1. यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय


फ्रेडरिक सॉरयू : फ्रेडरिक  सॉरयू एक फ्रांसीसी कलाकार थे, जिन्होंने 1848 में चित्रों की एक श्रृंखला प्रस्तुत की। इनमें उन्होंने सपनों की एक दुनिया बनाई जो 'लोकतांत्रिक और सामाजिक गणराज्यों' से बनी थी। 
निरंकुशवाद : ऐसी सरकार या शासन व्यवस्था जिसकी सत्ता पर किसी प्रकार का कोई अंकुश नहीं होता है  इतिहास में ऐसी राजशाही सरकारों को निरंकुश सरकार कहा जाता है जो अत्यंत केंद्रीकृत, सैन्य बल पर
आधरित और दमनकारी सरकारें होती थीं।
कल्पनादर्श (युटोपिया) : एक ऐसे समाज की कल्पना जो इतना आदर्श है कि उसका साकार होना लगभग असंभव होता है।
1. फ्रांसीसी क्रांति और राष्ट्र का विचार :  राष्ट्रवाद की पहली स्पष्ट अभिव्यक्ति 1789 में फ्रांसीसी क्रांति के साथ हुई। 1789 में फ्रांस पर एक निरंकुश सम्राट का आधिपत्य था। फ्रांसीसी क्रांति से जो राजनीतिक और संवैधानिक बदलाव हुए उनसे प्रभुसत्ता राजतंत्र से निकल कर फ्रांसीसी नागरिकों के समूह में हस्तांतरित हो गई। फ्रांसीसी क्रांति ने घोषणा की कि "लोग राष्ट्र का गठन करेंगे और इसके भाग्य को आकार देंगे।" फ्रांसीसी क्रांतिकारियों का मुख्य उद्देश्य फ्रांसीसी लोगों के बीच सामूहिक पहचान की भावना पैदा करके राजशाही से फ्रांसीसी लोगों के एक समूह को संप्रभुता हस्तांतरित करना था। 
फ्रांसीसी क्रांतिकारियों ने लोगों के बीच सामूहिक पहचान की भावना पैदा करने के लिए अनेक कदम उठाए
(i) ला पैट्री (पितृभूमि) और ले सिटॉयन (नागरिक) का विचार: फ्रांसीसी क्रांति में ला पैट्री (पितृभूमि) और ले सिटॉयन (नागरिक) का विचार दर्शाता है कि देश के संविधान के तहत समुदाय को समान अधिकार प्राप्त होने चाहिए। 
(ii) नया फ्रांसीसी तिरंगा झंडा: फ्रांसीसी नागरिकों ने नया  तिरंगा झंडा चुना। झंडे के रंग नीला, सफेद और लाल था। 
(iii) एस्टेट जनरलों का चुनाव और राष्ट्रीय सभा का गठन: इस्टेट जनरल का नाम बदलकर राष्ट्रीय सभा (नेशनल असेंबली) कर दिया गया और इसे सक्रिय नागरिकों के एक समूह द्वारा चुना गया। 
(iv) नागरिकों के लिए समान कानूनों का निर्माण: एक केंद्रीकृत प्रशासनिक प्रणाली लागू की गई और इसने पूरे देश के सभी नागरिकों के लिए समान कानून बनाए। 
(v) आंतरिक सीमा शुल्क का उन्मूलन: आंतरिक सीमा शुल्क और बकाया को समाप्त कर दिया गया और वजन और माप की एक समान प्रणाली को अपनाया गया। 
(vi) फ्रेंच को आम भाषा बनाना - क्षेत्रीय बोलियों को हतोत्साहित किया गया और फ्रेंच राष्ट्र की आम भाषा बन गई। 
फ्रांसीसी क्रांति की खबर के बाद छात्रों और शिक्षित मध्यम वर्ग के सदस्यों द्वारा जैकोबिन्स क्लब स्थापित किए गए, जिसका असर फ्रांसीसी सेना पर पड़ा।
फ्रांसीसी सेना द्वारा राष्ट्रवाद के विचार को विदेशों में फैलाया गया।
नेपोलियन : नेपोलियन ने फ्रांस में लोकतंत्र को नष्ट कर दिया था, लेकिन प्रशासनिक क्षेत्र में उसने पूरी व्यवस्था को अधिक तर्कसंगत और कुशल बनाने के लिए क्रांतिकारी सिद्धांतों को शामिल किया था।
नेपोलियन कोड: नेपोलियन ने वर्ष 1804 में नागरिक संहिता की शुरुआत की, जिसे नेपोलियन कोड भी कहा जाता है। 
(i) कानून के समक्ष समानता स्थापित की
(ii) जन्म के आधार पर सभी विशेषाधिकारों को समाप्त कर दिया
(iii) फ्रांसीसी नागरिकों को संपत्ति का अधिकार दिया
(iv) प्रशासनिक विभाजन को सरल बनाया
(v) सामंती व्यवस्था को समाप्त किया और किसानों को भू-दासत्व और जागीरदारी शुल्कों से मुक्ति दिलाई
(vi) शहरों में कारीगरों के श्रेणी-संघों के नियंत्रणों को हटा दिया।
(vii) परिवहन और संचार में सुधार किया।
नेपोलियन ने मानकीकृत वजन और माप की प्रणाली और एक आम राष्ट्रीय मुद्रा की शुरुआत की। नेपोलियन ने परिवहन और संचार की प्रणाली को बदल दिया था और इसे और अधिक उन्नत बनाया था। 
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया : नेपोलियन द्वारा जीते गए क्षेत्रों में स्थानीय लोगों की फ्रांसीसी शासन के प्रति मिश्रित प्रतिक्रिया थी। व्यापारी और छोटे उत्पादकों ने नेपोलियन द्वारा शुरू किए गए आर्थिक सुधारों का स्वागत किया। शुरू में, फ्रांसीसी सेनाओं को स्वतंत्रता के अग्रदूत/संदेशवाहक के रूप में मान्यता दी गई थी, लेकिन बाद में यह महसूस किया गया कि नयी प्रशासनिक व्यवस्थाएँ राजनीतिक स्वतंत्रता के अनुरूप नहीं है  बढ़े हुए कर, सेंसरशिप और फ्रांसीसी सेनाओं में जबरन भर्ती लोगों को पसंद नहीं थी। 
