व्यापार दो स्तरों पर किया जा सकता है- 1. अंतर्राष्ट्रीय 2. राष्ट्रीय।
1. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार - विभिन्न राष्ट्रों के बीच राष्ट्रीय सीमाओं के आर-पार वस्तुओं और सेवाओं का आदान-प्रदान अंतरराष्ट्रीय व्यापार कहलाता है
राष्ट्रों को व्यापार करने की आवश्यकता उन वस्तुओं को प्राप्त करने के लिए होती है, जिन्हें या तो वे (देश) स्वयं उत्पादित नहीं कर सकते या जिन्हें वे अन्य स्थान से कम दामों में खरीद सकते हैं।
1. राष्ट्रीय संसाधनों में भिन्नता- विश्व में प्राकृतिक संसाधनों का वितरण बहुत असमान है। विश्व की भौगोलिक संरचना व जलवायु में भिन्नता के कारण विश्व में प्राकृतिक संसाधनों का असमान वितरण पाया जाता है कुछ देशो में कुछ संसाधन उनकी आवश्यकता से अधिक पाये जाते है, जैसे अरब देशो मे पैट्रोलियम के विशाल भण्डार है। वे पैट्रोलियम मे अभाव वाले देशो को उसका निर्यात कर देते है। इस प्रकार प्राकृतिक संसाधनों में असमानता अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का मुख्य आधार है।
3. आर्थिक विकास की प्रावस्था -आर्थिक विकास की विभिन्न अवस्थाओं में व्यापार की गई वस्तुओं का प्रकार व मात्रा बदल जाती है कृषि आधारित अर्थव्यवस्था वाले देश (विकासशील देश) कृषि उत्पादों का निर्यात और विनिर्माण वस्तुओं का आयात करते हैं इसी प्रकार औद्योगिक राष्ट्र (विकसित देश) विनिर्माण वस्तुओं का निर्यात व खाद्यान्न पदार्थों का आयात करते हैं
4. विदेशी निवेश की सीमा- विदेशी निवेश विकासशील देशों में व्यापार को बढ़ावा देता हैं इन देशों के पास पूंजी का अभाव होता है अतः विकसित देश इन देशों में पूंजी लगाते हैं और अपने लिए खाद्य पदार्थों एवं खनिजों का आयात सुनिश्चित करते हैं और अपने तैयार माल के लिए विकासशील देशों में बाजार तैयार करते हैं जिसके फलस्वरूप विकासशील एवं विकसित देशों के बीच व्यापार आगे बढ़ता है
5. परिवहन के साधनों का विकास- परिवहन के साधनों के विकास का व्यापार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है प्राचीन समय में परिवहन के साधनों का अभाव व्यापार को प्रतिबंधित करता था परंतु वर्तमान समय में परिवहन साधनों के विकास के कारण व्यापार में आश्चर्यजनक वृद्धि हुई है
1.व्यापार का परिमाण - व्यापार की गई वस्तुओं और सेवाओं का कुल मूल्य व्यापार का परिमाण कहलाता है
2 व्यापार संरचना या संयोजन - व्यापार संयोजन का अर्थ आयात व निर्यात की गई वस्तु व सेवाओं के प्रकार हैं
3. व्यापार की दिशा- व्यापार की दिशा से अभिप्राय उन देशों से होता है जिन देशों के साथ किसी देश का व्यापार होता है
व्यापार संतुलन
किसी देश के आयात व निर्यात मूल्यो में सम अंतर व्यापार संतुलन कहलाता है
यह दो प्रकार का होता है व्यापार संतुलन किसी देश द्वारा आयात व निर्यात की गई वस्तुओं और सेवाओं की मात्रा का प्रलेखन करता है
1. प्रतिकुल या ॠणात्मक व्यापार संतुलन- यदि किसी देश का आयात मूल्य निर्यात मूल्य से अधिक है तो इसे प्रतिकूल या ऋणात्मक व्यापार संतुलन कहते हैं ऋणात्मक संतुलन का अर्थ है कि देश वस्तुओं के क्रय पर विक्रय से अधिक व्यय करता है यह अंतिम रूप में वित्तीय संचय की समाप्ति को अभिप्रेरित करता है।
