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6. तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलाप


तृतीयक क्रियाकलाप- विभिन्न समुदायों को दी जाने वाली व्यक्तिगत तथा व्यावसायिक सेवाएं तृतीयक क्रियाकलाप कहलाते है ततृीयक क्रियाकलापों मे उत्पादन आरै विनिमय दोनों सम्मिलित होते हैं। उत्पादन में सेवाओं की उपलब्धता शामिल होती है जिनका उपभोग किया जाता है। उत्पादन को परोक्ष रूप से पारिश्रमिक और वेतन के रूप में मापा जाता है। विनिमय के अंतर्गत व्यापार, परिवहन और संचार सुविधाएँ सम्मिलित होती हैं जिनका उपयोग दूरी को निष्प्रभाव करने के लिए किया जाता है। इसलिए तृतीयक क्रियाकलापों में मूर्त वस्तुओं के उत्पादन के बजाय सेवाओं का व्यावसायिक उत्पादन सम्मिलित होता है। तृतीयक क्रियाकलाप सेवा सेक्टर से संबंधित हैं। अधिकांश तृतीयक क्रियाकलापों का निष्पादन कुशल श्रमिकव्यावसायिक दृष्टि से प्रशिक्षित विशेषज्ञ और परामर्शदाताओं द्वारा होता है। एक नलसाज, बिजली मिस्त्राी, तकनीशियन, धाबी, नाई, दुकानदार, चालक, कोषपाल, अध्यापक, डॉक्टर, वकील और प्रकाशक इत्यादि का काम इनका सामान्य उदाहरण हैं। 

तृतीयक क्रियाकलापों के प्रकार

व्यापार व वाणिज्य,परिवहन, संचार तथा प्रत्यक्ष सेवाएं

व्यापार और वाणिज्य

अन्यत्र उत्पादित वस्तुओं का क्रय तथा विक्रय व्यापार कहलाता हैं। व्यापार का मुख्य उद्देश्य धन कमाना है। व्यापार का काम कस्बों तथा नगरों में होता है, जिन्हें व्यापारिक केन्द्र कहते हैं। व्यापारिक केन्द्र ग्रामीण अथवा नगरीय हो सकते हैं।

(क) ग्रामीण विपणन केन्द्र- ये निकटवर्ती ग्रामीण बस्तियों की आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं। ये अत्यंत अल्पवर्धित प्रकार के व्यापारिक केन्द्र होते हैं  जहाँ पर व्यक्तिगत एवं व्यावसायिक सेवाएँ सुविकसित नहीं होती। ये स्थानीय संग्रहण और वितरण के केंद्र होते हैं। इनमें से अधिकांश केन्द्र मंडियाँ (थोक व्यापार) तथा फुटकर व्यापार के केन्द्र होते हैं। ये निकटवर्ती क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीण लोगों की सेवा करते हैं।

आवधिक बाजार–जिन ग्रामीण क्षेत्रों में नियमित बाजार नहीं होते हैं, वहाँ पर विभिन्न कालिक अन्तरालों पर स्थानीय आवधिक बाजार लगाए जाते हैं। ये बाजार साप्ताहिक या पाक्षिक होते हैं। ये बाजार आस-पास के ग्रामीण लोगों की आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं। ये बाज़ार  निश्चित समयावधि पर एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाते रहते हैं। इस प्रकार दुकानदार एक विस्तृत क्षेत्र की सेवा करते हैं और सभी दिन व्यस्त रहते हैं। 

(ख) नगरीय बाज़ार केन्द्र- ये नगरों में स्थित होते हैं और नगरवासियों की सेवा करते हैं। इनमें साधारण वस्तुओं के अतिरिक्त विशिष्ट वस्तुएँ एवं सेवाएँ भी उपलब्ध होती हैं जैसे श्रम बाजार, आवासन, अर्ध-निर्मित एवं निर्मित उत्पादों का बाजार। इनमें शैक्षिक संस्थाओं और व्यावसायिकों की सेवाएँ जैसे- अध्यापक, वकील, परामर्शदाता, चिकित्सक, दाँतों का डॉक्टर और पशु चिकित्सक आदि उपलब्ध होते हैं।

व्यापार दो प्रकार के होते हैं

(i) फुटकर व्यापार  (ii) थोक व्यापार।

1. फुटकर व्यापार- इस प्रकार के व्यापार में उपभोक्ताओं को वस्तुओं का प्रत्यक्ष विक्रय किया जाता है। अधिकतर फुटकर व्यापार छोटी-बड़ी दुकानों, प्रतिष्ठानों और भण्डारों में संपन्‍न होता है।  लेकिन कुछ फुटकर व्यापार बिना भण्डारों और दुकानों के भी होता है; जैसे—फेरी, रेहड़ी, ट्रक, द्वार-से-द्वार, डाक आदेश, दूरभाष, स्वचालित बिक्री मशीनें तथा इंटरनेट फुटकर बिक्री के भंडार रहित उदाहरण हैं। 

2. थोक व्यापार- बिचौलिए, सौदागरों तथा पूर्तिकारों द्वारा बड़े पैमाने पर किए गए व्यापार को थोक व्यापार कहते है थोक व्यापार में सामान को सीधे ही श्रृंखला भंडारों से खरीदा जाता है। थोक विक्रेता प्रायः फुटकर विक्रेताओं को उधार देते हैं ऐसे अधिकतर छोटे दुकानदार थोक विक्रेता की पूँजी पर अपना कारोबार चलाते हैं। 

उपभोक्ता सहकारी समिति, विभागीय भंडार तथा श्रृंखला भंडार

1. उपभोक्ता सहकारी समिति - ये उपभोक्ता वस्तुओं से संबंधित हैं। ये फुटकर व्यापार में वृहत स्तर पर सबसे पहले नवाचार लाने वाले उपभोक्ता सहकारी समिति ही थी।

