7.परिवहन व संचार

परिवहन - यात्रियों व सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाने व ले जाने की प्रकिया परिवहन कहलाती है

मानव विभिन्न वस्तुओं और पदार्थों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए भिन्न विधियों (विधाओं) का प्रयोग करता है। परिवहन की निम्लिखित विधाएं है

1. स्थल परिवहन        2. जल परिवहन     3. वायु परिवहन

1. स्थल परिवहन

भारत में स्थल परिवहन का उपयोग परिवहन के लिए प्राचीन काल से किया जाता रहा है। स्थल परिवहन के अन्तर्गत सड़क परिवहन, रेल परिवहन व पाईप लाइन परिवन को सम्मलित किया जाता है

(1) सड़क परिवहन

सड़क परिवहन परिवहन के अन्य साधनों का आधार स्तंभ है भारत का सड़क जाल विश्व का दूसरा सबसे बड़ा सड़क-जाल है। इसकी कुल लंबाई लगभग 56 लाख कि.मी. है। भारत में सड़कों द्वारा प्रतिवर्ष 85% यात्री तथा 70% माल का परिवहन किया जाता है। छोटी दूरियों की यात्रा के लिए सड़क परिवहन अपेक्षाकृत अनुकूल होता है।

निर्माण एवं रख-रखाव के उद्देश्य के आधार पर सड़कों को चार वर्गों में विभाजित किया गया है

1.राष्ट्रीय महामार्ग(NH)- राष्ट्रीय महामार्गों का निर्माण व रखरखाव केंद्र सरकार करती है राष्ट्रीय महामार्गों का उपयोग अंतर्राज्यीय परिवहन तथा सामरिक क्षेत्रों तक रक्षा सामग्री एवं सेना के आवागमन के लिए होता है। ये महामार्ग राज्यों की राजधानियों, प्रमुख नगरों, महत्वपूर्ण पत्तनों तथा रेलवे जंक्शनों को भी जोड़ते हैं। 1995 में भूतल परिवहन मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्तशासी निकाय “भारतीय राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण” (NHAI) का गठन किया गया है जो राष्ट्रीय महामार्गों के विकास, रख-रखाव तथा प्रचालन का कार्य करता है। यह राष्ट्रीय महामार्गों की गुणवत्ता सुधार के लिए एक शीर्ष संस्था है। राष्ट्रीय महामार्गों की लंबाई पूरे देश की कुल सड़कों की लंबाई की मात्र 2 प्रतिशत है परन्तु ये यातायात के 40% भाग का परिवहन होता है

शेरशाह सूरी ने अपने साम्राज्य को सिंधु घाटी (पाकिस्तान) से लेकर बंगाल की सोनार घाटी तक सुदृढ़ एवं संघटित रखने के लिए शाही राजमार्ग का निर्माण कराया था। जो कोलकाता को पेशावर से जोडती थी ब्रिटिश शासन काल इसका नाम ग्रांड ट्रंक (जी. टी.) रोड रखा गया था। वर्तमान में यह अमृतसर से कोलकाता के बीच विस्तृत है जो दो खंडों में विभाजित है

(क) राष्ट्रीय महामार्ग NH-1 दिल्ली से अमृतसर तक

(ख) राष्ट्रीय महामार्ग NH-2 दिल्ली से कोलकाता तक

स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना

यह भारत के चार महानगरों दिल्ली-मुंबई-चैन्नई-कोलकाता को 5846 किलोमीटर लम्बी चार/छ: लेन सड़क द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा जोङने की परियोजना है

उत्तर-दक्षिण गलियारा -श्रीनगर (जम्मू कश्मीर) से कन्याकुमारी (तमिलनाडु) को जोड़ता है इसकी लंबाई 4016 किमी है

पूर्व-पश्चिम गलियारा- यह सिलचर (असम) को पोरबंदर (गुजरात) से जोड़ता है इसकी लंबाई 3640 किमी है

2.राज्य महामार्गों (SH)- राज्य राजमार्ग -इन सड़कों का निर्माण और रखरखाव राज्य सरकार करती है ये सड़के राजधानी को जिला मुख्यालय से जोड़ती है राज्य महामार्गों की लंबाई पूरे देश की कुल सड़कों की लंबाई की 4 % है

3.जिला सड़क मार्ग - ये सड़कें जिला मुख्यालय को जिले के अन्य स्थानों से जोड़ती है जिला सड़क मार्ग की लंबाई पूरे देश की कुल सड़कों की लंबाई की 14% है

4.ग्रामीण सड़कें- इन सड़कों की सर्वाधिक लंबाई है भारत की कुल सड़कों की लंबाई कालगभग 80 प्रतिशत हिस्सा ग्रामीण सड़कों के रूप में वर्गीकृत किया गया है। यह ग्रामीण क्षेत्रों को शहरों तथा कस्बों से जोड़ती है इस इन के विकास के लिए प्रधानमंत्री सड़क योजना का कार्य प्रगति पर है ये सड़कें ग्रामीण क्षेत्रों को आपस में जोड़ने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होती हैं

5. अन्य सड़के - अन्य सड़कों के अंतर्गत सीमांत सड़कें (सीमावर्ती सड़के) एवं अंतर्राष्ट्रीय महामार्ग आते हैं सीमांत सड़कों के निर्माण के लिए 1960 में सीमा सड़क संगठन BRO की स्थापना की गई जिसका प्रमुख उद्देश्य सीमावर्ती सड़कों का निर्माण करना व इनका रखरखाव करना है BRO ने पर्वतीय क्षेत्रों में चंडीगढ़ को मनाली (हिमाचल प्रदेश) तथा लेह (लद्दाख) से जोड़ने वाली सड़क बनाई है। सामरिक दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में सड़कें बनाने व रखरखाव करने के साथ-साथ बी.आर.ओ. अति ऊँचाइयों वाले क्षेत्रों में बर्फ हटाने का कार्य भी करता है अंतर्राष्ट्रीय महामार्गों का उद्देश्य पड़ोसी देशों के बीच भारत के साथ प्रभावी संपर्कों को उपलब्ध कराते हुए सद्भावपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देना है

विश्व की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग -

 विश्व की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग अटल टनल है जिसकी लम्बाई 9.02 किलोमीटर है यह सुरंग सीमा सड़क संगठन द्वारा बनाई गयी है। यह सुरंग पूरे साल मनाली को लाहौल-स्पीति घाटी से जोड़ती है। यह सुरंग हिमालय की पीरपंजाल पर्वतमाला में औसत समुद्र तल से 3000 मीटर कीऊँचाई पर अति-आधुनिक सुविधाओंके साथ बनाई गई है।

भारतमाला परियोजना

भारतमाला एक प्रस्तावित वृहद् योजना है जो 2022 में पूरी होगी जिसमे निम्न प्रावधान है

(i) तटवर्ती राज्यों की सड़कों का विकास/सीमावर्ती भागों तथा छोटे बंदरगाहों को जोड़ना।

