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5. खनिज एवं ऊर्जा संसाधन


खनिज वर्तमान औद्योगिक सभ्यता का मूल आधार हैं। किसी देश के आर्थिक विकास में इनका महत्वपूर्ण योगदान होता है।   खनिज सम्पदा की दृष्टि से भारत एक सम्पन्न देश है। यहाँ अनेक प्रकार के खनिज पाये जाते हैं 

खनिज:- पृथ्वी से प्राप्त कार्बनिक या अकार्बनिक प्राकृतिक पदार्थ जिनकी एक विशेष परमाण्विक संरचना होती है तथा जिनके निश्चित रासायनिक और भौतिक गुण पाए जाते हैंउन्हें खनिज कहते है 

खनिज संसाधनों के प्रकार

रासायनिक एवं भौतिक गुणधर्मों के आधार पर खनिजों की दो प्रमुख श्रेणियां है  

1. धात्विक खनिज - वे खनिज जिनमें धात्विक अंश पाया जाता है धात्विक खनिज कहलाते हैं धात्विक खनिज धातु के स्रोतहोते है  धात्विक खनिज दो प्रकार के होते हैं

(i) लौहा धात्विक खनिज- वे धात्विक खनिज  जिनमें लौह अंश पाया जाता है लौहा धात्विक खनिज कहलाते है जैसे लौहानिकलमैंगनीज

(ii) अलौह धात्विक खनिज- वे धात्विक खनिज  जिनमें लौह अंश नहीं पाया जाता है अलौह धात्विक खनिज कहलाते है तांबासीसाजस्ताएलुमिनियम

2. अधात्विक खनिज- वे खनिज जिनमें धात्विक अंश नहीं पाया जाता है अधात्विक खनिज कहलाते है ये दो प्रकार के होते है 

(i) ईंधन खनिज – ये खनिज कार्बनिक उत्पत्ति के होते हैं कोयलापेट्रोलियमप्राकृतिक गैस 

(ii) अन्य अधात्विक खनिज- अन्य प्रकार के अधात्विक खनिज अकार्बनिक उत्पत्ति के होते हैं जैसे अभ्रकचूना-पत्थर तथा ग्रेफाइट आदि।

खनिजों की विशेषताएँ 

1. धरातल पर खनिज असमान रूप से वितरित होते हैं। 

2. खनिजों की गुणवत्ता और मात्रा के बीच प्रतिलोमी संबंध पाया जाता है अर्थात् अधिक गुणवत्ता वाले खनिज भूगर्भ में कम मात्रा में तथा  कम गुणवत्ता वाले खनिज भूगर्भ में अधिक मात्र में पाए जाते हैं। 

3. खनिज पदार्थ समाप्य संसाधन हैं अर्थात्‌ कुछ समय बाद ये समाप्त हो जायेंगे जिनकी पुन: पूर्ति सम्भव नहीं है।

4. भूगर्भ में खनिजों का निर्माण एक दीर्घकालीन प्रक्रिया के माध्यम से होता है। चूँकि खनिजों को पुन: निर्मित नहीं किया जा सकता अत: इनका समुचित संरक्षण एवं प्रबन्धन आवश्यक है।

भारत में खनिजों का वितरण

भारत में अधिकांश धात्विक खनिज प्रायद्वीपीय पठारी क्षेत्र की प्राचीन क्रिस्टलीय शैलों में पाए जाते हैं।  भारत में खनिज मुख्यतः तीन विस्तृत पट्टियाँ पाई जाती हैं। 

1. उत्तर-पूर्वी पठारी प्रदेश

इस पट्टी के अंतर्गत छोटानागपुर (झारखंड)ओडिशा के पठारपं. बंगाल तथा छत्तीसगढ़ के कुछ भाग आते हैं।  यह देश की सर्वाधिक सम्पन खनिज पेटी है यहाँ पर विभिन्न प्रकार के खनिज उपलब्ध हैं जैसे कि लौह अयस्ककोयलामैंगनीजबॉक्साइट व अभ्रक आदि। छोटा नागपुर पठार को भारत का खनिज हृदय स्थल कहा जाता है।

2. दक्षिण-पश्चिमी पठार प्रदेश

यह पट्टी कर्नाटकगोआ तथा संस्पर्शी तमिलनाडु उच्च भूमि और केरल पर विस्तृत है। यह पट्टी लौह धातुओं तथा बॉक्साइट में समृद्ध है। इसमें उच्च कोटि का लौह अयस्कमैंगनीश तथा चूना-पत्थर भी पाया जाता है। निवेली लिगनाइट को छोड़कर इस क्षेत्र में कोयला निक्षेपों का अभाव है। केरल में मोनाजाइटथोरियम और बॉक्साइट क्ले के निक्षेप हैं। गोआ में लौह अयस्क निक्षेप पाए जाते हैं।

3. उत्तर-पश्चिमी प्रदेश

यह पट्टी राजस्थान में अरावली और गुजरात के कुछ भाग पर विस्तृत है इस पट्टी के खनिज धारवाड़ क्रम की शैलों से सम्बंधित  हैं। इस पट्टी में प्रमुख रूप से ताँबा व जिंक पाए जाते  है। इसके अलावा राजस्थान में बलुआ पत्थरग्रेनाइटसंगमरमरजिप्समव मुल्तानी मिट्टी पाई जाती हैं। गुजरात में पेट्रोलियम निक्षेप पाए जाते है। गुजरात व राजस्थान दोनों में नमक के समृद्ध स्रोत पाए जाते हैं। 

लौह अयस्क

अयस्क भारत का एक आधारभूत खनिज है। भारत में प्रतिवर्ष विश्व का लगभग 4 प्रतिशत लौह-अयस्क उत्पादित किया जाता है। भारत में एशिया के विशालतम लौह अयस्क आरक्षित हैं। भारत में लौह अयस्क के दो प्रमुख प्रकार हेमेटाइट तथा मैग्नेटाइट पाए जाते हैं। ओडिशाछत्तीसगढ़झारखण्ड तथा कर्नाटक भारत के प्रमुख लौह-अयस्क उत्पादक राज्य हैं। गोआआंध्र प्रदेश तथा तमिलनाडु लौह-अयस्क उत्पादित करने वाले अन्य राज्य हैं।

