- भारतीय परमाणु विज्ञान के पिता किसे कहा गया है
डॉ होमी जहांगीर भाभा
- भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) कहां है
ट्रांबे (मुंबई ) - डॉक्टर भाभा के निर्देशन में किन परमाणु भट्टीयो की स्थापना हुई
अप्सरा ,सायरस व जरलीना - देश के पहले परमाणु बिजली घर का निर्माण कहां किया गया (2020)
तारापुरा (1963) - किस पुस्तक में शल्य चिकित्सा का विस्तृत वर्णन मिलता है
सुश्रुत द्वारा रचित सुश्रुत संहिता - सुश्रुत किसके वंशज थे
विश्वामित्र के - आयुर्वेद चिकित्सा के महान आचार्य कौन थे
चरक - शल्य चिकित्सा का महानतम चिकित्सक किसे कहा जाता है
सुश्रुत को - प्लास्टिक सर्जरी का पिता किसे कहा जाता है
सुश्रुत को - चरक के अनुसार शरीर के तीन दोष कौन से है
पित्त, कफ व वात - संस्कृत भाषा का प्राचीनतम ग्रंथ चरक संहिता किसने लिखा (2019)
चरक ने - पाचन उपापचय व शरीर प्रतिरक्षा की अवधारणा सर्वप्रथम किसने दी
चरक - विज्ञान दिवस (28 फरवरी) किस वैज्ञानिक के सम्मान में मनाया जाता है
सी वी रमन - चरक के अनुसार बच्चों में अनुवांशिक दोष क्यों उत्पन्न होते हैं
उनके माता-पिता में किसी अभाव या त्रुटि के कारण - द फॉल ऑफ स्पैरो किसकी आत्मकथा है
डॉ. सलीम अली की - सलीम अली सेंटर फॉर ऑर्निथोलोजी नेचुरल हिस्ट्री (SACON) कहां है
कोयंबतूर - भारत के प्रसिद्ध पक्षी वैज्ञानिक कौन थे
डॉ. सलीम अली - भारत के बर्डमेन के नाम से किस वैज्ञानिक को जाना जाता है
डॉ. सलीम अली - डॉक्टर सलीम अली ने किस उद्यान के निर्माण पर जोर दिया
केवलादेव नेशनल पार्क, भरतपुर - बंगाल कैमिकल एण्ड फ़ार्मास्युटिकल वर्क की स्थापना किसने की
प्रफुल्लचन्द राय - भारत का पहला राकेट कौन सा था
नाइके अपाचे - डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम लिखिए
डॉ अबुल पाकिर जैनुअल आबदीन अब्दुल कलाम - किस वैज्ञानिक को मिसाइल मैन ऑफ इंडिया कहा जाता है
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम - डाॅ हाॅमी जहांगीर भाभा ने किन क्षेत्रो मे विशेष अनुसंधान किया
कॉस्मिक किरणें व परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में - विज्ञान दिवस कब मनाया जाता है (2020)
28 फरवरी को (सी वी रमन व रमन प्रभाव की खोज की उपलक्ष) - चरक का नाम चरक क्यों पड़ा
चरक शब्द का अर्थ है चलना ! चरक पीड़ित जनता का इलाज करने व उन्हें शिक्षा देने दूर-दूर तक पैदल जाते थे इसलिए उनका नाम चरक पड़ा - कॉस्मिक किरणें क्या है
कॉस्मिक किरणें वे सूक्ष्म कण है जो बाह्य अंतरिक्ष से वायुमंडल में आते हैं तथा वायु से क्रिया करके इलेक्ट्रॉन जैसे कणो का फुव्वारा बनाते है इन कणों को सोन कण कहते हैं - चरक ने चिकित्सको को क्या सलाह दी
चिकित्सको को रोगी से किसी प्रकार की शत्रुता नही रखनी चाहिए
रोगी की घर की बातों को बहार नहीं बतानी चाहिए
चिकित्सक को सदैव ज्ञान की खोज में तत्पर रहना चाहिए - रमन प्रभाव क्या है इसका महत्व लिखिए (2020)