यूरोप में राष्ट्रवाद का निर्माण :  अठारहवीं शताब्दी के मध्य में यूरोप में कोई 'राष्ट्र-राज्य' नहीं थे। वे तब राजशाहियों, डचियों और कैंटन में विभाजित थे जिनके शासकों के पास अपने स्वायत्त क्षेत्र थे। 
कुलीन वर्ग: सामाजिक और राजनीतिक रूप से कुलीन वर्ग यूरोपीय महाद्वीप में प्रमुख वर्ग था।
उनके पास ग्रामीण इलाकों और शहर के घरों में संपत्ति थी।
वे कूटनीति और उच्च समाज के उद्देश्यों के लिए फ्रेंच बोलते थे।
अभिजात वर्ग संख्यात्मक रूप से एक छोटा समूह था
किसान: किसान कृषि किसान थे जो खेती में लगे थे। किसान संख्यात्मक रूप से एक बड़ा समूह था
मजदूर वर्ग और मध्यम वर्ग: औद्योगीकरण के परिणामस्वरूप, नए सामाजिक समूह - एक मजदूर वर्ग और मध्यम वर्ग अस्तित्व में आए। ये समूह उद्योगपतियों, व्यापारियों और पेशेवरों से बने थे।
उदारवादी राष्ट्रवाद का अर्थ :
'उदारवाद' शब्द लैटिन मूल लिबर से निकला है, जिसका अर्थ है "आजाद" ।
नए मध्यम वर्ग के लिए, उदारवाद व्यक्ति की स्वतंत्रता और कानून के समक्ष सभी की समानता के लिए खड़ा था।
राजनीतिक रूप से, उदारवाद ने सहमति से सरकार की अवधारणा पर जोर दिया।
फ्रांसीसी क्रांति के बाद से उदारवाद निरंकुश शासक और पादरीवर्ग के विशेषाधिकारों की समाप्ति तथा संविधान व संसदीय प्रतिनिधि सरकार का पक्षधर था। 
उन्नीसवीं सदी के उदारवादी निजी संपत्ति के स्वामित्व की अनिवार्यता पर भी बल देते थे।
आर्थिक क्षेत्र में, उदारवाद बाजारों की स्वतंत्रता और माल व पूंजी की आवाजाही पर राज्य द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के उन्मूलन के लिए खड़ा था।
1834 में प्रशा की पहल पर एक शुल्क संघ जालवेराइन स्थापित किया गया
1834 में, एक सीमा शुल्क संघ या जॉलवेरिन संघ  का गठन किया गया, जिसने शुल्क अवरोधों को समाप्त कर दिया और मुद्राओं की संख्या दो कर दी जो पहले तीस से ऊपर थी।
गतिशीलता को प्रोत्साहित करने के लिए रेलवे के एक नेटवर्क को बढ़ावा दिया।
1815 के बाद एक नया रूढ़िवाद
1815 में नेपोलियन की हार के बाद रूढ़िवाद की भावना मजबूत हो गई।  रूढ़िवादी मानते थे कि राज्य और समाज की स्थापित पारंपरिक संस्थाएँ जैसे-राजतंत्र, चर्च, सामाजिक ऊँच-नीच, संपत्ति और परिवार को बनाए रखना चाहिए 
नेपोलियन द्वारा किए गए परिवर्तनों से अधिकांश रूढ़िवादियों को एहसास हुआ कि आधुनिकीकरण वास्तव में राजतंत्र जैसी पारंपरिक संस्थाओं को मजबूत कर सकता है। एक आधुनिक सेना, एक कुशल नौकरशाही, एक गतिशील अर्थव्यवस्था, सामंतवाद और दासता का उन्मूलन यूरोप के निरंकुश राजतंत्रों को मजबूत कर सकता है।
वियना की संधि (1815) :
1815 में, यूरोप के लिए एक समझौते का मसौदा तैयार करने के लिए यूरोपीय शक्तियों (ऑस्ट्रिया, ग्रेट ब्रिटेन, प्रशा और रूस ) के प्रतिनिधियों ने वियना में मुलाकात की। इस सम्मलेन की मेजबानी ऑस्ट्रियाई चांसलर ड्यूक मैटरनिख ने की थी। 
1815 की वियना संधि का उद्देश्य नेपोलियन युद्धों के दौरान यूरोप में आए बदलावों को पूर्ववत करना था।
वियना संधि के प्रावधान।
(i) बूर्बों राजवंश को सत्ता में बहाल किया गया
(ii) भविष्य में फ्रांसीसी विस्तार को रोकने के लिए फ्रांस की सीमाओं पर राज्यों की एक श्रृंखला स्थापित की गई।
(iii) फ्रांस ने नेपोलियन के अधीन अपने कब्जे वाले क्षेत्रों को खो दिया 
(iv) नेपोलियन द्वारा स्थापित 39 राज्यों का जर्मन संघ इस संधि से प्रभावित नहीं हुआ।
(v) प्रशा को उसकी पश्चिमी सीमाओं पर महत्वपूर्ण नए क्षेत्र दिए गए, जबकि ऑस्ट्रिया को उत्तरी इटली का नियंत्रण दिया गया।
(vi) पूर्व में, रूस को पोलैंड का हिस्सा दिया गया, जबकि प्रशा को सैक्सोनी का एक हिस्सा दिया गया।
1815 में स्थापित रूढ़िवादी शासन निरंकुश थे। वे आलोचना और असहमति को बर्दाश्त नहीं करते थे। उन्होंने समाचार पत्रों, पुस्तकों, नाटकों और गीतों को नियंत्रित करने के लिए सेंसरशिप कानून लागू किए। फिर भी फ्रांसीसी क्रांति की स्मृति उदारवादियों को प्रेरित करती रही। नयी रूढ़िवादी व्यवस्था के आलोचक उदारवादी राष्ट्रवादियों द्वारा उठाया गया एक मुख्य मुद्दा था- प्रेस की आजादी।
क्रांतिकारी