ओडिशा- गुरु महिसानी व बादाम पहाड़ी (मयूरभंज)किरुबुरू (क्योंझर)  बोनाई (सुन्दरगढ़)

छत्तीसगढ़ बैलाडीला पहाड़ी (बस्तर)डल्ली व राजहरा की खदानें (दुर्ग )

कर्नाटक- बाबा बूदन पहाड़ियों और कुद्रेमुख (चिकमगलूरु)  संदूर-होसपेटे (बेल्लारी)

झारखंड - नोआमंडी और गुआ (सिंहभूम) 

तमिलनाडु सेलम

आंध्र प्रदेश - कुरूनूलकडप्पा , अनंतपुर 

मैंगनीज

लौह अयस्क के प्रगलन के लिए मैंगनीज एक महत्वपूर्ण कच्चा माल है मैंगनीज निक्षेप मुख्य रूप से धारवाड़ क्रम की शैलों में पाए जाते है। भारत में ओडिशाकर्नाटकमहाराष्ट्रमध्य प्रदेश प्रमुख मैंगनीज उत्पादक राज्य है  तेलंगानागोआ तथा झारखंड गौणमैंगनीज उत्पादक राज्य है  महाराष्ट्र में मैंगनीज खदानें इस्पात संयंत्रों से दूर स्थित हैं। इसलिए ये अलाभकरी  है 

बॉक्साइट

बॉक्साइट एल्यूमिनियम का अयस्क है। बॉक्साइट मुख्यतः टरश्यरी निक्षेपों में पाया जाता है और लैटराइट चटटानों से संबद्ध है।

ओडिशा बॉक्साइट का सबसे बड़ा उत्पादक है। इसके अलावा झारखंडगुजरातछत्तीसगढ़मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र अन्य प्रमुख उत्पादक राज्य हैं। कर्नाटकतमिलनाडुतथा गोआ बॉक्साइट के गौण उत्पादक हैं।

ताँबा

ताम्बे का उपयोग बिजली की मोटरेंट्रांसफार्मर तथा जेनेरेटर्स आदि बनाने तथा विद्युत उद्योग में किया जाता है। यह एक मिश्रातु योग्यआघातवर्ध्य तथा तन्य धातु हैं। आभूषणों को सुदृढ़ता प्रदान करने के इसे स्वर्ण के साथ भी मिलाया जाता है। ताँबा निक्षेप मुख्यतः झारखंड के सिंहभूमि जिले मेंमध्य प्रदेश के बालाघाट तथा राजस्थान के झंझुनु एवं अलवर जिलों में पाए जाते हैं। ताँबे के गौण उत्पादक आंध्र प्रदेश गुंटूर जिला , कर्नाटक के चित्रदुर्ग तथा हासन जिले और तमिलनाडु का दक्षिण आरकाट जिला हैं।

अभ्रक

अभ्रक का उपयोग मुख्यतः विद्युत एवं इलेक्ट्रोनिक्स उद्योगों में किया जाता है।  भारत में अभ्रक मुख्यतः झारखंडआंध्र प्रदेशतेलंगाना व राजस्थान में पाया जाता है। इसके अलावा  तमिलनाडुपं. बंगाल और मध्य प्रदेश में भी अभ्रक का उत्पादन होता हैं। 

झारखंड - हजारीबाग पठार 

आंध्र प्रदेश -  नेल्लोर 

राजस्थान - राजस्थान अभ्रक की पट्टी जयपुर से भीलवाड़ा और उदयपुर के आसपास विस्तृत है। 

कर्नाटक - मैसूर व हासन 

तमिलनाडु - कोयम्बटूरतिरुचिरापल्लीमदुरई तथा कन्याकुमारी 

महाराष्ट्र - रत्नागिरी 

पश्चिम बंगाल - पुरुलिया एवं बाँकुरा 

ऊर्जा संसाधन

भारत में पाए जाने वाले वाले ऊर्जा स्रोत के निम्नलिखित दो वर्ग हैं- 

1. परम्परागत ऊर्जा स्रोत - कोयलापेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस ( इन्हें जीवाश्म ईंधन भी कहा जाता है) के अतिरिक्त परमाणु ऊर्जा इस वर्ग में सम्मिलित है। यह सभी समाप्त होने वाले ऊर्जा संसाधन होते हैं।

2. अपरम्परागत ऊर्जा स्त्रोत - इस वर्ग में सौर ऊर्जापवन ऊर्जाजल ऊर्जाभूतापीय ऊर्जा तथा जैव ऊर्जा नामक ऊर्जा स्रोत सम्मिलित हैं। यह ऊर्जा स्रोत नवीनीकरण योग्य होने के कारण सततपोषणीय ऊर्जा के स्रोत: होने के साथ पर्यावरण-मित्र ऊर्जा स्रोत होते हैं। 

परम्परागत ऊर्जा स्रोत

1. कोयला

भारत में शक्ति संसाधनों में कोयला एक अति महत्वपूर्ण संसाधन है।  जिसका मुख्य प्रयोग ताप विद्युत उत्पादन तथा लौह अयस्क के प्रगलन के लिए किया जाता है।भारत में शक्ति संसाधनों में कोयला एक अति महत्वपूर्ण संसाधन है। भारत में इसकी तीन किस्मों-एन्श्रेसाइट ,बिटूमिनस तथा लिग्नाइट का खनन होता है कोयला मुख्य रूप से दो भूगर्भिक कालों की शैल क्रमों में पाया जाता है जिनके नाम हैं गोंडवाना और टर्शियरी निक्षेप।