2. विभागीय भंडार - विभागीय भंडार एक बड़े पैमाने की फुटकर दुकान होती है जिसमें विभिन्न प्रकार के उत्पाद एक ही छत के नीचे खुदरा बिक्री के लिए उपलब्ध होते हैं। सम्पूर्ण भवन कई भंडारों अथवा अनुभागों में बांट दिया जाता है। प्रत्येक विभाग एक विशेष प्रकार की वस्तु तक ही अपनी क्रियाओ कों सीमित रखता है 

3. श्रृंखला भंडार- विभिन्‍न कार्यों के लिए अत्यधिक कुशल विशेषज्ञों द्वारा एक भंडार चलाने के अनुभवों को अन्य भंडार पर लागू करके अनेक जगह अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान चलाना श्रृंखला भंडार है। इनमे मितव्ययिता से व्यापारिक माल खरीदा जाता है।कई बार तो सीधे ही वस्तुओं का निर्माण कराया जाता है।

परिवहन

परिवहन वह व्यवस्था है, जिसमें वस्तुओं तथा सवारियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जाता है। परिवहन मनुष्य की गतिशीलता की मूलभूत आवश्यकता को पूरा करने हेतु निर्मित एक संगठित उद्योग है। यह अर्थव्यवस्था की महत्त्वपूर्ण कड़ी है। आज सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था परिवहन के उन्नत और सुलभ साधनों पर टिकी हुई है। तीव्र और सक्षम परिवहन से वस्तुओं के उत्पादन, वितरण तथा उपभोग में सुविधा होती है। 

परिवहन दूरी 

परिवहन दूरी को तीन तरीकों से मापा जाता है

1. किलोमीटर दूरी अथवा मार्ग की वास्तविक दूरी

2.समय दूरी अथवा एक मार्ग पर यात्रा करने में लगने वाला समय,

3.लागत दूरी अथवा मार्ग पर यात्रा का खर्चा 

परिवहन का चयन करते समय परिवहन में लगने वाले समय तथा लागत को आधार माना जाता है। 

परिवहन सेवाओं को प्रभावित करने वाले कारक

परिवहन सेवाओं को प्रभावित करने वाले दो प्रमुख कारक हैं –

(i) परिवहन की माँग - परिवहन के लिए माँग जनसंख्या के आकार पर निर्भर करती है। जनसंख्या का आकार जितना बड़ा होगा परिवहन की माँग उतनी ही अधिक होगी।

(ii) परिवहन का मार्ग-  परिवहन सदा सुनिश्चित मार्गों पर होता है। मार्ग नगरों, कस्बों, गाँवों, औद्योगिक केंद्रों और कच्चे माल, उनके मध्य व्यापार के प्रारूप, उनके मध्य भू-दृश्य की प्रकृति, जलवायु के प्रकार और मार्ग की लंबाई पर आनेवाले व्यवधानों को दूर करने के लिए उपलब्ध निधियों (मुद्रा) पर निर्भर करते हैं

परिवहन जाल-तंत्र 

परिवहन की विकसित व्यवस्था जिसमे विभिन्न स्थान परिवहन मार्गों से आपस में जुड़कर एक जाल की रचना करते हैं। जिसे परिवहन जाल-तंत्र कहते है परिवहन जाल-तंत्र नोड तथा योजक से मिलकर बनते हैं। 

नोड - दो अथवा अधिक मार्गों का संधि-स्थल, एक उद्गम बिंदु, एक गंतव्य बिंदु अथवा मार्ग के सहारे कोई बड़ा कस्बा नोड अथवा शीर्ष कहलाता है। 

योजक - दो नोडों को जोड़ने वाली सड़क योजक अथवा किनारा कहलाती है। एक विकसित जाल-तंत्र में अनेक योजक होते हैं

संचार सेवाएँ

दो या दो से अधिक व्यक्तियो के बीच सूचनाओं का आदान प्रदान संचार कहलाता है प्राचीन समय में संचार परिवहन के साधनों पर निर्भर था जहाँ परिवहन जाल-तत्रं सक्षम होता है वहाँ संचार का फैलाव सरल होता है। आधुनिक प्रौद्योगिकी के आधार पर मोबाइल, दूरभाष तथा उपग्रह जैसे आविष्कारों ने संचार को परिवहन से मुक्त कर दिया है। फिर भी पुराने तंत्रों के सस्ता होने के कारण संचार के सभी रूपों का साहचर्य अभी पूर्णरूप से समाप्त नहीं हुआ है। अत: समस्त संसार में अभी भी विशाल मात्रा में डाक का निपटारा डाकघरों द्वारा हो रहा है। 

प्रमुख संचार सेवाएँ

1. दूरसंचार – दूरसंचार का उपयोग वैद्युत प्रौद्योगिकी के विकास से जुड़ा है। दूरसंचार के अंतर्गत संदेशों

को शीघ्र ही भेजा जा सकता है जिससे संचार व्यवस्था में क्रांति आ गई है। सन्देशों की प्रेषण की गति ने संचार में क्रान्ति ला दी है। दूरसंचार के द्वारा सन्देश सप्ताहों की बजाय मिनटों में भेजे जाने लगे हैं। जिन समाचारों को भेजने में पहले कई सप्ताह लग जाते थे, वे अब कुछ ही मिनटों में भेजे जाते हैं। मोबाइल टेलीफोन के द्वारा सन्देश सीधे और तत्काल भेजे जाने लगे हैं। 

2. रेडियो और दूरदर्शन - रेडियो और दूरदर्शन समाचारों व चित्रों को संसार के कोने-कोने में अनेक श्रोताओं-दर्शकों तक पहुँचाते हैं; इसीलिए इन्हें जनसंचार के साधन कहा जाता है। ये विज्ञापन एवं मनोरंजन के लिए महत्त्वपूर्ण हैं।

3. समाचार-पत्र – समाचार पत्र विश्व के सभी कोनों से घटनाओं की खबरें पूरी दुनिया में पहुँचाते हैं।