2. अनुकूल या धनात्मक व्यापार संतुलन -यदि किसी देश का निर्यात मूल्य आयात मूल्य से अधिक हो तो इसे अनुकूल या धनात्मक व्यापार संतुलन कहते है
यह कार्य व्यापारिक अवरोधों जैसे सीमा शुल्क को घटाकर किया जाता है। मुक्त व्यापार घेरलू उत्पादों एवं सेवाओं से प्रतिस्पर्धा करने के लिए सभी स्थानों से वस्तुओं और सेवाओं के लिए अनुमति प्रदान करता है।
डंप करना - डंप करना लागत की दृष्टि से नहीं वरन् भिन्न-भिन्न कारणों से अलग-अलग कीमत की किसी वस्तु को दो देशों में विक्रय करने की प्रथा डंप करना कहलाती है। मुक्त व्यापार के साथ सस्ते मूल्य की डंप की गई वस्तुएँ घरेलू उत्पादकों को नुकसान पहुँचाती है।
प्रशुल्क एवम् व्यापार समझौता (GATT)
विभिन्न देशों के मध्य अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को निर्बाध रूप से संचालित करने के उद्देश्य से 1 जनवरी 1995 को विश्व व्यापार संगठन की स्थापना की गई इसका मुख्यालय जिनेवा( स्विट्ज़रलैंड) में है विश्व व्यापार संगठन के दिसंबर 2005 में 149 देश सदस्य थे भारत इसका संस्थापक सदस्य है
विश्व व्यापार संगठन के आधारभूत कार्य
विश्व व्यापार संगठन अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए नियमो का निर्धारण करता है एवं सदस्य देशो के मध्य विवादों का निपटारा करता है
यह विश्व व्यापार के लिए प्रबंधक सलाहकार है एवं विश्व अर्थव्यवस्था पर कड़ी नजर रखता है
1. वस्तुओं
और सेवाओं का स्वैच्छिक आदान - प्रदान कहलाता है:
(अ)
परिवहन
(ब)
व्यापार
(स)
स्वैच्छिक
(द)
विनिमय। (ब)
2. असम
राज्य का जॉन बील मेला सम्भवतः भारत का एकमात्र मेला है, जो
जाना जाता है:
(अ)
पशु व्यापार के लिए
(ब)
वस्तु विनिमय व्यापार के लिए
(स)
कुत्तों के व्यापार के लिए
(द)
पूँजी विनिमय के लिए। (ब)
3. प्राचीन
समय में रेशम व्यापारिक मार्ग जोड़ता था:
[अ]
रोम को चीन से
[ब]
तेहरान को भारत से
[स]
बर्लिन को भारत से
[द]
काबुल को चीन से। [अ]
4. गैट
(GATT) को किस वर्ष में विश्व
व्यापार संगठन (WTO) में
रूपान्तरित किया गया?
[अ]
सन् 1995 में
[ब]
सन् 1948 में
[स]
सन् 1999 में
[द]
सन् 2001 में। [अ]
5. निम्न
में से कौन-सा मार्ग पत्तन है?
[अ]
त्रिपोली
[ब]
कोच्चि
[ग]
होनोलूलू
[द]
पत्तन [स]
6. (WTO)
विश्व
व्यापार संगठन का मुख्यालय कहां स्थित है ?
[अ]
न्यूयॉर्क
[ब]जिनेवा
[स]
नई दिल्ली
[द]
सिंगापुर [ब]
7. निम्नलिखित
में से कौनसा तेल पत्तन है ?
[अ]
माराकाइवो
[ब] लेबनान
[स]
त्रिपोली
[द]
उपरोक्त सभी [द]
8. निम्नलिखित
में से कौनसा आंत्रपो पत्तन है ?
[अ]
सिंगापुर
[ब]
रोटरडम
[स]
कोपेनहेगन
(4)
उपर्युक्त सभी [द]
9. संसार
के अधिकांश महान पत्तन इस प्रकार वर्गीकृत किए गए है-
[अ]
नौसेना पत्तन
[ब]
विस्तृत पत्तन
[स]
तैल पत्तन
[द]
औद्योगिक पत्तन [ब]
10. निम्नलिखित
महाद्वीपों में से किसी एक से विश्व व्यापार का सर्वाधिक प्रवाह होता है ?
[अ]
एशिया
[ब]
यूरोप
[स]
उत्तरी अमेरिका
[द]
अफ्रीका [स]
11. निम्न
में से कौनसा एक विश्राम पत्तन है ?