भारत में कोयला निक्षेपों का लगभग 80 प्रतिशत भाग बिटुमिनियस प्रकार का तथा गैर कोककारी श्रेणी का है। भारत में गोंडवाना युगीन कोयला छत्तीसगढ़पं. बंगालझारखंडउड़ीसामध्य प्रदेशमहाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में अवस्थित कोयला क्षेत्रों में है। दामोदर घाटी क्षेत्र  भारत का सबसे बड़ा गोंडवाना कोयला उत्पादक क्षेत्र है झरिया सबसे बड़ा कोयला क्षेत्र है जिसके बाद रानीगंज आता है। भारत में टर्शियरी युगीन कोयला असममेघालयजम्मू-कश्मीरतमिलनाडुराजस्थानअरुणाचल प्रदेश व पश्चिमी बंगाल  में पाया जाता है। इसके अतिरिक्त भूरा कोयला या लिगनाइट तमिलनाडु के तटीय भागों पांडिचेरीगुजरात और जम्मू एवं कश्मीर में भी पाया जाता है।

भारत के प्रमुख कोयला उत्पादक क्षेत्र निम्न  है

1.सिंगरोनी (आंध्रप्रदेश)

2.सिंगरौली (मध्यप्रदेश)

3.झरिया (झारखण्ड) 

4.रानीगंज (पश्चिम बंगाल)

5.तलचर (उड़ीसा)

6.कोरबा( छतीसगढ़)

7. नवेली (तमिलनाडु) लिग्नाइट कोयला उत्पादक क्षेत्र 

2. पेट्रोलियम

पेट्रोलियम  मुख्यतः टर्शियरी काल की अवसादी चट्टानों में पाया जाता है।अपनी दुर्लभता और विविध उपयोगों के लिए पेट्रोलियम को तरल सोना कहा जाता है यह मोटर-वाहनोंरेलवे तथा वायुयानों में ईंधन के लिए ऊर्जा का एक अनिवार्य स्रोत है। पेट्रोलियम से अनेक सह-उत्पाद जैसे उर्वरककृत्रिम रबरकृत्रिम रेशेदवाइयाँवैसलीनस्नेहकोंमोम , साबनु तथा अन्य सादैंर्य सामग्री पेट्रो-रसायन उद्योगों में बनाये जाते है 1956 में तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग की स्थापना के बाद भारत में विस्तृत एवं व्यवस्थित रूप से तेल की खोज एवं उत्पादन की शुरूआत हुई । भारत में मुख्य रूप से निम्न क्षेत्रो में तेल का उत्पादन होता है 

1. असम - डिगबोईनहारकटियामोरान तथा सूरमा घाटी 

2. गुजरात - अंकलेश्वरकालोलमेहसाणानवागामकोसांबा तथा लुनेज 

3. अरब सागर- मुंबई हाई 

कूपों से निकाला गया तेल अपरिष्कृत तथा अनेक अशुद्धियों से परिपूर्ण होता है। इसे सीधे प्रयोग में नहीं लाया जा सकता। इसलिए इसे तेल सोधनशालाओं में सोधित किया जाता है भारत में दो प्रकार के तेल शोधन कारखाने हैं: (1) क्षेत्र आधारित (2) बाजार आधारित। डिगबोई तेल शोधन कारखाना क्षेत्र आधारित तथा बरौनी बाजार आधारित तेल शोधन कारखाने के उदाहरण हैं। 

3. प्राकृतिक गैस

सामान्यतया प्राकृतिक गैस की उपस्थिति पेट्रोलियम के संचित भण्डारों के साथ-साथ मिलती है भारत में प्राकृतिक गैस के परिवहनपरिशोधन तथा विपणन के लिए  984 में गैस अथॉरिटी ऑफ इण्डिया लिमिटेड (GAIL) का गठन किया गया। प्राकृतिक गैस के प्रमुख उत्पादक क्षेत्र असमगुजरातराजस्थानत्रिपुरातमिलनाडु तथा आंध्र प्रदेश राज्यों में हैं। रामानाथपुरम (तमिलनाडु) में तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग ने प्राकृतिक गैस के विशाल भंडारों के संकेत मिले है

4. नाभिकीय ऊर्जा

नाभिकीय ऊर्जा के उत्पादन में प्रयुक्त होने वाले महत्वपूर्ण खनिज यूरेनियम और थोरियम हैं। यूरेनियम निक्षेप धारवाड़ शैलों में पाए जाते हैं। यह राजस्थान (उदयपुरअलवरझुंझुनू)मध्य प्रदेश (दुर्ग)महाराष्ट्र (भंडारा) तथा हिमाचल प्रदेश ( कुल्लू) में पाया जाता है। भारत में यूरेनियम झारखण्ड (सिंहभूम)राजस्थान (उदयपुरअलवरझुंझुनू)मध्य प्रदेश (दुर्ग)महाराष्ट्र (भंडारा) तथा हिमाचल प्रदेश ( कुल्लू) में मिलने वाली धारवाड़ चट्टानों में पाया जाता है और थोरियम छोटा नागपुर पठार (झारखण्ड) तथा केरल की समुद्र तटीय बालू में प्राप्त होता है। भारत में परमाणु ऊर्जा आयोग की स्थापना 1948 में की गई थी किन्तु इस क्षेत्र में वास्तविक प्रगति 1954 में ट्रांबे परमाणु ऊर्जा संस्थान की स्थापना के बाद हुई 1967 में ट्रांबे परमाणु ऊर्जा संस्थान का नाम भाभा परमाणु अनुसन्धान केन्द्र कर दिया गया 

भारत के निम्नलिखित परमाणु शक्ति केन्द्र है 

(1) तारापुरा (महाराष्ट्र)

(2) रावतभाटा(राजस्थान)

(3) काकरापारा(गुजरात)

(4) कैगा(कर्नाटक)

(5) नरौरा(उत्तर प्रदेश)

(6) कलपक्कम (तमिलनाडु)

अपरम्परागत ऊर्जा स्त्रोत

1. सौर ऊर्जा

फोटोवोल्टाइक सेलों में आपतित सूर्य की किरणों को जब ऊर्जा में बदल दिया जाता है तो उसे सौर-ऊर्जा कहा जाता है। फोटोवोल्टाइक तथा सौर तापीय प्रौद्योगिकी सौर-ऊर्जा को काम में लाने वाले दो महत्वपूर्ण एवं प्रभावी प्रक्रम है। अन्य सभी अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की अपेक्षा सौर तापीय प्रौद्योगिकी अधिक लाभप्रद है साथ ही यह कम लागत में प्राप्त होने वालीपर्यावरण मित्र तथा निर्माण में सरल है। सौर-ऊर्जा का सामान्यतया उपयोग हीटरोंसौर कुकर्स, 'फसल शुष्ककों आदि जैसे उपकरणों में अधिकाधिक हो रहा है। भारत के पश्चिमी भागों गुजरात व राजस्थान में सौर ऊर्जा के विकास की अधिक संभावनाएँ हैं।

