रासायनिक अभिक्रिया - किसी पदार्थ में रासायनिक परिवर्तन होना रासायनिक अभिक्रिया कहलाता है वे पदार्थ जो रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेते हैं अभिकारक कहलाते हैं तथा वे पदार्थ जो रासायनिक अभिक्रिया में बनते है उत्पाद कहलाते हैं।जब मैग्नीशियम रिबन का दहन किया जाता है तो यह ऑक्सीजन से क्रिया करके मग्निशियम ऑक्साइड का श्वेत चूर्ण बनता है
मैग्नीशियम + ऑक्सीजन ⇒ मग्निशियम ऑक्साइड
(अभिकारक ) (उत्पाद)
रासायनिक अभिक्रिया में पदार्थों की -
⇛ अवस्था में परिवर्तन होता है
⇛ रंग बदलता है
⇛ गैस निकलती है
⇛ तापमान बदलता है
रासायनिक समीकरण- जब किसी रासायनिक अभिक्रिया में पदार्थों को प्रतीकों एवं अणुसूत्रों की सहायता से प्रदर्शित किया जाता है तो उसे रासायनिक समीकरण कहा जाता है।
2Mg + O₂ → 2MgO
ढांचा रासायनिक समीकरण /कंकाली रासायनिक समीकरण - यदि किसी रासायनिक समीकरण में अभिक्रिया के पहले एवं उसके पश्चात प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या समान नहीं होती है इस प्रकार की असन्तुलित रासायनिक अभिक्रिया को ढांचा रासायनिक समीकरण या कंकाली रासायनिक समीकरण कहते है
Example Mg + O₂ → MgO
सन्तुलित रासायनिक समीकरण - द्रव्यमान संरक्षण के नियमानुसार "किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान का न तो निर्माण होता है न ही विनाश" अतः किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में अभिकारक का कुल द्रव्यमान व उत्पादों का कुल द्रव्यमान बराबर होता है। अर्थात रासायनिक अभिक्रिया के पहले एवं उसके पश्चात प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या समान रहती है इसलिए रासायनिक समीकरण को संतुलित करना आवश्यक है रासायनिक समीकरण को हिट एवं ट्रायल विधि से संतुलित करते है
चरण-1 : रासायनिक समीकरण को संतुलित करने के लिए सबसे पहले प्रत्येक सूत्र के चारों ओर एक बॉक्स बना लिया जाता है समीकरण को संतुलित करते समय बॉक्स के अंदर कुछ भी परिवर्तन नहीं करना है
Fe + H₂O ➡ Fe₃O₄ + H₂
चरण -2 : असंतुलित समीकरण में उपस्थित विभिन्न तत्वों के परमाणुओं की संख्या ज्ञात कर ली जाती है
तत्व अभिकारकों में उत्पादों में
परमाणुओं की संख्या परमाणुओं की संख्या
Fe 1 3
H 2 2
O 1 4
चरण-3 : सबसे पहले सबसे अधिक परमाणु वाले यौगिक (अभिकारक या उत्पाद ) के परमाणुओं को पहले संतुलित किया जाता है इसके लिए अभिकारक या उत्पाद को उचित संख्या से गुणा करते है यहाँ सबसे अधिक परमाणु Fe₃O₄ में है Fe₃O₄ में ऑक्सीजन परमाणु सर्वाधिक है यहाँ अभिकारकों की तरफ ऑक्सीजन परमाणुओं की संख्या एक तथा उत्पादों की तरफ ऑक्सीजन परमाणुओं की संख्या 4 है अतः दोनों तरफ ऑक्सीजन परमाणुओं की संख्या को बराबर करने के लिए H₂O को 4 से गुणा करते है
O परमाणु अभिकारकों में उत्पादों में
प्रारंभ में 1 (H₂O में) 4(Fe₃O₄ में)
संतुलित करने पर 1×4 4
आंशिक रूप से संतुलित समीकरण इस प्रकार होगा
Fe + 4H₂O ➡ Fe₃O₄ + H₂