जब प्रकाश किसी पारदर्शी माध्यम में से गुजरता है तो प्रकाश व माध्यम के बीच अंतःक्रिया होती है और प्रकाश का प्रकीर्णन हो जाता है इसे रमन प्रभाव कहते हैं रमन प्रभाव द्वारा समुद्र व आकाश के नीले रंग की व्याख्या की जा सकती है - डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का जीवन परिचय व उपलब्धियां बताइए
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म धनुषकोडी (तमिलनाडु) में 15 अक्टूबर 1931 को हुआ इनके पिता का नाम जैनुल आबदीन व माता का का नाम आसियम्मा था
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने सोलोमन के गुरु मंत्र को अपने जीवन का आधार बनाया जिसके अनुसार जीवन में सफलता पाने के लिए तीन बातों का ध्यान रखना जरूरी है इच्छाशक्ति, आस्था व उम्मीद
सर्वप्रथम डाॅ कलाम रक्षा अनुसंधान एवं विज्ञान संगठन में हावर क्राफ्ट परियोजना पर काम करने के लिए नियुक्त किए गए
कलाम ने नासा से रॉकेट प्रक्षेपण तकनीकी का ज्ञान प्राप्त कर भारत का पहला रॉकेट नाइके अपाचे छोड़ा इसके बाद कलाम को SLV परियोजना का प्रबंधक बनाया डॉ कलाम के नेतृत्व में ही SLV-3 द्वारा रोहिणी उपग्रह को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया
डॉ कलाम ने समन्वित निर्देशित मिसाइल कार्यक्रम 1983 के तहत पृथ्वी, अग्नि, त्रिशूल, नाग व आकाश नामक मिसाइलों का विकास एवं प्रक्षेपण किया
1998 में पोकरण में किए गए परमाणु परीक्षण का नेतृत्व भी डाॅ कलाम ने ही किया
डॉक्टर कलाम 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति रहे भारत सरकार ने इन्हें पदम भूषण, पदम विभूषण तथा भारत रत्न से सम्मानित किया - आचार्य सुश्रुत के जीवन परिचय व उपलब्ध का वर्णन कीजिए।
आचार्य सुश्रुत का जन्म 600 ईसा पूर्व काशी में हुआ था।.
सुश्रुत ने संसार को सबसे पहले शल्य क्रिया का ज्ञान कराया इसलिए सुश्रुत को शल्य चिकित्सा का जनक कहा जाता है
सुश्रुत को ‘प्लास्टिक सर्जरी’ का जनक कहा जाता है.
आचार्य सुश्रुत द्वारा रचित "सुश्रुत संहिता" में शल्य चिकित्सा के विभिन्न पहलुओं को विस्तार से समझाया गया है। "सुश्रुत संहिता" में शल्य क्रिया में प्रयुक्त 101 यंत्रों की जानकारी दी गई है
मानव शारीर की अंदरूनी रचना को समझाने के लिए सुश्रुत शव के ऊपर शल्य क्रिया करके अपने शिष्यों को समझाते थे।
शल्य क्रिया के दौरान होने वाले दर्द को कम करने के लिए वे मद्यपान या विशेष औषधियां देते थे। यह क्रिया संज्ञाहरण (Anaesthesia) कहलाती है
सुश्रुत शल्य क्रिया करने से पहले उपकरणों को गर्म करते थे, जिससे उपकरणों में लगे कीटाणु नष्ट हो जाएँ और रोगी को आपूति दोष न हो।
सुश्रुत ने रक्त का थक्का जमने से रोकने के लिए विषहीन जोंको का प्रयोग किया
सुश्रुत टूटी हड्डियों के जोड़ने, मूत्र नलिका में पाई जाने वाली पथरी निकालने, शल्य क्रिया द्वारा प्रसव कराने एवं मोतियाबिंद की शल्य-चिकित्सा में भी दक्ष थे। - महर्षि चरक का जीवन परिचय एवं उपलब्धियां बताइए
