नियम : 91 - उपार्जित अवकाश(PL) की देयता
नियम : 91[1]
(a) प्रत्येक स्थायी या अस्थायी राज्य कर्मचारी को एक कलेण्डर वर्ष में 30 दिन का उपार्जित अवकाश देय है
(b) भारतीय पुलिस सेवा के
अधिकारियों के अतिरिक्त राजस्थान सशस्त्र पुलिस(RAC) के
सदस्य,जो भारतीय रिजर्व बटालियन में प्रतिनियुक्त हो या देश
की सीमाओं पर तैनात हो, को एक कैलेंडर वर्ष में 42 दिन का उपार्जित अवकाश देंय होता है।
(c) [i] एक कर्मचारी अपने अवकाश लेखों में अधिकतम 300 दिन का उपार्जित अवकाश अंकित कर सकता है। परंतुक
[ii] भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों के अतिरिक्त राजस्थान सशस्त्र पुलिस(RAC) के सदस्य,जो भारतीय रिजर्व बटालियन में प्रतिनियुक्त हो, द्वारा आवेदित उपार्जित अवकाश को जनहित की आवश्यकता के कारण पूर्णतः या आंशिक लिखित में कारण बताते हुए अस्वीकृत कर दिया जाए तो वे अपने अवकाश लेखे में इन अस्वीकृत अवकाशों को 300 दिन की अधिकतम सीमा के अतिरिक्त संचित रख सकेंगे।
नियम : 91[2]
(a) [i] प्रत्येक कर्मचारी के उपार्जित अवकाश के लेखो में वर्ष में दो बार (1 जनवरी तथा 1 जुलाई को) 15-15 उपार्जित अवकाश (राजस्थान सशस्त्र पुलिस बल के सदस्यों के मामले में 21 उपार्जित अवकाश) अग्रिम जमा किए जायेंगें परंतुक यदि किसी कर्मचारी के खाते में दिसंबर या जून के अंतिम दिन 300 उपार्जित अवकाश या कम परंतु 285 से अधिक (RAC के सदस्यों के मामले में 279 दिन से अधिक) उपार्जित अवकाश जमा हो तो 1 जनवरी या 1 जुलाई को 15 उपार्जित अवकाश (RAC के सदस्यों के मामले में 21 उपार्जित अवकाश) अलग से जमा किए जायेंगे इस अग्रिम जमा अवकाश का लेखा पृथक से रखा जाएगा एवं आगामी छ:माही में कर्मचारी द्वारा लिए गए उपार्जित या समर्पित अवकाश को सर्वप्रथम इन्हीं से समायोजित किया जाएगा समायोजन के उपरांत भी कोई अवकाश शेष रहता है तो उसे छमाही की समाप्ति पर अवकाश लेखे में जोड़ दिया जाएगा। परंतु शर्त यह है कि इस प्रकार अग्रिम जमा किए के उपार्जित अवकाश व पूर्व से ही जमा उपार्जित अवकाश का योग 300 दिन की अधिकतम सीमा से ज्यादा नहीं होगा।
➥वित्त विभाग के आदेश दिनांक 12/12/2012
[ii] Rajasthan Civil Services (Joining Time) Rules, 1981 के नियम 5 के उपनियम 4 के अनुसार देय कार्यग्रहण अवधि का पूर्ण उपयोग किए बिना ही जब कोई कर्मचारी अपने नवीन पद पर कार्य ग्रहण कर लेता है, तो अनुपयोजित कार्यग्रहण अवधि के बराबर संख्या में (अधिकतम 15 दिन तक) उपार्जित अवकाश उसके उपार्जित अवकाश खाते में जोड़ दिए जाते हैं। परंतु कर्मचारी के उपार्जित अवकाश खाते में पहले से बकाया अवकाश तथा अनूपयोजित कार्यग्रहण अवधि के बदले जोड़े गए उपार्जित अवकाश मिलाकर 300 दिवस से अधिक नहीं होगा।
(b) असाधारण अवकाश के अलावा अन्य किसी भी अवकाश के उपभोग पर उपार्जित अवकाश कम नहीं किए जाएंगे यदि कोई कर्मचारी किसी कलैण्डर वर्ष की एक छमाही में असाधारण अवकाश पर रहता है तो उपार्जित अवकाश खाते में प्रत्येक 10 दिनों के असाधारण अवकाश पर एक दिन का उपार्जित अवकाश (अधिकतम 15 दिन / RAC के मामले में 21 दिन ) कम कर दिया जायेगा।