1815 के बाद, दमन के डर से कई उदार-राष्ट्रवादी भूमिगत हो गए। अपने विचारों को फैलाने और क्रांतिकारियों को प्रशिक्षित करने के लिए कई यूरोपीय राज्यों में गुप्त समाज बनाए गए।
उदाहरण के लिए -ज्युसेपी मेत्सिनी इटालवी क्रांतिकारी थे। उनका जन्म 1807 में जेनोआ में हुआ था। वे कार्बोनेरी नामक गुप्त समाज का सदस्य बन गया। उन्होंने दो भूमिगत समाजों की स्थापना की मार्सेई में यंग इटली और बर्न में यंग यूरोप। जिसके  सदस्य पोलैंड, फ्रांस, इटली और जर्मन राज्यों में समान विचार रखने
वाले युवा थे।
मेत्सिनी ने राजतंत्र का घोर विरोध करके और लोकतांत्रिक गणतंत्रों के स्वप्न से रूढ़िवादियों को हरा दिया। 
मैटरनिख ने उसे ‘हमारी सामाजिक व्यवस्था का सबसे खतरनाक दुश्मन’ बताया।
3. क्रांतियों का युग: 1830 - 1848
जुलाई क्रांति : 
पहला फ़्रांस में  जुलाई 1830 में हुआ। बूर्बों राजाओं जिन्हें  1815 में सत्ता में बहाल किया गया, को उदारवादी क्रांतिकारियों ने उखाड़ फेंका। उनके स्थान पर एक संवैधानिक राजतंत्र स्थापित किया गया जिसका प्रमुख लुई फिलिप था।
मैटरनिख ने एक बार टिप्पणी की थी, 'जब फ्रांस छींकता है, तो शेष यूरोप को सर्दी लग जाती है।' 
जुलाई क्रांति से  ब्रुसेल्स में भी विद्रोह भड़क गया , जिसके कारण बेल्जियम नीदरलैंड से अलग हो गया। 
यूनान का स्वंतत्राता संग्राम : पंद्रहवीं सदी से ही यूनान ऑटोमन साम्राज्य का हिस्सा था यूनान  में स्वतंत्रता के लिए संघर्ष 1821 में शुरू हुआ और  1832 की कुस्तुनतुनियाकी संधि ने यूनान को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता दी। 
रूमानी कल्पना और राष्ट्रीय भावना : राष्ट्रवाद का विकास केवल युद्धों और क्षेत्राीय विस्तार से नहीं हुआ संस्कृति ने भी राष्ट्र के विचार को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।  कला, काव्य, कहानियों-किस्सों  और संगीत ने राष्ट्रवादी भावनाओं को गढ़ने और व्यक्त करने में सहयोग दिया। रूमानी कलाकारों और कवियों ने तर्क और विज्ञान के महिमामंडन की आलोचना की। उन्होंने भावनाओं, अंतर्ज्ञान और रहस्यमय भावनाओं पर ध्यान केंद्रित किया। जर्मन दार्शनिक योहान गॉटफ्रीड ने दावा किया कि सच्ची जर्मन संस्कृति  आम लोगों (दास वोल्क) के बीच खोजा जाना था।
 लोकगीतों, कविताओं और नृत्यों के संग्रह के माध्यम से राष्ट्र की सच्ची भावना को लोकप्रिय बनाया गया पोलैंड में संगीत और भाषा के माध्यम से राष्ट्रीय भावनाओं को जीवित रखा गया।
भाषा ने भी राष्ट्रीय भावनाओं को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। रूसी कब्जे के बाद, पोलिश भाषा को स्कूलों से हटा दिया और रूसी भाषा को हर जगह थोप दिया गया। पोलैंड में पादरी धार्मिक शिक्षा के लिए पोलिश भाषा का इस्तेमाल करते थे और इसे एक धार्मिक भाषा के रूप में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया।
भूख, कठिनाई और लोकप्रिय विद्रोह
1830 का दशक यूरोप में बहुत बड़ी आर्थिक कठिनाई का वर्ष था।
उन्नीसवीं सदी के पहले भाग में, जनसंख्या वृद्धि का अनुपात रोजगार सृजन से अधिक था।
इंग्लैंड से सस्ते मशीन-निर्मित सामानों के आयात के कारण छोटे उत्पादकों को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा।
यूरोप के कुछ क्षेत्रों में किसान अभी भी सामंती शुल्क और दायित्वों के बोझ तले दबे हुए थे।
खाद्य कीमतों में वृद्धि या खराब फसल के एक साल के कारण शहर और देश में व्यापक गरीबी फैल गई।
बुनकरों का विद्रोह
1845 में सिलेसिया में बुनकरों ने उन ठेकेदारों वके खिलाप़फ विद्रोह कर दिया था जो उन्हें कच्चा माल देकर निर्मित कपड़ा लेते थे परंतु दाम बहुत कम थे। 4 जून को दोपहर 2 बजे बुनकरों की भीड़ ने विद्रोह कर दिया और ठेकेदार से अधिक मजदूरी की मांग की। ठेकेदार ने उनके साथ बुरा व्यवहार किया और उन्हें धमकाया। उनमें से एक समूह ने घर में जबरन प्रवेश किया, उसकी खिड़कियाँ, फर्नीचर, चीनी मिट्टी के बर्तन तोड़ दिए, दूसरे समूह ने गोदाम में प्रवेश किया और कपड़े लूट लिए । ठेकेदार अपने परिवार के साथ भाग गया। 24 घंटे बाद वह सेना के साथ लौटा और इसके बाद सेना के साथ मुठभेड़ में ग्यारह बुनकरों को गोली मार दी गई। 
1848 मेंखाद्यान्न की कमी और व्यापक बेरोजगारी से पेरिस के लोग सड़कों पर उतर आए। जगह-जगह अवरोध लगाए गए और लुई फिलिप को भागने पर मजबूर किया गया। परिणामस्वरूप राष्ट्रीय सभा ने एक गणतंत्र की घोषणा करते हुए 21 वर्ष से ऊपर सभी वयस्क पुरुषों को मताधिकार प्रदान किया और काम के अधिकार की गारंटी दी।