(ii) पिछडे़ इलाकों, धर्मिक, पर्यटन स्थलों को जोड़ने की योजना।

(iii) सेतू भारतम परियोजना के अंतर्गत 1500 बड़े पुलों तथा 200 रेल ओवर ब्रिज/रेल अंडर ब्रिज का निर्माण।

(iv) लगभग 900 कि.मी. के नए घोषित राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास के लिए जिला मुख्यालय जाडेऩे की योजना।

(2) रेल परिवहन

 भारतीय रेल देश का सबसे बड़ा राष्ट्रीयकृत उपक्रम है भारत में प्रथम रेल 16 अप्रैल 1853 में मुंबई से थाने के मध्य (34 किमी) चलाई गई ।भारतीय रेल प्रणाली एशिया की सबसे बड़ी एवं विश्व की दूसरी बड़ी रेल प्रणाली है भारतीय रेल का संचालन केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है भारतीय रेल का 1950 में राष्ट्रीयकरण किया गया।वर्तमान में भारतीय रेल 16 रेल मण्डल व 1 मेट्रो रेल मंडलों में विभाजित है भारतीय रेल जाल की कुल लंबाई 66030 कि.मी. है रेल्वे पटरी की चौड़ाई के आधार पर भारतीय रेल के तीन वर्ग बनाए गए हैं।

बड़ी लाइन (Broad Guage) - बड़ी लाइन में रेल पटरियों के बीच की दूरी 1.616 मीटर होती है।

मीटर लाइन (Meter Guage)- मीटर लाइन में रेल पटरियों के बीच की दूरी एक मीटर होती है।

छोटी लाइन (Narrow Guage)- छोटी लाइन में रेल पटरियों के बीच की दूरी 0.762 मीटर या 0.610 मीटर होती है। 

मेट्रो रेल - मेट्रो रेल का शुभारंभ 1972 में कोलकाता में हुआ यह अंत:नगरीय द्रुतगामी रेल सेवा है वर्तमान में कोलकाता, दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद तथा जयपुर में मेट्रो रेल का संचालन हो रहा है मेट्रो रेल का प्रचालन नगरीय केंद्रों के वायु प्रदूषण को नियंत्रण करने की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।

कोंकण रेल्वे -26 जनवरी 1998 में रोहा(महाराष्ट्र) से मंगलौर(कर्नाटक)के बीच 760 किलोमीटर लम्बे रेल मार्ग की शुरुआत की गई जो 146 नदियों व धाराओं, 2000 पुल व 91 सुरंगों से गुजरता है इस उद्यम में कर्नाटक, गोवा तथा महाराष्ट्र राज्य भागीदार हैं। इसे कोकण रेल्वे के नाम से जाना जाता है

2. जल परिवहन 

परिवहन का सबसे सस्ता साधन है क्योंकि इसमें परिवहन मार्ग के निर्माण एवं रखरखाव की समस्या नहीं है तथा भारी सामानों का सुरक्षित परिवहन होता है यह ईंधन-दक्ष तथा पारिस्थितिकी अनुकूल परिवहन प्रणाली है। भारत के जलमार्ग को दो भागों में विभक्त किया जा सकता है 

(क) अन्तः स्थलीय जलमार्ग और (ख) महासागरीय जलमार्ग।

A. अंतःस्थलीय जलमार्ग - भारत में 14,500 कि.मी. लंबा अंतःस्थलीय जलमार्ग नौकायन हेतु उपलब्ध है जो देश के परिवहन में लगभग 1% का योगदान देता है। इसके अंतर्गत नदियाँ, नहरें, पश्च जल तथा सँकरी खाड़ियाँ आदि आती हैं। भारत में राष्ट्रीय जलमार्ग के विकास व नियमन के लिए 1986 में भारतीय अन्त: स्थलीय जलमार्ग प्राधिकरण का गठन किया गया भारत में 6 राष्ट्रीय जलमार्ग बनाए गए

1.राष्ट्रीय जलमार्ग-1 - हल्दिया से इलाहाबाद तक 1620 किलोमीटर लंबा (गंगा नदी में)

यह पटना तक यंत्रीकृत नौकाओं द्वारा तथा हरिद्वार तक साधारण नौकाओं द्वारा नौकायन योग्य है। यह तीन भागों में विभाजित है

(i) हल्दिया-फरक्का - 560 कि.मी.     (ii) फरक्का-पटना - 460 कि.मी.

(iii) पटना-इलाहाबाद - 600 कि.मी.

2.राष्ट्रीय जलमार्ग-2 - धुबरी से सादिया तक 891 किलोमीटर (ब्रह्मपुत्र नदी में) इसका भारत व बांग्लादेश साझेदारी में प्रयोग करते हैं।

3.राष्ट्रीय जलमार्ग -3 - कोट्टापुरम से कोलम तक 168 किलोमीटर (पश्चिमी तट नहर में)

इसके अंतर्गत पश्चिमी तट नहर (168 कि.मी.) के साथ चंपाकारा (14 कि.मी.) तथा उद्योग मंडल (23 कि.मी.) नहरें आती हैं।

4. राष्ट्रीय जलमार्ग-4  - काकीनाडा से मरक्कानम तक 1078 किलोमीटर (गोदावरी और कृष्णा नदी) 

5. राष्ट्रीय जलमार्ग- 5-  तलचर से धमरा तक 588 किमी (ब्राहमणी नदी )

पश्च जल (कडल) का अंतः स्थलीय जलमार्गों में अपना एक विशिष्ट महत्व है। ये परिवहन का सस्ता साधन उपलब्ध कराने के साथ-साथ केरल में भारी संख्या में पर्यटकों को भी आकर्षित करते हैं। यहाँ की प्रसिद्ध नेहरू ट्रॉफी नौकादौड़ (वल्लामकाली) भी इसी पश्च जल में आयोजित की जाती है।

B.महासागरीय जल मार्ग- भारत में लंबी समुद्र तटीय रेखा के कारण महासागरीय जल परिवहन का विकास अधिक हुआ है भारत में 12 प्रमुख बंदरगाह तथा 185 छोटे बंदरगाह है जिनमें भारत का अधिकतर समुद्री व्यापार होता है भारत में भार के अनुसार लगभग 95% तथा मूल्य के अनुसार 70% विदेशी व्यापार महासागरीय मार्गों द्वारा होता है।

3. वायु परिवहन 

वायु परिवहन परिवहन का सबसे तीव्रतम एवं आधुनिक व मंहगा साधन है वायु परिवहन दुर्गम व दूरस्थ स्थानों पर पहुंच तथा प्राकृतिक आपदाओं से राहत हेतु उत्तम साधन है भारत में वायु परिवहन की शुरुआत 1911 में इलाहाबाद से नैनी (10 किलोमीटर) के बीच हुई जिससे केवल वायु डाक प्रचालन संपन्न किया गया था। भारत में वायु परिवहन का संचालन भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण करता है

1947- वायु परिवहन मुख्यतः 4 प्रमुख कंपनियों-इंडियन नेशनल एयरवेज, टाटा संस लिमिटेड, एयर सर्विसेज ऑफ इंडिया तथा डकन एयरवेज द्वारा उपलब्ध कराई जाती थी।