नियम : 91[3]
एक राज्य कर्मचारी को एक समय में अधिकतम 120 दिन तक का उपार्जित अवकाश स्वीकृत किए जा सकते है।यदि ऐसा अवकाश उसे किसी मान्यता प्राप्त सेनिटोरियम/ अस्पताल में टी.बी./कैंसर या मानसिक रोग के निदान/चिकित्सा के लिये आवश्यक हो तो एक समय में 300 दिन तक स्वीकृत किया जा सकता है
नियम : 91[4]
(a) किसी छ: माही के बीच में नियुक्त राज्य कर्मचारी को प्रत्येक माह की पूर्ण सेवा 2.5 उपार्जित अवकाश (RAC के मामले में 3.5 उपार्जित अवकाश) देय है
(b) किसी छ: माही के बीच में सेवानिवृत्ति /मृत्यु /बर्खास्तगी पर ऐसी घटनाएं घटित होने के माह के अंत तक राज्य कर्मचारी को प्रत्येक माह की पूर्ण सेवा 2.5 उपार्जित अवकाश (RAC के मामले में 3.5 उपार्जित अवकाश) देय है
नियम : 91A - सेवा में रहते हुए उपार्जित अवकाशों के बदले नगद भुगतान
[i] प्रत्येक राज्य कर्मचारी एक अप्रैल 1982 से प्रत्येक दो वर्ष के ब्लॉक में अधिकतम 30 दिन का उपार्जित अवकाश समर्पित कर उनके एवज में नगद भुगतान प्राप्त कर सकता है इस नियम का लाभ आस्थायी कर्मचारी को एक वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर मिलेगा
वित्त विभाग के आदेश दिनांक 18/06/2010 के अनुसार, प्रत्येक राज्य कर्मचारी प्रत्येक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 15 दिन उपार्जित अवकाश समर्पित कर उनके एवज में नकद भुगतान प्राप्त कर सकता है।
[ii] समर्पित उपार्जित अवकाश को किसी विशेष अवधि के लिए नहीं माना जाएगा बल्कि उन्हें समर्पित करने की प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने की दिनांक को कर्मचारी के लेखे में से कम कर दिया जाएगा
[iii] उपार्जित अवकाश स्वीकृत करने के लिए सक्षम प्राधिकारी ही उपार्जित अवकाशों के समर्पण एवं उसके बदले नगद भुगतान की स्वीकृति देने में भी सक्षम होगा।
[iv] समर्पित उपार्जित अवकाशों के बदले में अवकाश वेतन का भुगतान नियम-97 के प्रावधान अनुसार किया जाएगा तथा वेतन के साथ तत्समय प्रभावी दर पर महंगाई भत्ता भी देय होगा। समर्पित उपार्जित-अवकाशों के बदले में उस दर से वेतन तथा भत्ते दिए जाएंगे जो अवकाशों के समर्पण का प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने की तिथि को प्रभावी थी। अवकाश वेतन तथा भत्ते की गणना के लिए माह का तात्पर्य 30 दिवस है।
नियम : 91B सेवा-निवृति पर खाते में शेष उपार्जित अवकाशों के बदले नगद भुगतान
[1] एक राज्य कर्मचारी को सेवानिवृत्ति पर उसके खाते में बकाया उपार्जित अवकाश (अधिकतम 300) के बदले नगद भुगतान सेवानिवृत्ति के समय किया जाएगा परंतु जिन कर्मचारियों को राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण,नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1958 के अधीन दंड (Penalty) के रूप में अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है उन्हें यह लाभ दें नहीं होगा।
