Type Here to Get Search Results !

संसाधनों का वर्गीकरण, संरक्षण एवं पोषणीय विकास

  1. अजैविक संसाधन समाप्य क्यों होते हैं
    अजैविक संसाधनों में प्रजनन क्षमता नहीं  पायी जाती है इसलिए ये संसाधन अनव्यकरणीय व समाप्य होते है
  2. जैविक संसाधन असमाप्य क्यों होते हैं
    जैविक संसाधनों में प्रजनन क्षमता पायी जाती है इसलिए ये संसाधन नव्यकरणीय व असमाप्य होते है
  3. मानव को संसाधनों का जनक क्यों कहते हैं
    मानव ने अपने श्रम एवं तकनीकी ज्ञान द्वारा संसाधनों का निर्माण किया  है इसलिए मानव को संसाधनों का जनक कहते है
  4. परम्परागत संसाधन किसे कहते हैं नाम लिखिए  (Board Exam 2020)
    जिन संसाधनों का का उपयोग प्राचीन काल से किया जा रहा है उन्हें परम्परागत ऊर्जा संसाधन कहलाते है कोयला, पेट्रोलियम, जल ऊर्जा 
  5. गैर परम्परागत संसाधन किसे कहते हैं नाम लिखिए
    जिन संसाधनों का उपयोग अभीअभी शुरू हुआ है उन्हें गैर परम्परागत संसाधन कहलाते है सौर उर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा 
  6. संसाधनों के पुन: चक्रण से क्या अभिप्राय है
    धातुओं के स्क्रेप,करतन आदि को गलाकर पुनः उपयोग में लाना पुनर्चक्रण कहलाता है पुनर्चक्रण द्वारा धातुओं को गलाकर उनका कई बार उपयोग किया जा सकता हैै 
  7. संसाधन संरक्षण से क्या अभिप्राय है यह क्यों आवश्यक है (Board Exam 2020)
    संसाधनों का नियोजित, विवेकपूर्ण, मितव्ययतापूर्ण, विनाश रहित तथा जनसंख्या की आवश्यकतानुसार लम्बे समय तक उपयोग संसाधन संरक्षण कहलाता है  भावी पीढियों के लिए संसाधनों को सुरक्षित रखने के लिए संसाधनों का संरक्षण आवश्यक है
  8. संसाधन संरक्षण में समस्या उत्पन्न करने वाले चार
    कारक लिखिए