1951 - चार ओर कंपनियाँ भारत एयरवेज, हिमालयन एवीएशन लि., एयरवेज इंडिया तथा कलिंगा एयरलाइंस इस सेवा में शामिल हुई।

1953 - वायु परिवहन का राष्ट्रीयकरण करके दो निगम एयर इंडिया लिमिटेड तथा इंडियन एयरलाइंस का गठन किया गया। अब इंडियन एयरलाइंस का एयर इंडिया में विलय हो गया है।

वर्तमान में भारत में एयर इंडिया विमानन सेवाएँ उपलब्ध कराती है एयर इंडिया यात्रियों तथा नौभार यातायात दोनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय वायु सेवाएँ उपलब्ध कराता है। यह अपनी सेवाओं द्वारा विश्व के सभी महाद्वीपों को जोड़ता है।

पवन हंस

पवन हंस एक हेलीकॉप्टर सेवा है जो पर्वतीय क्षेत्रों में सेवारत है और उत्तर-पूर्व सेक्टर में व्यापक रूप से पर्यटकों द्वारा उपयोग में लाया जाता है। पवन हंस लिमिटेड मुख्यतः पेट्रोलियम सेक्टर के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएँ उपलब्ध कराता है।

पाइप लाइन परिवहन

भारत में पाइपलाइन द्वारा जल, खनिज तेल, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस तथा अन्य तरल पदार्थों का परिवहन किया जाता है भारत में पाइप लाइन द्वारा परिवहन का संचालन 1984 में स्थापित भारतीय गैस प्राधिकरण लिमिटेड करता है पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अधीन स्थापित आयल इंडिया लिमिटेड (ओ.आई.एल.) कच्चे तेल एवं प्राकृतिक गैस के अन्वेषण, उत्पादन और परिवहन में संलग्न है।

भारत की पाइपलाइने 

1.नाहरकटिया-नूनमति-बरौनी पाइपलाइन - यह भारत की प्रथम पाइपलाइन है जो असम के नाहरकटिया तेल कुओं से नूनमति रिफाइनरी तक 443 किलोमीटर तथा नूनमति से बरौनी (बिहार)तक 724 किलोमीटर तक बिछाई गई है इसकी कुल लंबाई 1167 किलोमीटर है (पुस्तक में 1157 किमी है )

2.सलाया-कोयली-मथुरा पाइपलाइन- 1256 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन मुंबई हाई व आयातित तेल को मथुरा (गुजरात ) रिफायनरी तक पहुंचाती है

3. मुंबई हाई-मुंबई-अंकलेश्वर-कोयली पाइपलाइन- मुंबई हाई से मुंबई तट तक तेल व गैस के लिए 210 किलोमीटर लंबी दो अलग-अलग पाइपलाइने है

4.हजीरा- विजयपुर -जगदीशपुर पाइपलाइन- यह विश्व की सबसे लंबी भूमिगत गैस पाइपलाइन है जिसकी लम्बाई 1750 किलोमीटर है यह पाइपलाइन हजीरा (महाराष्ट्र)- विजयपुर (मध्य प्रदेश) - जगदीशपुर (उत्तर प्रदेश) के मध्य है 

पाइपलाइन परिवहन के गुण

 1.पाइपलाइन परिवहन परिवहन का सुगम व सस्ता साधन है

3.पाइपलाइन द्वारा उबड़ खाबड़ मार्ग में भी परिवहन किया जाा सकता है

4.पाइपलाइन परिवहन की ऊर्जा की बचत होती है

5.समुद्री जल में भी पाइप लाइन बिछाई जा सकती है

6. पाइपलाइन परिवहन परिवहन प्रदूषण कम होता है

पाइपलाइन परिवहन के दोष 

1. पाइपलाइन परिवहन से केवल तरल पदार्थों का परिवन संभव है 

2.रिसाव की स्थिति में पाइपलाइनों की मरम्मत कर पाना काफी कठिन होता है। 

3. पाइपलाइन परिवहन का सुरक्षा एवं मरम्मत कार्य कठिन होता है

4. पाइप लाइनों को एक बार बिछाने के बाद उनकी क्षमता में वृद्धि नहीं की जा सकती।

संचार

दो या दो से अधिक व्यक्तियो के बीच सूचनाओं का आदान प्रदान संचार कहलाता है संचार के साधन को दो भागों में बांटा गया है

1.व्यक्तिक संचार तंत्र -एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक सूचना को पंहुचाने वाला साधन व्यक्तिक संचार साधन कहलाता है पत्र, टेलीफोन, इमेल, इंटरनेट, मोबाइल

2.जनसंचार संचार तंत्र -जनसाधारण तक सूचनाओं को पहुंचाने वाले साधन जनसंचार संचार तंत्र कहलाते हैं रेडियो, टेलीविजन, उपग्रह, समाचार पत्र आदि 

रेडियो- भारत में रेडियो का प्रसारण सन् 1923 में रेडियो क्लब ऑफ बाम्बे द्वारा प्रारंभ किया गया था। इसने लोगों के सामाजिक-संस्कृतिक जीवन में परिवर्तन ला दिया है। 1930 में इंडियन ब्रॉड कास्टिंग सिस्टम के अंतर्गत इस लोकप्रिय संचार माध्यम को अपने नियंत्राण में ले लिया। 1936 में इसे ऑल इंडिया रेडियो और 1957 में आकाशवाणी में बदला दिया गया। ऑल इंडिया रेडियो सूचना, शिक्षा एवं मनोरंजन से जुडे़ विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों को प्रसारित करता है। विशिष्ट अवसरों जैसे संसद तथा राज्य विधानसभाओं के सत्रों के दौरान विशेष समाचार बुलेटिनों को भी प्रसारित किया जाता है।

टेलीविजन (टी.वी.)-  सूचना के प्रसार और आम लोगों को शिक्षित करने में टेलीविजन प्रसारण एक अत्यधिक प्रभावी दृश्य-श्रव्य माध्यम के रूप में उभरा है। इसे 1959 में प्रारंभ किया गया था। सन् 1976 में टी.वी. को ऑल इंडिया रेडियो से विगलित कर दिया गया और इसे दूरदर्शन (डी.डी.) के रूप में एक अलग पहचान दी गई। इनसैट-1A (राष्ट्रीय टेलीविजन डीडी-1) के चालू होने के बाद समूचे नेटवर्क के लिए साझा राष्ट्रीय कार्यक्रमों की शुरुआत की गई और इन्हें देश-भर के पिछड़े और सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों तक विस्तारित किया गया।

उपग्रह संचार- पृथ्वी की कक्षा में कृत्रिम उपग्रहो के सफलतापूर्वक प्रक्षेण के पश्चात उपग्रहों के माध्यम से होने वाले संचार ने संचार तकनीकी के क्षेत्र में नवीन युग का आरंभ किया है