[अ]
गिपोली
[ब]
रोटरडम
[स]
कोपेनहेगन
[द]
होनोलूलू [द]
12. WTO
की
स्थापना कब हुई थी ?
[अ]
1995
[ब]
1948
[स]
1951
[द]
1965 [अ]
- विश्व के किस महाद्वीप में व्यापार का सर्वाधिक प्रवाह होता है ?
यूरोप - विभिन देशों से निर्यात के लिए लाए गए माल के संचयन करने वाले पत्तन कहलाते हैं ?आंत्रपो पत्तन
- कोच्चि व कारवाड किस प्रकार के पतन हैं ?नौ सेना पत्तन
- विश्व व्यापार संगठन का मुख्यालय कहां है ?
जिनेवा (स्विट्जरलैंड) - WTO का पूरा नाम क्या है ?
‘World Trade Organisation’ (विश्व व्यापार संगठन). - प्राचीन रेशम मार्ग किन देशों को जोड़ता था ?
रोम व चीन को - संसार के अधिकांश महान पत्तन किस वर्ग में वर्गीकृत किए गए हैं ?
विस्तृत पत्तन - किस महाद्वीप में से विश्व व्यापार का सर्वाधिक प्रवाह होता है ?
यूरोप - MFN का पूरा नाम लिखिए
सर्वाधिक पसंदीदा राष्ट्र (Most favourite Nation) - GATT का पुरा नाम लिखिए
General Agreement on Tariffs and Trade (प्रशुल्क एवम् व्यापार पर सामान्य समझौता) - व्यापार के स्तर कौन-कौन से हैं ?
व्यापार के दो स्तर होते हैं 1.राष्ट्रीय व्यापार 2.अंतरराष्ट्रीय व्यापार - अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के द्वार कौन होते हैं
समुद्री बन्दरगाह। - आयात और निर्यात के बीच मूल्य के अन्तर को क्या कहा जाता है
व्यापार सन्तुलन - जब निर्यात की जाने वाली वस्तुओं की अपेक्षा आयात की जाने वाली वस्तुओं का मूल्य अधिक होता है, तो व्यापार कहलाता है
ऋणात्मक व्यापार सन्तुलन। - डंप करना से क्या अभिप्राय है?डंप करना लागत की दृष्टि से नहीं वरन् भिन्न-भिन्न कारणों से अलग-अलग कीमत की किसी वस्तु को दो देशों में विक्रय करने की प्रथा डंप करना कहलाती है।
- व्यापार संतुलन किसका प्रलेखन करता है?
व्यापार संतुलन किसी देश द्वारा आयात व निर्यात की गई वस्तुओं एवं सेवाओं की मात्रा का प्रलेखन करता है - अंतर्राष्ट्रीय व्यापार किसे कहते हैं
विभिन्न राष्ट्रों के बीच राष्ट्रीय सीमाओं के आर-पार वस्तुओं और सेवाओं का आदान-प्रदान अंतरराष्ट्रीय व्यापार कहलाता है - मुक्त व्यापार किसे कहते हैं?
व्यापार हेतु अर्थव्यवस्थाओं को खोलने की प्रक्रिया को ‘मुक्त व्यापार’ या ‘व्यापारिक उदारीकरण’ कहते हैं। - विश्व व्यापार संगठन का गठन कब हुआ ?इसका पुराना नाम क्या था ?