[2] सेवानिवृत्ति के समय उपार्जित अवकाश का नगद भुगतान एकमुश्त व एक ही समय में किया जाएगा
[3] अनूपयोजित उपार्जित अवकाश के एवज में नगद भुगतान कर्मचारी के सेवानिवृत्ति के दिन के मूल वेतन व उस दिन प्रभावी DA की दर से किया जाएगा इसके साथ शहरी क्षतिपूरक भत्ता या मकान किराया भत्ता नहीं दिया जाएगा।
[4] अनुपयोजित उपार्जित अवकाश के बदले नगद भुगतान की गणना निम्न सूत्र से की जाएगी
(अनुपयोजित उपार्जित अवकाश के बदले नगद भुगतान की गणना के लिए सेवानिवृत्ति के दिन मूल वेतन तथा महंगाई भत्ते की प्रभावी दर को जोड़कर 30 से भाग देने पर प्राप्त राशि को कर्मचारी के अवकाश लेखों में बकाया उपार्जित अवकाशों की संख्या से गुणा किया जाता है।)
* सेवानिवृत्ति के समय यदि कुल उपार्जित अवकाश भिन्न के रूप में है तो आधे दिन से कम उपार्जित अवकाश को छोड़ दिया जाता है और आधा दिन या आधे दिन से अधिक उपार्जित अवकाश को एक मान लिया जाए
➥ वित्त विभाग का आदेश दिनांक 17/11/2014
[5] कार्यालय अध्यक्ष सेवानिवृत्ति पर अनूपयोजित उपार्जित अवकाश के बदले नगद भुगतान की स्वीकृति देने तथा 300 दिन की सीमा तक एकमुश्त भुगतान करने के लिए सक्षम है।
[6] जिन कर्मचारियों को अधिवार्षिकी आयु(सेवा-निवृति आयु) के बाद सेवा वृद्धि स्वीकृत की जाती है उन्हें अनुपयोजित उपार्जित अवकाशों के बदले एकमुश्त नकद भुगतान, सेवा वृद्धि की अवधि की समाप्ति पर अंतिम रुप से सेवानिवृत्त होने पर दिया जाएगा।
[7] निलंबन, अनुशासनिक या आपराधिक कार्यवाही लंबित रहते हुए अधिवार्षिकी आयु (सेवा-निवृति आयु) प्राप्त कर सेवानिवृत्त होने वाले सरकारी कर्मचारी के प्रकरण में अवकाश स्वीकृति प्राधिकारी उपार्जित अवकाश के बदले नगद की संपूर्ण या आंशिक राशि को रोक सकेगा यदि उस की राय में कर्मचारी के विरुद्ध कार्यवाही समाप्त होने पर उससे कुछ राशि वसुली योग्य निकलने की संभावना हो। कार्यवाही समाप्त होने पर सरकारी देयताओं का समायोजन करने के बाद रोकी गई राशि का भुगतान कर्मचारी को किया जायेगा।
उपार्जित अवकाश के बदले नगद भुगतान की स्वीकृति सेवानिवृत्ति के एक माह पूर्व कर दी जाएगी परंतु भुगतान सेवानिवृत्ति के बाद किया जाएगा
नियम : 91C सेवा में रहते कर्मचारी की मृत्यु पर PL का भुगतान
[1] सेवा में रहते हुए एक कर्मचारी की मृत्यु होने पर मृत्यु की तारीख को उसके लेखे में जमा अनुपयोजित उपार्जित अवकाश (अधिकतम 300) की एवज में उसकी नॉमिनी को नगद भुगतान किया जाएगा
[2] मृतक सरकारी कर्मचारी के प्रकरण में परिवार पेंशन स्वीकृत करने हेतु सक्षम प्राधिकारी ही अवकाश के बदले देय एक मुश्त राशि स्वीकृत कर सकेगा।
नियम : 92 विश्राम कालीन विभागों के अधिकारियों पर लागू विशेष नियम