उपग्रह संचार प्रणाली ने विश्व के विभिन्न क्षेत्रों को एक दूसरे के निकट ला दिया तथा पृथ्वी के वे स्थान जहां पहुंचना असंभव था उन स्थानों को संचार प्रणाली से जोड़ दिया। उपग्रह संचार का उपयोग दूरदर्शन संचालन, मौसम का पूर्वानुमान लगाने, प्राकृतिक आपदाओं जानकारी, सीमा क्षेत्रों की चौकसी आदि में किया जाता है

भारत की उपग्रह प्रणाली को दो भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है

इंडियन नेशनल सेटेलाइट सिस्टम (INSAT) इनसैट स्थापना 1983 में हुई थी, एक बहुउद्देश्यीय उपग्रह प्रणाली है जो दूरसंचार, मौसम विज्ञान संबंधी अवलोकनों तथा विभिन्न अन्य आँकड़ों एवं कार्यक्रमों के लिए उपयोगी है।

इंडियन रिमोट सेंसिंग सेटेलाइट सिस्टम (IRS) आई आर एस उपग्रह प्रणाली मार्च 1988 में रूस के वैकानूर से IRS -1 A के प्रक्षेपण के साथ आरंभ हो गई थी।

भारत ने भी अपना स्वयं का प्रक्षेपण वाहन PSLV (पोलर सेटेलाइट लाँच वेहकिल) विकसित किया।

हैदराबाद स्थित नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (NRSC) आँकड़ों के अधिग्रहण एवं प्रक्रमण की सुविधा उपलब्ध कराती है।

 

 10.परिवहन तथा संचार                                pdf 



1.      भारत में कितने रेल मण्डल है ?

16 रेल मण्डल + 1 मेट्रो रेल मण्डल

2.      बड़ी लाइन में रेल पटरियों के बीच की दूरी कितनी होती है ।

1.616

3.      विश्व की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग कौनसी है

अटल टनल

4.      “भारतीय राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण” (NHAI) का गठन कब किया गया है

1995

5.      भारत में पाइप लाइन द्वारा परिवहन का संचालन कौन करता है

भारतीय गैस प्राधिकरण लिमिटेड

6.      राज्य महामार्गों का निर्माण और रखरखाव कौन करता है

राज्य सरकार

7.      भारत में रेडियो का प्रसारण कब  और किसके द्वारा प्रारंभ किया गया था ?

सन् 1923 में रेडियो क्लब ऑफ बाम्बे द्वारा

8.      भारत में रेल परिवहन (प्रथम रेल) की शुरुआत कब हुई ?

1853 में मुंबई से ठाणे (34 किलोमीटर)

9.      अन्तःनगरीय द्रुतगामी रेल मण्डल सेवा कौनसी है ?

मेट्रो रेल्व

10.  भारत के चार महानगरों को जोड़नेवाली सड़क है ?

स्वर्णिम-चतुर्भुज मार्ग

11.  पश्चिमी रेगिस्तान में  परिवहन साधनों का विकास कम विकास किन कारणों से हुआ है ?

विरल जनसंख्या के कारण

12.  भारत में सबसे लंबा राष्ट्रीय जलमार्ग (NW) कौन सा है ?

राष्ट्रीय जलमार्ग-1 - हल्दिया से इलाहाबाद तक 1620 किलोमीटर लंबा (गंगा नदी में)

13.  नागपुर योजना किस परिवहन से संबंधित है?

सड़क

14.  भारत में परिवहन का सबसे तीव्रतम, आधुनिक व मंहगा साधन कौनसा है ?

वायु परिवहन

15.  रोहा(महाराष्ट्र) से मंगलौर(कर्नाटक)के बीच बनाये गए रेलमार्ग का नाम लिखिए

कोंकण रेलमार्ग

16.  भारत में वायु परिवहन की सुविधाएं कौन प्रदान करता है ?

भारतीय विमान पतन प्राधिकरण

17.  मेट्रो रेल की शुरुआत कहाँ हुई ?

1972 में कलकत्ता

18.  वायु परिवहन का राष्ट्रीयकरण कब किया गया?

वायु परिवहन का राष्ट्रीयकरण,सन् 1953 में किया गया ।

19.  वर्तमान में मेट्रो रेल किन शहरों में संचालित है?

कलकत्ता,दिल्ली,चैन्नई,बेंगलूर, हैदराबाद व जयपुर

20.  नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (NRSC) कहाँ स्थित है ?

हैदराबाद

21.  परिवहन का कौनसा साधन दुर्गम व दूरस्थ स्थानों पर पहुंच तथा प्राकृतिक आपदाओं से राहत हेतु उत्तम साधन है ?

वायु परिवहन

22.  कोंकण रेलवे की लम्बाई कितनी है ?

760 किलोमीटर

23.  राष्ट्रीय जलमार्ग-2 किन दो स्थानों को जोड़ता है ?

धुबरी से सादिया तक 891 किलोमीटर (ब्रह्मपुत्र नदी में)

24.  भारत में वायु परिवहन कब शुरू हुई?

1911 में इलाहाबाद से नैनी के बीच

25.  राष्ट्रीय जल मार्ग -1 किस नदी पर किन दो स्थानों को जोड़ता है इसकी लम्बाई कितनी है  ?

गंगा नदी में पर  हल्दिया को इलाहाबाद से जोड़ता है इसकी 1620 किलोमीटर है

26.  परिवहन किसे कहते हैं ?

यात्रियों व सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाने व ले जाने की प्रकिया परिवहन कहलाती है

27.  भारत के वायु परिवहन के क्षेत्र में ‘एयर इंडिया’ व ‘इंडियन एयरलाइंस’ में अन्तर कीजिए

एयर इंडिया अंतर्राष्ट्रीय वायु सेवाउपलब्ध करती है ।जबकि इंडियन एयरलाइंस घरेलू सेवाएँ उपलब्ध कराती हैं ।

28.  HBJ/HVJ का पूरा नाम लिखिए

हजीरा-विजयपुरा-जगदीशपुर ।यह विश्व की सबसे लम्बी भूमिगत गैस पाइप लाइन (1750किमी) है

29.  परिवहन व संचार में अंतर लिखिए

यात्रियों व सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाने व ले जाने की प्रकिया परिवहन कहलाती है जबकि दो या दो से अधिक व्यक्तियो के बीच सूचनाओं का आदान प्रदान संचार कहलाता है

30.  सीमा सङक संगठन की स्थापना किस उद्देश्य से की गई?

1960 में सीमावर्ती सङको के निर्माण व रखरखाव के उद्देश्य से BRO की स्थापना की गई

31.  स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना क्या है?

यह भारत के चार महानगरों दिल्ली-मुंबई-चैन्नई-कोलकाता को 5846 किलोमीटर लम्बी चार/छ: लेन सड़क द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा जोङने की परियोजना है

32.  राष्ट्रीय महामार्ग किसे कहते है ?