विश्व व्यापार संगठन का गठन 1995 में हुआ। इसका पुराना नाम था गेट् (जनरल एग्रीमेंट ऑन ट्रेफिक एण्ड ट्रेंड) - ‘मुक्त व्यापार की स्थिति’ का अर्थ स्पष्ट करो ।
व्यापार हेतु अर्थव्यवस्थाओं को खोलने का कार्य मुक्त व्यापार या व्यापार उदारीकरण के रूप में जाना जाता है। यह कार्य व्यापारिक अवरोधों जैसे सीमा शुल्क को घटाकर किया जाता है। मुक्त व्यापार घेरलू उत्पादों एवं सेवाओं से प्रतिस्पर्धा करने के लिए सभी स्थानों से वस्तुओं और सेवाओं के लिए अनुमति प्रदान करता है। - अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के प्रकार लिखिए।
अंतरराष्ट्रीय व्यापार दो प्रकार का होता है
1.द्विपार्श्विक व्यापार -दो देशों द्वारा एक दूसरे के साथ किया जाने वाला व्यापार द्विपार्श्विक व्यापार कहलाता है
2.बहुपार्श्विक व्यापार -बहुत से व्यापारिक देशो के साथ किया जाने वाला व्यापार बहुपार्श्विक व्यापार कहलाता है - ऋणात्मक भुगतान सन्तुलन का होना किसी देश के लिए क्यों हानिकारक होता है?एक ऋणात्मक भुगतान सन्तुलन का अर्थ होगा कि देश. वस्तुओं के क्रय पर विक्रय अधिक खर्च करता है जो अन्तिम रूप में वित्तीय संचय की समाप्ति को अभिप्रेरित करता है। इसलिए ऋणात्मक भुगतान सन्तुलन का होना किसी देश के लिए हानिकारक होता है
- अंतर्देशीय व बाह्य पत्तन में अंतर लिखिएअंतर्देशीय पत्तन समुद्री तट से दूर अवस्थित होते हैं। ये समुद्र से एक नदी अथवा नहर द्वारा जुड़े होते हैं। इन पत्तनो तक चौरस तल वाले जहाज या बजरे द्वारा ही पहुंचा जा सकता है जबकि बाह्य पत्तन गहरे पानी के पत्तन हैं। ये वास्तविक पत्तनों से दूर गहरे समुद्रों में बनाए जाते हैं, क्योंकि जलपोत या तो अपने बड़े आकार के कारण या अधिक मात्रा में अवसाद हो जाने के कारण वास्तविक पत्तन तक नहीं पहुंच पाते।
- विश्व व्यापार संगठन के आधारभूत कार्य कौन-से हैं ?
विश्व व्यापार संगठन एकमात्र अन्तर्राष्ट्रीय संगठन है जो राष्ट्रों के मध्य वैश्विक नियमों को लागू करता है।विश्व व्यापार संगठन अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए नियमो का निर्धारण करता है
विश्व व्यापार संगठन सदस्य देशो के मध्य विवादों का निपटारा करता है
यह विश्व व्यापार के लिए प्रबंधक सलाहकार है एवं विश्व अर्थव्यवस्था पर कड़ी नजर रखता है - अंतरराष्ट्रीय व्यापार की हानियां लिखिए1.प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक विदोहन2. देश का एकांगी विकास3.विदेशी निर्भरता4. राजनितिक दासता5. विदेशी प्रतियोगिता का प्रतिकूल प्रभाव
- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लाभ लिखिए (Board Exam 2020)1. उत्पादन में वृद्धि-2. श्रम विभाजन व विशिष्टीकरण-3. बड़े पैमाने पर उत्पादन4. ज्ञान एवं संस्कृति का प्रस्पुफरण5.वस्तुओ व सेवाओं की उपलब्धता6.मूल्यों में समता7. उच्च रहन-सहन का स्तर
- व्यापार संतुलन से क्या अभिप्राय है समझाइए
किसी देश के आयात व निर्यात मूल्यो में सम अंतर व्यापार संतुलन कहलाता है
यह दो प्रकार का होता है
1.प्रतिकुल या ॠणात्मक व्यापार संतुलन- यदि किसी देश का आयात मूल्य निर्यात मूल्य से अधिक है तो इसे प्रतिकूल या ऋणात्मक व्यापार संतुलन कहते हैं
2.अनुकूल या धनात्मक व्यापार संतुलन -यदि किसी देश का निर्यात मूल्य आयात मूल्य से अधिक हो तो इसे अनुकूल या धनात्मक व्यापार संतुलन कहते है - प्रशुल्क एवम् व्यापार समझौता(GATT) क्या है समझाइए