Fe तथा H परमाणु अब भी संतुलित नहीं हैं। अब हम आंशिक रूप से संतुलित समीकरण में हाइड्रोजन परमाणु को संतुलित करते हैं अभिकारकों की तरफ हाइड्रोजन परमाणु की संख्या 8 हो गई जबकि उत्पादों की तरफ हाइड्रोजन परमाणु की संख्या 2 है हाइड्रोजन परमाणु को बराबर करने के लिए दाईं ओर (उत्पादों की तरफ ) हाइड्रोजन अणु की संख्या को ‘4’ से गुणा कर देते हैं।
H परमाणु अभिकारकों में उत्पादों में
प्रारंभ में 8 (H₂O में) 2(H₂O में)
संतुलित करने पर 8 2× 4
इसी प्रकार अभिकारकों की तरफ Fe परमाणु की संख्या एक है जबकि उत्पादों की तरफ Fe परमाणु की संख्या 3 है Fe परमाणु को बराबर करने के लिए उत्पादों की तरफ Fe अणु की संख्या को ‘3’ से गुणा कर देते हैं।
Fe परमाणु अभिकारकों में उत्पादों में
प्रारंभ में 1 (Fe में ) 3(Fe₃O₄ में)
संतुलन करने पर 1×3 3
चरण-4 : अंत में, इस संतुलित समीकरण की जाँच के लिए हम समीकरण में दोनों ओर के तत्वों के परमाणुओं की संख्याओं का परिकलन करते हैं।
3Fe + 4H₂O ➡ Fe₃O₄ + 4H₂
तत्व अभिकारकों में उत्पादों में परमाणुओं
परमाणुओं की संख्या की संख्या
Fe 3 3
H 8 8
O 4 4
उक्त समीकरण में दोनों ओर के तत्वों के परमाणुओं की संख्या बराबर है। अतः यह समीकरण अब संतुलित है।
चरण-5: भौतिक अवस्थाओं के संकेत लिखनाः ऊपर लिखे संतुलित रासायनिक समीकरण को अधिक सूचनापूर्ण बनाने के लिए अभिकारकों तथा उत्पादों के रासायनिक सूत्र के साथ उनकी भौतिक अवस्था को भी दर्शाया जाता है। अभिकारकों तथा उत्पादों के गैस, द्रव, जलीय तथा ठोस अवस्थाओं को क्रमशः (g),
(l), (aq) तथा (s) से दर्शाया जाता है।
3Fe(s) + 4H₂O(g) ➡ Fe₃O₄(s) + 4H₂(g)
रासायनिक अभिक्रियाओं के प्रकार
1. संयोजन अभिक्रिया - वह अभिक्रिया जिसमें दो या दो से अधिक अभिकारक आपस में संयोग करके एकल उत्पाद का निर्माण करते हैं संयुग्मन या संयोजन अभिक्रिया कहलाती है
A + B → AB
Example
(i) बिना बुझे चुने की जल के साथ अभिक्रिया
CaO + H₂O ➡ Ca(OH)₂ + ऊष्मा
इस अभिक्रिया में निर्मित बुझे हुए चूने के विलयन का उपयोग दीवारों पर सफेदी करने के लिए किया जाता है। जब दीवारों पर सफेदी की जाती है तो कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड (सफेदी) वायु में उपस्थित कार्बन डाइऑक्साइड के साथ धीमी गति से अभिक्रिया करके दीवारों पर कैल्सियम कार्बोनेट की एक पतली परत बना देता है। इससे दीवारों पर चमक आ जाती है।
Ca(OH)₂ + CO₂ ➡ CaCO₃ + H₂O
(कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड) (कैल्सियम कार्बोनेट)
(ii) कोयले का दहन
C + O₂ → CO₂ + ऊष्मा
(ii) जल का निर्माण
H₂ + O₂ ➡ H₂O
ऊष्माक्षेपी अभिक्रियाएं - वे अभिक्रियाएं जिनमें ऊष्मा निकलती है ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया कहलाती है। सभी दहन अभिक्रियाएं ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया होती है।
Example
(1) प्राकृतिक गैस का दहन
CH₄ + O₂ → CO₂ + H₂O + ऊष्मा
(2) श्वसन - हमें जीवित रहने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है । यह ऊर्जा हमें भोजन से मिलती है भोजन से प्राप्त ग्लूकोस हमारे शरीर की कोशिकाओं में ऑक्सीजन से संयोग कर हमें ऊर्जा प्रदान करता हैं। यह ऑक्सीजन श्वसन से प्राप्त होती है अतः श्वसन एक ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है