वे महामार्गों जिनका निर्माण व रखरखाव केंद्र सरकार करती है तथा जिनका उपयोग अंतर्राज्यीय परिवहन तथा सामरिक क्षेत्रों तक रक्षा सामग्री एवं सेना के आवागमन के लिए होता है । राष्ट्रीय महामार्ग कहलाते है ये महामार्ग राज्यों की राजधानियों, प्रमुख नगरों, महत्वपूर्ण पत्तनों तथा रेलवे जंक्शनों को भी जोड़ते हैं ।

33.  पश्च जल (कडल) का अंतः स्थलीय जलमार्गों में क्या महत्व है ?

पश्च जल (कडल) का अंतः स्थलीय जलमार्गों में अपना एक विशिष्ट महत्व है । ये परिवहन का सस्ता साधन उपलब्ध कराने के साथ-साथ केरल में भारी संख्या में पर्यटकों को भी आकर्षित करते हैं । यहाँ की प्रसिद्ध नेहरू ट्रॉफी नौकादौड़ (वल्लामकाली) भी इसी पश्च जल में आयोजित की जाती है

34.  विश्व की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग कौनसी है ?

विश्व की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग अटल टनल है जिसकी लम्बाई 9.02 किलोमीटर है यह सुरंग सीमा सड़क संगठन द्वारा बनाई गयी है । यह सुरंग मनाली को लाहौल-स्पीति घाटी से जोड़ती है ।

35.  उत्तर-दक्षिण व पूर्व-पश्चिम गलियारा क्या है ?

उत्तर-दक्षिण गलियारा -श्रीनगर (जम्मू कश्मीर) से कन्याकुमारी (तमिलनाडु) को जोड़ता है इसकी लंबाई 4016 किमी है

पूर्व-पश्चिम गलियारा- यह सिलचर (असम) को पोरबंदर (गुजरात) से जोड़ता है इसकी लंबाई 3640 किमी है

36.  पवन हंस क्या है ?

पवन हंस एक हेलीकॉप्टर सेवा है जो पर्वतीय क्षेत्रों में सेवारत है और उत्तर-पूर्व सेक्टर में व्यापक रूप से पर्यटकों द्वारा उपयोग में लाया जाता है । पवन हंस लिमिटेड मुख्यतः पेट्रोलियम सेक्टर के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएँ उपलब्ध कराता है ।

37.  मेट्रो रेल क्या है ?

मेट्रो रेल का शुभारंभ 1972 में कोलकाता में हुआ यह अंत:नगरीय द्रुतगामी रेल सेवा है वर्तमान में कोलकाता, दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद तथा जयपुर में मेट्रो रेल का संचालन हो रहा है मेट्रो रेल का प्रचालन नगरीय केंद्रों के वायु प्रदूषण को नियंत्रण करने की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है ।

38.  कोंकण रेलवे परियोजना क्या है  ?

कोंकण रेल्वे -26 जनवरी 1998 में रोहा(महाराष्ट्र) से मंगलौर(कर्नाटक)के बीच 760 किलोमीटर लम्बे रेल मार्ग की शुरुआत की गई जो 146 नदियों व धाराओं, 2000 पुल व 91 सुरंगों से गुजरता है इस उद्यम में कर्नाटक, गोवा तथा महाराष्ट्र राज्य भागीदार हैं । इसे कोकण रेल्वे के नाम से जाना जाता है

39.  भारत के वायु परिवहन के क्षेत्र में ‘एयर इंडिया’ व ‘इंडियन’ के योगदान की विवेचना कीजिए

भारत में एयर इंडिया अंतर्राष्ट्रीय वायु सेवा प्रदान करती है । एयर इंडिया यात्रियों तथा नौभार यातायात दोनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय वायु सेवाएँ उपलब्ध कराता है । यह अपनी सेवाओं द्वारा विश्व के सभी महाद्वीपों को जोड़ता यह भारत से विश्व के अधिकतर देशों के लिए उड़ाने भरती है । इसके द्वारा यात्री एवं वस्तुओं दोनों का परिवहन होता है ।

इंडियन एयरलाइंस जिसे इंडियन भी कहा जाता है वह घरेलू सेवाएँ उपलब्ध कराती हैं । घरेलू उड़ानों के अलावा यह नेपाल, भूटान, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, म्यंमार के लिए भी वायु सेवाएँ प्रदान करता है ।

40.  भारत में “भारतीय राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण” (NHAI) क्या है इसका मुख्य कार्य लिखिए

1995 में भूतल परिवहन मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्तशासी निकाय “भारतीय राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण” (NHAI) का गठन किया गया है जो राष्ट्रीय महामार्गों के विकास, रख-रखाव तथा प्रचालन का कार्य करता है । यह राष्ट्रीय महामार्गों की गुणवत्ता सुधार के लिए एक शीर्ष संस्था है ।

41.  पटरियों के बीच दूरी के अनुसार रेलमार्गों को किस प्रकार बाँटा गया है ?

रेल्वे पटरी की चौड़ाई के आधार पर भारतीय रेल के तीन वर्ग बनाए गए हैं ।

1.बड़ी लाइन (Broad Guage)-बड़ी लाइन में रेल पटरियों के बीच की दूरी 1.616 मीटर होती है ।

2.मीटर लाइन (Meter Guage)-मीटर लाइन में रेल पटरियों के बीच की दूरी एक मीटर होती है ।

3.छोटी लाइन (Narrow Guage)-छोटी लाइन में रेल पटरियों के बीच की दूरी 0.762 मीटर या 0.610 मीटर होती है ।

42.  ग्राण्ड ट्रक रोङ किसने और क्यों  बनवाई  । यह किन स्थानों को जड़ती है ?

शेरशाह सूरी ने अपने साम्राज्य को सिंधु घाटी (पाकिस्तान) से लेकर बंगाल की सोनार घाटी तक सुदृढ़ एवं संघटित रखने के लिए शाही राजमार्ग ग्रांड ट्रंक (जी. टी.) रोड का निर्माण कराया था । जो कोलकाता को पेशावर से जोडती थी वर्तमान में यह अमृतसर से कोलकाता के बीच विस्तृत है जो दो खंडों में विभाजित है

1.राष्ट्रीय महामार्ग NH-1 दिल्ली से अमृतसर तक

2.राष्ट्रीय महामार्ग NH-2 दिल्ली से कोलकाता तक

43.  संचार से क्या अभिप्राय है ? इसके प्रकार लिखिए 

दो या दो से अधिक व्यक्तियो के बीच सूचनाओं का आदान प्रदान संचार कहलाता है संचार तंत्र को दो भागों में बांटा गया है

1.व्यक्तिक संचार तंत्र -एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक सूचना को पंहुचाने वाला साधन व्यक्तिक संचार साधन कहलाता है पत्र, टेलीफोन, इमेल, इंटरनेट, मोबाइल

2.जनसंचार संचार तंत्र -जनसाधारण तक सूचनाओं को पहुंचाने वाले साधन जनसंचार संचार तंत्र कहलाते हैं रेडियो, टेलीविजन, उपग्रह, समाचार पत्र आदि

44.  राष्ट्रीय महामार्गों व राज्य महामार्गों में अंतर लिखिए

1.राष्ट्रीय महामार्गों का निर्माण व रखरखाव केंद्र सरकार करती है जबकि राज्य महामार्गों का निर्माण और रखरखाव राज्य सरकार करती है