गेट विश्व का पहला और विशाल अंतर्राष्ट्रीय व्यापारिक समझोता था। जिस पर 30 अक्टूबर 1947 को 96 देशों ने हस्ताक्षर किए। यह समझौता 1 जनवरी 1948 को लागू हुआ। इसका मुख्यालय जिनेवा में था। गेट एक बहुपक्षीय संधि थी जिसका गठन उच्च सीमा शुल्क व व्यापार में आने वाली बाधाओं से मुक्ति दिलाने के लिए किया गया । गेट एक ऐसी अंतर्राष्ट्रीय संस्था थी जिसने सदस्य देशो को एकत्रित होकर अपनी व्यापारिक समस्याओं पर विचार विमर्श करने व उनका समाधान ढूंढने के लिए एक मंच प्रदान किया है जनवरी 1995 को गेट विश्व व्यापार संगठन में बदल गया - अवस्थिति के आधार पर विश्व के पत्तनों को दो प्रकार में वर्गीकृत कीजिए1. अंतर्देशीय /आन्तरिक पत्तन : ये पत्तन समुद्री तट से दूर अवस्थित होते हैं। ये समुद्र से एक नदी अथवा नहर द्वारा जुड़े होते हैं। इन पत्तनो तक चौरस तल वाले जहाज या बजरे द्वारा ही पहुंचा जा सकता है उदाहरण – मानचेस्टर, ड्यूसबर्ग और कोलकाता2. बाह्य पत्तन – ये गहरे पानी के पत्तन हैं। ये वास्तविक पत्तनों से दूर गहरे समुद्रों में बनाए जाते हैं, क्योंकि जलपोत या तो अपने बड़े आकार के कारण या अधिक मात्रा में अवसाद हो जाने के कारण वास्तविक पत्तन तक नहीं पहुंच पाते। बोस्टन ऐसा ही पत्तन है। उदाहरणस्वरूप एथेंस तथा यूनान में इसके बाह्य पत्तन पिरेइअस एक उच्चकोटि का संयोजन है।
- अंतरराष्ट्रीय व्यापार के पक्ष लिखिए
1.व्यापार का परिमाण - व्यापार की गई वस्तुओं और सेवाओं का कुल मूल्य व्यापार का परिमाण कहलाता है
2 व्यापार संरचना या संयोजन -व्यापार संयोजन का अर्थ आयात व निर्यात की गई वस्तु व सेवाओं के प्रकार हैं
3. व्यापार की दिशा- व्यापार की दिशा से अभिप्राय उन देशों से होता है जिन देशों के साथ किसी देश का व्यापार होता है
4.व्यापार संतुलन- किसी देश के आयात व निर्यात मूल्य में समांतर व्यापार संतुलन कहलाता है व्यापार संतुलन किसी देश द्वारा आयात व निर्यात की गई वस्तुओं और सेवाओं की मात्रा का प्रलेखन करता है - विश्व व्यापार संगठन क्या है समझाइए
1.विश्व व्यापार संगठन की स्थापना 1 जनवरी 1995 मे हुई
2.इसका मुख्यालय जिनेवा( स्विट्ज़रलैंड) में है
3.विश्व व्यापार संगठन की स्थापना विभिन्न देशों के मध्य अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को निर्बाध रूप से संचालित करने के उद्देश्य से की गई
4.विश्व व्यापार संगठन अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए नियमो का निर्धारण करता है एवं सदस्य देशो के मध्य विवादों का निपटारा करता है
5.यह विश्व व्यापार के लिए प्रबंधक सलाहकार है एवं विश्व अर्थव्यवस्था पर कड़ी नजर रखता है
6.दिसंबर 2015 में विश्व व्यापार संगठन के 164 देश सदस्य थे भारत इसका संस्थापक सदस्य है
7.विश्व व्यापार संगठन उदारीकरण, भूमंडलीकरण व निजीकरण की एक अंतर्राष्ट्रीय कार्ययोजना है जिसकी सभी देश अनुपालन करते हैं - विशिष्टीकृत क्रियाकलापों के आधार पर पत्तनों को वर्गीकृत कीजिए।1. तैल पत्तन : ये पत्तन तेल के प्रक्रमण और नौ-परिवहन का कार्य करते हैं। इनमें से कुछ टैंकर पत्तन तथा कुछ तेल शोधन पत्तन हैं। वेनेजुएला में माराकाइबो, ट्यूनिशिया में एस्सखीरा, लेबनान में त्रिपोली टैंकर पत्तन हैं। पर्शिया की खाड़ी पर अबादान एक तेलशोधन पत्तन है।