- भारत का प्रथम स्वदेशी राकेट कौन सा था ?
रोहिणी -75 - भारत का प्रथम उपग्रह कौन सा था?
आर्यभट्ट - विश्व का प्रथम अंतरिक्ष यात्री कौन था ?(2019)
यूरी गागरिन - हमारी आकाश गंगा का क्या नाम है ?
दुग्ध मेखला - यूरोपा व टाइटन किन ग्रहों के उपग्रह है
यूरोपा बृहस्पति का तथा टाइटन शनि का उपग्रह है - भारत सूर्य पर कौन सा अंतरिक्षयान भेजने की तैयारी कर रहा है
आदित्य अंतरिक्षयान - अंतरिक्ष में फुसफुसाहट सुनने के लिए किस यंत्र का प्रयोग किया जाता है ?
रेडियो दूर संवेदी यंत्र का - अंतरिक्ष में भारहीनता से बचने के लिए किसका सहारा लिया जाता है ?
व्यायाम का (ट्रेडमिल उपकरण से) - इसरो का पूरा नाम लिखिए
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (1969) - विश्व का प्रथम मानव निर्मित उपग्रह कौन सा था ?
स्पूतनिक-1 (सोवियत संघ द्वारा भेजा गया) - एलियन क्या है ?
पृथ्वी के बाहर के जीव को एलियन कहते हैं - भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी का नाम लिखिए
इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरु) - पायनियर-10 अंतरिक्ष यान कब छोड़ा गया ?
1972 में (सौरमंडल से बाहर जाने वाला पहला अंतरिक्ष यान) - SLV व PSLV का पूरा नाम लिखिए
SLV- Satellite Launch Vehicle उपग्रह प्रक्षेपण वाहन
PSLV-Polar Satellite Launch Vehicle ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण वाहन - क्षुद्रग्रह क्या है ?
मंगल व बृहस्पति ग्रह के बीच में लाखों की संख्या में छोटे-छोटे पिंड पाए जाते हैं जिन्हें क्षुद्रग्रह कहते हैं - खगोल शास्त्र किसे कहते हैं ?
पृथ्वी और उसके वायुमंडल के बाहर अंतरिक्ष में घटित होने वाली घटनाओं का अध्ययन करना खगोलशास्त्र कहलाता है - अंतरिक्ष में दुर्घटना उत्पन्न करने वाला कचरा कौन-कौन सा है ?
काम आ चुके राकेट एवं उनके टुकड़े, निष्क्रिय कृत्रिम उपग्रह ,उपग्रह को नष्ट करने हेतु छोड़े गए हथियार तथा प्राकृतिक सूक्ष्म उल्का पिंड आदि - रूस ,चीन ,अमेरिका व यूरोपीय संघ के अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्रों के नाम लिखिए
रूस---- रोसकोसमोस
अमेरिका ----नासा
चीन --राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्राधिकरण
यूरोपीय संघ --यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी - 'अंतरिक्ष में निजी प्रयास' पर टिप्पणी लिखिए
1.मून एक्सप्रेस नामक एक निजी कंपनी पृथ्वी से चांद पर पहुंचने वाली सेवा प्रारंभ कर रही है
2.गूगल ने अंतरिक्ष कार्यक्रम को प्रोत्साहित करने के लिए लूनर X पुरस्कार की घोषणा की है
3.मार्स-1 नामक एक निजी संगठन मंगल पर बसने हेतु लोगों की एक तरफा यात्रा की तैयारी कर रहा है - गैअन परिकल्पना क्या है
किसी पिण्ड पर जीवन उत्पन्न के बाद ,जीवन ग्रह के भौतिक वातावरण के साथ पुर्नभरण संवाद करने लगता है। यह संवाद सकारात्मक या नकारात्मक हो सकता है। सामान्यतः यह नकारात्मक होता है और जीवन प्रारम्भिक अवस्था में ही नष्ट हो जाता है। जहाँ जीवन का अपने वातावरण से सकारात्मक पुर्नभरण संवाद स्थापित हो पाता है वहां ही जीवन का आगे विकास होता है। जैसा कि पृथ्वी पर हुआ। इस सकारात्मक पुर्नभरण संवाद को वैज्ञानिक जेम्स लवलोक व लिन मार्गुलिस (1974) ने गैअन (धरती माता) परिकल्पना नाम दिया है।इसे धर्म आधारित परिकल्पना माना गया है - कृत्रिम उपग्रहों के महत्व को समझाइए