2.राष्ट्रीय महामार्ग राज्यों की राजधानियों, प्रमुख नगरों, महत्वपूर्ण पत्तनों तथा रेलवे जंक्शनों को भी जोड़ते हैं । जबकि राज्य महामार्ग राजधानी को जिला मुख्यालय से जोड़ती है

3.राष्ट्रीय महामार्गों की लंबाई कुल सड़कों की लंबाई की 2% है जबकि राज्य महामार्गों की लंबाई कुल सड़कों की लंबाई की 4% है

45.  भारतमाला परियोजना क्या है

भारतमाला सड़क परिवहन की एक प्रस्तावित वृहद् योजना है जो 2022 में पूरी होगी जिसमे निम्न प्रावधान है

1.तटवर्ती राज्यों की सड़कों का विकास/सीमावर्ती भागों तथा छोटे बंदरगाहों को जोड़ना ।

2.पिछडे़ इलाकों, धर्मिक, पर्यटन स्थलों को जोड़ना

3.सेतू भारतम परियोजना के अंतर्गत 1500 बड़े पुलों तथा 200 रेल ओवर ब्रिज/रेल अंडर ब्रिज का निर्माण ।

4.लगभग 900 कि.मी. के नए घोषित राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास के लिए जिला मुख्यालय जाडेऩे की योजना ।

46.  भारत के राष्ट्रीय जल मार्गों (आंतरिक जलमार्ग) के नाम लिखिए

1.राष्ट्रीय जलमार्ग-1 - हल्दिया से इलाहाबाद तक 1620 किलोमीटर लंबा (गंगा नदी में)

यह पटना तक यंत्रीकृत नौकाओं द्वारा तथा हरिद्वार तक साधारण नौकाओं द्वारा नौकायन योग्य है । यह तीन भागों में विभाजित है

हल्दिया-फरक्का - 560 कि.मी.    

फरक्का-पटना - 460 कि.मी.

पटना-इलाहाबाद - 600 कि.मी.

2.राष्ट्रीय जलमार्ग-2 - धुबरी से सादिया तक 891 किलोमीटर (ब्रह्मपुत्र नदी में) इसका भारत व बांग्लादेश साझेदारी में प्रयोग करते हैं ।

3.राष्ट्रीय जलमार्ग -3 - कोट्टापुरम से कोलम तक 168 किलोमीटर (पश्चिमी तट नहर में)इसके अंतर्गत पश्चिमी तट नहर (168 कि.मी.) के साथ चंपाकारा (14 कि.मी.) तथा उद्योग मंडल (23 कि.मी.) नहरें आती हैं ।

4.राष्ट्रीय जलमार्ग-4  - काकीनाडा से मरक्कानम तक 1078 किलोमीटर (गोदावरी और कृष्णा नदी)

5.राष्ट्रीय जलमार्ग- 5-  तलचर से धमरा तक 588 किमी (ब्राहमणी नदी )

47.  पाइप लाइन परिवहन के गुण व दोष लिखिए

पाइप लाइन परिवहन के गुण

1.पाइपलाइन परिवहन परिवहन का सुगम व सस्ता साधन है

2.पाइपलाइन द्वारा उबड़ खाबड़ मार्ग में भी परिवहन किया जाा सकता है

3.पाइपलाइन परिवहन की ऊर्जा की बचत होती है

4.समुद्री जल में भी पाइप लाइन बिछाई जा सकती है

5.पाइपलाइन परिवहन से प्रदूषण कम होता है

पाइपलाइन परिवहन के दोष

1.पाइपलाइन परिवहन से केवल तरल पदार्थों का परिवन संभव है

2.रिसाव की स्थिति में पाइपलाइनों की मरम्मत कर पाना काफी कठिन होता है ।

3.पाइपलाइन परिवहन का सुरक्षा एवं मरम्मत कार्य कठिन होता है

4.पाइप लाइनों को एक बार बिछाने के बाद उनकी क्षमता में वृद्धि नहीं की जा सकती ।

48.  भारत में वायु परिवहन की प्रमुख विशेषताओं को लिखें ।

1.यह यातायात का सबसे तीव्रगामी साधन है ।

2.इसके लिए मार्ग का निर्माण और रख-रखाव नहीं करना पड़ता है ।

3.अत्यधिक ऊँचाई पर उड़ने के कारण इसे प्राकृतिक बाधाओं का सामना नहीं करना पड़ता है । इससे पहाड़ों, मरुस्थलों, गहरे महासागरों और घने वनों को आसानी से पार कर लिया जाता है ।

4.परिवहन के अन्य साधनों की अपेक्षा इसका मार्ग समय के संदर्भ में छोटा होता है । इस कारण समय की बचत होती है

49.  भारत में परिवहन के प्रमुख साधन कौन से हैं? उनके विकास को प्रभावित करने वाले कारकों की विवेचना कीजिए

भारत में  परिवहन की निम्लिखित विधाएं है

1. स्थल परिवहन   (1) सड़क परिवहन             (2) रेल परिवहन      (3)पाइपलाइन परिवहन

2. जल परिवहन    (1) अन्तः स्थलीय जलमार्ग   (2) महासागरीय जलमार्ग

3. वायु परिवहन    (1) राष्ट्रीय वायुमार्ग                         (2) अन्तर्राष्ट्रीय वायुमार्ग

परिवहन के विकास को प्रभावित करने वाले कारक

1.आर्थिक कारक : परिवहन के साधनों के विकास में आर्थिक कारकों का महत्वपूर्ण योगदान है ।आर्थिक तथा प्रौद्योगिकी विकास में परिवहन मार्गों का महत्वपूर्ण योगदान है । खनिज एवं औद्योगिक बहुलता वाले क्षेत्रों में परिवहन मार्गों  का विकास अधिक होता है ।

2.भौगोलिक कारक :  अधिकांश उतरी भारतीय राज्यों तथा प्रमुख दक्षिण भारतीय राज्यों में सड़क व रेल परिवहन के साधनों  का घनत्व अधिक है । इसके विपरीत हिमालय पर्वतीय क्षेत्रों, उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों, मध्य प्रदेश तथा राजस्थान में घनत्व निम्न है । इसका महत्वपूर्ण कारण इन क्षेत्रों का भू -तल की प्रकृति है । मैदानी भागों में रेल व सड़क परिवहां का विकास अधिक हुआ है जबकि उबड़ खाबड़ पर्वतीय क्षेत्रों में रेल व सड़क मार्गों का विकास कम हुआ है  ।

3.राजनैतिक कारक :  सरकारी नीति व राजनैतिक इच्छा शक्ति व उद्देश्य का भी  परिवहन के साधनों के  विकास पर प्रभाव पड़ता है । सुदृढ़ राजनितिक इच्छा शक्ति से परिवहन के साधनों का विकास अधिक होता है  ।