4. उपग्रह – उपग्रह अन्तरिक्ष से सूचनाएँ लेकर सम्पूर्ण पृथ्वी पर पहुंचाते हैं। 

5. इण्टरनेट – इंटरनेट ने वैश्विक संचार तंत्र में वास्तव में क्रान्ति ला दी है।

सेवाएँ

सेवाएँ विभिन्‍न स्तरों पर दी तथा ली जाती हैं। कुछ सेवाएँ लोगों कोकुछ उद्योगों को तथा कुछ लोगों एवं उद्योगों दोनों को दी जाती हैं। उदाहरणतया, परिवहन तंत्र सबकी सेवा करता है। 

निम्नस्तरीय सेवाएँ जैस- पंसारी की दुकानें, धोबीघाट उच्चस्तरीय सेवाओं जैसे लेखाकार, परामर्शदाता और काय चिकित्सक जैसी अधिक विशिष्टीकृत सेवाओं की अपेक्षा अधिक सामान्य और विस्तृत होती हैं। सेवाओं का अपना मूल्य होता है और ये उन्हीं लोगों को उपलब्ध होती हैं, जो इनकी कीमत अदा कर सकते हैं। माली, धोबी और नाई शारीरिक श्रम करते हैं। अध्यापक, वकील, चिकित्सक, संगीतकार मानसिक श्रम करते हैं।

महामार्गों और पुलों का निर्माण और अनुरक्षण, अग्निशमन विभागों का अनुरक्षण, शिक्षा की पूर्ति व पर्यवेक्षण और ग्राहक-सेवा आदि महत्त्वपूर्ण सेवाएँ हैं। इनका पर्यवेक्षण अथवा निष्पादन प्राय: सरकारें अथवा कंपनियाँ करती हैं। परिवहन, दूरसंचार, ऊर्जा और जलापूर्ति जैसी सेवाओं के लिए केंद्रीय एवं राज्य सरकारें निगमों का गठन करती हैं। स्वास्थ्य सेवा, अभियांत्रिकी, विधि और प्रबंधन व्यावसायिक सेवाएँ हैं। 

मनोरंजनात्मक और प्रमोद सेवाओं की स्थिति बाज़ार पर निर्भर करती है। 

मल्टीप्लेक्स और रेस्तराओं की स्थिति केंद्रीय व्यापार क्षेत्र (CBD)के अंदर अथवा निकट हो सकती है, जबकि गोल्फ कोर्स ऐसे स्थान पर बनाया जाएगा, जहाँ भूमि की लागत केन्द्रीय व्यापार क्षेत्र की अपेक्षा कम होगी।

असंगठित क्षेत्र

अकुशल श्रमिक रोज़गार की तलाश में गाँवों से शहरों की ओर प्रस्थान करते हैं और शहरों में लोगों के दैनिक जीवन के काम को सुविधाजनक बनाने के लिए व्यक्तिगत सेवाएँ उपलब्ध कराते हैं। लोगों को उनके दैनिक जीवन को सुविधाजनक बनाने के लिए दी जाने वाली सेवाएँ व्यक्तिगत सेवाएँ कहलाती हैं। ये अकुशल श्रमिक मोची, गृहपाल, खानसामा, माली आदि जैसे निम्न श्रेणी का काम करते है इन्हें कम भुगतान किया जाता है। कर्मियों का यह वर्ग असंगठित है। जैसे मुंबई की डब्बेवाली सेवा लगभग ।,75 ,000 उपभोक्ताओं की सेवा करती है। 

तृतीयक क्रियाकलापों में संलग्न लोग

विकासशील देशों की अपेक्षा विकसित देशों में सेवा में संलग्न लोगों का अनुपात अधिक है। संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे विकसित देश में 75 प्रतिशत से भी अधिक कर्मी सेवाओं में लगे हुए हैं। जबकि अल्पविकसित देशों में 10 प्रतिशत से भी कम लोग इस सेवा क्षेत्र में लगे हुए हैं इस सेक्टर में रोजगार की प्रवृत्ति बढ़ रही है जबकि प्राथमिक और द्वितीयक क्रियाकलापों में यह अपरिवर्तित है अथवा घट रही है।

कुछ चयनित उदाहरण

पर्यटन - मनोरंजन या प्रमोद के लिए की गई यात्रा ‘पर्यटन’ कहलाती है। यह विश्व का अकेला सबसे बड़ा तृतीयक क्रियाकलाप बन गया है। पर्यटकों के आवास, भोजन, परिवहन, मनोरंजन तथा दुकानों जैसी सेवा उपलब्ध कराने के लिए अनेक स्थानीय व्यक्तियों को रोजगार मिलाता है।

पर्यटक प्रदेश

यूरोप में भूमध्यसागरीय तटीय प्रदेश तथा भारत में पश्चिमी तटीय भाग पर्यटन की दृष्टि से विश्व भर में विख्यात हैं। अन्य में पर्वतीय क्षेत्रों में शीतकालीन खेल प्रदेश, मनोहर दृश्य भूमियाँ, राष्ट्रीय उद्यान आदि प्रमुख हैं। स्मारकों, विरासत स्थलों और सांस्कृतिक गतिविधियों के कारण ऐतिहासिक नगर भी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।

पर्यटन को प्रभावित करने वाले कारक

मार्ग और परिवहन दो ऐसे महत्त्वपूर्ण कारक हैं, जो पर्यटन को प्रभावित करते हैं।

(क ) माँग- जीवन स्तर में सुधार एंव आय में वृद्धि के कारण पर्यटन की प्रवृत्ति बढी है। पिछली एक शताब्दी में जीवन स्तर में सुधार तथा फुरसत के समय में वृद्धि होने से पर्यटन के लिए माँग में बहुत वृद्धि हुई है।