2. पवन ऊर्जा

पवन ऊर्जा पूर्णरूपेण प्रदूषण मुक्त और ऊर्जा का असमाप्य स्रोत है। उन भागों में जहाँ वर्ष के अधिकांश दिनों में तीव्र गति से हवाएँ चलती हैं,वहां प्रवाहित पवन की गतिज ऊर्जा को टरबाइन के माध्यम से विद्युत-ऊर्जा में बदला जाता है। भारत में पवन ऊर्जा के लिए राजस्थानगुजरातमहाराष्ट्र तथा कर्नाटक में अनुकूल परिस्थितियाँ विद्यमान हैं। 

3. ज्वारीय तथा तरंग ऊर्जा

ज्वारीय ऊर्जा अविरल ज्वारीय तरंगों तथा महासागरीय धाराओं से उत्पादित की जाती है। भारत के पश्चिमी तट पर उठने वाली वृहत ज्वारीय तरंगें इस ऊर्जा के उत्पादन के लिए अनुकूल दशाएँ प्रदान करती हैं। अपरम्परागत ऊर्जा स्रोतों में ज्वारीय ऊर्जा एक महत्वपूर्ण ऊर्जा स्रोत है। भारत में खम्भात की खाड़ीकच्छ की खाड़ी तथा सुन्दरवन देश के ज्वारीय ऊर्जा उत्पादन के सम्भाव्य क्षेत्र हैं। 

4. भूतापीय ऊर्जा

भू-गर्भ में मैग्मा या रेडियोधर्मी तत्वों के विखण्डन से जब वहाँ का तापक्रम अधिक बढ़ जाता है तो भू-सतह के ठीक नीचे स्थित चट्टानें भी गर्म हो जाती हैं। इन चट्टानों द्वारा जो ऊर्जा निकलती हैउसे भूतापीय ऊर्जा कहा जाता है। इसे विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जा सकता है। गर्म सोते का गर्म जल तथा इनकी अति गर्म वाष्प का उपयोग भी ऊर्जा उत्पादन हेतु किया जाता है। 

भारत मेंभूतापीय ऊर्जा संयंत्र हिमाचल प्रदेश के मनीकरण में अधिकृत किया जा चुका है। भूतापीय ऊर्जा सस्तास्वस्थ तथा कभी समाप्त न होने वाला ऊर्जा-ख्रोत है। भूगर्भ में उपस्थित तापीय ऊर्जा भविष्य में एक अति-महत्वपूर्ण वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत के रूप में प्रयुक्त होने की सम्भावना है। 

5. जैव-ऊर्जा

जैविक पदार्थों जैसे कृषि अवशेषनगरपालिका औद्योगिक व अन्य अपशिष्ट से प्राप्त ऊर्जा को जैव ऊर्जा कहा जाता है। इसे विद्युत-ऊर्जाताप-ऊर्जा अथवा खाना पकाने के लिए गैस में परिवर्तित किया जा सकता है। इस ऊर्जा के उत्पादन से एक ओर अपशिष्ट व कूड़ा-करकट का सुचारु निपटान होता है तो दूसरी ओर उससे उपयोगी ऊर्जा की भी प्राप्ति होती है। यह ऊर्जा ग्रामीण क्षेत्रों के आर्थिक जीवन को बेहतर बनाने में सहयोगी तो होती ही है साथ ही पर्यावरण प्रदूषण घटाने तथा जलाऊ लकड़ी की बचत करने में इसका महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। नगरपालिका कचरे को ऊर्जा में बदलने वाली ऐसी ही एक परियोजना नई दिल्ली के ओखला में स्थित है।

खनिज संसाधनों का संरक्षण

वर्तमान में संसाधन उपयोग के परम्परागत तरीकों के परिणामस्वरूप समस्त विश्व को बड़ी मात्रा में अपशिष्ट के साथ-साथ अनेक गम्भीर पर्यावरणीय समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सतत पोषणी विकास व मानव समुदाय की भावी पीढ़ियों के हितों के लिए संसाधनों का संरक्षण अनिवार्य है। संसाधनों के संरक्षण के लिए निम्नलिखित उपायों को कार्यान्वित करना आवश्यक है-

(]) ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों (सौर ऊर्जापवन ऊर्जा तथा भूतापीय ऊर्जा) का अधिकाधिक विकास किया जाना चाहिए।

(2) धात्विक खनिज पदार्थों के संरक्षण के लिए छाजन धातु का पुन: चक्रण कर उपयोग किया जाना चाहिए। 

(3) खनिज उत्खनन से होने वाले पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के लिए ठोस कदम उठने होंगे अर्थात्‌ यह भी प्रयास करना होगा कि खनिजों के उत्खनन से अन्य संसाधनों को कोई हानि न हो।

(4) अति अल्प उपलब्ध धातुओं के स्थान पर उनके प्रतिस्थापनों का उपयोग करना चाहिए।    

(5) सामरिक तथा अति अल्प मात्रा में उपलब्ध खनिजों के निर्यात को अतिसीमित कर देना चाहिए जिससे उनके संचित भण्डारों का उपयोग लम्बे समय तक किया जा सके।

 

 7.खनिज तथा ऊर्जा संसाधन                         pdf 

 

1.      भारत का सबसे बड़ा कोयला क्षेत्र कौनसा है?

[अ] झरिया                                                

[ब] बोकारों

[स] रानीगंज                                              

[द] नेवेली                                      [अ]

2.      गैस अथॉरिटी ऑफ इण्डिया लिमिटेड की स्थापना कब हुई?

[अ] 984                                                  

[ब] 1994

[स] 1974                                                            

[द] 964                                        [अ]

3.      निम्न में से कौनसे खनिज का उपयोग विद्युत एवं इलेक्ट्रोनिक्स उद्योगों में किया जाता है?

