परिवीक्षाधीन प्रशिक्षणार्थी [Probation Trainyee]

प्रोबेशनर ट्रेनी : सामान्य नियम
☛ दिनांक 20.01.2006 को या उसके बाद सरकारी सेवा में नियुक्त व्यक्ति को 2 साल की अवधि के लिए परिवीक्षाधीन-प्रशिक्षु के रूप में रखा जाएगा ➥नियम 8 (वित्त विभाग के आदेश दिनांक 13/03/2006 )
☛ एक प्रोबेशनर-प्रशिक्षु सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित नियत पारिश्रमिक प्राप्त करेगा और परिवीक्षा काल के सफल समापन के बाद उसे उसके पद के पे मेट्रीक्स में पे लेवल की प्रथम सेल में वेतन स्वीकृत की अनुमति दी जाएगी।
☛ एक सरकारी कर्मचारी जो पहले से ही राज्य सरकार की नियमित सेवा में है यदि उसकी नियुक्ति किसी अन्य समान या उच्च पद पर परिवीक्षाधीन प्रशिक्षणार्थी के रूप में होती है वह पूर्व पद के पे लेवल में वेतन या सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित नियत पारिश्रमिक दोनों में से जो उसके लिए लाभदायक हो, प्राप्त करने का विकल्प प्रस्तुत कर सकता है ➥नियम 24 (वित्त विभाग के आदेश दिनांक 30/10/2017 )
☛ परिवीक्षाधीन प्रशिक्षणार्थी को परिवीक्षा काल में नियत पारिश्रमिक के अलावा अन्य किसी भी प्रकार के भत्ते देय नहीं होंगे
☛ परिवीक्षा काल में राज्य बीमा कटौती नहीं होगी
☛ प्रशिक्षणार्थी किसी भी प्रकार का अवकाश अर्जित नहीं कर सकेगा  ➥नियम 122A 
☛ परिवीक्षा काल में सामूहिक दुर्घटना बीमा की कटौती होगी | 
☛राजस्थान पुनरीक्षित वेतनमान (संशोधित) नियम 2017 के परिवीक्षाधीन प्रशिक्षणार्थीयों के लिए नियत पारिश्रमिक:-

 क्र. सं.

 मौजूदा  ग्रेड पे

 मौजूदा ग्रेड   पे  सं. 

मौजूदा पारिश्रमिक

नया लेवल  

[01.01.2017 से]