(ख ) परिवहन-परिवहन पर्यटन के सुधार के लिए आधारभूत कारक हैं। परिवहन में उन्नति होने से पुराने पर्यटन स्थल अधिक महत्त्वपूर्ण हो जाते हैं और कई नए पर्यटन स्थल विकसित हो जाते हैं। अच्छी सड़कों पर यात्रा करना काफी सुविधाजनक होता है। वायु परिवहन द्वारा शीघ्र ही विश्व के किसी भी कोने तक पहुँचा जा सकता है। 

पर्यटन आकर्षण

पर्यटक अपनी रुचि और इच्छाओं को पूरा करने के लिए पर्यटन पर निकलते हैं; इसलिए अनेक प्राकृतिक और मानवकृत भू-दृश्य पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। इनमें से प्रमुख निम्नलिखित हैं

1. जलवायु- पर्यटकों के लिए जलवायु का सापेक्षिक महत्त्व है। गर्म इलाकों के पर्यटक ठंडे इलाकों की ओर जाते हैं। जबकि ठंडे इलाकों के पर्यटक गर्म इलाकों में जाते हैं, ठण्डे देशों के पर्यटकों को गुनगुनी धूप में पुलिनों पर मौज-मस्ती की इच्छा होती है। यही कारण है कि उत्तरी यूरोप के पर्यटक दक्षिणी यूरोप और भूमध्यसागर के तटों पर छुट्टियाँ बिताते हैं। इस समय भूमध्य सागर के तट पर यूरोप के अन्य भागों की तुलना में तापमान निरन्तर ऊँचा रहता हैं। मौसम धूपवाला और वर्षारहित रहता है। 

2. भू-दृश्य-कई पर्यटकों के लिए भू-दृश्य का बड़ा महत्त्व है, क्योंकि यह पर्यटकों को प्रकृति के निकट लाता है। पर्वत, झीलें, समुद्री तट आदि भू-दृश्य के महत्त्वपूर्ण उदाहरण हैं।

3. इतिहास तथा कला- किसी भी क्षेत्र का इतिहास तथा कला पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। इतिहास एवं कला में रुचि रखनेवाले पर्यटक प्राचीन और सुंदर नगरों, पुरातात्त्विक स्थलों पर जाते हैं और किलों, महलों और गिरिजाघरों को देखकर आनंद उठाते हैं।

4. संस्कृति एवं अर्थव्यवस्था- संस्कृति एवं अर्थव्यवस्था उन पर्यटकों को आकर्षित करती हैं, जो मानवजातीय एवं स्थानीय रीति-रिवाजों में रुचि रखते हैं। इस प्रकार के सस्ते पर्यटन स्थल बहुत लोकप्रिय हो जाते हैं। 'घरों में रुकना' एक लाभदायक व्यापार बनकर उभरा है; जैसे-गोवा में हेरीटेज होम्स तथा कर्नाटक में मैडीकेरे और कूर्ग।

भारत में समुद्रपार रोगियों के लिए स्वास्थ्य सेवाएँ 

भारत तेजी से चिकित्सा पर्यटन की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण देश बनता जा रहा है। इसका मुख्य कारण यह है कि भारत के महानगरों में अवस्थित उच्चकोटि के विश्वस्तरीय अस्पताल संपूर्ण विश्व के रोगियों का उपचार करते हैं।यह उपचार बहुत ही कम कीमत में उपलब्ध है। भारत में सस्ता चिकित्सीय उपचार उपलब्ध होने के कारण पश्चिमी देशों से रोगी भारत में इलाज करवाने आते हैं। साथ ही चिकित्सीय उपचार में बचे धन से वे यहाँ के पर्यटक स्थलों का आनन्द लेते हैं। भारत, स्विट्ज़रलैंड और आस्ट्रेलिया के अस्पताल विकिरण बिंबों के अध्ययन से लेकर चुंबकीय अनुनाद बिंबों के निर्वचन और पराश्रव्य परीक्षणों तक की विशिष्ट चिकित्सा सुविधाओं को उपलब्ध करा रहे हैं। 

चिकित्सा पर्यटन

जब चिकित्सा उपचार को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन गतिविधि से संबंधित किया जाता है, तो इसे चिकित्सा पर्यटन कहते हैं।यह चिकित्सा पर्यटन की नवीनतम प्रवृत्ति है।भारत, थाइलैंड, मलेशिया, सिंगापुर आदि देशों को चिकित्सा पर्यटन से बहुत लाभ प्राप्त होते हैं


कार्य की प्रवृत्ति तथा कॉलर का रंग विभिन्‍न आर्थिक क्रियाएँ कॉलर के विभिन्‍न रंगों से पहचानी जाती है। इनका विवरण नीचे दिए गए बाक्स में है 

चतुर्थ क्रियाकलाप

अप्रत्यक्ष सेवाओं जैसे सूचना, अनुसंधान व विकास आधारित सेवाओं से संबंधित क्रियाकलाप चतुर्थक क्रियाकलाप कहलाते हैं चतुर्थ क्रियाकलापों के उदाहरण हैं – सूचना का संग्रहण, उत्पादन और प्रकीर्णन।कार्यालय भवनों, प्रारंभिक विद्यालयों, विश्वविद्यालयी कक्षाओं, अस्पतालों व डॉक्टरों के कार्यालयों, रंगमचों, लेखाकार्य और दलाली की फर्मों में काम करने वाले कर्मचारी इस वर्ग की सेवाओं से संबंध रखते हैं।

पंचम क्रियाकलाप 

नवीन व वर्तमान विचारों की रचना, उनका पुनर्गठन व व्याख्या, आंकड़ों की व्याख्या व प्रयोग तथा नई प्रौद्योगिकी के मूल्यांकन पर आधारित सेवाएं पंचम व्यवसाय कहलाती है