4.सांस्कृतिक कारक : जिन क्षेत्रों में विरल जनसंख्या पाई जाती है वहां परिवहन साधनों  का विकास कम हुआ है जबकि जिन क्षेत्रों में सघन जनसंख्या पाई जाती है वहां परिवहन साधनों का विकास अधिक हुआ है इसी कारण पश्चिमी रेगिस्तान में  परिवहन साधनों का विकास कम विकास हुआ है क्योंकि वहाँ जनसंख्या निवास कम है ।

50.  जनसंचार संचार तंत्र के माध्यमो का वर्णन कीजिए 

1.रेडियो- भारत में रेडियो का प्रसारण सन् 1923 में रेडियो क्लब ऑफ बाम्बे द्वारा प्रारंभ किया गया था । इसने लोगों के सामाजिक-संस्कृतिक जीवन में परिवर्तन ला दिया है । 1930 में इंडियन ब्रॉड कास्टिंग सिस्टम के अंतर्गत इस लोकप्रिय संचार माध्यम को अपने नियंत्राण में ले लिया । 1936 में इसे ऑल इंडिया रेडियो और 1957 में आकाशवाणी में बदला दिया गया । ऑल इंडिया रेडियो सूचना, शिक्षा एवं मनोरंजन से जुडे़ विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों को प्रसारित करता है । विशिष्ट अवसरों जैसे संसद तथा राज्य विधानसभाओं के सत्रों के दौरान विशेष समाचार बुलेटिनों को भी प्रसारित किया जाता है ।

2.टेलीविजन (टी.वी.)- सूचना के प्रसार और आम लोगों को शिक्षित करने में टेलीविशन प्रसारण एक अत्यधिक प्रभावी दृश्य-श्रव्य माध्यम के रूप में उभरा है । इसे 1959 में प्रारंभ किया गया था । सन् 1976 में टी.वी. को ऑल इंडिया रेडियो से विगलित कर दिया गया और इसे दूरदर्शन (डी.डी.) के रूप में एक अलग पहचान दी गई । इनसैट-1A (राष्ट्रीय टेलीविजन डीडी-1) के चालू होने के बाद समूचे नेटवर्क के लिए साझा राष्ट्रीय कार्यक्रमों की शुरुआत की गई और इन्हें देश-भर के पिछड़े और सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों तक विस्तारित किया गया ।

3.उपग्रह संचार - पृथ्वी की कक्षा में कृत्रिम उपग्रहो के सफलतापूर्वक प्रक्षेण के पश्चात उपग्रहों के माध्यम से होने वाला  संचार उपग्रह संचार कहलाता है उपग्रह संचार प्रणाली ने विश्व के विभिन्न क्षेत्रों को एक दूसरे के निकट ला दिया तथा पृथ्वी के वे स्थान जहां पहुंचना असंभव था उन स्थानों को संचार प्रणाली से जोड़ दिया । उपग्रह संचार का उपयोग दूरदर्शन संचालन, मौसम का पूर्वानुमान लगाने, प्राकृतिक आपदाओं जानकारी, सीमा क्षेत्रों की चौकसी आदि में किया जाता है

51.  भारत के आर्थिक विकास में सड़कों की भूमिका का वर्णन  कीजिए

1.भारत में सड़क परिवहन द्वारा प्रतिवर्ष 85 % यात्री एवं 70% भार यातायात का परिवहन किया जाता है 

2.यह गांव को शहर से जोड़ने का बारहमासी परिवहन तंत्र है, जिससे कृषि उपकरण एवं खाद को गांव तक पहुंचाया जाता है ।

3.सड़क परिवहन द्वारा कृषिगत उत्पादों को बाजार तक पहुंचाया जाता है सड़क परिवहन द्वारा मण्डी के लिए कृषि उपजें व  उद्योगों के लिए कच्चा माल पहुँचाया जाता है 

4.सड़क परिवहन भारतीय सीमा पर सुरक्षा की दृष्टि से निगरानी एवं दुर्गम क्षेत्रों के आर्थिक विकास का कार्य भी करता है ।

5.सड़कें भारतीय व्यापार की जीवन रेखा के रूप में कार्य करती हैं । वे उपभोक्ताओं को उत्पादकों से जोड़ते हैं हैं । सड़कें विभिन्न क्षेत्रों को जोड़ती हैं, इसलिए वे औद्योगिक क्षेत्रों को कच्चे माल के उत्पादक क्षेत्रों, उपभोक्ताओं को उत्पादकों के साथ जोड़कर व्यापार को बढ़ावा देने में मदद करती हैं ।

6.सीमा सड़कों के निर्माण ने पड़ोसी देशों के साथ व्यापार को बढ़ाने में मदद की है और इस प्रकार अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को गति प्रदान की है ।

7.सड़कों की कनेक्टिविटी बढ़ने से न केवल प्रमुख उद्योगों के व्यापार में वृद्धि हुई है, बल्कि उन्हें निकटतम बाजारों तक पहुंच प्रदान करके लघु और मध्यम स्तर के उद्योगों को स्थापित करने में भी मदद मिली है । सड़कों ने देश के अंदरूनी हिस्सों को मुख्य भागों से जोड़ने और इस प्रकार अर्थव्यवस्था का विस्तार करने में मदद की है ।

8.सड़कें बंदरगाहों और वायुमार्गों की पूरक हैं । बंदरगाह और हवाई मार्ग भारत के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार होता  हैं, लेकिन बंदरगाहों और हवाई अड्डों को भारत के अंदरूनी हिस्सों को जोड़ने के लिए  सड़क परिवहन की महत्वपूर्ण भूमिका है 

52.  भारत में पाइपलाइन परिवहन का वर्णन कीजिए

भारत में पाइपलाइन द्वारा जल, खनिज तेल, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस तथा अन्य तरल पदार्थों का परिवहन किया जाता है भारत में पाइप लाइन द्वारा परिवहन का संचालन 1984 में स्थापित भारतीय गैस प्राधिकरण लिमिटेड करता है पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अधीन स्थापित आयल इंडिया लिमिटेड (ओ.आई.एल.) कच्चे तेल एवं प्राकृतिक गैस के अन्वेषण, उत्पादन और परिवहन में संलग्न है ।

भारत की पाइपलाइने

1.नाहरकटिया-नूनमति-बरौनी पाइपलाइन

यह भारत की प्रथम पाइपलाइन है जो असम के नाहरकटिया तेल कुओं से नूनमति रिफाइनरी तक 443 किलोमीटर तथा नूनमति से बरौनी (बिहार)तक 724 किलोमीटर तक बिछाई गई है इसकी कुल लंबाई 1167 किलोमीटर है (पुस्तक में 1157 किमी है )

2.सलाया-कोयली-मथुरा पाइपलाइन

1256 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन मुंबई हाई व आयातित तेल को मथुरा (गुजरात ) रिफायनरी तक पहुंचाती है

3.मुंबई हाई-मुंबई-अंकलेश्वर-कोयली पाइपलाइन

मुंबई हाई से मुंबई तट तक तेल व गैस के लिए 210 किलोमीटर लंबी दो अलग-अलग पाइपलाइने है