[अ] बॉक्साइट  

[ब] अभ्रक

[स] डेलोमाइट                                            

[द] लौह                                        [ब]

4.      निम्न में से किस खनिज को तरल सोनाकहा जाता है?

[अ] प्राकृतिक गैस                                       

[ब] कोयला

[स]यूरेनियम                                             

[द] पेट्रोलियम                                 [द]

5.      एल्युमिनियम धातु कौनसे अयस्क से प्राप्त होती है?

[अ] मैग्नेटाइट                                             

[ब]हेमेटाईट

[स] बॉक्साइट                                             

[द] लिगनाइट                                  [स]

6.      भारत में किस किस्म का कोयला सर्वाधिक है?

[अ] एन्श्रोसाइट                                          

[ब] बिटुमिन्स

[स] लिग्नाइट                                              

[द] पीट                                         [ब]

7.      परमाणु ऊर्जा आयोग की स्थापना कब हुयी?

[अ] 1948                                                

[ब] 1990

[स] 950                                                  

[द] 1960                                      [अ]

8.      निम्नलिखित में से किस स्थान पर पहला परमाणु ऊर्जा स्टेशन स्थापित किया गया था?

[अ] नरोरा                                                  

[ब] तारापुर

[स] रावतभाटा                                            

[द] राणाप्रताप सागर                         [ब]

9.      निम्नलिखित में से कौनसा खनिज ' भूरा कोयलाके नाम से जाना जाता हे?

[अ] लिग्राइट                                              

[ब] माइका

[स] ताँबा                                                   

[द] पेट्रोलियम                                 [अ]

10.    राजस्थान में किस स्थान पर सौर ऊर्जा शक्तिग्रह स्थापित किया गया है?

[अ] जोधपुर [मथानिया]                                

[ब] बीकानेर

[स] सीकर                                                  

[द] बाड़मेर                                     [अ]

11.    निम्न में से कौनसा ऊर्जा का नवीकरणीय स्रोत है?

[अ] कोयला                                               

[ब] पेट्रोलियम

[स] नाभिकीय ऊर्जा                                      

[द] जैवभार [बायोमास]                     [द]

12.    भारत में तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग की स्थापना कब हुई थी?

[अ] 1966                                                

[ब] 1956

[स] 1946                                                 

[द]1976                                       [ब]

13.    हाल ही में तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग ने प्राकृतिक गैस के संभावित भण्डार का पता लगाया है?

[अ] मंथानिया [राजस्थान]                              

[ब] रामानाथपुरम [तमिलनाडू]

[स] नवेली [तमिलनाडू]                                 

[द] तारापुर [महाराष्ट्र ]                      [ब]

14.    अंकलेश्वरकालोलमेहसाणानवागामकोसांबा तथा लुनेज महत्वपूर्ण तेल उत्पादक क्षेत्र कौनसे राज्यमें हैं?

[अ]उत्तर प्रदेश                                            

[ब) गुजरात

[स] राजस्थान                                             

[द] हिमाचल प्रदेश                           [ब]

15.    निम्न में से धात्विक खनिज नहीं है-

[अ] लौहा                                                  

[ब] ताँबा

[स] बॉक्साइट                                            

[द] माइका                                     [द]

16.    निम्न में से कौनसा अधात्विक खनिज नहीं है?

[अ] माइका                                               

[ब] ग्रेफाइड

[स] कोयला                                               

[द] मैंगनीज                                    [द]

17.    हर बाबा बूदन पहाड़ियाँ कौनसे अयस्क के लिए विख्यात है?

[अ] ताँबा                                                  

[ब] लौहा

[स] चाँदी                                                  

[द] सोना                                       [ब]

18.    निम्न में से कौनसा राज्य मैंगनीज/बॉक्साइड उत्पादन में अग्रणी है?

[अ] महाराष्ट्र                                             

[ब] ओडिशा

[स] झारखण्ड                                              

[द] दत्तीसगढ़                                  [ब]

19.    मोनाजाइट रेत में निम्नलिखित में से कौन-सा खनिज पाया जाता है?

[अ]खनिज तेल                                           

[ब] यूरेनियम

[स] थोरियम                                              

[द] कोयला                                    [स]

20.    अंकलेश्वर तेल क्षेत्र किस राज्य में स्थित है?

[अ]असम                                                  

[ब] महाराष्ट्र

[स] आन्ध्र प्रदेश                                          

[द] गुजरात                                     [द]

21.    भारत में किस राज्य में सर्वाधिक थोरियम निकाला जाता है?

[अ]तमिलनाडु                                             

[ब] केरल

[स] कर्नाटक                                               

[द] महाराष्ट्र                                   [ब]

22.    बॉम्बे हाई किस लिए प्रसिद्ध है?

[अ]पनडुब्बी निर्माण के लिए                           

[ब] परमाणु रिएक्टर के लिए

[स] पेट्रोलियम भण्डार के लिए                         

[द] मत्स्य के लिए                            [स]

23.    भारत का नूनमती तेल शोधक कारखाना स्थित है

[अ]बिहार                                                  

[ब] महाराष्ट्र

[स] केरल                                                  

[द] असम                                      [द]

24.    सूर्य शक्ति [ऊर्जा] के उत्पादन की उपयुक्त दशाएँ पायी जाती हैं

[अ]तमिलनाडु में                                         

[ब] राजस्थान में

[स] उत्तरांचल में                                          

[द] मध्य प्रदेश में                             [ब]

25.    निम्न में से किस नदी बेसिन में कोयले के निक्षेप नहीं पाए जाते हैं?

[अ]ब्रह्मपुत्र                                    

[ब] गोदावरी

[स] दामोदर                                                

[द] गंगा                                         [द]


1.     दुर्ग लौह-अयस्क उत्पादक क्षेत्र किस राज्य में है

छत्तीसगढ़ में

2.     सिंगरेनी किस खनिज  के लिए प्रसिद्ध है?

कोयला

3.     रत्नागिरि किस राज्य का खनिज क्षेत्र है?

महाराष्ट्र

4.     कोरबा किस खनिज उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है?