उदारवादियों की क्रांति : 1848 में कई यूरोपीय देशों (जर्मनी, इटली, पोलैंड, ऑस्ट्रो, हंगरी साम्राज्य) में शिक्षित मध्यम वर्ग के नेतृत्व में क्रांति हुई। उन्होंने संविधानवाद की माँग को राष्ट्रीय एकीकरण की माँग से जोड़ दिया उन्होंने  बढ़ते जन असंतोष का फायदा उठाया और एक राष्ट्र-राज्य के निर्माण की माँगों को आगे बढ़ाया। यह राष्ट्र-राज्य संविधान, प्रेस की स्वतंत्राता और संगठन बनाने की आजादी जैसे संसदीय   सिद्धांतों  पर आधारित था।
नारीवाद : स्त्री-पुरुष की सामाजिक, आर्थिक  एवं राजनीतिक समानता की सोच के आधार पर महिलाओं के अधिकारों और हितों का बोध
मई क्रांति : बड़ी संख्या में राजनीतिक संघ जिनके सदस्य मध्यम वर्ग के पेशेवर, व्यवसायी और कारीगर थे, फ्रैंकफर्ट शहर में एक अखिल जर्मन राष्ट्रीय सभा के लिए मतदान करने के लिए एकत्र हुए। 18 मई 1848 को, 831 निर्वाचित प्रतिनिधि सेंट पॉल चर्च में एकत्र हुए। उन्होंने एक जर्मन राष्ट्र के लिए एक संविधान का मसौदा तैयार किया इस संविधान के अनुसार राष्ट्र का नेतृत्व एक राजतंत्र द्वारा किया जाना था जो संसद के नियंत्रण में था। महिलाओं को फ्रैंकफर्ट संसद में आगंतुकों की गैलरी में खड़े होने के लिए केवल पर्यवेक्षकों के रूप में प्रवेश दिया गया था। उन्हें विधानसभा के चुनाव के दौरान वोट देने के अधिकार से वंचित कर दिया गया था। जब प्रतिनिधियों ने फ्रेडरिक विल्हेम चतुर्थ (प्रशा के राजा) को ताज की पेशकश की, तो उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया और निर्वाचित विधानसभा का विरोध करने के लिए अन्य राजाओं के साथ शामिल हो गए। कुलीन वर्ग और सेना का विरोध मजबूत हो गया और संसद का सामाजिक आधार नष्ट हो गया। संसद पर मध्यम वर्ग का प्रभुत्व था, जो श्रमिकों और कारीगरों की मांगों का विरोध करता था और परिणामस्वरूप उनका समर्थन खो बैठा। अंत में सेना को बुलाया गया और विधानसभा को भंग करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
उदारवादी आंदोलन के अंदर महिलाओं को राजनीतिक अधिकार प्रदान करने का मुद्दा विवादास्पद था हालाँकि आंदोलन में वर्षों से बड़ी संख्या में महिलाओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया था। महिलाओं ने अपने राजनीतिक संगठन स्थापित किए, अखबार शुरू किए और राजनीतिक बैठकों और प्रदर्शनों में शिरकत की। इसके बावजूद उन्हें एसेंबली के चुनाव के दौरान मताधिकार से वंचित रखा गया था। जब सेंट पॉल चर्च में फ्रेंकफर्ट संसद की सभा आयोजित की गई थी तब महिलाओं को केवल प्रेक्षकों की सियत से दर्शक-दीर्घा में खड़े होने दिया गया।  हालाँकि रूढ़िवादी ताकतें 1848 में उदारवादी आंदोलनों को दबा पाने में
कामयाब हुईं लेकिन वे पुरानी व्यवस्था बहाल नहीं कर पाईं। राजाओं को यह समझ में आना शुरू हो गया था कि उदारवादी-राष्ट्रवादी क्रांतिकारियों को रियायतें देकर ही क्रांति और दमन के चक्र को समाप्त किया जा सकता था। अतः 1848 के बाद मध्य और पूर्वी यूरोप की निरंकुश राजशाहियों ने उन परिवर्तनों को आरंभ किया जो पश्चिमी यूरोप में 1815 से पहले हो चुके थे। इस प्रकार हैब्सबर्ग अधिकार वाले क्षेत्रों और रूस में
भूदासत्व और बंधुआ मजदूरी समाप्त कर दी गई।
जर्मनी का एकीकरण : इसकी शुरुआत 1848 के उदारवादी राष्ट्रवादी आंदोलन से हुई, जिसमें फ्रैंकफर्ट संसद का गठन किया गया, हालांकि प्रयास विफल रहे। उसके बाद प्रशा के मुख्यमंत्री ओटो वॉन बिस्मार्क ने प्रशा की सेना और नौकरशाही की मदद से राष्ट्रीय एकीकरण के आंदोलन का नेतृत्व संभाला। बिस्मार्क ने ऑस्ट्रिया, डेनमार्क और फ्रांस के साथ सात साल की अवधि में तीन युद्धों का नेतृत्व किया, जो प्रशा की जीत के साथ समाप्त हुआ। अंत में एकीकरण की प्रक्रिया पूरी हुई। जनवरी 1871 में प्रशा के राजा विलियम प्रथम को जर्मन सम्राट घोषित किया गया। 