C₆H₁₂O₆ + 60₂ → 6CO₂ + 6H₂O + ऊर्जा
(3) शाक सब्जियों के विघटन से कम्पोस्ट निर्माण -शाक सब्जियों का विघटित होकर कम्पोस्ट बनाना उश्मक्षेपी का उदाहरहण है
2. वियोजन (अपघटन) अभिक्रिया- वह अभिक्रिया जिसमें एकल अभिकारक टूट कर दो या दो से अधिक उत्पाद बनाता है अपघटन या वियोजन अभिक्रिया कहलाती है
AB ➡ A + B
अपघटन तीन प्रकार का होता है
(I) विद्युत वियोजन - जब किसी यौगिक के विलियन में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो वह अपघटित हो जाता है इसे विद्युत अपघटन कहते है
जल का विद्युत अपघटन
H₂O ➡विधुत धारा→ H₂ + O₂
(II) ऊष्मीय वियोजन / ताप अपघटन - जब किसी यौगिक को गर्म किया जाता है तो उसका अपघटन हो जाता है इसे ऊष्मीय विघटन कहते है जैसे चूने का निर्माण
कैल्शियम कार्बोनेट (चूना पत्थर) का उष्मीय वियोजन -
CaCO₃ → गर्म → CaO + CO₂
कैल्शियम कार्बोनेट (चूना पत्थर)
(III) प्रकाशीय वियोजन- जब किसी यौगिक का प्रकाश की उपस्थिति मे अपघटन होता है। तो उसे प्रकाशीय अपघटन कहते है
सिलवर ब्रोमाइड का प्रकाश अपघटन
2 AgBr → सूर्य का प्रकाश → 2Ag + Br₂
इस अभिक्रिया का उपयोग श्याम श्वेत फोटोग्राफी में किया जाता है
सिल्वर क्लोराइड प्रकाश अपघटन
2AgCl ➡सूर्य का प्रकाश➡ 2Ag + Cl₂
ऊष्माशोषी अभिक्रियाएं - वे अभिक्रियाएं जिनमें ऊष्मा का अवशोषण होता है ऊष्माशोषी अभिक्रियाएं कहलाती हैं। सभी अपघटन अपघटन अभिक्रियाएं ऊष्माशोषी अभिक्रिया होती है।
कैल्शियम कार्बोनेट (चूना पत्थर) का उष्मीय वियोजन -
CaCO₃ →गर्म → CaO + CO₂
3. विस्थापन अभिक्रिया - वह अभिक्रिया जिसमें एक अधिक क्रियाशील तत्व अपने से कम क्रियाशील तत्व को उसके यौगिक में से विस्थापित कर देता है विस्थापन अभिक्रिया कहलाती है
AB + C → AC + B
(i) जिंक की कॉपर सल्फेट के साथ अभिक्रिया
Zn + CuSO₄ → ZnSO₄ + Cu
उपरोक्त अभिक्रिया में अधिक क्रियाशील Zn कम क्रियाशील Cu को उसके यौगिक में से विस्थापित कर देता है
(ii) लोहे की कॉपर सल्फेट के साथ अभिक्रिया
जब लोहे की कील को कॉपर सल्फेट के विलयन में डुबोया जाता है तो लोहा कॉपर सल्फेट में से कॉपर को विस्थापित कर देता है और फेरस सल्फेट का निर्माण होता है इस कारण विलियन व कील का रंग बदल जाता है
Fe + CuSO₄ → FeSO₄ + Cu
उपरोक्त अभिक्रिया में अधिक क्रियाशील Fe कम क्रियाशील Cu को उसके यौगिक में से विस्थापित कर देता है
4. द्विविस्थापन अभिक्रिया - वह अभिक्रिया जिसमें दो अभीकारकों के बीच परमाणु या परमाणु के समूह का आदान-प्रदान होता है द्विविस्थापन अभिक्रिया कहलाती है
AB + CD → AD + BC
Example
जब सोडियम सल्फेट की अभिक्रिया बेरियम क्लोराइड के साथ करवाई जाती है तो बेरियम सल्फेट का श्वेत अवक्षेप प्राप्त होता है इस अभिक्रिया में अवक्षेप का निर्माण होता इसलिए इस अभिक्रिया को अवक्षेपण अभिक्रिया कहते है
Na₂SO₄ + BaCl₂ → BaSo₄ ⬇ + 2NaCl