पंचम क्रियाकलाप में विषय विशेषज्ञ, परामर्शदाता, निर्णयकर्ता तथा नीति निर्धारण करने वाले लोगों को शामिल किया जाता है प्रायः ‘स्वर्ण कॉलर’ कहे जाने वाले ये व्यवसाय तृतीयक सेक्टर का एक और उप-विभाग हैं जो वरिष्ठ व्यावसायिक कार्यकारियों, सरकारी अधिकारियों, अनुसंधान वैज्ञानिकों, वित्त एवं विधि परामर्शदाताओं इत्यादि की विशेष और उच्च वेतन वाली कुशलताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्नत अर्थव्यवस्थाओं की संरचना में उनका महत्त्व उनकी संख्या से कहीं अधिक होता है।

बाह्यस्रोतन

बाह्यस्रोतन अथवा ठेका देना आर्थिक क्रियाओं की नवीन प्रवृत्ति है जिसमें लागतों को कम करने तथा दक्षता को बढ़ाने के लिए बाहरी अभिकरण को कार्य सौंपा जाता है। जब बाह्यस्रोतन का कार्य समुद्रपार के स्थानों से करवाया जाता है तो इसे ‘अपतटन’ कहते हैं। बाह्यस्रोतन मुख्यतः प्रौद्योगिकी, मानव संसाधन, ग्राहक सहायता और कॉल सेण्टर सेवाएँ और कई बार विनिर्माण तथा अभियान्त्रिकी के लिए किया जाता है। बह्यस्रोतन उन देशों में आ रहा है जहाँ सस्ता और कुशल श्रम उपलब्ध है 

पंचम सेवाओं की नवीन प्रवृत्तियों में ज्ञान प्रक्रमण बह्यस्रोतन (KPO) और ‘होम शोरिंग’ बह्यस्रोतन का विकल्प है। आँकड़ा प्रक्रमण सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित एक सेवा है जिसे आसानी से एशियाई, पूर्वी यूरोपीय और अफ्रीकी देशों में क्रियान्वित किया जा सकता है। इन देशों में विकसित देशों की अपेक्षा कम पारिश्रमिक पर अंग्रेजी भाषा में अच्छी निपुणता वाले सूचना प्रौद्योगिकी में कुशल कर्मचारी उपलब्ध हो जाता है। अतः हैदराबाद अथवा मनीला में स्थापित एक कंपनी भौगोलिक सूचना तंत्र की तकनीक पर आधारित परियोजना पर संयुक्त राज्य अमेरिका अथवा जापान जैसे देशों के लिए काम करती है। 

अंकीय विभाजक

विश्व के सभी देशों में सूचना एंव संचार प्रौधोगिकी समान रुप से विकसित नही है जिन देशों में सूचना एंव संचार प्रौधोगिकी विकसित है वहां लोगों को सूचना मिलने में तीव्रता होती है और वे विकसित प्रौधोगिकी के कारण आगे बढ. जाते है जबकि विकासशील देशों को आधुनिकतम सूचना एंव संचार प्रौधोगिकी आसानी से प्राप्त नही हो पाती और वे विकास की दौड. में पीछे रह जाते है। इस प्रकार विकसित तथा विकासशील देशों में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के अंतर विश्व के देशों को विभाजित कर देता है इसी को अंकीय विभाजक कहा जाता है। एक देश के विभिन्न राज्यों में इस तरह का विभाजन हो सकता है जैसे भारत तथा रूस जैसे विशाल देशों के महानगरीय केंद्रों में ग्रामीण इलाकों की अपेक्षा सूचना और संचार प्रौद्योगिकी अधिक विकसित है।