चरक का शाब्दिक अर्थ है ” चलाना”। चरक पीङित जनता का ईलाज करने व उनको शिक्षा देने के लिए दूर दूर तक पैदल यात्रा करते थे । इसी कारण इनका नाम चरक पड़ा।
महर्षि चरक द्वारा लिखित "चरक संहिता" संस्कृत भाषा का सबसे प्राचीन ग्रन्थ है ।
महर्षि चरक को औषधि विज्ञान का पिता माना जाता है
चरक ऐसे पहले चिकित्सक थे जिन्होंने पाचन, उयापचय और शरीर प्रतिरक्षा की अवधारणा दी थी. उन्होंने बताया कि शरीर में तीन स्थायी दोष पाए जाते हैं, जिन्हें पित्त, कफ और वात के नाम से जाना जाता है। ये तीनों दोष शरीर में जब तक संतुलित अवस्था में रहते हैं, व्यक्ति स्वस्थ रहता है। लेकिन जैसे ही इनका संतुलन बिगड़ जाता है, व्यक्ति बीमार हो जाता है।
चरक के अनुसार चिकित्सको को रोगी से किसी प्रकार की शत्रुता नही रखनी चाहिए, रोगी की घर की बातों को बहार नहीं बतानी चाहिए और चिकित्सक को सदैव ज्ञान की खोज में तत्पर रहना चाहिए
चरक के अनुसार बच्चों में अनुवांशिक दोष उनके माता-पिता में किसी अभाव या त्रुटि के कारण उत्पन्न होते हैं - सी.वी. रमन का जीवन परिचय एवं उपलब्धियां बताइए
चंद्रशेखर वेंकट रमन का जन्म तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली शहर में 7 नवम्बर 1888 को हुआ था। उनके पिता का नाम चंद्रशेखर अय्यर व माता का नाम पार्वती अम्मा था
वर्ष 1930 में रमन प्रभाव की खोज के लिए उन्हे नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
1954 में भारत सरकार ने उन्हें देश का सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ दिया।
1957 में शांतिपूर्ण वैज्ञानिक कार्यो द्वारा विभिन्न राष्ट्रों के मध्य मैत्रीपूर्ण संबंध स्थापित करने के कारण उन्हें ‘लेनिन शांति पुरस्कार’ से सम्मानित किया।
चंद्रशेखर वेंकट रमन ने 28 फ़रवरी 1928 को रमन प्रभाव की खोज की । इस महान खोज की याद में 28 फ़रवरी का दिन भारत में हर वर्ष ‘राष्ट्रीय विज्ञान दिवस’ के रूप में मनाया जाता है - डॉक्टर होमी जहांगीर भाभा का जीवन परिचय एवं उनकी उपलब्धियां बताइए
होमी जहांगीर भाभा न केवल वैज्ञानिक थे बल्कि कुशल प्रशासक, कलाप्रेमी व उच्च कोटि के चित्रकार भी थे
होमी जहांगीर भाभा भारत के महान परमाणु वैज्ञानिक थे। उन्हे भारत के परमाणु उर्जा कार्यक्रम का जनक कहा जाता है।
होमी जहांगीर भाभा ने 1945 में ‘टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ फंडामेंटल रिसर्च’ (TIFR) की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
डॉ. होमी जहाँगीर भाभा की अध्यक्षता में 1948 को परमाणु ऊर्जा आयोग की स्थापना की गई
डॉ. भाभा के निर्देशन में अप्सरा ,साइरस व जरलीना आदि परमाणु भट्टीयों की स्थापना हुई
1954 मेें मुम्बई के पास ट्राम्बे में परमाणु शक्ति संस्थान की स्थापना की गई जिसे 1967 में होमी जहाँगीर भाभा के समान में भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) में बदल दिया गया