कोयला

5.     बालाघाट मैगनीज क्षेत्र किस राज्य में स्थित है ?

मध्य प्रदेश

6.     सूर्य शक्ति (ऊर्जा) के उत्पादन की उपयुक्त दशाएँ पायी जाती हैं

राजस्थान में

7.      झरिया कोयला क्षेत्र किस राज्य में स्थित है ?

झारखण्ड 

8.      उड़ीसा के मयूरभंजक्योंझर तथा बोनाई क्षेत्रों में कौन-सी धातु मिलती है ?

लोहा

9.      नाभिकीय ऊर्जा के उत्पादन में कौनसे खनिज प्रयुक्त होते हैं ?

यूरेनियम और थोरियम

10.    यूरेनियम किस क्रम की चट्टानों में पाया जाता है?

धारवाड़

11.    भारत के  किस राज्य में कोयले का सबसे अधिक भण्डार है ?

झारखण्ड

12.    बॉक्साइड का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य कौनसा  है ?

ओडिशा

13.    कुद्रेमुख लौह खनिज परियोजना निम्नलिखित में से किस राज्य में स्थित है ?

कर्नाटक

14.    भारत का सबसे बड़ा गोंडवाना कोयला  उत्पादक क्षेत्र कौन सा है ?

दामोदर घाटी क्षेत्र

15.    पेट्रोलियम किस प्रकार की चट्टानों में पाया जाता है ?

टर्शयरी युगीन अवसादी चट्टानों में

16.    काला सोनातरल सोनाउद्योगो की जननी व शक्ति का प्रतीक किसे कहते हैं ?

कोयला

17.    भारत में सर्वाधिक लौह-अयस्क का  उत्पादन करने वाला राज्य कौनसा है 

कर्नाटक

18.    गैस अथॉरिटी ऑपफ इंडिया लिमिटेड का स्थापना कब हुई ?

1984 मे

19.    एलुमिनियम के अयस्क का नाम लिखिए

अथवा

एल्युमिनियम बनाने के लिए कच्चे माल के रूप में किस खनिज अयस्क का उपयोग किया जाता है ?

बॉक्साइट

20.    भारत में कौन सा राज्य मैंगनीज का अग्रणी उत्पादक हैं ?

उड़ीसा

21.    मुंबई हाई किसके लिए प्रसिद्ध है ?

पेट्रोलियम

22.    राजस्थान के बाड़मेर जिले में पेट्रोलियम खनन किस कम्पनी  द्वारा किया जाता है ?

क्रेनयर्स एनर्जी लिमिटेड

23.    गुजरात के तेल उत्पादक क्षेत्र बताइए

अंकलेश्वरमेहसानाकलोल

24.    भारत के प्रमुख लिग्नाइट कोयला उत्पादक क्षेत्र का नाम लिखिए

नवेली (तमिलनाडू)

25.    परमाणु ऊर्जा आयोग की स्थापना कब हुई ?

1948

26.    कौनसा खनिज भूरा हीरा के नाम से जाना जाता है ?

लिग्नाइट कोयला

27.    तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग की स्थापना  कब की गई ?

1956 में

28.    भारत में परमाणु ऊर्जा का शुभारम्भ कहाँ से हुआ ?

तारापुर (महाराष्ट्र)

29.    भारत में थोरियम का उत्पादन किस राज्य में सर्वाधिक होता है ?

केरल में

30.    भारत में भूपातीय ऊर्जा संयन्त्र कहाँ स्थापित किया गया है ?

मनीकरण (हिमाचल प्रदेश) में

31.    भारत में लौह अयस्क के कौनसे प्रकार  पाए जाते हैं ?

हेमेटाइट तथा मैग्नेटाइट प

32.    असम के तेल उत्पादक क्षेत्र बताइए

डाग्बोईनाहरकटियासुरमा घाटी

33.    भारत में किन दो भूगर्भिक कालो का कोयला पाया जाता है ?

गौडवाना युगीन व टर्शयरी युगीन

34.    भारत की सर्वाधिक सम्पन खनिज पेटी कौनसी है

उत्तर-पूर्वी पठारी प्रदेश

35.    भारत के परंपरागत ऊर्जा स्रोतों के नाम लिखिए

कोयलापेट्रोलियम पदार्थप्राकृतिक गैसजल विद्युतलकड़ी

36.    रावतभाटा परमाणु ऊर्जा केन्द्र किस शहर के निकट अवस्थित है ?

कोटा (राजस्थान)

37.    नरोरा नाभिकीय ऊर्जा केंद्र किस राज्य में अवस्थित है ?

उत्तर प्रदेश

38.    भारत में पाए जाने वाले कुल कोयला का कितना प्रतिशत बिटुमिनस प्रकार का है?

80 प्रतिशत

39.    ऊर्जा के  नवीनीकरण योग्य / अपरम्परागत स्रोतों के नाम लिखिए

सौर ऊर्जापवन ऊर्जाज्वारीय तथा तरंग ऊर्जाभूतापीय ऊर्जाजैव-ऊर्जा आदि ऊर्जा के  नवीनीकरण योग्य / अपरम्परागत स्रोत है

40.    भारत में कौन से दो प्रकार के तेल शोधन कारखाने है ?

भारत में दो प्रकार के तेल शोधन कारखाने हैं  (1) क्षेत्र आधारित    (2) बाजार आधारित ।

डिगबोई तेल शोधन कारखाना क्षेत्र आधारित तथा बरौनी बाजार आधारित तेल शोधन कारखाने के उदाहरण हैं ।

41.    भारत के प्रमुख कोयला उत्पादक क्षेत्र कौनसे है ?