 7. तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलाप             pdf   

  1. उन्नत अर्थव्यवस्थाओं की संरचना में किस क्रियाकलाप का अधिक महत्व होता है
    पंचम क्रियाकलाप  का
  2. नलसाज, बिजली मिस्त्री, दुकानदार, डॉक्टर व वकील का काम किस प्रकार के क्रियाकलाप में आता है
    तृतीयक क्रियाकलाप  में
  3. प्रमुख तृतीयक क्रियाकलापों के नाम लिखिए 
    परिवहन, व्यापार व वाणिज्य, संचार तथा प्रत्यक्ष सेवाएं
  4. तृतीयक क्रियाकलाप किस क्षेत्र से संबंधित है 
     प्रत्यक्ष सेवा क्षेत्र
  5. किस क्रियाकलाप को सेवा श्रेणी व्यवसाय कहते हैं 
    तृतीयक क्रियाकलाप  को
  6. चतुर्थक आर्थिक क्रियाओं के नाम लिखिए
    प्रबंधन, सूचना, शोध, शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा
  7. अप्रत्यक्ष सेवा क्षेत्र से  कौन सा क्रियाकलाप संबंधित है
    चतुर्थक क्रियाकलाप 
  8. थोक व्यापार का गठन किसके द्वारा होता है 
    थोक व्यापार का गठन बिचौलिओ, सौदागरों तथा पूर्तिकारों द्वारा होता है 
  9. फुटकर व्यापार किस प्रकार की आर्थिक क्रियाकलाप है 
    तृतीयक क्रियाकलाप 
  10. उच्चतम स्तर के निर्णय लेने की क्रिया किस क्रियाकलाप से संबंधित है ?
    पंचम क्रियाकलाप
  11. सूचना एंव संचार प्रौधोगिकी का विकास पूरे विश्व में एक जैसा नहीं है इसके आधार पर विश्व का विभाजन क्या कहलाता है ?
    अंकीय विभाजन
  12. पर्यटन से क्या तात्पर्य है ?
    मनोरंजन या प्रमोद के लिए की गई यात्रा ‘पर्यटन’ कहलाती है।
  13. चतुर्थक क्रियाकलाप के प्रकार लिखिए 
    1. सूचना आधारित सेवा  2.अनुसंधान व विकास आधारित सेवा
  14. समकाल रेखाओं से क्या अभिप्राय है ?
    मानचित्र पर समान समय में पहुंचने वाले स्थानों को मिलाने वाली रेखाओं को 'समकाल रेखाएँ’ कहते हैं।
  15. व्यापार से क्या आशय है इसका प्रमुख उद्देश्य क्या है 
    अन्यत्र उत्पादित वस्तुओं का क्रय तथा विक्रय व्यापार कहलाता हैं। व्यापार का मुख्य उद्देश्य धन कमाना है। 
  16. परिवहन दूरी कैसे व्यक्त की जाती है ?
    परिवहन दूरी को किलोमीटर दूरी अथवा मार्ग की वास्तविक दूरी, समय दूरी अथवा एक मार्ग पर यात्रा करने में लगने वाला समय और लागत दूरी अथवा मार्ग पर यात्रा के खर्चे के रूप में व्यक्त की जाती है 
  17. पंचम क्रियाकलाप में किन लोगों को शामिल किया जाता है.
    पंचम क्रियाकलाप में विषय विशेषज्ञ, परामर्शदाता, निर्णयकर्ता तथा नीति निर्धारण करने वाले लोगों को शामिल किया जाता है
  18. बाह्यस्रोतन क्या है ?
    बाह्यस्रोतन अथवा ठेका देना आर्थिक क्रियाओं की नवीन प्रवृत्ति है जिसमें लागतों को कम करने तथा दक्षता को बढ़ाने के लिए बाहरी अभिकरण को कार्य सौंपा जाता है।
  19. चतुर्थक क्रियाकलाप किसे कहते हैं ?
    अप्रत्यक्ष सेवाओं जैसे सूचना, अनुसंधान व विकास आधारित सेवाओं से संबंधित व्यवसाय चतुर्थक क्रियाकलाप कहलाते हैं
  20. तृतीयक क्रियाकलाप किसे कहते हैं ? 
    विभिन्न समुदायों को दी जाने वाली व्यक्तिगत तथा व्यावसायिक सेवाएं तृतीयक क्रियाकलाप कहलाती है इस व्यवसाय में उत्पादन और विनिमय दोनों सम्मिलित होते हैं
  21. पंचम क्रियाकलाप किसे कहते हैं ?
    नवीन व वर्तमान विचारों की रचना, उनका पुनर्गठन व व्याख्या, आंकड़ों की व्याख्या व प्रयोग तथा नई प्रौद्योगिकी के मूल्यांकन पर आधारित सेवाएं पंचम क्रियाकलाप कहलाती है
  22. विश्व में चिकित्सा पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से उभरते हुए देशों के नाम लिखिए।
    भारत, थाईलैण्ड, सिंगापुर, मलयेशिया, स्विट्जरलैण्ड, ऑस्ट्रेलिया तथा मॉरीशस आदि।
  23. व्यापारिक केन्द्र किसे कहते हैं ?
    कस्बा तथा नगर जहाँ वस्तुओं का क्रय- विक्रय (व्यापार) होता है व्यापारिक केन्द्र कहलाता हैं। व्यापारिक केन्द्र ग्रामीण अथवा नगरीय हो सकते हैं।
  24. चिकित्सा पर्यटन क्या है ?
    जब चिकित्सा उपचार को अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन गतिविधि से सम्बद्ध कर दिया जाता है तो इसे सामान्यतः ‘चिकित्सा पर्यटन’ कहा जाता है।
  25. अपतटन से आप क्या समझते हैं ?
    जब बाह्यस्रोतन का कार्य समुद्रपार के स्थानों से करवाया जाता है तो इसे ‘अपतटन’ (Offshoring) कहा जाता है।
  26. तृतीयक क्रियाकलापों का निष्पादन कौन करता है 
    तृतीयक क्रियाकलापों का निष्पादन कुशल श्रमिक, व्यावसायिक दृष्टि से प्रशिक्षित विशेषज्ञ और परामर्शदाताओं द्वारा होता है।
  27. श्रृंखला भंडार क्या है ?
    विभिन्‍न कार्यों के लिए अत्यधिक कुशल विशेषज्ञों द्वारा एक भंडार चलाने के अनुभवों को अन्य भंडार पर लागू करके अनेक जगह अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान चलाना श्रृंखला भंडार है। 
  28. नोड व योजक किसे कहते हैं ?
    नोड - दो अथवा अधिक मार्गों का संधि-स्थल, एक उद्गम बिंदु, एक गंतव्य बिंदु अथवा मार्ग के सहारे कोई बड़ा कस्बा नोड अथवा शीर्ष कहलाता है। 