इटली का एकीकरण : एकीकरण से पहले इटली सात राज्यों में विभाजित था, जिनमें से केवल एक, सार्डिनिया-पीडमोंट, पर एक इतालवी राजघराने का शासन था। 1830 के दशक में, ज्युसेपे मेत्सिनी ने इटली को एकीकृत करने का प्रयास किया। उन्होंने यंग इटली नामक एक गुप्त संगठन बनाया।लेकिन वे असफल रहे। 1831 और 1848 के दोनों विद्रोहों की विफलता के बाद, इतालवी राज्यों को एकीकृत करने की जिम्मेदारी सार्डिनिया-पीडमोंट के शासक राजा विक्टर इमैनुएल द्वितीय पर आ गई। उन्होंने यह जिम्मेदारी अपने मंत्री प्रधान कावूर को सौंपी, जिन्होंने फ्रांस के साथ एक चतुर कूटनीतिक गठबंधन बनाया और 1859 में ऑस्ट्रियाई सेना को हराया। बाद में, 1860 में ज्युसेपे गैरीबॉल्डी की मदद से दक्षिण इटली और दो सिसिली के राज्य पर कब्जा कर लिया गया। 1861 में विक्टर इमैनुएल द्वितीय को संयुक्त इटली का राजा घोषित किया गया। 
 ब्रिटेन की अजीब दास्तान :  अठारहवीं शताब्दी से पहले कोई ब्रिटिश राष्ट्र नहीं था। ब्रिटिश द्वीपों में रहने वाले लोगों की प्राथमिक पहचान जातीय थी। इन सभी जातीय समूहों की अपनी सांस्कृतिक और राजनीतिक परंपराएँ  थी । लेकिन अंग्रेजी राष्ट्र की अधिक शक्ति और धन के कारण यह राष्ट्रों के अन्य द्वीपों पर नियंत्रण करने में सफल हुआ। अंग्रेजी संसद ने 1688  में राजतन्त्र से सत्ता छीन ली और ब्रिटेन को केंद्र में रखकर एक राष्ट्र राज्य बनाया। 
इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के बीच संघ अधिनियम (1707)  से 'यूनाइटेड किंगडम ऑफ़ ग्रेट ब्रिटेन' का गठन हुआ।
आयरलैंड कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट के बीच विभाजित देश था। अंग्रेजों ने प्रोटेस्टेंट की मदद की और आयरलैंड को 1801 में जबरन यूनाइटेड किंगडम में शामिल कर लिया गया। अंत में प्रमुख अंग्रेजी संस्कृति के प्रचार के माध्यम से एक नया 'ब्रिटिश राष्ट्र' स्थापित किया गया। नए ब्रिटेन के प्रतीक ब्रिटिश ध्वज (यूनियन जैक), राष्ट्रगान (गॉड सेव अवर नोबल किंग), अंग्रेजी भाषा थे।
5. राष्ट्र की दृश्य कल्पना :
18वीं और 19वीं शताब्दी में कलाकारों ने राष्ट्र को एक महिला आकृति के रूप में चित्रित किया। राष्ट्र को मूर्त रूप देने के लिए जिस महिला रूप को चुना गया, वह वास्तविक जीवन में किसी विशेष महिला का प्रतिनिधित्व नहीं करती थी। यह महिला आकृति राष्ट्र का रूपक बन गई। 
रूपक - जब किसी व्यक्ति या वस्तु के माध्यम से अमूर्त विचार व्यक्त किया जाता है, तो उसे रूपक कहा जाता है। रूपक कहानी के दो अर्थ होते हैं, एक शाब्दिक और एक प्रतीकात्मक। 
मारिआन फ्रांस की महिला रूपक थी। जो एक लोकप्रिय ईसाई नाम था। उसकी विशेषताएँ स्वतंत्रता और गणतंत्र की भी थीं - लाल टोपी, तिरंगा, कलंगी । मैरिएन की मूर्तियाँ सार्वजनिक चौकों पर लोगों को "एकता के राष्ट्रीय प्रतीक" की याद दिलाने के लिए स्थापित की गईं। मारिआन की छवियाँ सिक्कों और टिकटों पर अंकित की गईं। 
जर्मेनिया जर्मन राष्ट्र की महिला रूपक थी। जर्मेनिया ओक(बलूत) के पत्तों का मुकुट पहने हुए थी, क्योंकि जर्मन ओक बहादुरी का प्रतीक था। 
6. राष्ट्रवाद और साम्राज्यवाद 
उन्नीसवीं सदी के अंत में, राष्ट्रवाद ने अपनी आदर्शवादी उदार लोकतांत्रिक भावना खो दी। 1871 के बाद बाल्कन क्षेत्र यूरोप में राष्ट्रवादी तनाव का मुख्य कारण था।
बाल्कन भौगोलिक और जातीय विविधता वाला क्षेत्र था, जिसके निवासियों को स्लाव के नाम से जाना जाता था।
बाल्कन में आधुनिक रोमानिया, मैसेडोनिया, क्रोएशिया, बुल्गारिया, अल्बानिया, ग्रीस, बोस्निया-हर्जेगोविना, सर्बिया, मोंटेनेग्रो और स्लोवेनिया शामिल थे।
बाल्कन का एक बड़ा हिस्सा ओटोमन साम्राज्य के नियंत्रण में था।
रोमांटिक राष्ट्रवाद के विकास और ओटोमन साम्राज्य के पतन के कारण बाल्कन एक बहुत ही अस्थिर क्षेत्र बन गया।
इस अवधि के दौरान, एक-एक करके, इसके यूरोपीय राष्ट्रीयताएँ इसके नियंत्रण से अलग हो गईं और स्वतंत्रता की घोषणा की।
इस अवधि के दौरान, रूस, जर्मनी, इंग्लैंड, ऑस्ट्रो-हंगरी जैसी यूरोपीय शक्तियों ने बाल्कन पर अपना नियंत्रण पाने के लिए प्रतिस्पर्धा की। इससे क्षेत्र में कई युद्ध हुए और अंततः प्रथम विश्व युद्ध हुआ।
प्रतीकों का अर्थ
टूटी हुई बेड़ियाँ - आजादी मिलना
बाज-छाप कवच - जर्मन साम्राज्य की प्रतीक-शक्ति
बलूत पत्तियों का मुकुट - बहादुरी
तलवार - मुकाबले की तैयारी
तलवार पर लिपटी जैतून की डाली - शांति की चाह
काला, लाल और सुनहरा तिरंगा -1848 में उदारवादी-राष्ट्रवादियों का झंडा, जिसे जर्मन राज्यों के ड्यूक्स ने प्रतिबंधित घोषित कर दिया
उगते सूर्य की किरणें - एक नए युग का सूत्रपात



  1. कावूर कौन था?
