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भारत : जनसंख्या वितरण, घनत्व एवं वृद्धि

  1. भारत का क्षेत्रफल विश्व के क्षेत्रफल का कितने प्रतिशत है  
    2.4%
  2. भारत में विश्व की कितने प्रतिशत जनसंख्या पाई जाती है
     17.5%
  3. भारत की कुल जनसंख्या कितनी है? (2011)
    1,21,01,93,422 व्यक्ति(121.01 करोङ) 
  4. जनसंख्या की दृष्टि से भारत का विश्व में कौन सा  स्थान है 
    दूसरा 
  5. भारत के सर्वाधिक व न्यूनतम जनसंख्या वृद्धि दर वाले  राज्य कौन से है 
    मेघालय व नागालैण्ड
  6. 2001-2011 में  भारत की औसत जनसंख्या वृद्धि दर  कितनी थी
    17.64%
  7. भारत में पहली  जनगणना कब हुई !         
     1872 ई. में 
  8. भारत की पहली  सम्पूर्ण जनगणना कब हुई
     1881ई. में
  9. भारत में उच्चतम व न्यूनतम जनसंख्या वाले केंद्र शासित प्रदेश कौन से हैं 
    दिल्ली व लक्ष्यद्वीप 
  10. भारत के अधिकतम जनसंख्या वाले पांच राज्य है
    उत्तरप्रदेश,महाराष्ट्र,पश्चिम बंगाल,बिहार, आन्ध्र प्रदेश
  11. भारत के न्यूनतम जनसंख्या  वाले पांच राज्य है–
    सिक्किम,मिजोरम,अरूणाचल प्रदेश,गोवा, नागालैण्ड
  12. भारत का जनसंख्या घनत्व कितना है
    382 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर 
  13. भारत के अधिकतम जनसंख्या घनत्व वाले पांच राज्य है–
    बिहार (1102), पश्चिम बंगाल , केरल , उत्तर प्रदेश,हरियाणा
  14. भारत के न्यूनतम जनसंख्या घनत्व वाले पांच राज्य है 
    अरुणाचल प्रदेश(17), मिजोरम, सिक्किम,  नागालैण्ड, मणिपुर 
  15. भारत में उच्चतम व न्यूनतम जनसंख्या घनत्व वाले केंद्र शासित प्रदेश कौन से हैं
    दिल्ली (11297)व अण्डमान निकोबार (46)
  16. जनसंख्या वितरण से क्या अभिप्राय है
    पृथ्वी तल पर जनसंख्या का स्थानिक फैलााव ही जनसंख्या वितरण कहलाता हैं
  17. जनसंख्या वृद्धि किसे कहते हैं?
    किसी भौगोलिक क्षेत्र की जनसंख्या के आकार में निश्चित समय में होने वाले परिवर्तन को जनसंख्या वृद्धि कहलाता है
  18. जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के उपाय लिखिए(Board Exam 2020)
    1.विवाह की आयु में वृद्धि- विवाह की वर्तमान आयु में वृद्धि से लड़कियों को शिक्षा पूरी करने तथा सामाजिक व सांस्कृतिक कार्यो में भाग लेने का समय मिलेगा जिससे उनमें जनसंख्या नियंत्रण के प्रति रुचि जागृत होगी
    2.उत्पादन में वृद्धि- उत्पादन में वृद्धि से जीवन स्तर में सुधार होता है तथा मानव भविष्य के लिए योजनाओं का निर्माण करता है जिससे जनसंख्या नियंत्रण को बल मिलता है
    3.परिवार कल्याण कार्यक्रम में विस्तार- सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थानों द्वारा  परिवार कल्याण कार्यक्रमों के प्रति आम जनता में रुचि जागृत करने से जनसंख्या नियंत्रण को बल मिलता है
    4.शिक्षा- शिक्षा मनुष्य को जीना सिखाती है शिक्षित व्यक्ति परिवार को छोटा रखने एवं जीवन स्तर को ऊंचा उठाने का प्रयास करते हैं जिससे जनसंख्या वृद्धि स्वत: ही नियंत्रित हो जाती है
  19. भारत में जनसंख्या वृद्धि के कारण लिखिए
    1. शिक्षा का निम्न स्तर- भारत में आज भी लगभग एक चौथाई लोग निरक्षर है निरक्षर लोग जनसंख्या वृद्धि के दुष्प्रभावों को समझ नहीं पाते हैं  इसलिए जनसंख्या नियंत्रण के साधन नहीं अपनाते हैं
