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अर्द्ध-वेतन एवं रूपांतरित अवकाश की देयता

  RSR 93 - अर्द्ध-वेतन एवं रूपांतरित अवकाश की देयता  
नियम 93(1)(a) के अनुसार स्थाई राज्य कर्मचारी प्रत्येक पूर्ण वर्ष की सेवा पर 20 दिन का अर्द्ध-वेतन अवकाश (HPL) पाने का हकदार होगा।
नियम 93(1)(b) के अनुसार उपरोक्त अर्द्ध-वेतन अवकाश (HPL) चिकित्सा प्रमाण-पत्र तथा निजी कारणों के आधार पर स्वीकृत किया जा सकता है।
120 दिन तक का अर्द्धवेतन अवकाश (HPL) DDO द्वारा स्वीकृत किया जा सकता है।
इस अवकाश में अर्द्ध वेतन देय होगा तथा जितने दिन का अवकाश लिया गया है अवकाश लेखा में उतने दिन कम होंगे ।
नियम 93(2)(i) के अनुसार एक स्थायी राज्य कर्मचारी को प्राधिकृत चिकित्सक के प्रमाण पत्र के आधार पर अर्द्ध वेतन अवकाशों (HPL) की आधी संख्या तक रूपान्तरित अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है।
रूपान्तरित अवकाश (Commuted Leave) निम्नलिखित शर्तो के अनुसार स्वीकृत होगाः
1. कर्मचारी को रुपांतरित अवकाश स्वीकृत करने पर उसके अवकाश लेखों से दुगुनी संख्या में अर्द्ध-वेतन अवकाश (HPL) घटा(debit) दिए जाएंगे।
2. अवकाश स्वीकृतिकर्ता अधिकारी को इस बात से संतुष्ट होना चाहिए कि अवकाश समाप्ति पर उस कर्मचारी के सेवा पर पुनः उपस्थित होने की पूर्ण संभावना है।

नियम 93(2) (ii) के अनुसार यदि ऐसा अवकाश(HPL) किसी अनुमोदित पाठ्यक्रम के लिये चाहा गया हो तथा अवकाश स्वीकृत करने वाला प्राधिकारी ऐसे पाठ्यक्रम/अध्ययन को सार्वजनिक हित में प्रमाणित कर दें। तो एक कर्मचारी को सम्पूर्ण सेवा काल में 180 दिन तक के अर्द्ध वेतन अवकाश (HPL) प्राधिकृत चिकित्सक के प्रमाण पत्र के बिना रूपान्तरित अवकाश के रूप में स्वीकृत किया जा सकता है 
HPLऔर Commuted Leave को अर्जित करने से पूर्व उपभोग की अनुमति नहीं है तथा ना ही इन्हें अग्रिम जोड़ा जाकर उपभोग की अनुमति दी जाएगी।
 120 दिन तक का रूपांतरित अवकाश DDO द्वारा स्वीकृत किया जा सकता है।
रूपांतरित अवकाश का कार्मिक को full pay के हिसाब से वेतन का भुगतान प्राप्त होता है।
नियम 93(3) के अनुसार सेवानिवृत्ति से पूर्व के अवकाश के अलावा एक स्थायी सरकारी कर्मचारी को निम्नलिखित शर्तों पर अदेय अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है-
(a) अवकाश स्वीकृत करने वाला प्राधिकारी इस बात से सन्तुष्ट हो कि ऐसा कर्मचारी अदेय अवकाशों से की समाप्ति के बाद सेवा पर वापिस‌ उपस्थित हो जायेगा
(b) अदेय अवकाशों की संख्या उस अनुमोदित संख्या से अधिक नहीं होगी जो एक कर्मचारी ऐसे अवकाशों से वापिस आकर उतनी ही संख्या में अर्द्ध वेतन अवकाश (HPL) अर्जित कर सकें।
(c) कर्मचारी के संपूर्ण सेवा काल में अधिकतम 360 दिन (HPL) का अदेय अवकाश दिया जा सकेगा। 
जिसमे से 180 दिन का अदेय अवकाश चिकित्सा प्रमाणपत्र के आधार पर एवं शेष 180 दिन अन्य आधार पर स्वीकृत किया जा सकता है जो निदेशालय से स्वीकृत किया जायेगा।*
अदेय अवकाश एक बार मे 90 दिनों तक ही Ddo द्वारा स्वीकृत किया जा सकता है 
(d) अदेय अवकाश कर्मचारी के अर्द्ध वेतन अवकाशों के खाते में उधार(नामे) लिखा जायेगा तथा उसका समायोजन कर्मचारी द्वारा भविष्य में अर्जित अर्द्ध वेतन अवकाशों से किया जायेगा।
इस अवकाश में कार्मिक को अर्द्ध वेतन की दर से वेतन का भुगतान किया जाता है
नियम 93(4) के अनुसार एक कर्मचारी जिसे संबंधित सेवा नियमों के अंतर्गत अथवा सेवा नियम नहीं होने पर सक्षम राजकीय आदेश के अंतर्गत अस्थाई रूप से नियुक्त किया गया है तथा जो उस पद की शैक्षणिक योग्यता एवं अनुभव की पात्रता पूर्ण करता है, उसे 3 वर्ष की सेवा पूर्ण करने के पश्चात रुपांतरित अवकाश तथा अदेय अवकाश स्वीकृत किए जा सकेंग।
नियम 93(5) के अनुसार, यदि किसी सरकारी कर्मचारी को रूपान्तरित अवकाश या अदेय अवकाश स्वीकृत किया जावे और वह सेवा में रहते हुऐ मृत्यु हो जाये या वह राजस्थान सिविल सेवाएं (पेंशन) नियम, 1996 के नियम 35 के तहत असमर्थता के आधार पर सेवानिवृत्त कर दिया जावे या नियम 53 के अनुसार अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त कर दिया जाये तो उससे अवकाश वेतन की वसूली नहीं की जायेगी अन्य सभी मामलों में जैसे सेवा से त्याग-पत्र देने, स्वेच्छा से सेवानिवृत्ति प्राप्त करने, सेवा से निष्कासित करने या बर्खास्त करने आदि के मामला अवकाश वेतन की वसली की जायेगी

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