- मानव के लिए वायुमंडल का सबसे महत्वपूर्ण घटक निम्नलिखित में से कौन सा है-
(क) जलवाष्प (ख) धूलकण
(ग) नाइट्रोजन (घ) ऑक्सीजन (क) - निम्नलिखित में से वह प्रक्रिया कौन सी है जिसके द्वारा जल, द्रव से गैस में बदल जाता है-
(क) संघनन (ख) वाष्पीकरण
(ग) वाष्पोत्सर्जन (घ) अवक्षेपण (ख) - निम्नलिखित में से कौन सा वायु की उस दशा को दर्शाता है जिसमें नमी उसकी पूरी क्षमता के अनुरूप होती है-
(क) सापेक्ष आर्द्रता (ख) निरपेक्ष आर्द्रता
(ग) विशिष्ट आर्द्रता (घ) संतृप्त हवा (घ) - निम्नलिखित प्रकार के बादलों में से आकाश में सबसे ऊँचा बादल कौन सा है?
(क) पक्षाभ (ख) वर्षा मेघ
(ग) स्तरी (घ) कपासी (क) - वर्षण के तीन प्रकारों के नाम लिखें|
वर्षण के तीन प्रकार निम्नलिखित हैं:
1. संवहनीय वर्ष
2. पर्तीय वर्ष
3. चकवाती वर्ष - सापेक्ष आर्द्रता की व्याख्या कीजिए|
दिए गए तापमान पर वायु की जल धारण करने की क्षमता की तुलना में उस वायु में उपसिथत जलवाष्प की मात्रा के प्रतिशत को सापेक्ष आर्द्रता कहा जाता है।
सापेक्ष आर्द्रता दिए गए तापमान पर वायु में उपस्थित जलवाष्प की मात्रा तथा उसी तापमान पर उसी वायु की जल धारण करने की क्षमता का अनुपात होता हैं इसे प्रतिशत में व्यक्त किया जाता है। इसे निम्न सूत्र द्वारा व्यक्त कर सकते हैं
सापेक्ष आर्द्रता = वायु में उपस्थित जलवाष्प की मात्रा X 100
वायु की जलवाष्प धारण करने की क्षमता
सापेक्ष आर्द्रता जलवाष्प की मात्रा एवं वायु के तापमान पर निर्भर करता है वायु में जलवाष्प की मात्रा अधिक होने पर सापेक्ष आर्द्रता अधिक होती है वायु का तापमान कम होने पर सापेक्ष आर्द्रता बढ़ जाती है एवं तापमान बढ़ जाने पर सापेक्ष आर्द्रता कम हो जाती है यह महासागरों के उपर सबसे अधिक तथा महाद्वीपों के उपर सबसे कम होती है। - ऊँचाई के साथ जलवाष्प की मात्रा तेजी से क्यों घटती है?
ऊँचाई के साथ-साथ तापमान घटने के कारण आर्द्र हवा ठंडी होती है और उसमे जलवाष्प को धारण करने की क्षमता समाप्त हो जाती है। जिसके कारण वाष्पीकरण की दर घटती जाती है अतः ऊँचाई पर जाने पर हवा ठण्डी होने के कारण उसमे जलवाष की मात्रा तेजी से घटने लगती है - बादल कैसे बनते हैं? बादलों का वर्गीकरण कीजिए|
बादल पानी की छोटी बूँदों या बर्फ के छोटे रवों की संहति होता है जो कि पर्याप्त ऊँचाई पर स्वतंत्र हवा में जलवाष्प के संघनन के कारण बनते हैं|
इनकी ऊँचाई, विस्तार, घनत्व तथा पारदर्शिता या अपारदर्शिता के आधार पर बादलों को चार रूपों में वर्गीकृत किया जाता है-
पक्षाभ मेघ
कपासी मेघ
स्तरी मेघ
वर्षा मेघ - विश्व के वर्षण वितरण के प्रमुख लक्षणों की व्याख्या कीजिए|
एक साल में पृथ्वी की सतह पर अलग-अलग भागों में होने वाली वर्षा की मात्रा भिन्न-भिन्न होती है तथा यह अलग-अलग मौसमों में भी होती है|
जब हम विषुवत् वृत्त से ध्रुव की तरफ जाते हैं, वर्षा की मात्रा धीरे-धीरे घटती जाती है|
विश्व के तटीय क्षेत्रों में महाद्वीपों के भीतरी भागों की अपेक्षा अधिक वर्षा होती है|
विश्व के स्थलीय भागों की अपेक्षा महासागरों के ऊपर वर्षा अधिक होती है, क्योंकि वहाँ पानी के स्रोत की अधिकता के कारण वाष्पीकरण की क्रिया लगातार होती रहती है|
विषुवतीय प्रदेश, उष्ण कटिबन्धीय पूर्वी तटीय क्षेत्र तथा शीतोष्ण कटिबन्धीय पश्चिमी तटीय प्रदेशों में अधिक वर्षा होती है।
उच्च भूमियों के पवनाभिमुख ढालों पर भारी वर्षा होती हैः जबकि पवनविमुख ढालों पर बहुत कम वर्षा होती है - संघनन के कौन-कौन से प्रकार हैं? ओस एवं तुषार के बनने की प्रक्रिया की व्याख्या कीजिए|
जलवाष्प का जल के रूप में बदलना संघनन कहलाता है| ऊष्मा का ह्रास ही संघनन का कारण बनता है|
ओस, कोहरा, तुषार एवं बादल संघनन के प्रकार हैं|
ओस का निर्माण : जब आर्दता धरातल के उपर हवा म संघनन केद्रकों पर संघनित न होकर ठोस वस्तु जैसे पत्थर, घास, तथा पौधों की पत्तियों को ठंडी सतहों पर पानी की बूँदों के रूप में जमा होती है तब इसे ओस के नाम से जाना जाता है| इसके बनने के लिए सबसे उपयुक्त अवस्थाएँ साफ आकाश, शांत हवा, उच्च सापेक्ष आर्दता तथा ठंडी एवं लंबी रातें है| ओस के बनने के लिए यह आवश्यक है कि ओसांक जमाव बिदु से उपर हो|
तुषार का निर्माण : तुषार ठंडी सतहों पर बनता है जब संघनन तापमान के जमाव बिदु से नीचे (0° से.) चले जाने पर होता है, अर्थात् ओसांक जमाव बिंदु पर या उसके नीचे होता है| अतिरिक्त नमी पानी की बूँदों की बजाय छोटे-छोटे बर्फ के रवों के रूप में जमा होती है| उजले तुषार के बनने की सबसे उपयुक्त अवस्थाएँ, ओस के बनने की अवस्थाओं के समान हैं, केवल हवा का तापमान जमाव बिंदु पर या उससे नीचे होना चाहिए|
10.वायुमंडल में जल
Monday, September 09, 2024
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sir ba second year of geography ka bhai note aplod kijye sir ji please 🥺🥺🥺🥺
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