4.हजीरा- विजयपुर -जगदीशपुर पाइपलाइन

यह विश्व की सबसे लंबी भूमिगत गैस पाइपलाइन है जिसकी लम्बाई 1750 किलोमीटर है यह पाइपलाइन हजीरा (महाराष्ट्र)- विजयपुर (मध्य प्रदेश) - जगदीशपुर (उत्तर प्रदेश) के मध्य है

53.  भारत में जल परिवहन का वर्णन कीजिए

परिवहन का सबसे सस्ता साधन है क्योंकि इसमें परिवहन मार्ग के निर्माण एवं रखरखाव की समस्या नहीं है तथा भारी सामानों का सुरक्षित परिवहन होता है यह ईंधन-दक्ष तथा पारिस्थितिकी अनुकूल परिवहन प्रणाली है । भारत के जलमार्ग को दो भागों में विभक्त किया जा सकता है

A. अंतःस्थलीय जलमार्ग - भारत में 14,500 कि.मी. लंबा अंतःस्थलीय जलमार्ग नौकायन हेतु उपलब्ध है जो देश के परिवहन में लगभग 1% का योगदान देता है । इसके अंतर्गत नदियाँ, नहरें, पश्च जल तथा सँकरी खाड़ियाँ आदि आती हैं । भारत में राष्ट्रीय जलमार्ग के विकास व नियमन के लिए 1986 में भारतीय अन्त: स्थलीय जलमार्ग प्राधिकरण का गठन किया गया भारत में 6 राष्ट्रीय जलमार्ग बनाए गए

1.राष्ट्रीय जलमार्ग-1 - हल्दिया से इलाहाबाद तक 1620 किलोमीटर लंबा (गंगा नदी में)

2.राष्ट्रीय जलमार्ग-2 - धुबरी से सादिया तक 891 किलोमीटर (ब्रह्मपुत्र नदी में)

3.राष्ट्रीय जलमार्ग -3 - कोट्टापुरम से कोलम तक 168 किलोमीटर (पश्चिमी तट नहर में)

इसके अंतर्गत पश्चिमी तट नहर (168 कि.मी.) के साथ चंपाकारा (14 कि.मी.) तथा उद्योग मंडल (23 कि.मी.) नहरें आती हैं

4.राष्ट्रीय जलमार्ग-4  - काकीनाडा से मरक्कानम तक 1078 किलोमीटर (गोदावरी और कृष्णा नदी)

5.राष्ट्रीय जलमार्ग- 5-  तलचर से धमरा तक 588 किमी (ब्राहमणी नदी )

B.महासागरीय जल मार्ग- भारत में लंबी समुद्र तटीय रेखा के कारण महासागरीय जल परिवहन का विकास अधिक हुआ है भारत में 12 प्रमुख बंदरगाह तथा 185 छोटे बंदरगाह है जिनमें भारत का अधिकतर समुद्री व्यापार होता है भारत में भार के अनुसार लगभग 95% तथा मूल्य के अनुसार 70% विदेशी व्यापार महासागरीय मार्गों द्वारा होता है ।

54.  भारत में सड़क परिवहन का वर्णन कीजिए

सड़क परिवहन परिवहन के अन्य साधनों का आधार स्तंभ है भारत का सड़क जाल विश्व का दूसरा सबसे बड़ा सड़क-जाल है । इसकी कुल लंबाई लगभग 56 लाख कि.मी. है । भारत में सड़कों द्वारा प्रतिवर्ष 85% यात्री तथा 70% माल का परिवहन किया जाता है । छोटी दूरियों की यात्रा के लिए सड़क परिवहन अपेक्षाकृत अनुकूल होता है ।

निर्माण एवं रख-रखाव के उद्देश्य के आधार पर सड़कों को चार वर्गों में विभाजित किया गया है

1.राष्ट्रीय महामार्ग(NH)-राष्ट्रीय महामार्गों का निर्माण व रखरखाव केंद्र सरकार करती है राष्ट्रीय महामार्गों का उपयोग अंतर्राज्यीय परिवहन तथा सामरिक क्षेत्रों तक रक्षा सामग्री एवं सेना के आवागमन के लिए होता है । ये महामार्ग राज्यों की राजधानियों, प्रमुख नगरों, महत्वपूर्ण पत्तनों तथा रेलवे जंक्शनों को भी जोड़ते हैं । 1995 में भूतल परिवहन मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्तशासी निकाय “भारतीय राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण” (NHAI) का गठन किया गया है जो राष्ट्रीय महामार्गों के विकास, रख-रखाव तथा प्रचालन का कार्य करता है । यह राष्ट्रीय महामार्गों की गुणवत्ता सुधार के लिए एक शीर्ष संस्था है ।

राष्ट्रीय महामार्गों की लंबाई पूरे देश की कुल सड़कों की लंबाई की मात्र 2 प्रतिशत है परन्तु ये यातायात के 40% भाग का परिवहन होता है

2.राज्य महामार्गों (SH)-राज्य राजमार्ग -इन सड़कों का निर्माण और रखरखाव राज्य सरकार करती है ये सड़के राजधानी को जिला मुख्यालय से जोड़ती है राज्य महामार्गों की लंबाई पूरे देश की कुल सड़कों की लंबाई की 4% है

3.जिला सड़क मार्ग - ये सड़कें जिला मुख्यालय को जिले के अन्य स्थानों से जोड़ती है जिला सड़क मार्ग की लंबाई पूरे देश की कुल सड़कों की लंबाई की 14% है

4.ग्रामीण सड़कें- इन सड़कों की सर्वाधिक लंबाई है भारत की कुल सड़कों की लंबाई कालगभग 80 प्रतिशत हिस्सा ग्रामीण सड़कों के रूप में वर्गीकृत किया गया है । यह ग्रामीण क्षेत्रों को शहरों तथा कस्बों से जोड़ती है इस इन के विकास के लिए प्रधानमंत्री सड़क योजना का कार्य प्रगति पर है ये सड़कें ग्रामीण क्षेत्रों को आपस में जोड़ने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होती हैं

5.अन्य सड़के - अन्य सड़कों के अंतर्गत सीमांत सड़कें (सीमावर्ती सड़के) एवं अंतर्राष्ट्रीय महामार्ग आते हैं सीमांत सड़कों के निर्माण के लिए 1960 में सीमा सड़क संगठन BRO की स्थापना की गई जिसका प्रमुख उद्देश्य सीमावर्ती सड़कों का निर्माण करना व इनका रखरखाव करना है BRO ने पर्वतीय क्षेत्रों में चंडीगढ़ को मनाली (हिमाचल प्रदेश) तथा लेह (लद्दाख) से जोड़ने वाली सड़क बनाई है । सामरिक दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में सड़कें बनाने व रखरखाव करने के साथ-साथ बी.आर.ओ. अति ऊँचाइयों वाले क्षेत्रों में बर्फ हटाने का कार्य भी करता है अंतर्राष्ट्रीय महामार्गों का उद्देश्य पड़ोसी देशों के बीच भारत के साथ प्रभावी संपर्कों को उपलब्ध कराते हुए सद्भावपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देना है


 10.परिवहन तथा संचार                                pdf 

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