1. सिंगरोनी (आंध्रप्रदेश)                                            2. सिंगरौली (मध्यप्रदेश)       

3. झरिया (झारखण्ड) झरिया सबसे बड़ा कोयला क्षेत्र है      4. रानीगंज (पश्चिम बंगाल) 

5. तलचर (उड़ीसा)                                                  6. कोरबा( छतीसगढ़)

42.    नाभिकीय ऊर्जा क्या है भारत के प्रमुख नाभिकीय ऊर्जा केन्द्रों के नाम लिखिए

यूरेनियम व थोरियम खनिजों के नियंत्रित विखंडन से प्राप्त ऊर्जा नाभिकीय ऊर्जा कहलाती है

भारत के प्रमुख नाभिकीय ऊर्जा केन्द्र

(1) तारापुरा (महाराष्ट्र)                      

(2) रावतभाटा (राजस्थान)             

(3) काकरापारा (गुजरात)                   

(4) कैगा (कर्नाटक)

(5) नरौरा (उत्तर प्रदेश)

43.    मैंगनीज के दो लाभ बताओं तथा चार उत्पादक राज्यों का उल्लेख करो

1 लौह अयस्क के प्रगलन के लिए महत्वपूर्ण कच्चा माल है  ।

2 इसका उपयोग लौह मिश्र धातु तथा विनिर्माण में भी किया जाता है  ।

खनन क्षेत्र :- भारत में ओडिशाकर्नाटकमहाराष्ट्रमध्य प्रदेश प्रमुख मैंगनीज उत्पादक राज्य है  तेलंगानागोआ तथा झारखंडमैंगनीज गौण उत्पादक राज्य है

44.    जैव ऊर्जा क्या है इसका महत्व लिखिए

जैविक पदार्थों जैसे कृषि अवशेषनगरपालिका औद्योगिक व अन्य अपशिष्ट से प्राप्त ऊर्जा को जैव ऊर्जा कहा जाता है  इसे विद्युत-ऊर्जाताप-ऊर्जा अथवा खाना पकाने के लिए गैस में परिवर्तित किया जा सकता है । इस ऊर्जा के उत्पादन से एक ओर अपशिष्ट व कूड़ा-करकट का सुचारु निपटान होता है तो दूसरी ओर उससे उपयोगी ऊर्जा की भी प्राप्ति होती है । यह ऊर्जा ग्रामीण क्षेत्रों के आर्थिक जीवन को बेहतर बनाने में सहयोगी तो होती ही है साथ ही पर्यावरण प्रदूषण घटाने तथा जलाऊ लकड़ी की बचत करने में इसका महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है ।

45.    भारत में पाई जाने वाली प्रमुख  खनिज पट्टियों का वर्णन कीजिए

भारत में खनिज मुख्यतः तीन विस्तृत पट्टियाँ पाई जाती हैं  ।

1. उत्तर-पूर्वी पठारी प्रदेश - इस पट्टी के अंतर्गत छोटानागपुर (झारखंड)ओडिशा के पठारपं. बंगाल तथा छत्तीसगढ़ के कुछ भाग आते हैं ।  यह देश की सर्वाधिक सम्पन खनिज पेटी है यहाँ पर विभिन्न प्रकार के खनिज उपलब्ध हैं जैसे कि लौह अयस्ककोयलामैंगनीजबॉक्साइट व अभ्रक आदि । छोटा नागपुर पठार को भारत का खनिज हृदय स्थल कहा जाता है ।

2. दक्षिण-पश्चिमी पठार प्रदेश- यह पट्टी कर्नाटकगोआ तथा संस्पर्शी तमिलनाडु उच्च भूमि और केरल पर विस्तृत है । यह पट्टी लौह धातुओं तथा बॉक्साइट में समृद्ध है । इसमें उच्च कोटि का लौह अयस्कमैंगनीश तथा चूना-पत्थर भी पाया जाता है । निवेली लिगनाइट को छोड़कर इस क्षेत्र में कोयला निक्षेपों का अभाव है । केरल में मोनाजाइटथोरियम और बॉक्साइट क्ले के निक्षेप हैं । गोआ में लौह अयस्क निक्षेप पाए जाते हैं ।

3.उत्तर-पश्चिमी प्रदेश -यह पट्टी राजस्थान में अरावली और गुजरात के कुछ भाग पर विस्तृत है इस पट्टी के खनिज धारवाड़ क्रम की शैलों से सम्बंधित  हैं । इस पट्टी में प्रमुख रूप से ताँबा व जिंक पाए जाते  है । इसके अलावा राजस्थान में बलुआ पत्थरग्रेनाइटसंगमरमरजिप्समव मुल्तानी मिट्टी पाई जाती हैं । गुजरात में पेट्रोलियम निक्षेप पाए जाते है । गुजरात व राजस्थान दोनों में नमक के समृद्ध स्रोत पाए जाते हैं ।

46.    खनिज क्या होते हैखनिजों की विशेषताएं लिखिए

खनिज:- पृथ्वी से प्राप्त कार्बनिक या अकार्बनिक प्राकृतिक पदार्थ जिनकी एक विशेष परमाण्विक संरचना होती है तथा जिनके निश्चित रासायनिक और भौतिक गुण पाए जाते हैंउन्हें खनिज कहते है

खनिजों की विशेषताएँ

1.धरातल पर खनिज असमान रूप से वितरित होते हैं ।

2.खनिजों की गुणवत्ता और मात्रा के बीच प्रतिलोमी संबंध पाया जाता है अर्थात् अधिक गुणवत्ता वाले खनिज भूगर्भ में कम मात्रा में तथा  कम गुणवत्ता वाले खनिज भूगर्भ में अधिक मात्र में पाए जाते हैं ।

3.खनिज पदार्थ समाप्य संसाधन हैं अर्थात्‌ कुछ समय बाद ये समाप्त हो जायेंगे जिनकी पुन: पूर्ति सम्भव नहीं है ।

भूगर्भ में खनिजों का निर्माण एक दीर्घकालीन प्रक्रिया के माध्यम से होता है । चूँकि खनिजों को पुन: निर्मित नहीं किया जा सकता अत: इनका समुचित संरक्षण एवं प्रबन्धन आवश्यक है ।

47.    भारत में खनिजो का संरक्षण क्यों आवश्यक है भारत में खनिज संरक्षण के उपाय लिखिए

वर्तमान में संसाधन उपयोग के परम्परागत तरीकों के परिणामस्वरूप समस्त विश्व को बड़ी मात्रा में अपशिष्ट के साथ-साथ अनेक गम्भीर पर्यावरणीय समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है । सतत पोषणी विकास व मानव समुदाय की भावी पीढ़ियों के हितों के लिए संसाधनों का संरक्षण अनिवार्य है । संसाधनों के संरक्षण के लिए निम्नलिखित उपायों को कार्यान्वित करना आवश्यक है-