    योजक - दो नोडों को जोड़ने वाली सड़क योजक अथवा किनारा कहलाती है।
  29. विभागीय भंडार क्या होते है 
    विभागीय भंडार एक बड़े पैमाने की फुटकर दुकान होती है जिसमें विभिन्न प्रकार के उत्पाद एक ही छत के नीचे खुदरा बिक्री के लिए उपलब्ध होते हैं। सम्पूर्ण भवन कई भंडारों अथवा अनुभागों में बांट दिया जाता है। प्रत्येक विभाग एक विशेष प्रकार की वस्तु तक ही अपनी क्रियाओ कों सीमित रखता है
  30. थोक व्यापार सेवा क्या है ?
    बिचौलिए, सौदागरों तथा पूर्तिकारों द्वारा बड़े पैमाने पर किए गए व्यापार को थोक व्यापार कहते है थोक व्यापार में सामान को सीधे ही श्रृंखला भंडारों से खरीदा जाता है। थोक विक्रेता प्रायः फुटकर विक्रेताओं को उधार देते हैं ऐसे अधिकतर छोटे दुकानदार थोक विक्रेता की पूँजी पर अपना कारोबार चलाते हैं। 
  31. फुटकर व्यापार को पारिभाषित कीजिए।
    फुटकर व्यापार में उपभोक्ताओं को वस्तुओं का प्रत्यक्ष विक्रय किया जाता है। अधिकतर फुटकर व्यापार छोटी-बड़ी दुकानों, प्रतिष्ठानों और भण्डारों में संपन्‍न होता है।  लेकिन कुछ फुटकर व्यापार बिना भण्डारों और दुकानों के भी होता है; जैसे—फेरी, रेहड़ी, ट्रक, द्वार-से-द्वार, डाक आदेश, दूरभाष, स्वचालित बिक्री मशीनें तथा इंटरनेट फुटकर बिक्री के भंडार रहित उदाहरण हैं।
  32. ज्ञान आधारित बाह्यस्रोतन क्या है तथा यह व्यवसाय प्रक्रमण बाह्यस्रोतन से किस प्रकार भिन्न है 
    जब हम किसी ऐसे कार्य को बाहरी एजेन्सी या व्यक्ति को सौपते है जिसमे विशेषतया किसी विशिष्ट ज्ञान या कौशल की आवश्यकता हो तो उसे ज्ञान आधारित बाह्यस्रोतन कहते है। जैसे अनुसंधान और विकास क्रियाएँ, ई. लर्निंग, व्यवसाय अनुसंधान, बौद्धिक संपदा, कानूनी व्यवसाय और बैंकिंग सेक्टर आदि । यह व्यवसाय प्रक्रमण बाह्यस्रोतन से भिन्न है क्योंकि इसमे क्योंकि इसमें उच्च कुशलकर्मी सम्मिलित होते हैं। तथा यह कंपनियों को अतिरिक्त व्यावसायिक अवसरों को उत्पन्न करने में सक्षम बनाता है। 
  33. आवधिक बाजार क्या होते है 
    जिन ग्रामीण क्षेत्रों में नियमित बाजार नहीं होते हैं, वहाँ पर विभिन्न कालिक अन्तरालों पर स्थानीय आवधिक बाजार लगाए जाते हैं। ये बाजार साप्ताहिक या पाक्षिक होते हैं। ये बाजार आस-पास के ग्रामीण लोगों की आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं। ये बाज़ार  निश्चित समयावधि पर एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाते रहते हैं। इस प्रकार दुकानदार एक विस्तृत क्षेत्र की सेवा करते हैं और सभी दिन व्यस्त रहते हैं। 
  34. पर्यटन को प्रभावित करने वाले कारक  को समझाइए 
    मार्ग और परिवहन दो ऐसे महत्त्वपूर्ण कारक हैं, जो पर्यटन को प्रभावित करते हैं।
    (क ) माँग- जीवन स्तर में सुधार एंव आय में वृद्धि के कारण पर्यटन की प्रवृत्ति बढी है। पिछली एक शताब्दी में जीवन स्तर में सुधार तथा फुरसत के समय में वृद्धि होने से पर्यटन के लिए माँग में बहुत वृद्धि हुई है।
    (ख ) परिवहन-परिवहन पर्यटन के सुधार के लिए आधारभूत कारक हैं। परिवहन में उन्नति होने से पुराने पर्यटन स्थल अधिक महत्त्वपूर्ण हो जाते हैं और कई नए पर्यटन स्थल विकसित हो जाते हैं। अच्छी सड़कों पर यात्रा करना काफी सुविधाजनक होता है। वायु परिवहन द्वारा शीघ्र ही विश्व के किसी भी कोने तक पहुँचा जा सकता है। 
  35. निम्न स्तरीय एवं उच्च स्तरीय सेवाओं को समझाइए।
    निम्न स्तरीय सेवाएँ – ये सेवाएँ साधारण होती हैं। इन सेवाओं को करने वाले मुख्यतः शारीरिक श्रम करते हैं; जैसे—पंसारी की दुकान, रिक्शा चालक, नाई, धोबी, माली, घर में काम करने वाली बाई आदि।
    उच्च स्तरीय सेवाएँ – ये सेवाएँ उच्च स्तरीय या विशिष्टीकृत होती हैं। इन सेवाओं को करने वाले लोग मानसिक श्रम करते हैं; जैसे-डॉक्टर, वकील, अध्यापक, बैंकर व संगीतकार का कार्य आदि। उच्च स्तरीय सेवाएँ भुगतान कर सकने वाले व्यक्तिगत उपभोक्ताओं को उपलब्ध होती हैं।
  36. असंगठित क्षेत्र पर टिप्पणी लिखिए।
    अकुशल श्रमिक रोज़गार की तलाश में गाँवों से शहरों की ओर प्रस्थान करते हैं और शहरों में लोगों के दैनिक जीवन के काम को सुविधाजनक बनाने के लिए व्यक्तिगत सेवाएँ उपलब्ध कराते हैं। ये अकुशल श्रमिक  मोची, गृहपाल, खानसामा, माली आदि जैसे निम्न श्रेणी का काम करते है इन्हें कम भुगतान किया जाता है। कर्मियों का यह वर्ग असंगठित है। जैसे मुंबई की डब्बेवाली सेवा लगभग ।,75 ,000 उपभोक्ताओं की सेवा करती है। 
  37. अंकीय विभाजन क्या है व्याख्या करे?