1.विश्व की संपूर्ण संचार व्यवस्था पूर्णत: कृत्रिम उपग्रहों पर आधारित है
2.कृत्रिम उपग्रहों की सहायता से अन्तरिक्ष अनुसंधान कार्य को गति मिली है
3.कृत्रिम उपग्रहों से वायुमंडल के बारे में जानकारी मिलती है
4.कृत्रिम उपग्रहों की सहायता से मौसम सम्बन्धी जानकारी प्राप्त होती है
5.कृत्रिम उपग्रह सैन्य कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं - अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन क्या है समझाइए (2020 अपने विचार )
अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित उपग्रह है जो पृथ्वी से 330 से 435 किलोमीटर दूर स्थित है यह पृथ्वी की कक्षा में उपस्थित सबसे बड़ी कृत्रिम संरचना है यह 1 दिन में पृथ्वी के 15 से अधिक चक्कर लगा लेता है अंतरिक्ष स्टेशन पर ऊर्जा उत्पादन के लिए सौर पैनल लगे हैं इसके कमरों में वायुमंडलीय दाब पर हवा भरी है जिससे अंतरिक्ष यात्री बिना अंतरिक्ष सूट पहने आराम से वहां रहकर कार्य कर सकता है अंतरिक्ष स्टेशन स्थापना में जापान, कनाडा ,रूस, अमेरिका व यूरोपियन स्पेस एजेंसी की भागीदारी है यहां सरकार द्वारा चयनित लोग ही जाते हैं भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक सुनीता विलियम्स भी अंतरिक्ष स्टेशन में कार्य कर चुकी है अंतरिक्ष स्टेशन में कार्य करने वाले यात्रियों के लिए भोजन प्लास्टिक की थैलियों में पैक कर भेजा जाता है पेय पदार्थों को स्ट्रा की सहायता से मुंह में खींचा जाता है भारहीनता से बचने के लिए अंतरिक्ष यात्री ट्रेडमिल जैसे उपकरण से व्यायाम करते हैं - विश्व अंतरिक्ष अभियान में भारत का महत्व समझाइए
1.भारत में अंतरिक्ष अनुसंधान का कार्य 1948 में अहमदाबाद में भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला के रूप में शुरू हुआ
2.1962 में डॉ विक्रम साराभाई के नेतृत्व में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति का गठन किया गया इसने थुंबा (केरल) में 'थुंबा रॉकेट प्रक्षेपण स्टेशन' की स्थापना कर अंतरिक्ष अनुसंधान कार्य प्रारंभ किया
3.भारत ने 1969 में अपना पहला रॉकेट रोहिणी-75 छोड़ा
4.1969 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) में बदल दिया गया
5.भारत ने 1975 में रूसी राकेट की सहायता से अपना पहला उपग्रह आर्यभट्ट अंतरिक्ष में भेजा और अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में विश्व में ग्यारहवें स्थान पर आ गया
6.भारत ने 1979 में स्वयं के राकेट से अंतरिक्ष यान भेजने के लिए उपग्रह प्रक्षेपण यान-3(एसएलवी-3) तैयार किया
7.1981 में भारत ने अपना पहला संचार उपग्रह एप्पल अंतरिक्ष में भेजा।
8.भारत की एक बड़ी सफलता शक्तिशाली रॉकेट ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण वाहन (PSLV) के विकास के रूप में हुई। सर्वाधिक विश्वसनीयता के कारण यह सभी देशों के लिए पसंदीदा वाहन बन गया
9.भारत ने 2008 में चंद्रयान प्रथम चंद्रमा की सतह पर भेजकर वहां भारत का झंडा गाड़ने व चंद्रमा पर जल खोजने में सफलता प्राप्त की
10.भारत ने 2014 में प्रथम प्रयास में मंगल की कक्षा में मंगलयान को स्थापित किया तथा 2016 में भारत ने एक साथ 20 उपग्रह अंतरिक्ष में भेजकर विश्व में नया रिकॉर्ड स्थापित किया
17. पृथ्वी के बाहर जीवन की खोज
मई 15, 2018
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