    (i) जनसंख्या विस्फोट के कारण बढती मानवीय आवश्यकताएं
    (ii) औद्योगीकरण, नगरीयकरण व परिवहन में तीव्र वृद्धि
    (iii) पश्चिम उपभोक्तावादी संस्कृति
     (iv) अधिकतम विकास की प्रवृति 
  9. पोषणीय विकास किसे कहते हैं
    मानव की वर्तमान आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ भावी पीढियों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए प्राकृतिक संसाधनों का पर्यावरण के साथ सन्तुलित, विवेकपूर्ण, मितव्ययतापूर्ण व विनाश रहित उपयोग करना पोषणीय विकास कहलाता है
  10. संसाधन किसे कहते हैं
    पर्यावरण में उपलब्ध प्रत्येक पदार्थ जिनका उपयोग कर मानव अपनी  आवश्यकताओं की पूर्ति करता है संसाधन कहलाते है
    जिम्मरमेन "संसाधन का अर्थ व्यक्ति की आवश्यकताओं तथा सामाजिक लक्ष्यो की पूर्ति करने के उद्देश्य की प्राप्ति करना है"
  11. कोई भी वस्तु संसाधन कब बनती है
    जब 1. वस्तु का उपयोग संभव हो
          2. जिसमें निश्चित उद्देश्य पूर्ति की क्षमता हो
          3. रूप परिवर्तन द्वारा उसे मूल्यवान एवं उपयोगी बनाया           जा सके
          4.उस वस्तु के दोहन योग्य मानव संसाधन उपलब्ध हो
  12. उद्देश्य के आधार पर संसाधनों का वर्गीकरण कीजिए
    (i) ऊर्जा शक्ति संसाधन -जिन संसाधनों के उपयोग से ऊर्जा प्राप्त होती है ऊर्जाशक्ति संसाधन कहलाते है पैट्रोलियम,कोयला, पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा
    (ii) गैर ऊर्जा संसाधन- जिन संसाधनों का उपयोग कच्चे माल और निर्माण उद्योग में किया जाता है गैर ऊर्जा संसाधन कहलाते है जैसे खनिज संसाधन
  13. उपयोग की सतत्ता के आधार पर संसाधनों का वर्गीकरण कीजिए
    1.अनव्य्कारानीय/सिमित/असमाप्य ससाधन-जिन संसाधनों का का एक बार उपयोग कर लेने के बाद नवीनीकरण नहीं किया जा सकता है  जैसे कोयला, पेट्रोलियम, खनिज
    2.नव्यकरणीय/ असिमित/ समप्य ससाधन-जिन संसाधनों का का एक बार उपयोग कर लेने के बाद नवीनीकरण किया जा सकता है  सौर ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा, पवन ऊर्जा
  14. स्वामित्व के आधार पर संसाधनों का वर्गीकरण कीजिए
    (i) व्यक्तिगत संसाधन- जिन संसाधनों पर किसी व्यक्ति  या परिवार का अधिकार होता है जैसे  मकान,भूमि
    (ii) राष्ट्रीय संसाधन- जिन संसाधनों पर एक राष्ट्र का अधिकार होता है  जैसे- जनसंख्या, खनिज
    (iii)अन्तर्राष्ट्रीय संसाधन - जिन संसाधनों पर पूरे विश्व का अधिकार होता है जैसे समस्त भौतिक व जैविक संसाधन
  15. उत्पाद के आधार पर संसाधनों का वर्गीकरण कीजिए
    (i) जैविक संसाधन- जैविक घटकों से सम्बंधित संसाधन जैविक संसाधन कहलाते है जैविक संसाधनों में प्रजनन क्षमता पायी जाती है इसलिए ये संसाधन नव्यकरणीय व असमाप्य होते है जैसेे मानव संसाधन,पशु संसाधन, वन संसाधन
     (ii) अजैविक संसाधन- जङ तथा निर्जीव घटकों से सम्बंधित संसाधन अजैविक संसाधन कहलाते है अजैविक संसाधनों में प्रजनन क्षमता नहीं  पायी जाती है इसलिए ये संसाधन अनव्यकरणीय व समाप्य होते है  जैसे खनिज संसाधन ऊर्जा संसाधन भूमि संसाधन, जल संसाधन
  16. भारत में पोषणीय विकास हेतु चार सुझाव लिखिए 
    1.नदियों पर बांध बनाकर पेयजल आपूर्ति, जल विद्युत व सिंचाई सुविधाओं से उत्पादन बढ़ाया जा सकता है साथ ही मृदा अपरदन व बाढ़ नियंत्रण, वृक्षारोपण तथा मत्स्य पालन भी किया जा सकता है
    2.खनिज संसाधन संपन्न प्रदेशों में औद्योगीकरण द्वारा विकास की गति बढ़ाई जा सकती है
    3.कच्चे माल के स्थानीय उपयोग से रोजगार के अवसरों में वृद्धि तथा कम लागत पर उत्पादन किया जा सकता है
    4.भारत जैसे  मानव शक्ति आधिक्य वाले देश में श्रम आधारित प्रौद्योगिकी अपनाया जाये ।
  17. संसाधन संरक्षण के उपाय बताइए
     (1) जनसंख्या वृद्धि पर प्रभावी नियंत्रण- जनसंख्या वृद्धि से संसाधनों का शोषण होने लगता है एवं नव्यकरणीय संसाधन समाप्त होने लगते हैं अतः संसाधनों के संरक्षण हेतु जनसंख्या वृद्धि पर प्रभावी नियंत्रण आवश्यक है
     (2) नियोजन में समग्र दृष्टिकोण- देश के लिए योजना निर्माण एवं क्रियान्वयन में संपूर्ण पर्यावरण को एक इकाई मानकर पर्यावरण के विभिन्न घटकों का समुचित उपयोग एवं संरक्षण किया जा सकता है
     (3) गैर परम्परागत ऊर्जा संसाधनों का उपयोग- ऊर्जा के गैर परंपरागत संसाधन नव्यकरणीय एवं आसमाप्य होते हैं अतः इनके उपयोग से जीवाश्म इंधनो की बचत की जा सकता है
     (4)जैविक सन्तुलन- जैविक संतुलन को ध्यान में रखकर किए गए आर्थिक नियोजन से पर्यावरण संतुलन व संसाधनों की उपलब्धता बनी रहती है
     (5)पुनर्चक्रण- पुनर्चक्रण द्वारा धातुओं को गलाकर उनका कई बार उपयोग कर संसाधनों का संरक्षण किया जा सकता है
     (6) संसाधनों का बहुदेशीय उपयोग- बहुउद्देशीय योजनाओं के द्वारा संसाधनों का संरक्षण किया जा सकता है
     (7)प्राथमिकता के आधार पर उपयोग- सिमित व समाप्य संसाधनों का उपयोग केवल आवश्यक एवं राष्ट्रीय महत्व के कार्यों में किया जाना चाहिए
     (8) वैकल्पिक संसाधनों का उपयोग- अनव्यकरणीय संसाधनों के विकल्पों की खोज कर उनका उपयोग करने से ये संसाधन आने वाली पीढ़ियों के लिए उपलब्ध रह सकते हैं


Post a Comment

2 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Thanks

Top Post Ad

Below Post Ad