    विश्व के सभी देशों में सूचना एंव संचार प्रौधोगिकी समान रुप से विकसित नही है जिन देशों में सूचना एंव संचार प्रौधोगिकी विकसित है वहां लोगों को सूचना मिलने में तीव्रता होती है और वे विकसित प्रौधोगिकी के कारण आगे बढ. जाते है जबकि विकासशील देशों को आधुनिकतम सूचना एंव संचार प्रौधोगिकी आसानी से प्राप्त नही हो पाती और वे विकास की दौड. में पीछे रह जाते है। इस प्रकार विकसित तथा विकासशील देशों में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के अंतर विश्व के देशों को विभाजित कर देता है इसी को अंकीय विभाजक कहा जाता है। एक देश के विभिन्न राज्यों में इस तरह का विभाजन हो सकता है जैसे भारत तथा रूस जैसे विशाल देशों के महानगरीय केंद्रों में ग्रामीण इलाकों की अपेक्षा सूचना और संचार प्रौद्योगिकी अधिक विकसित है।
  38. परिवहन क्या है? इसकी आवश्यकता व प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
    परिवहन वह सेवा या व्यवस्था है, जिसमें वस्तुओं तथा सवारियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक लाया- ले जाया जाता है। 
    परिवहन की आवश्यकता –परिवहन मनुष्य की गतिशीलता की मूलभूत आवश्यकता को पूरा करने हेतु निर्मित एक संगठित उद्योग है। वस्तुओं के उत्पादन, वितरण और उपभोग के लिए आधुनिक समाज को तीव्रगामी और सक्षम परिवहन की जरूरत होती है।  
    परिवहन सेवाओं को प्रभावित करने वाले कारक
    (i) परिवहन की माँग - परिवहन के लिए माँग जनसंख्या के आकार पर निर्भर करती है। जनसंख्या का आकार जितना बड़ा होगा परिवहन की माँग उतनी ही अधिक होगी।
    (ii) परिवहन का मार्ग-  परिवहन सदा सुनिश्चित मार्गों पर होता है। मार्ग नगरों, कस्बों, गाँवों, औद्योगिक केंद्रों और कच्चे माल, उनके मध्य व्यापार के प्रारूप, उनके मध्य भू-दृश्य की प्रकृति, जलवायु के प्रकार और मार्ग की लंबाई पर आनेवाले व्यवधानों को दूर करने के लिए उपलब्ध निधियों (मुद्रा) पर निर्भर करते हैं
  39.  पर्यटन को आकर्षित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए 
    पर्यटक अपनी रुचि और इच्छाओं को पूरा करने के लिए पर्यटन पर निकलते हैं; इसलिए अनेक प्राकृतिक और मानवकृत भू-दृश्य पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। इनमें से प्रमुख निम्नलिखित हैं
    1. जलवायु- पर्यटकों के लिए जलवायु का सापेक्षिक महत्त्व है। गर्म इलाकों के पर्यटक ठंडे इलाकों की ओर जाते हैं। जबकि ठंडे इलाकों के पर्यटक गर्म इलाकों में जाते हैं, ठण्डे देशों के पर्यटकों को गुनगुनी धूप में पुलिनों पर मौज-मस्ती की इच्छा होती है। यही कारण है कि उत्तरी यूरोप के पर्यटक दक्षिणी यूरोप और भूमध्यसागर के तटों पर छुट्टियाँ बिताते हैं। इस समय भूमध्य सागर के तट पर यूरोप के अन्य भागों की तुलना में तापमान निरन्तर ऊँचा रहता हैं। मौसम धूपवाला और वर्षारहित रहता है। 
    2. भू-दृश्य-कई पर्यटकों के लिए भू-दृश्य का बड़ा महत्त्व है, क्योंकि यह पर्यटकों को प्रकृति के निकट लाता है। पर्वत, झीलें, समुद्री तट आदि भू-दृश्य के महत्त्वपूर्ण उदाहरण हैं।
    3. इतिहास तथा कला- किसी भी क्षेत्र का इतिहास तथा कला पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। इतिहास एवं कला में रुचि रखनेवाले पर्यटक प्राचीन और सुंदर नगरों, पुरातात्त्विक स्थलों पर जाते हैं और किलों, महलों और गिरिजाघरों को देखकर आनंद उठाते हैं।
    4. संस्कृति एवं अर्थव्यवस्था- संस्कृति एवं अर्थव्यवस्था उन पर्यटकों को आकर्षित करती हैं, जो मानवजातीय एवं स्थानीय रीति-रिवाजों में रुचि रखते हैं। इस प्रकार के सस्ते पर्यटन स्थल बहुत लोकप्रिय हो जाते हैं। 'घरों में रुकना' एक लाभदायक व्यापार बनकर उभरा है; जैसे-गोवा में हेरीटेज होम्स तथा कर्नाटक में मैडीकेरे और कूर्ग।
  40. संचार क्या है? प्रमुख संचार सेवाओं (साधनों) का वर्णन कीजिए।
    दो या दो से अधिक व्यक्तियो के बीच सूचनाओं का आदान प्रदान संचार कहलाता है । 
    प्रमुख संचार सेवाएँ
    1. दूरसंचार – दूरसंचार का उपयोग वैद्युत प्रौद्योगिकी के विकास से जुड़ा है। दूरसंचार के अंतर्गत संदेशों
    को शीघ्र ही भेजा जा सकता है जिससे संचार व्यवस्था में क्रांति आ गई है। सन्देशों की प्रेषण की गति ने संचार में क्रान्ति ला दी है। दूरसंचार के द्वारा सन्देश सप्ताहों की बजाय मिनटों में भेजे जाने लगे हैं। जिन समाचारों को भेजने में पहले कई सप्ताह लग जाते थे, वे अब कुछ ही मिनटों में भेजे जाते हैं। मोबाइल टेलीफोन के द्वारा सन्देश सीधे और तत्काल भेजे जाने लगे हैं। 
    2. रेडियो और दूरदर्शन - रेडियो और दूरदर्शन समाचारों व चित्रों को संसार के कोने-कोने में अनेक श्रोताओं-दर्शकों तक पहुँचाते हैं; इसीलिए इन्हें जनसंचार के साधन कहा जाता है। ये विज्ञापन एवं मनोरंजन के लिए महत्त्वपूर्ण हैं।
    3. समाचार-पत्र – समाचार पत्र विश्व के सभी कोनों से घटनाओं की खबरें पूरी दुनिया में पहुँचाते हैं।
    4. उपग्रह – उपग्रह अन्तरिक्ष से सूचनाएँ लेकर सम्पूर्ण पृथ्वी पर पहुंचाते हैं। 
    5. इण्टरनेट – इंटरनेट ने वैश्विक संचार तंत्र में वास्तव में क्रान्ति ला दी है।

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