- विद्युत आवेश का मात्रक लिखिए
कूलाम - भारत में प्रत्यावर्ती धारा की आवृत्ति कितनी है
50 हर्ट्ज - घरों में विद्युत संयोजन किस प्रकार किया जाता है
समांतर क्रम में - एक अश्वशक्ति में कितने वाट होते हैं
746 वाट - विद्युत जनित्र किस सिद्धांत पर कार्य करता है
विद्युत चुंबकीय प्रेरण के सिद्धांत पर - विद्युत धारा का मापन किसके द्वारा किया जाता है
अमीटर के द्वारा, अमीटर को विद्युत परिपथ में श्रेेेेणी क्रम में जोङा जाता है - 1 एंपियर से क्या अभिप्राय है
किसी विद्युत परिपथ में प्रति सेकंड एक कूलाम आवेश प्रवाह से उत्पन्न धारा 1 एंपियर कहलाती है - विद्युत जनित्र किसे कहते है
यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलने वाली युक्ति को विद्युत जनित्र कहते हैं। - विद्युत विभव से क्या अभिप्राय है
किसी बिंदु पर विद्युत विभव एकांक धनावेश को अनंत से उस बिंदु तक लाने में किए गए कार्य के बराबर होता है - विभवांतर का मापन किसके द्वारा किया जाता है
विभवांतर का मापन वोल्टमीटर के द्वारा किया जाता है वोल्टमीटर को विद्युत परिपथ में समांतर क्रम में जोड़ा जाता है - चुंबकीय फ्लक्स किसे कहते हैं
किसी चुंबकीय क्षेत्र में रखे पर से गुजरने वाली चुंबकीय बल रेखाओं की संख्या कोचुंबकीय फ्लक्स कहते हैं इसका मात्रक वेबर होता है - गैल्वेनोमीटर किसे कहते है
विद्युत परिपथ में विद्युत धारा की उपस्थिति बताने वाला उपकरण गैल्वेनोमीटर कहलाता है - प्रत्यावर्ती धारा किसे कहते हैं
वह धारा जो निश्चित समय अंतराल के बाद अपनी दिशा में परिवर्तन कर लेती है प्रत्यावर्ती धारा कहलाती है - चुंबकीय क्षेत्र किसे कहते हैं
चुंबक के चारों ओर वह क्षेत्र जिसमें चुंबकीय प्रभाव महसूस किया जाता है चुंबकीय क्षेत्र कहलाता है - विद्युत चुंबकीय प्रेरण किसे कहते हैं
किसी कुंडली एवं चुम्बक के बीच सापेक्ष गति के कारण कुंडली में उत्पन्न विद्युत प्रभाव को विद्युत चुंबकीय प्रेरण कहते हैं - चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं किसे कहते हैं (2020 केवल चित्र)
किसी चुंबक के चारों ओर चुंबकीय क्षेत्र को प्रदर्शित करने वाली काल्पनिक रेखाएं चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं कहलाती है - प्रतिरोध किसे कहते हैं इसका मात्रक क्या होता है
किसी चालक का वह गुण जो उसमेंआवेश प्रवाह का विरोध करता है प्रतिरोध कहलाता है प्रतिरोध का मात्रक ओम ( Ω))होता है - प्रतिरोधकता किसे कहते हैं
इकाई लंबाई व इकाई अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल वाले तार का प्रतिरोध विशिष्ट प्रतिरोध प्रतिरोधकता कहलाता है - विद्युत धारा के तापीय प्रभाव से क्या अभिप्राय है
जब किसी चालक में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो वह गर्म हो जाता है इसे विद्युत धारा का तापीय प्रभाव कहते हैं - विद्युत धारा का चुंबकीय प्रभाव क्या है
जब किसी चालक में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो चालक के चारों ओर चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है इस में विद्युत धारा का चुंबकीय प्रभाव कहते हैं - एक ओम से क्या अभिप्राय है
किसी चालक तार में 1 एंपियर विद्युत धारा प्रवाहित करने पर उसके सिरों के मध्य 1 वोल्ट विभवांतर उत्पन्न होता है तो उस चालक का प्रतिरोध एक ओम कहलाता है - ओम का नियम क्या है
स्थिर ताप पर किसी चालक के दो सिरों के बीच उत्पन्न विभवांतर उस चालक में प्रवाहित विद्युत धारा के समानुपाती होता है
V ∝ I
V = IR - प्रत्यावर्ती धारा जनित्र से उत्पन्न धारा का मान किन कारकों पर निर्भर करता है
कुंडली में फेरों की संख्या
कुंडली का क्षेत्रफल
चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता
घूर्णन वेग - चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं के गुण लिखिए
1.चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं उत्तरी ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव में विलीन हो जाती है
2.चुंबक के भीतर चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं की दिशा दक्षिणी ध्रुव से उत्तरी ध्रुव की होती है
3.चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं एक बंद वक्र होती है