5. उपचयन व अपचयन अभिक्रिया - वे रासायनिक अभिक्रियांए जिनमे किसी पदार्थ से आक्सीजन जुङती है या हाइड्रोजन हटती है उपचयन (ऑक्सीकरण) अभिक्रियांए कहलाती है
2Cu + O₂ → 2 CuO
( यंहा Cu का CuO में उपचयन हो रहा है)
वे रासायनिक अभिक्रियांए जिनमे किसी पदार्थ से आक्सीजन हटती है इड्रोजन जुङती है अपचयन अभिक्रियांए कहलाती है
CuO + H₂ → Cu + H₂O
(यंहा CuO का Cu में अपचयन हो रहा है)
6. रेडॉक्स अभिक्रिया - वह अभिक्रिया जिसमें एक पदार्थ का उपचयन/ऑक्सीकरण व दूसरे पदार्थ का अपचयन होता है रेडॉक्स अभिक्रिया कहलाती है
Example-1
CuO + H₂ →तापन→ Cu + H₂O
इस अभिक्रिया मे CuO का Cu में अपचयन हो रहा है तथा H₂ का H₂O में उपचयन हो रहा है
Example-2
ZnO + C ➡ Zn + CO
इस अभिक्रिया मे ZnO का Zn में अपचयन हो रहा है तथा C का CO में उपचयन हो रहा है
संक्षारण - जब कोई धातु अपने आस-पास अम्ल, आर्द्रता आदि के सम्पर्क में आती है तो धातुएं उपचयित होकर संक्षारित (खराब) हो जाती है इस प्रक्रिया को संक्षारण कहते हैं।
Example
लोहे पर जंग लगना
चांदी का काला पड़ना
ताम्बे की चमक खत्म होना
विकृतगंधिता - वसायुक्त या तैलीय खाद्य पदार्थ वातावरण में उपस्थित ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया कर उपचयित हो जाते है जिसके कारण इन खाद्य पदार्थों का स्वाद एवं गंध बदल जाती है इसे विकृतगंधिता कहते है
विकृतगंधिता से बचाव
1. तैलीय तथा वसायुक्त खाद्य सामग्रियों में उपचयन रोकने वाले पदार्थ (प्रति-ऑक्सीकारक) मिलाए जाते हैं।
2.तैलीय तथा वसायुक्त खाद्य सामग्रियों को वायुरोधी बर्तनों में रखने से उपचयन की गति धीमी हो जाती है।
3. चिप्स बनाने वाले चिप्स की थैली में से ऑक्सीजन हटाकर उसमें नाइट्रोजन जैसी कम सक्रिय गैस भरी जाती हैं ताकि चिप्स का उपचयन न हो सके और चिप्स ख़राब न हो ।
-
सिल्वर के शोधन में, सिल्वर नाइट्रेट के विलयन से सिल्वर प्राप्त करने के लिए कॉपर धातु द्वारा विस्थापन किया जाता है। इस प्रक्रिया के लिए अभिक्रिया लिखिए।
2AgNO₃ + Cu ⟶ Cu[NO₃]₂ + 2Ag - मीथेन के दहन की संतुलित समीकरण लिखिएCH₄ + O₂ ➡ CO₂ + 2H₂O + ऊष्मा
- किसी पदार्थ ‘X’ के विलयन का उपयोग सफेदी करने के लिए होता है पदार्थ ‘X’ का नाम तथा इसका सूत्र लिखिए।कैल्शिय ऑक्साइड (CaO) के जलीय विलियन का उपयोग सफेदी करने के लिए ककिया जाता है।अतः पदार्थ X का रासायनिक नाम कैल्शिय ऑक्साइड तथा सूत्र CaO है।
- निम्नलिखित अभिक्रिया में A को पहचानिएNa₂SO₄ + BaCl₂ ➡ A + 2NaClZn + CuSO4 ➡ A + Cu
- किस अभिक्रिया का उपयोग श्याम श्वेत फोटोग्राफी में किया जाता हैहाइड्रोजन ब्रोमाइड के प्रकाश अपघटन का उपयोग श्याम श्वेत फोटोग्राफी में किया जाता है2 HBr ⟶सूर्य का प्रकाश⟶ H₂ + Br₂
- वायु में जलाने से पहले मैग्नीशियम रिबन को साफ क्यों किया जाता है ?मैग्नीशियम रिबन नम वायु से क्रिया कर अपने ऊपर मैग्नीशियम ऑक्साइड की सफेद पर्त बना लेता है, यह पर्त मैग्नीशियम के जलने में अवरोध पैदा करती है। इसलिए मैग्नीशियम रिबन को पहले रेगमाल से साफ किया जाता है।