    सर्डीनिया-पीडमांट का मंत्री प्रमुख 
  2. फ्रांसीसी  क्रांति के बाद इस्टेट जनरल का नाम बदलकर क्या किया गया?
     राष्ट्रीय सभा (नेशनल असेंबली)
  3. जर्मनी के एकीकरण के जनक कौन थें?
    ओटो वॉन बिस्मार्क
  4. इटली के एकीकरण के जनक कौन थें?
    ज्युसेपे मेत्सिनी
  5. ‘‘टूटी हुई बेडियाँ’’ किसका प्रतीक थी?
    आजादी मिलना
  6. नेपोलियन संहिता किस वर्ष लागू की गई ?
    1804 में
  7. तलवार पर लिपटी जैतून की डाली किसका प्रतिक है ?
    शांति की चाह
  8. यूरोपीय सभ्यता का पालना’ किसे कहा जाता था ?
    यूनान को
  9. फ्रांस गणराज्य का प्रतिनिधित्व करने वाली महिला रूपक का नाम बताइए।
    मारिआन
  10. एक विचारधारा जो  अधिकारों और अवसरों के मामले में स्त्री व पुरुष को सामान मानती है क्या कहलाती है 
    नारीवाद 
  11. 'यूनाइटेड किंगडम ऑफ़ ग्रेट ब्रिटेन' का गठन कब हुआ।
    1707 में
  12. किस फ्रांसीसी कलाकार ने अपने सपनों की दुनिया को दर्शाते हुए चार चित्रों की एक श्रृंखला तैयार की।
    फ्रेडरिक सोरियू।
  13. यूरोप में 1815 में कौन सी रूढ़िवादी व्यवस्थाएँ स्थापित की गईं?
    निरंकुश
  14. फ़्रांस में जुलाई क्रांति  कब हुई
    1830 में 
  15. इटली के एकीकरण से पहले किस राज्य पर एक इतालवी रियासत का शासन था? 
    सार्डिनिया-पीडमोंट
  16. लाल टोपी या टूटी जंजीर किसका प्रतीक  है ?
    स्वतंत्रता का 
  17. किस क्रांति को ‘राष्ट्रवाद’ की पहली अभिव्यक्ति कहा जाता है?
    फ्रांसीसी क्रांति को ‘राष्ट्रवाद’ की पहली अभिव्यक्ति कहा जाता है।
  18. 1815 में वियना कांग्रेस की मेजबानी किसने की थी।
    ऑस्ट्रियाई चांसलर ड्यूक मेटरनिख।
  19. किसने कहा था, “जब फ्रांस छींकता है तो बाकी यूरोप को सर्दी-जुकाम हो जाता है"?
    ड्यूक मेटरनिख
  20. यंग इटली व यंग यूरोप के संस्थापक कौन था ?
    ज्युसेपी मेत्सिनी
  21. जर्मनी के एकीकरण का कर्णधार/जनक कौन था?
    प्रशा का मुख्यमंत्री ऑटोवॉन बिस्मार्क 
  22. जर्मनी के एकीकरण के पश्चात् जर्मनी का सम्राट किसे घोषित किया गया?
    प्रशा के राजा विलियम प्रथम को।
  23. फ्रांसीसी क्रांति कब हुई थी?
    1789
  24. उगते सूर्य की किरणें किसका प्रतीक है  ?
    एक नए युग का सूत्रपात
  25. उदार राष्ट्रवादियों ने कौन सा प्रमुख मुद्दा उठाया?
    उदार राष्ट्रवादियों ने प्रेस की स्वतंत्रता का प्रमुख मुद्दा उठाया।
  26. यूनान को किस सन्धि के द्वारा स्वतन्त्र राष्ट्र की मान्यता मिली और कब? 
    1832 में कुस्तुन्तुनिया की सन्धि के द्वारा यूनान को स्वतन्त्र राष्ट्र की मान्यता प्राप्त हुई। 
  27. मारिआन कहाँ की महिला रूपक थी?
    फ्रांस की
  28. जर्मेनियाँ  किस राष्ट्र की रूपक थी ?
    जर्मन राष्ट्र की
  29. जनवरी 1871 में राजा विलियम प्रथम को किस राष्ट्र का सम्राट घोषित किया गया।
    जर्मनी का
  30. जर्मनी के एकीकरण के पश्चात जर्मनी का सम्राट किसे घोषित किया गया?
    विलियम प्रथम 
  31. कुस्तुनतुनिया की संधि कब हुई?
    1832  में
  32. ‘‘जनमत संग्रह’’ से क्या आशय है?
    एक प्रत्यक्ष मतदान जिसके जरिए एक क्षेत्र के सभी लोगों से एक प्रस्ताव को स्वीकार या अस्वीकार करने के लिए पूछा जाता है।
  33. फ्रांसीसी क्रांति की घोषणा का उल्लेख करें। 
    फ्रांसीसी क्रांति की घोषणा थी "लोग राष्ट्र का गठन करेंगे और इसके भाग्य को आकार देंगे।"
  34. यूरोप में फ्रांसीसी क्रांति के कारण राजनीतिक और संवैधानिक परिदृश्य में कौन सा बड़ा परिवर्तन हुआ?
    इससे राजशाही से फ्रांसीसी नागरिकों के एक समूह को संप्रभुता/सत्ता का हस्तांतरण हुआ
  35. 'उदारवाद' से क्या अभिप्राय है?
    'उदारवाद' शब्द लातिन भाषा के मूल 'Liber' पर आधारित है जिसका अर्थ है- आजाद अर्थात् व्यक्ति के लिए स्वतन्त्रता और कानून के समक्ष सबकी बराबरी
  36. रूढ़िवादिता क्या है?
    रूढ़िवाद एक राजनीतिक विचारधारा है जो पारंपरिक मूल्यों और स्थापित संस्थाओं को महत्व देती है। 
  37. 1815 की वियना संधि का मुख्य उद्देश्य क्या था?
    1815 की "वियना की संधि" का मुख्य उद्देश्य नेपोलियन के शासनकाल और नेपोलियन युद्धों के दौरान यूरोप में लाए गए सभी परिवर्तनों को पूर्ववत करना था। 
  38. 'जॉलवेराइन' संघ से आप क्या समझते हैं?