संशोधित पारिश्रमिक

1

1700

2

6670

L-1

 12400 

2

1750

3

7400

L-2

12600

3

1900

4

7400

L-3

12800 

4

2000

5

7790

L-4

13500 

5

2400

9

8910

L-5

14600 

6

2400

 9A

8910

L-6

15100 

7

2400

2401

8910

L-7

15700 

8

2800

10

11820

L-8

18500 

9

2800

 10A

11820

L-9

20100 

10

3600

11

13200

L-10

23700 

11

4200

12

14660

L-11

26500 

12

4800

14

17230

L-12

31100 

13

5400

15

22180

L-14  

39300 

14

6000

16

24030

L-15

42500 

15

6600

17

26670

L-16

47200 

16

6800

18

28120

L-17

 49700 

17

7200

19

29840

L-18

52800 

18

7600

20

31620

L-19

56000 

19

8200

21

35180

L-20

62300 

20

8700

22

48710

L-21

86200 

21

8900

23

51350

L-22

90800 

22

9500

 23A

54120

L-23

 102100 

23

10000

24

57820

L-24

104200 


सामान्य अवकाश  
☛ परिवीक्षाधीन प्रशिक्षणार्थी को एक कलैंडर वर्ष [01 जुलाई से 30 जून] में 15 आकस्मिक अवकाश देय होंगे एक कलैंडर वर्ष से कम अवधि के लिए आकस्मिक अवकाश अनुपातिक रूप से देय होंगे (एक माह की सेवा पूर्ण करने पर 1.25 CL देय होगी) 
☛ "राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतन) नियम - 2017 ( अधिसूचना क्रमांक एफ. 5 - (1) वित्त / नियम-2017 जयपुर दिनांक 30.10.2017 ) के नियम-16 की अनुसूची - IV की टिप्पणीं संख्या - 4 के अनुसार "Probationer trainee shall be eligible for casual leave of 15 days in a calendar year and for period of less than a calander year. It shall be admissible in proportion on the basis of completed months." आकस्मिक अवकाश जनवरी से दिसम्बर तक की अवधि को कैलण्डर वर्ष मानकर स्वीकृत करने के निर्देश दिये गये थे । उक्त आदेश को राजस्थान सेवानियम-1951 खण्ड द्वितीय के परिशिष्ट-1 के प्रावधानानुसार संशोधित किया जाकर शैक्षिक विभागो (विश्रामकालीन विभाग) के शैक्षणिक कर्मचारियो के लिए आकस्मिक अवकाश के लिए कलैण्डर वर्ष 01 जुलाई से 30 जून तक रहेगा ।
☛  महिला प्रोबेशनर प्रशिक्षु को राजस्थान सेवा नियम,1951 के नियम 103 और 104 के अनुसार मातृत्व अवकाश दिया जाएगा [ आदेश 04.09.2019 निदेशक ]
पुरुष प्रोबेशनर- प्रशिक्षु को राजस्थान सेवा नियम,1951के नियम 103 ए के अनुसार पितृत्व अवकाश दिया जाएगा ➥वित्त विभाग के आदेश दिनांक 30/10/2017  /संशोधित आदेश दिनांक 09/12/2017
असाधारण अवकाश
☛ परिवीक्षाधीन प्रशिक्षार्थी कर्मचारियों को एक माह तक का असाधारण अवकाश नियुक्ति अधिकारी द्वारा स्वीकृत किया जा सकता है 
☛ एक माह से अधिक असाधारण अवकाश प्रशासनिक विभाग स्वीकृत करता है एक माह (30 दिन) से अधिक लिए गए असाधारण अवकाश पर परिविक्षा काल में असाधारण अवकाश की पूरी  अवधि  की वृद्धि होगी 
☛असाधारण छुट्टी की पूर्व मंजूरी पूर्व-अपेक्षित होगी।
☛स्वयं, पत्नी/पति, माता, पिता एवं बच्चों की गंभीर बीमारी के लिए आवेदित असाधारण अवकाश की स्थिति में अधिकृत चिकित्सा परिचारक के प्रमाण पत्र के आधार पर असाधारण अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है।
☛ 11/06/2014 से पहले 90 दिन अवैतनिक ले सकते थे । 90 दिन अवैतनिक तक प्रोबेशन आगे नही बढता था।
☛ 11.06.2014 से पहले तीन महीने से अधिक असाधारण छुट्टी का लाभ उठाने वाले कर्मचारियों के सभी लंबित मामलों में परिवीक्षा की अवधि को तीन महीने से अधिक असाधारण छुट्टी की अवधि तक बढ़ाया जाना है।
☛ जो कर्मचारी 11.06.2014 से पहले और उसके बाद भी तीन महीने से अधिक असाधारण छुट्टी का लाभ उठा रहे थे, ऐसे मामलों में भी परिवीक्षा अवधि को तीन महीने से अधिक असाधारण छुट्टी की अवधि तक बढ़ाया जाना है।
☛ 11/06/14 और इससे आगे 07/08/19 तक एक माह से अधिक अवैतनिक अवकाश पर रहने पर एक माह से जितना ज्यादा उतना प्रोबेशन आगे बढ़ेगा ।
जो कर्मचारी 08.08.2019 से पहले और उसके बाद भी एक महीने से अधिक असाधारण छुट्टी का लाभ उठा रहे थे, ऐसे मामलों में भी परिवीक्षा अवधि को एक महीने से अधिक असाधारण छुट्टी की अवधि तक बढ़ाया जाना है।
08/08/2019 को और इसके बाद  30 दिन से अधिक अवैतनिक अवकाश लेने पर परिवीक्षा अवधि असाधारण छुट्टी की पूरी अवधि के लिए बढ़ा दी जाएगी।
☛  परिवीक्षाधीन प्रशिक्षु जो परिवीक्षाधीन-प्रशिक्षु के रूप में सेवा में शामिल होने से पहले अध्ययन के किसी भी पाठ्यक्रम को जारी रख रहा था या नजदीकी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा था और छुट्टी पर जाने से पहले असाधारण छुट्टी के लिए आवेदन किया है तो  उसे अध्ययन के किसी भी पाठ्यक्रम को जारी रखने या नजदीकी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी की अवधि के लिए असाधारण छुट्टी की अनुमति दी जा सकती है । [वित्त विभाग के आदेश दिनांक 22/02/2021]
☛ परिवीक्षाधीन-प्रशिक्षु अवधि को अध्ययन के निरंतर पाठ्यक्रम को पूरा करने या निकटवर्ती प्रतियोगी परीक्षा के उद्देश्य से स्वीकृत असाधारण छुट्टियों की अवधि तक बढ़ाया जाएगा ।
☛ इस ज्ञापन के जारी होने से पहले प्रोबेशनर ट्रेनी की सेवा में शामिल होने से पहले अध्ययन के किसी भी पाठ्यक्रम को पूरा करने या निकट प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी से संबंधित असाधारण छुट्टी के लंबित मामलों पर भी इस आदेश से  नियुक्ति प्राधिकारी और प्रशासनिक विभाग के प्रशिक्षुओं द्वारा निर्णय लिया जा सकता है ।
सामान्य प्रावधायी निधि 
प्रोबेशनर ट्रेनी के रूप में नियुक्त कार्मिकों के लिये पुरानी पेंशन योजना लागू करने के निर्णय के दृष्टिगत सामान्य प्रावधायी निधि हेतु अभिदान की नियत पारिश्रमिक से मासिक कटौती
संदर्भः वित्त विभाग का समसंख्यक आदेश दिनांक 25-5-2022.