- कॉपर सल्फेट के विलयन में जिंक के टुकङे डालने पर उसका नीला रंग क्यों उङ हो जात है ?कॉपर सल्फेट के विलयन में जिंक के टुकङे डालने पर कॉपर सल्फेट में उपस्थित कॉपर का अधिक क्रियाशील जिंक धातु द्वारा विस्थापन हो जाता है और जिंक सल्फेट बनता है जिसके कारण कॉपर सल्फेट का नीला रंग विलुप्त हो जाता हैCuSO₄ + Zn ➡ ZnSO₄ + Cu
- जब लोहे की कील को कॉपर सल्फेट के विलयन डुबोया जाता है तो विलयन का रंग क्यों बदल जाता है ?जब लोहे की कील को कॉपर सल्फेट के विलयन में डुबोया जाता है तो लोहा कॉपर सल्फेट में से कॉपर को विस्थापित कर देता है और फेरस सल्फेट का निर्माण होता है इस कारण विलियन का रंग बदल जाता हैFe + CuSO₄ ➡ FeSO₄ +Cu
- निम्न अभिक्रियाओं में उपचयित तथा अपचयित पदार्थों की पहचान कीजिए(i) 4Na + O₂ ⟶ 2Na₂O (ii) CuO + H₂ ⟶ Cu + H₂O(i) 4Na + O₂ ⟶ 2Na₂Oइस अभिक्रिया मे सोडियम का उपचयन (ऑक्सीकरण) व ऑक्सीजन का अपचयन हो रहा है(ii) CuO + H₂ ⟶ Cu + H₂Oइस अभिक्रिया मे हाइड्रोजन का उपचयन (ऑक्सीकरण) व CuO का अपचयन हो रहा है
- एक भूरे रंग का चमकदार तत्व X को वायु की उपस्थिति में गर्म करने पर वह काले रंग का हो जाता है इस तत्व X व उस काले रंग के योगिक का नाम बताइएकॉपर भूरे रंग का चमकदार तत्व है इसको वायु की उपस्थिति में गर्म करने पर कॉपर की सतह पर कॉपर ऑक्साइड की काली परत चढ़ जाती है2Cu + O₂ ➡ 2 CuO(X= कॉपर) (काले रंग की परत)
- अभिक्रिया CuO + H₂ तापन → Cu + H₂O में किस पदार्थ का ऑक्सीकरण (उपचयन) व किस पदार्थ का अपचयन हो रहा है इस प्रकार की एक अन्य अभिक्रिया का उदहारण दीजिएइस अभिक्रिया मे H₂ उपचयन (ऑक्सीकरण) व CuO का अपचयन हो रहा हैZnO + C ➡ Zn + COइस अभिक्रिया मे C उपचयन (ऑक्सीकरण) व ZnO का अपचयन हो रहा है
- रासायनिक अभिक्रिया किसे कहते हैं ?किसी पदार्थ में रासायनिक परिवर्तन होना रासायनिक अभिक्रिया कहलाता है वे पदार्थ जो रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेते हैं अभिकारक कहलाते हैं तथा वे पदार्थ जो रासायनिक अभिक्रिया में बनते है उत्पाद कहलाते हैं ।2Mg + O₂ ➡ 2MgO
- संक्षारण किसे कहते है उदहारण दीजिएजब कोई धातु अपने आस-पास अम्ल, आर्द्रता आदि के सम्पर्क में आती है तो धातुएं उपचयित होकर संक्षारित (खराब) हो जाती है इस प्रक्रिया को संक्षारण कहते हैं।Exampleलोहे पर जंग लगनाचांदी का काला पड़नाताम्बे की चमक खत्म होना
- लोहे की वस्तओं को हम क्यों पेंट करते हैं ?लोहा वायु में उपस्थित नमी से क्रिया करके अपने ऊपर फेरस ऑक्साइड की परत बना लेता है जिसके कारन लोहे पर जंग लग जाता है लोहे की वस्तओं को हम पेंट करने पर यह वायु के साथ सीधे संपर्क में नहीं आता है जिसके कारण उसमें जंग नहीं लगता है इसलिए पेंट करने से हम लोहे को जंग लगने से बचा सकते हैं।
- तेल एवं वसायुक्त खाद्य पदार्थों को नाइट्रोजन से प्रभावित क्यों किया जाता है ?तेल एवं वसायुक्त पदार्थ वायु में उपस्थित ऑक्सीजन से क्रिया कर उपचयित हो जाते है और विकृतगंधी हो जाते है जिससे उनका स्वाद व गंध बदल जाती है नाइट्रोजन अक्रिय गैस होने के कारण नाइट्रोजन की उपस्थिति में तेल एवं वसायुक्त खाद्य पदार्थों का उपचयन नहीं होता है इसलिए तेल एवं वसायुक्त खाद्य पदार्थों को नाइट्रोजन से प्रभावित किया जाता है
