी भी तरह की सेवा प्राप्त करता हो, उसको सेवा प्राप्त करते हुए हमेशा चुनने का अधिकार होगा। मान लीजिए, आप एक दंतमंजन खरीदना चाहते हैं और दुकानदार कहता है कि वह केवल दंतमंजन तभी बेचेगा, जब आप दंतमंजन के साथ एक ब्रश भी खरीदेंगे। अगर आप ब्रश खरीदने के इच्छुक नहीं हैं, तब आपके चुनने के अधिकार का उलंघन हुआ है। ठीक इसी तरह, कभी-कभी जब आप नया गैस कनेक्शन लेते हैं तो गैस डीलर उसके साथ एक चूल्हा भी लेने के लिए दबाव डालता है।
क्षतिपूर्ति निवारण का अधिकार : उपभोक्ताओं को अनुचित सौदेबाजी और शोषण के विरूद्ध क्षतिपूर्ति निवारण का अधिकार है। यदि एक उपभोक्ता को कोई क्षति पहुँचाई जाती है, तो क्षति की मात्रा के आधर पर उसे क्षतिपूर्ति पाने का अधिकार होता है। इस कार्य को पूरा करने के लिए एक आसान और प्रभावी जन-प्रणाली बनाने की आवश्यकता है। उपभोक्ता, स्वयं किसी वकील के साथ अथवा वकील की सेवा के बिना उपयुक्त उपभोक्ता केन्द्र के सम्मुख अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है, ।
उपभोक्ता, एक व्यक्ति के रूप में या एक समूह के रूप में (जिसे क्लास एक्शन सूट कहा जाता है) शारीरिक रूप में अथवा इंटरनेट के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं और वीडियो कांफ्रेसिंग के द्वारा अपने मुकदमों की कार्यवाही करवा सकते हैं।
भारत में उपभोक्ता आंदोलन ने विभिन्न संगठनों के निर्माण में पहल की है, जिन्हें सामान्यतया उपभोक्ता अदालत या उपभोक्ता संरक्षण परिषद् के नाम से जाना जाता है। ये उपभोक्ता आयोग विवाद निवारण का मार्गदर्शन करती हैं कि कैसे उपभोक्ता अदालत में मुकदमा दर्ज कराएँ। बहुत से अवसरों पर ये इन आयोगों में व्यक्ति विशेष का प्रतिनिधित्व भी करते हैं। ये स्वयंसेवी संगठन जनता में जागरूकता पैदा करने के लिए सरकार से वित्तीय सहयोग भी प्राप्त करते हैं।
- उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम (COPRA) भारत सरकार द्वारा अधिनियमित किया गया था1986
- सूचना का अधिकार अधिनियम कब पारित किया गया था?अक्टूबर 2005 में
- वर्ष 2005 में भारत सरकार द्वारा निम्नलिखित में से कौन सा कानून लागू किया गया था?सूचना का अधिकार अधिनियम
- कोपरा का पूरा नाम क्या है?उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम
- RTI का पूरा नाम लिखिए।राइट टू इनफॉरमेशन।
- भारत में उपभोक्ता दिवस कब मनाया जाता हैभारत में उपभोक्ता दिवस 24 दिसम्बर को मनाया जाता है।
- उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम, 1986 का दूसरा नाम क्या है?उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम, 1986 का दूसरा नाम COPRA है।
- उस अधिनियम का नाम बताइए जिसके तहत उपभोक्ता न्यायालयों की स्थापना की गई है:उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम
- जिला स्तरीय उपभोक्ता अदालतें कितने रुपए तक के दावों का निपटारा कर सकती हैं?1 करोड़ तक
- राज्य स्तरीय उपभोक्ता अदालतें कितने रुपए तक के दावों का निपटारा कर सकती हैं?1 करोड़ से 10 करोड़ तक
- राष्ट्रीय स्तरीय उपभोक्ता अदालतें कितने रुपए तक के दावों का निपटारा कर सकती हैं?10 करोड़ से अधिक तक
- एक उत्पाद पर MRP का क्या अर्थ है-अधिकतम खुदरा मूल्य
- बिस्किट के पैकेट पर आपको कौन सा लोगो या चिह्न देखना होगा?
एगमार्क - दवाईयों के पैकेट पर उत्पादक द्वारा अंकित कोई दो जानकारियां लिखिएअंतिम तिथि व अधिकतम खुदरा मूल्य
- उस अधिकार का नाम बताएं जिसके तहत उपभोक्ता किसी उत्पाद से हुए नुकसान के लिए मुआवजे का दावा कर सकता है।क्षतिपूर्ति निवारण का अधिकार
- कंज्यूमर्स इंटरनेशनल की स्थापना किसने की थी:संयुक्त राष्ट्र
- वह संगठन जो उपभोक्ताओं को उपभोक्ता अदालतों में मामले दर्ज करने के बारे में मार्गदर्शन करने में मदद करता है, लोकप्रिय रूप से क्या कहलाते हैं?
उपभोक्ता अदालत या उपभोक्ता संरक्षण परिषद् - मान लीजिए आप टूथपेस्ट खरीदना चाहते हैं और दुकान मालिक कहता है कि वह टूथपेस्ट तभी बेच सकता है जब आप टूथब्रश खरीदें, तो दुकानदार आपके किस अधिकार का उल्लंघन कर रहा है?चुनने का अधिकार
- अंतिम वस्तुएं कौन सी होती है
अंतिम वस्तु वे वस्तुएं होती हैं जिन्हें उपभोक्ता अपनी ज़रूरतों और इच्छाओं को पूरा करने के लिए इस्तेमाल करते हैं. - अंतर्राष्ट्रीय स्तर का उपभोक्ता संगठन कौन सा है?अंतर्राष्ट्रीय स्तर का उपभोक्ता संगठन कंज्यूमर इंटरनेशनल है।
- उपभोक्ताओं के कोई दो अधिकार लिखिए।
(1) सुरक्षा का अधिकार;
(2) सूचना का अधिकार। - कोपरा क्या है?
उपभोक्ता संरक्षण की दिशा में, भारत सरकार ने 1986 में एक बड़ा कदम उठाया और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 को अधिनियमित किया, जिसे लोकप्रिय रूप से कोपरा के नाम से जाना जाता है। - गुणवत्ता आश्वासन के लिए प्रमाणपत्र क्या हैं?
आईएसआई मार्क
एगमार्क
हॉलमार्क - बाजार में उपभोक्ता शोषण के कोई तीन प्रकार/रूप लिखिए
दुकानदार द्वारा उचित वजन से कम वजन तौलना
व्यापारी द्वारा उन शुल्कों को जोड़ देना जिनका वर्णन पहले न किया गया हो
मिलावटी/दोषपूर्ण वस्तुएँ बेचना
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 में प्रदत्त किन्ही तीन अधिकारों का वर्णन कीजिए
1. सुरक्षा का अधिकार:
2. सूचना प्राप्त करने का अधिकार
3. चयन का अधिकार:
Superb sir
ReplyDeleteNice article, thank you for sharing a wonderful information. I happy to found your blog on the internet.
ReplyDeleteBusiness & Profession Difference
Nice sir
ReplyDelete