2. मार्ग पत्तन (विश्राम पत्तन) : ये ऐसे पत्तन हैं, जो मूल रूप से मुख्य समुद्री मार्गों पर विश्राम केंद्र के रूप में विकसित हुए, जहाँ पर जहाज पुन : ईंधन भरने, जल भरने तथा खाद्य सामग्री लेने के लिए लंगर डाला करते थे। बाद में, वे वाणिज्यिक पत्तनों में विकसित हो गए। अदन, होनोलूलू तथा सिंगापुर इसके अच्छे उदाहरण हैं।3. पैकेट स्टेशन : इन्हें फेरी-पत्तन भी कहते हैं। इनका छोटे समुद्री मार्ग से आने वाले यात्रियों को उतारने-चढ़ाने तथा डाक लाने व ले जाने के लिए प्रयोग किया जाता है। ये स्टेशन जोड़ों जलीय क्षेत्र के आरपार एक दूसरे के आमने-सामने स्थित होते हैं। उदाहरणस्वरूप - इंग्लिश चैनल के आरपार डोवर(इंग्लैंड) तथा कैलाइस(फ़्रांस)4.आंत्रापो पत्तन : ये पत्तन एक देश के माल को दूसरे देश में भेजने का कार्य करते हैं। ऐसे पत्तनों पर जो माल आता है, उसका गन्तव्य अन्य देश होते हैं, अत: उस माल का संचयन बड़े-बड़े गोदामों में किया जाता है और दूसरे देशों को भेजा जाता है। सिंगापुर एशिया के लिए, रोटरडम यूरोप के लिए और कोपेनहेगेन बाल्टिक क्षेत्र के लिए आंत्रापो पत्तन हैं।5. नौ सेना पत्तन : ये केवल सामारिक महत्त्व के पत्तन हैं। ये पत्तन युद्धक जहाजों को सेवाएँ देते हैं तथा उनके लिए मरम्मत कार्यशालाएँ चलाते हैं। कोच्चि तथा कारवाड़ भारत में ऐसे पत्तनों के उदाहरण हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के आधार /प्रभावित करने वाले कारक लिखिए
1.राष्ट्रीय संसाधनों में भिन्नता- विश्व की भौगोलिक संरचना व जलवायु में भिन्नता के कारण विश्व में राष्ट्रीय संसाधनों का असमान वितरण पाया जाता है जिसके कारण व्यापार होता है
2.जनसंख्या कारक- विश्व में जनसंख्या का असमान वितरण व विभिन्न संस्कृतियों के कारण व्यापार की गई वस्तु की मात्रा एवं प्रकार प्रभावित होते हैं सघन बस क्षेत्रों में उत्पादित माल का अधिकांश भाग स्थानीय बाजार में खप जाता है इसलिए वहां आंतरिक व्यापार अधिक व बाह्य व्यापार कम होता है कुछ विशिष्ट संस्कृतियों मे कला व हस्तशिल्प के विकास के कारण विशेष वस्तुओं का व्यापार होता है
3.आर्थिक विकास की प्रावस्था -आर्थिक विकास की विभिन्न अवस्थाओं में व्यापार की गई वस्तुओं का प्रकार व मात्रा बदल जात है कृषि आधारित अर्थव्यवस्था वाले देश (विकासशील देश) कृषि उत्पादों का निर्यात और विनिर्माण वस्तुओं का आयात करते हैं इसी प्रकार औद्योगिक राष्ट्र (विकसित देश) विनिर्माण वस्तुओं का निर्यात व खाद्यान्न पदार्थों का आयात करते हैं
4.विदेशी निवेश की सीमा- विदेशी निवेश विकासशील देशों में व्यापार को बढ़ावा देते हैं इन देशों के पास पूंजी का अभाव होता है अतः विकसित देश इन देशों में पूंजी लगाते हैं और अपने लिए खाद्य पदार्थों एवं खनिजों का आयात सुनिश्चित करते हैं और अपने तैयार माल के लिए विकासशील देशों में बाजार तैयार करते हैं जिसके फलस्वरूप विकासशील एवं विकसित देशों के बीच व्यापार आगे बढ़ता है
5.परिवहन के साधनों का विकास- परिवहन के साधनों के विकास का व्यापार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है प्राचीन समय में परिवहन के साधनों का अभाव व्यापार को प्रतिबंधित करता था परंतु वर्तमान समय में परिवहन साधनों के विकास के कारण व्यापार में आश्चर्यजनक वृद्धि हुई है
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