- श्वसन को ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया क्यों कहते हैं ? वर्णन कीजिए।हमें जीवित रहने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है । यह ऊर्जा हमें भोजन से मिलती है भोजन से प्राप्त ग्लूकोस हमारे शरीर की कोशिकाओं में ऑक्सीजन से संयोग कर हमें ऊर्जा प्रदान करता हैं।यह ऑक्सीजन श्वसन से प्राप्त होती है अतः श्वसन एक ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया हैC₆H₁₂O₆ + 60₂ → 6CO₂ + 6H₂O + ऊर्जा
- संयोजन अभिक्रिया किसे कहते हैं उदाहरण लिखिएवह अभिक्रिया जिसमें दो या दो से अधिक अभिकारक आपस में संयोग करके एकल उत्पाद का निर्माण करते हैं संयुग्मन या संयोजन अभिक्रिया कहलाती हैA + B ➡ ABExampleबिना बुझे चुने की जल के साथ अभिक्रियाCaO + H₂O ➡ Ca(OH)₂ + ऊष्मा
- वियोजन (अपघटन) अभिक्रिया किसे कहते हैं ? समझाइए ।वह अभिक्रिया जिसमें एकल अभिकारक टूट कर दो या दो से अधिक उत्पाद बनाता है अपघटन या वियोजन अभिक्रिया कहलाती हैAB ➡ A + BExampleकैल्शियम कार्बोनेट (चूना पत्थर) का उष्मीय वियोजन -CaCO₃ ➡गर्म➡ CaO + CO₂कैल्शियम कार्बोनेट (चूना पत्थर)
- बुझे हुए चूने के विलयन का उपयोग दीवारों की सफेदी करने में क्यों किया जाता है ?यादीवारों पर सफेदी करने के दो- तीन दिन बाद दीवारों पर चमक क्यों आ जाती है ?बुझे हुए चूने के विलयन का उपयोग दीवारों पर सफेदी करने के लिए किया जाता है। जब दीवारों पर सफेदी की जाती है तो कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड (सफेदी) वायु में उपस्थित कार्बन डाइऑक्साइड के साथ धीमी गति से अभिक्रिया करके दीवारों पर कैल्सियम कार्बोनेट की एक पतली परत बना देता है। इससे दीवारों पर चमक आ जाती है।Ca(OH)₂ + CO₂ ➡ CaCO₃ + H₂O(कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड) (कैल्सियम कार्बोनेट)
- विस्थापन अभिक्रिया किसे कहते हैं ? उदाहरण लिखिए ।वह अभिक्रिया जिसमें एक अधिक क्रियाशील तत्व अपने से कम क्रियाशील तत्व को उसके यौगिक में से विस्थापित कर देता है विस्थापन अभिक्रिया कहलाती हैAB + C ➡ AC + Bजिंक की कॉपर सल्फेट के साथ अभिक्रियाZn + CuSO₄ ➡ ZnSO₄ + Cuउपरोक्त अभिक्रिया में अधिक क्रियाशील Zn कम क्रियाशील Cu को उसके यौगिक में से विस्थापित कर देता है
- अवक्षेपण अभिकिया किसे कहते है उदहारण देकर समझाईएवह अभिक्रिया जिसमे जिनमे उत्पाद के रूप में अविलेय अवक्षेप का निर्माण होता है अवक्षेपण अभिक्रिया कहलाती हैExampleजब सोडियम सल्फेट की अभिक्रिया बेरियम क्लोराइड के साथ करवाई जाती है तो बेरियम सल्फेट का श्वेत अवक्षेप प्राप्त होता है इस अभिक्रिया में अवक्षेप का निर्माण होता इसलिए इस अभिक्रिया को अवक्षेपण अभिक्रिया कहते हैNa₂SO₄ + BaCl₂ ➡ BaSo₄ ⬇ + 2NaCl