    जॉलवेराइन संघ एक शुल्क संघ था। जिसकी स्थापना 1834 में की गई जिसने विभिन्न जर्मन राज्यों के बीच शुल्क अवरोधों को समाप्त कर दिया था इस संघ का उद्देश्य जर्मन लोगों को आर्थिक रूप से एक राष्ट्र में बाँध देना था।
  39. निरंकुशवाद का अर्थ लिखिए
    ऐसी सरकार या शासन व्यवस्था जिसकी सत्ता पर किसी प्रकार का कोई अंकुश नहीं होता है  इतिहास में ऐसी राजशाही सरकारों को निरंकुश सरकार कहा जाता है जो अत्यंत केंद्रीकृत, सैन्य बल पर आधरित और दमनकारी सरकारें होती थीं।
  40. वियना सम्मेलन में भाग लेने वाले चार प्रमुख देशों के नाम लिखिए जिनके प्रतिनिधि सम्मेलन में सम्मिलित हुए थे?
    (1) इंग्लैण्ड (2) रूस (3) प्रशा (4) आस्ट्रिया।
  41. वियना सम्मेलन कब आयोजित किया गया? इसकी मेजबानी किसने की थी?
    वियना सम्मेलन 1815 में आयोजित किया गया था।
    इस सम्मेलन की मेजबानी आस्ट्रिया के चांसलर ड्यूक मेटरनिख ने की थी।
  42. मारियान की मूर्तियाँ सार्वजनिक चौकों पर क्यों स्थापित की गईं।
    मैरिएन की मूर्तियाँ सार्वजनिक चौकों पर लोगों को "एकता के राष्ट्रीय प्रतीक" की याद दिलाने के लिए स्थापित की गईं।
  43. फ्रांसीसी क्रांतिकारियों का मुख्य उद्देश्य क्या था?
    उनका मुख्य उद्देश्य फ्रांसीसी लोगों के बीच सामूहिक पहचान की भावना पैदा करके राजशाही से फ्रांसीसी लोगों के एक समूह को संप्रभुता का हस्तांतरण करना था।
  44. रूमानीवाद से आप क्या समझते हैं? 
    एक ऐसी विचार धारा जो राष्ट्रवादी भावना का विकास संस्कृति के द्वारा करना चाहता है। इस विचारधारा को मानने वाले तर्क-वितर्क और विज्ञान के महिमामंडन की जगह भावनाओं,अन्तर्दृष्टि और रहस्यवादी भावनाओं पर जोर देते थे। इसने  लोकगीतों, कहानियों, लोककथाओ और संगीत के माध्यम से राष्ट्रवादी भावनाओं का प्रसार किया। इसने सामूहिक विरासत और संस्कृति को राष्ट्र का आधार बनाया 
  45. नेपोलियन संहिता क्या है? 
    नेपोलियन ने वर्ष 1804 में नागरिक संहिता की शुरुआत की जिसे नेपोलियन संहिता भी कहा जाता है। इसे जन्म के आधार पर मिलने वाले विशेषाधिकारों को समाप्त करने, कानून के समक्ष समानता स्थापित करने और सभी को संपत्ति का अधिकार देने के लिए पेश किया गया था।
  46. जर्मनी के एकीकरण की प्रक्रिया का वर्णन करें। 
    इसकी शुरुआत 1848 में फ्रैंकफर्ट संसद के गठन के साथ उदार राष्ट्रवादी आंदोलन से हुई, हालांकि प्रयास विफल रहे। उसके बाद प्रशा के मुख्यमंत्री ओटो वॉन बिस्मार्क ने प्रशा की सेना और नौकरशाही की मदद से राष्ट्रीय एकीकरण के आंदोलन का नेतृत्व संभाला। बिस्मार्क ने ऑस्ट्रिया, डेनमार्क और फ्रांस के साथ सात वर्षों की अवधि में तीन युद्ध लड़े, जो प्रशा की जीत के साथ समाप्त हुए। अंत में एकीकरण की प्रक्रिया पूरी हुई। जनवरी 1871 में प्रशा के राजा विलियम प्रथम को जर्मन सम्राट घोषित किया गया।
  47. वियना संधि की किन्हीं दो विशेषताओं का उल्लेख करें।
    (i) बूर्बों राजवंश को सत्ता में बहाल किया गया
    (ii) भविष्य में फ्रांसीसी विस्तार को रोकने के लिए फ्रांस की सीमाओं पर राज्यों की एक श्रृंखला स्थापित की गई। 
    (iii) फ्रांस ने नेपोलियन के अधीन अपने कब्जे वाले क्षेत्रों को खो दिया 
    (iv) प्रशा को उसकी पश्चिमी सीमाओं पर महत्वपूर्ण नए क्षेत्र दिए गए, जबकि ऑस्ट्रिया को उत्तरी इटली का नियंत्रण दिया गया।
    (v) रूस को पोलैंड का हिस्सा दिया गया, जबकि प्रशा को सैक्सोनी का एक हिस्सा दिया गया।
  48. इटली के एकीकरण की प्रक्रिया का वर्णन करें।
    तीन महान नेताओं, माज़िनी, कैवूर और गैरीबाल्डी की प्रतिबद्धता, भागीदारी और प्रयास के परिणामस्वरूप इटली का एकीकरण हुआ। 
    1830 के दशक में, ज्युसेपे मेत्सिनी ने इटली को एकीकृत करने का प्रयास किया। उन्होंने यंग इटली नामक एक गुप्त संगठन बनाया। लेकिन वे असफल रहे। 1831 और 1848 के दोनों विद्रोहों की विफलता के बाद, इतालवी राज्यों को एकीकृत करने की जिम्मेदारी सार्डिनिया-पीडमोंट के शासक राजा विक्टर इमैनुएल द्वितीय पर आ गई। उन्होंने यह जिम्मेदारी अपने मुख्यमंत्री कैवूर को सौंप दी, जिन्होंने फ्रांस के साथ एक चतुर कूटनीतिक गठबंधन बनाया और 1859 में ऑस्ट्रियाई सेनाओं को हराया। बाद में, 1860 में ग्यूसेप गैरीबाल्डी की मदद से दक्षिण इटली और दो सिसिली के साम्राज्य पर कब्जा कर लिया गया। 1861 में विक्टर इमैनुएल द्वितीय को संयुक्त इटली का राजा घोषित किया गया।