    2.रूढ़ियां एवं अंधविश्वास-
    भारत में ग्रामीण जनसंख्या पर रूढ़िवादिता एवं अंधविश्वास का प्रभाव अधिक होता है अतः उनको समझाना कठिन होता है क्योंकि ये लोग जन्म नियंत्रण को प्रकृति केेेे विरुद्ध मानते हैं
    3 संयुक्त परिवार प्रथा
    - संयुक्त परिवार प्रथा में  बच्चों के भरण पोषण की जिम्मेदारी माता-पिता पर न हो कर संपूर्ण परिवार की होती है  अतः जनसंख्या नियंत्रण को आवश्यक नहीं समझा जाता है
    4. समाज में स्त्रियों की उपेक्षा-
    भारतीय समाज में स्त्रियों को केवल बच्चा पैदा करने की मशीन समझा जाता है तथा उनकी समाज में स्थिति अच्छी नहीं है इस कारण जनसंख्या वृद्धि हो रही है
    5. ग्रामीण जनसंख्या-
    भारत की दो-तिहाई जनसंख्या गांव में निवास करती है ग्रामीण जनसंख्या में बाल विवाह की प्रवृत्ति पाई जाती है तथा परिवार नियोजन में कोई रुचि नहीं दिखाते हैं 
  20. जनसंख्या घनत्व क्या है? समझाइए
    प्रति वर्ग किलोमीटर में निवास करने वाले लोगों की संख्या जनसंख्या घनत्व कहलाती है जनसंख्या घनत्व जनसंख्या जमाव की मात्रा का मापन है जनसख्या घनत्व किसी प्रदेश में निवास करने वाली कुल जनसंख्या तथा उस प्रदेश के कुल क्षेत्रफल का अनुपात होता है
  21. भारत में जनसंख्या वृद्धि कालो को स्पष्ट कीजिए
    1.मंद वृद्धि काल (1901 - 1921)- इस काल जनसंख्या वृद्धि अत्यंत धीमी गति (0.27% प्रतिवर्ष) से हुई । 1911-1921  के दशक में भीषण अकाल, महामारी व अन्नाभाव के कारण उच्च जन्म दर के साथ मृत्यु दर भी उच्च रही । अतः इस दशक में जनसंख्या में नकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई
    2. स्थिर वृद्धि काल (1921-1951)- वर्ष 1921 को महान  जनांकिकीय विभाजक वर्ष कहा जाता है इस काल में अकाल व महामारियों पर नियंत्रण के कारण मृत्युदर में तो कमी आयी परन्तु जन्मदर पूर्व की भांति उच्च बनी रही जिससेे औसत वार्षिक जनसंख्या वृद्धि दर बढ़कर 1.45% हो गई।
    3. तीव्र वृद्धि काल(1951-1981)- वर्ष 1951 को द्वितीय  जनांकिकीय विभाजक कहा जाता है इस काल में विकास कार्यों में तेजी व स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के कारण मृत्युदर में तेजी से गिरावट आयी जबकि जन्मदर में मामूली गिरावट दर्ज की गई । परिणामस्वरुप इस काल में औसत वार्षिक जनसंख्या वृद्धि दर बढकर 2.2% हो गई
    4. घटती वृद्धि काल(1981-2011)- इस काल में परिवार नियोजन कार्यक्रम की सफलता व छोटे परिवार की प्रेरणा के कारण जन्म दर में काफी गिरावट आई और जनसंख्या वृद्धि में ह्रास हुआ इस काल औसत वार्षिक जनसंख्या वृद्धि दर गिरकर 1.76 प्रतिशत आ गई
  22. भारत में जनसंख्या वृद्धि के प्रभाव/ सामाजिक-आर्थिक प्रभाव लिखिए
    1.जनसंख्या वृद्धि के कारण प्राकृतिक संसाधनों का गलत तरीके से अत्यधिक उपयोग किया जाता है जिससे प्राकृतिक असंतुलन पैदा हो जाता है
    2.आवासीय समस्या के समाधान के लिए कृषि भूमि का उपयोग आवास हेतु किया जाने लगा है फल स्वरुप कृषि भूमि में कमी के कारण खाद्यान्नों की समस्या उत्पन्न हो गई है