क्र.सं.

पे मेट्रिक्स में पे-लेवल

GPF अभिदान की राशि (रुपये)

1

L-1 से L-7 तक

700

2

L-8 से 19 तक

800

3

L-10 से L-11 तक

1100

4

L-12 से L-14 तक

1400

5

L-15

1800

6

L-16 से L-17 तक

2100

7

L-18 से L-19 तक

2400

8

L-20 से L-21 तक

3000

9

L-22 से L-23 तक

4500

10

L-24

5000

☛ माह अप्रेल 2022 एवं माह मई 2022 के GPF अभिदान की कटौती माह मई 2022 के नियत पारिश्रमिक से ( 1 जून 2022 को देय) की जावेगी। इन कार्मिकों के नियमित वेतन श्रंखला प्राप्त करने पर GPF अभिदान की राशि की कटौती राज्य कर्मचारियों के लिये निर्धारित GPF अभिदान के अनुसार की जायेगी।
RGHS
☛ परिवीक्षाधीन अवधि में राज मेडिक्लेम की सुविधा देय है। अतः आदेश दिनांक 07.07.2021 में दिनांक 01.01.2004 एवं उसके पश्चात नियुक्त कार्मिकों के अनुसार आरजीएचएस फण्ड के अन्तर्गत कटौती की जानी है। इस हेतु परिवीक्षाधीन कार्मिक जिस पद पर नियुक्त हुए हैं, उस पद की पे-मैट्रिक्स के अनुसार निर्धारित स्लेब में, जो कि दिनांक 01.01.2004 एवं उसके पश्चात नियुक्त कार्मिकों पर लागू है, निम्नानुसार  हुए कटौती की जानी है।

वेतन मैट्रिक्स में 18000/- तक मूल वेतन पाने वाले कर्मचारी

रु. 265

वेतन मैट्रिक्स में मूल वेतन रु. 180001 से 33500 तक मूल वेतन पाने वाले कर्मचारी

रु. 440

वेतन मैट्रिक्स में 18000/- तक मूल वेतन पाने वाले कर्मचारी

रु. 265

वेतन मैट्रिक्स में रु.33500/- से 54000/- तक मूल वेतन प्राप्त करने वाले कर्मचारी

रु. 658

वेतन मैट्रिक्स में रु.54000/- से अधिक मूल वेतन प्राप्त करने वाले कर्मचारी

रु. 875

वेतन निर्धारण
☛ परिवीक्षाधीन प्रशिक्षणार्थी द्वारा परिवीक्षा काल सफलतापूर्वक पूर्ण करने पर पे मैट्रिक्स के सम्बन्धित पे लेवल में वेतन प्रथम सेल (न्यनतम वेतन) में अनुज्ञात किया जायेगा
☛ एक सरकारी कर्मचारी जो पहले से ही राज्य सरकार की नियमित सेवा में है यदि उसकी नियुक्ति किसी अन्य समान या उच्च पद पर परिवीक्षाधीन प्रशिक्षणार्थी के रूप में होती है और वह पूर्व पद के पे लेवल में वेतन प्राप्त करने का विकल्प प्रस्तुत करता है तो उसे परिवीक्षा काल में पूर्व के पद के पे लेवल में वार्षिक वेतन वुद्धि देय होगी तथा परिवीक्षा काल के सफल समापन पर नये पद के निर्धारित पे लेवल के समान सेल में स्थिर किया जायेगा, समान सेल उपलब्ध नहीं होने पर उसी लेवल मे अगले उच्चतर सेल में स्थिर किया जायेगा।
☛ यदि राज्य सेवा में किसी पद पर नियुक्त एक प्रोबेशनर एक पद की निर्धारित परिवीक्षा अवधि पूर्ण किये बिना किसी दूसरे पद पर नियुक्त हो जाता है तो पू्र्व पद पर की गई सेवा को नवीन पद के सम्बन्ध में नहीं गिना जाएगा   ➥नियम 26(1) (वित्त विभाग के आदेश दिनांक 30/10/2017 )
☛ मकान किराया भत्ता उन कर्मचारियों को स्वीकार्य होगा जो एचआरए नियम 1989 के नियम 4(4) में निर्धारित प्रावधानों के अनुसार, अपनी परिवीक्षाधीन प्रशिक्षु अवधि के सफल समापन के एक महीने के भीतर या नियमित वेतनमान में वेतन आरहण  के एक महीने के भीतर आवेदन करते हैं । .

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