भारत के इस महान वैज्ञानिक का 24 जनवरी 1966 में एक विमान दुर्घटना में निधन हो गया - डॉ. प्रफुल्लचंद्र राय का जीवन परिचय एवं उनकी उपलब्धियां बताइए
डाॅ. प्रफुल्लचंद्र राय का जन्म बंगाल के खुलना जिले के ररूली कतिपरा नामक ग्राम में 2 अगस्त 1861 ई. को हुआ था
डॉ. प्रफुल्लचंद्र राय रसायन विज्ञान के प्रथम भारतीय प्रवक्ता बने एवं भारत में रसायन उद्योग की नींव रखी।
डॉ. प्रफुल्लचंद्र राय ने अपना अनुसंधान कार्य पारद के योगिको से शुरू किया तथा पारद नाइट्रेट का निर्माण किया
डा. प्रफुल्लचंद्र राय ने "हिस्ट्री ऑफ हिन्दू केमिस्ट्री" (हिन्दू रसायन का इतिहास) नामक ग्रंथ लिखा
इंग्लैंड से रसायन विज्ञान की उच्च परीक्षा पास कर लेने के पश्चात् प्रफुल्लचंद्र राय भारत में कलकत्ता के प्रेसीडेंसी कॉलेज में सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्य किया
डाॅ. प्रफुल्लचंद्र राय ने1906 ई. में "बंगाल कैमिकल एण्ड फार्मास्युटिकल वर्क्स" नाम से कारखाना खोला |
19 जून 1944 को भारत के महान वैज्ञानिक डॉ. प्रफुल्ल चंद्र राय का निधन हो गया - डॉ. पंचानन माहेश्वरी का जीवन परिचय एवं उनकी उपलब्धियां बताइए
डॉ .पंचानन माहेश्वरी 1948 में दिल्ली विश्वविद्यालय में वनस्पति विज्ञान के अध्यक्ष बने और तब से जीवनपर्यंत वहीं रहे।
डॉ .पंचानन माहेश्वरी ने पादप भ्रूणविज्ञान एवं पादप आकारिकी पर विशेष कार्य किया। इन्होने भ्रूणविज्ञान व पादप क्रियाविज्ञान के सम्मिश्रण से एक नई शाखा का विकास किया।
पंचानन माहेश्वरी को टिशु कल्चर प्रयोगशाला की स्थापना व टेस्ट ट्यूब कल्चर पर शोध के लिए लंदन की रॉयल सोसाइटी ने अपना फैलो बनाकर सम्मानित किया।
डॉ. पंचानन माहेश्वरी ने फूलों के विभिन्न भागों की कृत्रिम पोषण द्वारा वृद्धि कराने में सफलता प्राप्त की
18 मई 1966 को दिल्ली में डाॅ.पंचानन माहेश्वरी का निधन हो गया - डॉ. सलीम अली का जीवन परिचय एवं उनकी उपलब्धियां बताइए
- सलीम अली एक भारतीय पक्षी विज्ञानी और प्रकृतिवादी थे। उन्हें "भारत के बर्डमैन" के रूप में जाना जाता है,
- सलीम अली का जन्म मुम्बई के एक सुलेमानी बोहरा मुस्लिम परिवार में 12 नवम्बर 1896 को हुआ।
- सलीम अली भारत के ऐसे पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने भारत भर में व्यवस्थित रूप से पक्षियों का सर्वेक्षण किया तथा पक्षियों पर कई पुस्तकें लिखी
- डा.सलीम अली ने बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के सचिव मिलार्ड की देख-रेख में पक्षियों पर गंभीर अध्ययन किया।
- डॉ. सलीम अली ने केवलादेव नेशनल पार्क भरतपुर के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।
- 1983 में उन्हें पद्मविभूषण से अलंकृत किया तथा 20 जून 1987 को सलीम अली का निधन हो गया
- भारत सरकार द्वारा ने उनके सम्मान में कोयंबटूर में "सलीम अली सेंटर फॉर ओर्निथोलोजी एंड नेचुरल हिस्ट्री" की स्थापना की और गोवा में "सलीम अली पक्षी विहार" की स्थापना की गई है।