(a) [i] विश्रामकालिन विभाग में कार्यरत स्थाई या अस्थाई कर्मचारी को किसी कैलेंडर वर्ष, जिसमें वह विश्रामकाल का पूर्ण उपभोग कर लेता है, के लिए उपार्जित अवकाश अग्रलिखित उपनियम (ii) के अनुसार दिए जाएंगे।
[ii] विश्रामकालीन विभाग जैसे विद्यालयों/पॉलिटेक्निक संस्थानों, कला/विज्ञान महाविद्यालयों में अध्यापन कार्य कराने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों को एक कलैण्डर वर्ष में 15 उपार्जित अवकाश देय होंगें जो प्रत्येक कर्मचारी के खाते में कैलेंडर वर्ष की समाप्ति पर (31 दिसंबर) जोड़ दिया जाएगा
[iii] (1) कैलेंडर वर्ष के बीच में नियुक्त कर्मचारी को प्रत्येक पूर्ण वर्ष की सेवा पर 1.25 उपार्जित अवकाश देय होगा
(2) कैलेंडर वर्ष के बीच में सेवानिवृत्ति या मृत्यु पर प्रत्येक पूर्ण वर्ष की सेवा पर 1.25 उपार्जित अवकाश देय होगा
(b) विश्रामकालीन विभाग का अध्यापन कार्यरत एक कर्मचारी यदि किसी कलेण्डर वर्ष में विश्रामकालों का उपभोग नहीं कर सके तो उसे ऐसे अनुपयोजित विश्रामकालों के एवज में 15 दिनों के अनुपात में उपार्जित अवकाश देय हांगें। (तीन दिन के एवज में एक उपार्जित अवकाश) यदि किसी कैलेंडर वर्ष में वह विश्रामकालों का बिल्कुल उपभोग नहीं कर सके तो उसे उस वर्ष में विश्राम काल के बदले 15 दिन का उपार्जित अवकाश देय होगा।
(c) (i) इस नियम के उपनियम (a) व (b) के प्रावधानों के बावजूद सिविल न्यायालय के अधिकारी या कर्मचारी को एक कैलेंडर वर्ष में 12 दिन की ही उपार्जित अवकाश देय है। उनके उपार्जित अवकाश लेखों में प्रत्येक 1 जनवरी व 1 जुलाई को 6-6 उपार्जित अवकाश अग्रिम जमा किए जायंगे
(ii) किसी छ: माही के बीच में नियुक्त सिविल न्यायालय के अधिकारी या कर्मचारी को प्रत्येक माह की पूर्ण सेवा 1 उपार्जित अवकाश देय होगी
(iii) असाधारण अवकाश के अलावा अन्य किसी भी अवकाश के उपभोग पर उपार्जित अवकाश कम नहीं किए जाएंगे सिविल न्यायालय का अधिकारी/कर्मचारी किसी कैलेंडर वर्ष की छमाही में असाधारण अवकाशों पर रहता है तो उपार्जित अवकाश खाते में प्रत्येक 10 दिनों के असाधारण अवकाश पर एक दिन का उपार्जित अवकाश (अधिकतम 6 दिन) कम कर दिया जायेगा
(iv) जिस कैलेंडर वर्ष में सिविल न्यायालय का अधिकारी या कर्मचारी विश्राम काल का उपभोग नहीं कर सके उस वर्ष कुल विश्रामकाल की अवधि के बदले 18 दिनों के अनुपात में उपार्जित अवकाश देय होंगे।
(v) किसी कैलेंडर वर्ष की एक छमाही के बीच में सेवा से त्यागपत्र, सेवा समाप्ति, सेवा से निष्कासन/बर्खास्तगी, सेवा में रहते मृत्यु या सेवानिवृत्ति आदि के कारण सेवा में नहीं रहे तो कर्मचारी को एक जनवरी या एक जुलाई से उस घटना के घटित होने की तिथि वाले माह के अंत तक पूर्ण होने वाले प्रत्येक माह हेतु एक दिन का उपार्जित अवकाश देय होगा।
(d) विश्राम काल का उपयोग किसी भी अन्य अवकाश के साथ किया जा सकता है परंतु विश्राम काल व उपार्जित अवकाश की अवधि नियम 91(3) के अनुसार एक साथ स्वीकृत अवकाशों की संख्या से अधिक नहीं होनी चाहिए