    3.बढ़ी हुई जनसंख्या के लिए खाद्यान्न पूर्ति हेतु कीटनाशक और रासायनिक खाद का अत्यधिक प्रयोग किया जाता है जिसका मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है 4.जनसंख्या वृद्धि से उत्पन्न अपशिष्ट पदार्थों से विभिन्न प्रकार के पर्यावरण प्रदूषण की समस्या उत्पन्न हो जाती है
    5.जनसंख्या वृद्धि से प्रकृति के साथ अनावश्यक छेड़छाड़ बढ़ गई है जिससे जलवायु परिवर्तन, मौसम परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग, ओजोन क्षय जैसी समस्याएं उत्पन्न हो गई है 6.जनसंख्या वृद्धि से बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधन जैसे वन्य जीव आदि के विलुप्त होने का खतरा उत्पन्न हो गया है 7.जनसंख्या वृद्धि से देश का आर्थिक विकास व वृद्धि अवरुद्ध हो जाती है
    8.जनसंख्या वृद्धि से रोजगार के अवसर सीमित हो गये हैं जिससे बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हो रही है
    9.जनसंख्या वृद्धि से समाज में झगड़े, जातिवाद, धर्मवाद अपराध आदि समस्याएं उत्पन्न हो जाती है जिससे कानून व्यवस्था प्रभावित होती है
    10. जल के अत्यधिक दोहन से भूजल स्तर लगातार नीचे जा रहा है जिससे आने वाले समय में जल की गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाएगी
  23. जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले कारक लिखिए!
    1.धरातल-समतल धरातल पर सघन जनसंख्या व उबड़ खाबड़ विषम धरातल पर विरल जनसंख्या पाई जाती है विषम धरातलीय क्षेत्रों में कृषि योग्य भूमि की कमी हुए परिवहन के साधनों के अभाव के कारण विरल जनसंख्या पाई जाती है
    2.जल की उपलब्धता - जल की उपलब्धता वाले क्षेत्रों में सघन जनसंख्या पाई जाती है राजस्थान के मरुस्थलीय भागों में विरल जनसंख्या जल अभाव के कारण ही पाई जाती है
    3.जलवायुसुखद एवं स्वस्थ जलवायु मानव बसाव के लिए अनुकूल होती है जबकि अतिशीत, अति उष्ण व अति आर्द्र जलवायु मानव निवास एवं उसके क्रियाकलापों के लिए प्रतिकूल होती है इसी कारण हिमालय के पर्वतीय प्रदेश, राजस्थान का शुष्क मरुस्थल एवं पूर्वी हिमालय में विरल जनसंख्या पाई जाती है
    4.परिवहन की सुविधा- मैदानी भागों में पर्वतीय भागों की तुलना में परिवहन की उत्तम सुविधाएं पाई जाती है इस कारण मैदानी भाग सघन बसे हुए हैं
    5.खनिज -खनिज संपन्न प्रदेशों में तीव्र औद्योगीकरण व आर्थिक विकास के कारण सघन जनसंख्या पाई जाती है दामोदर घाटी में छोटा नागपुर क्षेत्र में खनिज उपलब्धता के कारण जनसंख्या का अधिक जमाव पाया जाता ह
    6.राजनीतिक कारक- राजनीतिक अशांति वाले क्षेत्रों में विरल जनसंख्या पाई जाती है जम्मू-कश्मीर, असम व पंजाब में आतंकवाद के कारण ही जनसंख्या विरल पाई जाती है

    1. भारत में जनसंख्या वितरण का वर्णन कीजिए
      भारत में 50% जनसंख्या मात्र पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल व आंध्र प्रदेश में निवास करती है जबकि 4% जनसंख्या उत्तरी एवं उत्तरी पूर्वी 10 पर्वतीय राज्यों में निवास करती है जनसंख्या वितरण की दृष्टि से भारत को तीन भागों में बांटा जा सकता है 
      1.मैदानी क्षेत्र- जनसंख्या वितरण की दृष्टि से भारत का यह क्षेत्र प्रथम स्थान रखता है भारत के मध्यवर्ती मैदानी क्षेत्र में उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, पंजाब, हरियाणा व राजस्थान में लगभग 42.7% जनसंख्या निवास करती है