4.चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं एक दूसरे को काटती नहीं है - चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा ज्ञात करने के नियम लिखिए
1.मैक्सवेल का दक्षिणावर्त पेच नियम- इस नियम के अनुसार जब किसी पेच को दक्षिणावर्त इस प्रकार घुमाया जाए कि पेच की नोक विद्युत धारा की दिशा में आगे बढ़े तो पेच को घुमाने की दिशा चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा को व्यक्त करती है
2.दक्षिण हस्त नियम - जब किसी धारावाही चालक को दाहिने हाथ से इस प्रकार पकड़े की अंगूठा धारा की दिशा की ओर रहे तो मुड़ी हुई अंगुलियों की दिशा चुंबकीय क्षेत्र की दिशा को व्यक्त करती है - विद्युत शक्ति किसे कहते हैं इसका मात्रक लिखिए
किसी विद्युत परिपथ में धारा प्रवाहित करने पर प्रति सेकंड किया गया कार्य विद्युत शक्ति का लाता है इसका मात्रक वाट होता है - विधुत धारा किसे कहते है
किसी चालक में आवेश प्रवाह की दर को विद्युत धारा कहते है विद्युत धारा का मात्रक एम्पीयर होता है - प्रतिरोध किन-किन कारको पर निर्भर करता है1.चालक की लंबाई- किसी चालक तार का प्रतिरोध उसकी लंबाई के अनुक्रमानुपाती होता हैR ∝ L2. अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल- किसी चालक तार का प्रतिरोध उसके अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल के व्युत्क्रमानुपाती होता है3.पदार्थ की प्रकृति -विद्युत के अच्छे चालक का प्रतिरोध कम तथा चालकता घटने पर प्रतिरोधत का मान बढ़ता है
- जूल का तापन नियम क्या है
जब किसी प्रतिरोध में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो उस में उत्पन ऊष्मा का मान (H = I2Rt) -
1.प्रतिरोध में प्रवाहित विद्युत धारा के वर्ग के समानुपाती होता है
H ∝ I2
2.प्रतिरोध के समानुपाती होता है
H ∝ R
3.प्रतिरोध में धाराप्रवाह के समय के समानुपाती होता है
H ∝ t
इसे ही जूल का तापन नियम कहते है - श्रेणी क्रम संयोजन से क्या अभिप्राय है श्रेणी क्रम संयोजन के लिए तुल्य प्रतिरोध की गणना कीजिए
जब दो या दो से अधिक प्रतिरोधो को क्रमशः छोर से छोर मिलाते हुए संयोजित किया जाता है तो इस प्रकार के संयोजन को श्रेणी क्रम संयोजन कहते हैं
माना श्रेणी क्रम में संयोजित प्रतिरोध R1, R2 व R3 में I धारा प्रवाहित हो रही है तथा इन प्रतिरोधो के सिरों के मध्य उत्पन्न विभवांतर क्रमशः V1,V2 व V3 है तो ओम के नियमानुसार प्रत्येक प्रतिरोध के लिए विभावान्टर का मान निम्न होगा
V1 = IR1
V2 = IR2
V3 = IR3
यदि बैटरी का विभवांतर V हो तो
V = V1 + V2 + V3
V = IR1 + IR2 + IR3
V = I( R1 + R2 + R3) .........(1)
यदि परिपथ का तुल्य प्रतिरोध R हो तो सम्पूर्ण परिपथ के लिए ओम के नियमानुसार-
V = IR ...........(2)
समी० (1) वह (2) से
IR = I( R1 + R2 + R3)
R = R1 + R2 + R3
अतः श्रेणी क्रम संयोजन में परिपथ का कुल तुल्य प्रतिरोध सभी प्रतिरोधो के योग के बराबर होता है - समांतर क्रम संयोजन से क्या अभिप्राय है समांतर क्रम संयोजन के लिए तुल्य प्रतिरोध की गणना कीजिए
जब दो या दो से अधिक प्रतिरोधो को दो सिरों के मध्य संयोजित किया जाता है तो इसे समांतर क्रम संयोजन कहते हैं
माना तीन प्रतिरोध R1, R2 व R3 समांतर क्रम में संयोजित है इनमें क्रमशः I1, I2 व I3 धारा प्रवाहित होती है इन प्रतिरोधो के सिरों पर उत्पन्न विभवांतर V हो तो ओम के नियमानुसार प्रत्येक प्रतिरोध में प्रवाहित धारा का मान निम्न होगा
यदि परिपथ में प्रवाहित कुल धारा I हो तोI= I1+ I2+ I3यदि परिपथ का तुल्य प्रतिरोध R हो तो सम्पूर्ण परिपथ में प्रवाहित धारा का मान निम्न होगासमी० (१) व (२) से - विभवांतर किसे कहते हैं इसका मात्रक लिखिए
किसी विद्युत परिपथ में एकांक धनावेश को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक लाने में किया गया कार्य उन दोनों बिंदुओं के बीच विभवांतर होता है इसका मात्रक वोल्ट होता है
- दिये गए विद्युत परिपथ में निम्न की गणना कीजिए(i)परिपथ का कुल प्रतिरोध(ii)परिपथ की कुल धारा(i) परिपथ में प्रतिरोध श्रेणी क्रम में संयोजित है अतः श्रेणी क्रम में कुल प्रतिरोध-R= R1 +R2R = 10+30= 40 Ω(ii) परिपथ में कुल धाराI = V/R= 40/40= 1 एम्पीयर
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10. विद्युत धारा
Wednesday, June 20, 2018
1
very good
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