  49. आर्थिक क्षेत्र में उदार राष्ट्रवादियों के किन्हीं चार विचारों की व्याख्या कीजिए।
    (i) उदारवाद बाजारों की स्वतंत्रता और माल और पूंजी की आवाजाही पर राज्य द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के उन्मूलन के लिए खड़ा था।
    (ii) 1834 में, एक सीमा शुल्क संघ या जॉलवेराइन का गठन किया गया, जिसने टैरिफ बाधाओं को समाप्त कर दिया और मुद्राओं की संख्या तीस से घटाकर दो कर दी।
    (iii) गतिशीलता को प्रोत्साहित करने के लिए रेलवे के एक नेटवर्क को बढ़ावा दिया।
  50. 1830 के दशक में यूरोप द्वारा सामना की गई किन्हीं तीन आर्थिक कठिनाइयों का वर्णन करें।
    (i) उन्नीसवीं सदी के पहले भाग में, जनसंख्या वृद्धि का अनुपात रोजगार सृजन से अधिक था।
    (ii) इंग्लैंड से सस्ते मशीन-निर्मित सामानों के आयात के कारण छोटे उत्पादकों को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा।
    (iii) यूरोप के कुछ क्षेत्रों में किसान अभी भी सामंती बकाया और दायित्वों के बोझ तले दबे हुए थे।
    (iv) खाद्य कीमतों में वृद्धि या खराब फसल के एक साल के कारण शहर और देश में व्यापक गरीबी फैल गई
  51. फ्रांसीसी क्रांतिकारियों द्वारा फ्रांसीसी लोगों में सामूहिक पहचान की भावना पैदा करने के लिए शुरू किए गए किसी भी चार उपायों का वर्णन करें। 
    (i) ला पैट्री (पितृभूमि) और ले सिटॉयन (नागरिक) का विचार: फ्रांसीसी क्रांति में ला पैट्री (पितृभूमि) और ले सिटॉयन (नागरिक) का विचार दर्शाता है कि देश के संविधान के तहत समुदाय को समान अधिकार प्राप्त होने चाहिए। 
    (ii) नया फ्रांसीसी तिरंगा झंडा: फ्रांसीसी नागरिकों ने नया  तिरंगा झंडा चुना। झंडे के रंग नीला, सफेद और लाल था। 
    (iii) एस्टेट जनरलों का चुनाव और राष्ट्रीय सभा का गठन: इस्टेट जनरल का नाम बदलकर राष्ट्रीय सभा (नेशनल असेंबली) कर दिया गया और इसे सक्रिय नागरिकों के एक समूह द्वारा चुना गया। 
    (iv) नागरिकों के लिए समान कानूनों का निर्माण: एक केंद्रीकृत प्रशासनिक प्रणाली लागू की गई और इसने पूरे देश के सभी नागरिकों के लिए समान कानून बनाए। 
    (v) आंतरिक सीमा शुल्क का उन्मूलन: आंतरिक सीमा शुल्क और बकाया को समाप्त कर दिया गया और वजन और माप की एक समान प्रणाली को अपनाया गया। 
    (vi) फ्रेंच को आम भाषा बनाना - क्षेत्रीय बोलियों को हतोत्साहित किया गया और फ्रेंच राष्ट्र की आम भाषा बन गई। 
  52. नेपोलियन द्वारा जीते गए क्षेत्रों में किए गए किन्हीं तीन सुधारों का वर्णन कीजिए।
    (i) नेपोलियन ने वर्ष 1804 में नागरिक संहिता लागू की। इसे जन्म के आधार पर मिलने वाले विशेषाधिकारों को समाप्त करने, कानून के समक्ष समानता स्थापित करने और सभी को संपत्ति का अधिकार देने के लिए लागू किया गया था।
    (ii) यह संहिता फ्रांसीसी नियंत्रण वाले क्षेत्रों में लागू की गई थी। डच गणराज्य, स्विट्जरलैंड, इटली और जर्मनी में नेपोलियन ने प्रशासनिक विभाजन को सरल बनाया, सामंती व्यवस्था को समाप्त किया और किसानों को दासता और जागीर शुल्क से मुक्त किया।
    (iii) उन्होंने एक समान वजन और माप की प्रणाली और राष्ट्र के लिए एक समान मुद्रा की प्रणाली भी शुरू की, जिससे लोगों को एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में व्यापार करने में मदद मिली।
    (iii) उन्होंने परिवहन और संचार की प्रणाली को बदल दिया था और इसे और अधिक उन्नत बनाया था।


  • ..............................कलाकार फ्रेडरिक सोरियू ने  चार चित्रों की एक श्रृंखला प्रस्तुत की (फ्रांसीसी)
  • वियना सम्मेलन की मेजबानी आस्ट्रिया के चांसलर .................... ने की थी। (ड्यूक मैटरनिख)
  • सॉरयू के ................... में दुनिया के लोग अलग राष्ट्रों के समूह में बंटे हुए है। (कल्पनादर्श /युटोपिया)
  • 1832 की ने................की संधि ने यूनान को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता दी। (कुस्तुनतुनिया)
  • .................. के एकीकरण में बिस्मार्क की प्रमुख भूमिका थी। (जर्मनी)
  • फ्रांस  की जुलाई क्रांति  जुलाई .................... में हुई थी (1830)
  • चाक्षुष अभिव्यक्तियों में जर्मेनिया ..............वृक्ष के पत्तों का मुकुट पहनती है (बलूत )
  • सार्डिनिया- पीडमॉण्ट में एक ..............राजघराने का शासन था।(इतालवी )
  • उन्नीसवीं सदी के मध्य में इटली .............राज्यों में बँटा हुआ था (सात )




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