1.ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों (सौर ऊर्जापवन ऊर्जा तथा भूतापीय ऊर्जा) का अधिकाधिक विकास किया जाना चाहिए 

2.धात्विक खनिज पदार्थों के संरक्षण के लिए छाजन धातु का पुन: चक्रण कर उपयोग किया जाना चाहिए ।

3.खनिज उत्खनन से होने वाले पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के लिए ठोस कदम उठने होंगे अर्थात्‌ यह भी प्रयास करना होगा कि खनिजों के उत्खनन से अन्य संसाधनों को कोई हानि न हो ।

4.अति अल्प उपलब्ध धातुओं के स्थान पर उनके प्रतिस्थापनों का उपयोग करना चाहिए ।

5.सामरिक तथा अति अल्प मात्रा में उपलब्ध खनिजों के निर्यात को अतिसीमित कर देना चाहिए जिससे उनके संचित भण्डारों का उपयोग लम्बे समय तक किया जा सके ।

48.    तांबे के दो लाभ/उपयोग बताइए  । भारत के चार मुख्य ताँबा खनन क्षेत्रों का उल्लेख करो  ।

1.ताम्बे का उपयोग बिजली की मोटरेंट्रांसफार्मर तथा जेनेरेटर्स बनाने तथा विद्युत उद्योग में किया जाता है ।

2.यह एक मिश्रातु योग्यआघातवर्ध्य तथा तन्य धातु हैं । अतः आभूषणों को सुदृढ़ता प्रदान करने के इसे स्वर्ण के साथ भी मिलाया जाता है ।

खनन क्षेत्र

झारखण्ड का सिंहभूम जिला

मध्यप्रदेश के  बालाघाट

राजस्थान के झुंझुनुअलवर व खेतडी जिले

कर्नाटक के चित्रदुर्ग तथा हासन जिले

आंध्र प्रदेश गुंटूर जिला

तमिलनाडु का दक्षिण आरकाट जिला

49.    ऊर्जा के चार नवीनीकरण योग्य / अपरम्परागत स्रोतों को विस्तार से समझाइए

सौर ऊर्जापवन ऊर्जाज्वारीय तथा तरंग ऊर्जाभूतापीय ऊर्जा,  जैव-ऊर्जा आदि ऊर्जा के  नवीनीकरण योग्य / अपरम्परागत स्रोत है

1. सौर ऊर्जा - फोटोवोल्टाइक सेलों में आपतित सूर्य की किरणों को जब ऊर्जा में बदल दिया जाता है तो उसे सौर-ऊर्जा कहा जाता है । फोटोवोल्टाइक तथा सौर तापीय प्रौद्योगिकी सौर-ऊर्जा को काम में लाने वाले दो महत्वपूर्ण एवं प्रभावी प्रक्रम है । अन्य सभी अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की अपेक्षा सौर तापीय प्रौद्योगिकी अधिक लाभप्रद है साथ ही यह कम लागत में प्राप्त होने वालीपर्यावरण मित्र तथा निर्माण में सरल है । सौर-ऊर्जा का सामान्यतया उपयोग हीटरोंसौर कुकर्स, 'फसल शुष्ककों आदि जैसे उपकरणों में अधिकाधिक हो रहा है । भारत के पश्चिमी भागों गुजरात व राजस्थान में सौर ऊर्जा के विकास की अधिक संभावनाएँ हैं ।

2. पवन ऊर्जा - पवन ऊर्जा पूर्णरूपेण प्रदूषण मुक्त और ऊर्जा का असमाप्य स्रोत है । उन भागों में जहाँ वर्ष के अधिकांश दिनों में तीव्र गति से हवाएँ चलती हैं,वहां प्रवाहित पवन की गतिज ऊर्जा को टरबाइन के माध्यम से विद्युत-ऊर्जा में बदला जाता है । भारत में पवन ऊर्जा के लिए राजस्थानगुजरातमहाराष्ट्र तथा कर्नाटक में अनुकूल परिस्थितियाँ विद्यमान हैं ।

3. ज्वारीय तथा तरंग ऊर्जा - ज्वारीय ऊर्जा अविरल ज्वारीय तरंगों तथा महासागरीय धाराओं से उत्पादित की जाती है  भारत के पश्चिमी तट पर उठने वाली वृहत ज्वारीय तरंगें इस ऊर्जा के उत्पादन के लिए अनुकूल दशाएँ प्रदान करती हैं । अपरम्परागत ऊर्जा स्रोतों में ज्वारीय ऊर्जा एक महत्वपूर्ण ऊर्जा स्रोत है । भारत में खम्भात की खाड़ीकच्छ की खाड़ी तथा सुन्दरवन देश के ज्वारीय ऊर्जा उत्पादन के सम्भाव्य क्षेत्र हैं ।

4. भूतापीय ऊर्जा -  भू-गर्भ में मैग्मा या रेडियोधर्मी तत्वों के विखण्डन से जब वहाँ का तापक्रम अधिक बढ़ जाता है तो भू-सतह के ठीक नीचे स्थित चट्टानें भी गर्म हो जाती हैं । इन चट्टानों द्वारा जो ऊर्जा निकलती हैउसे भूतापीय ऊर्जा कहा जाता है । इसे विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जा सकता है । गर्म सोते का गर्म जल तथा इनकी अति गर्म वाष्प का उपयोग भी ऊर्जा उत्पादन हेतु किया जाता है ।  भारत मेंभूतापीय ऊर्जा संयंत्र हिमाचल प्रदेश के मनीकरण में अधिकृत किया जा चुका है । भूतापीय ऊर्जा सस्तास्वस्थ तथा कभी समाप्त न होने वाला ऊर्जा-ख्रोत है । भूगर्भ में उपस्थित तापीय ऊर्जा भविष्य में एक अति-महत्वपूर्ण वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत के रूप में प्रयुक्त होने की सम्भावना है  ।

 7.खनिज तथा ऊर्जा संसाधन                       pdf 

     

 


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