      2.दक्षिणी पठारी भाग- जनसंख्या वितरण की दृष्टि से पठारी भाग का दूसरा स्थान है इस क्षेत्र में महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश व कर्नाटक राज्यों में लगभग 23.3% जनसंख्या निवास करती है 
      3.तटवर्ती, पर्वतीय व मरुस्थलीय भाग - जनसंख्या दृष्टि से भारत का यह क्षेत्र  तीसरा स्थान रखता हैं इस क्षेत्र में प्रायद्वीपीय तटवर्ती राज्य, उत्तरी व उत्तरी-पूर्वी राज्य व राजस्थान का मरुस्थलीय भाग सम्मिलित है इन क्षेत्रों में धरातलीय विषमता व यातायात के साधनों के अभाव के कारण विरल जनसंख्या पाई जाती है
    2. भारत में जनसंख्या घनत्व के वितरण का वर्णन कीजिए जनसंख्या घनत्व के आधार पर भारत को तीन प्रदेशों में बांटा गया है 
      1.उच्च घनत्व के क्षेत्र -इन क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व 500 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर से अधिक पाया जाता है समतल मैदान, उपजाऊ मिट्टी ,सिंचाई व पेयजल की उपलब्धता के कारण यहां सघन जनसंख्या पाई जाती है इस क्षेत्र में बिहार, पश्चिम बंगाल, केरल, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, तमिलनाडु व पंजाब सहित 7 राज्य एवं 6 केंद्र शासित प्रदेश शामिल है 2.मध्यम घनत्व क्षेत्र -यहां जनसंख्या घनत्व 300-500 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर पाया जाता है  यहां धरातलीय विषमता व जल की कमी के कारण कृषि का विकास कम हुआ है इसलिए जनसंख्या घनत्व कम पाया जाता है महाराष्ट्र, गुजरात आंध्र प्रदेश, झारखंड, असम, गोवा, त्रिपुरा व कर्नाटक सहित आठ राज्यों में मध्यम घनत्व पाया जाता है 
      3.निम्न घनत्व के क्षेत्र- यहां 300 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर से कम जनसंख्या घनत्व पाया जाता है पर्वतीय धरातल व मरुस्थलीय प्रदेश जहां भौतिक अवरोधों के कारण कृषि विकास नहीं हो पाया है वहां विरल जनसंख्या पाई जाती है भारत के 13 राज्य एवं एक केंद्र शासित प्रदेश इस क्षेत्र में सम्मिलित है
    3. भारत में जनसंख्या वृद्धि के स्थानिक प्रतिरूप को समझाए
      2001-2011 के दशक में जनसंख्या वृद्धि दर के आधार पर भारत को तीन क्षेत्रों में बांटा गया है 
      1. तीव्र जनसंख्या वृद्धि क्षेत्र- इस क्षेत्र में 30% से अधिक जनसंख्या वृद्धि दर वाले राज्य व केंद्र शासित प्रदेश आते है इस क्षेत्र में केवल दादरा नगर हवेली व दमन दीव दो केंद्र शासित प्रदेश आते हैं 
      2.मध्यम जनसंख्या वृद्धि क्षेत्र-इस क्षेत्र में 20 से 30% के मध्य जनसंख्या वृद्धि दर वाले राज्य व केंद्र शासित प्रदेश सम्मिलित हैं  अरुणाचल प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, जम्मू कश्मीर, झारखंड, मध्य प्रदेश, मेघालय, मिजोरम व उत्तर प्रदेश सहित 10 राज्य तथा दिल्ली व पांडिचेरी 2 केंद्र शासित प्रदेश इस क्षेत्र में आते हैं 
      3.कम जनसंख्या वृद्धि क्षेत्र- इस क्षेत्र में 20% से कम जनसंख्या वृद्धि दर वाले 18 राज्य व 3 केंद्र शासित प्रदेश सम्मिलित है 18 राज्य आंध्र प्रदेश, असम, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल तथा 3 केंद्र शासित प्रदेश अंडमान निकोबार दीप समूह, चंडीगढ़ व लक्ष्यद्वीप आते हैं

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