- रासायनिक समीकरण किसे कहते है ? रासायनिक समीकरण को संतुलित करना क्यों आवश्यक है?जब किसी रासायनिक अभिक्रिया में पदार्थों को प्रतीकों एवं अणुसूत्रों की सहायता से प्रदर्शित किया जाता है तो उसे रासायनिक समीकरण कहा जाता है। द्रव्यमान संरक्षण के नियमानुसार "किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान का न तो निर्माण होता है न ही विनाश" अतः किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में अभिकारक का कुल द्रव्यमान व उत्पादों का कुल द्रव्यमान बराबर होता है।अर्थात रासायनिक अभिक्रिया के पहले एवं उसके पश्चात प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या समान रहती है इसलिए रासायनिक समीकरण को संतुलित करना आवश्यक है
- ऊष्माक्षेपी एवं ऊष्माशोषी अभिक्रिया का क्या अर्थ है ?ऊष्माक्षेपी अभिक्रियाएं :- वे अभिक्रियाएं जिनमें ऊष्मा निकलती है ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया कहलाती है।सभी दहन अभिक्रियाएं ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया होती है। संयुग्मन या संयोजन अभिक्रिया कहलाती हैप्राकृतिक गैस का दहनCH₄ + O₂ ➡ CO₂ + H₂O + ऊष्माऊष्माशोषी अभिक्रियाएं :- वे अभिक्रियाएं जिनमें ऊष्मा का अवशोषण होता है ऊष्माशोषी अभिक्रियाएं कहलाती हैं। सभी अपघटन अपघटन अभिक्रियाएं ऊष्माशोषी अभिक्रिया होती है।कैल्शियम कार्बोनेट (चूना पत्थर) का उष्मीय वियोजनCaCO₃ ➡ गर्म ➡ CaO + CO₂
- द्विविस्थापन अभिक्रिया किसे कहते हैं ? उदाहरण लिखिए ।वह अभिक्रिया जिसमें दो अभीकारकों के बीच परमाणु या परमाणु के समूह का आदान-प्रदान होता है द्विविस्थापन अभिक्रिया कहलाती हैAB + CD ➡ AD + BCExampleजब सोडियम सल्फेट की अभिक्रिया बेरियम क्लोराइड के साथ करवाई जाती है तो बेरियम सल्फेट का श्वेत अवक्षेप प्राप्त होता है इस अभिक्रिया में अवक्षेप का निर्माण होता इसलिए इस अभिक्रिया को अवक्षेपण अभिक्रिया कहते हैNa₂SO₄ + BaCl₂ ➡ BaSo₄ ⬇ + 2NaCl
- विकृतगंधिता से क्या अभिप्राय है वसायुक्त या तैलीय खाद्य पदार्थ को ख़राब होने (विकृतगंधिता) से बचने के लिए क्या उपाय किये जाते हैवसायुक्त या तैलीय खाद्य पदार्थ वातावरण में उपस्थित ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया कर उपचयित हो जाते है जिसके कारण इन खाद्य पदार्थों का स्वाद एवं गंध बदल जाती है इसे विकृतगंधिता कहते हैविकृतगंधिता से बचावतैलीय तथा वसायुक्त खाद्य सामग्रियों में उपचयन रोकने वाले पदार्थ (प्रति ऑक्सीकारक) मिलाए जाते हैं।तैलीय तथा वसायुक्त खाद्य सामग्रियों को वायुरोधी बर्तनों में रखने से उपचयन की गति धीमी हो जाती है।चिप्स बनाने वाले चिप्स की थैली में से ऑक्सीजन हटाकर उसमें नाइट्रोजन जैसे कम सक्रिय गैस भरी जाती हैं ताकि चिप्स का उपचयन न हो सके और चिप्स ख़राब न हो
- वियोजन अभिक्रिया को संयोजन अभिक्रिया के विपरीत क्यों कहा जाता है ? इन अभिक्रियाओं के समीकरण लिखिएवियोजन अभिक्रिया को संयोजन अभिक्रिया के विपरीत कहा जाता है क्योंकि वियोजन अभिक्रिया में एकल अभिकारक टूट कर दो या दो से अधिक उत्पाद बनाता है जबकि संयोजन अभिक्रिया में दो या दो से अधिक अभिकारक आपस में संयोग करके एकल उत्पाद का निर्माण करते हैंExampleसंयोजन अभिक्रियाबिना बुझे चुने की जल के साथ अभिक्रियाCaO + H₂O ➡ Ca(OH) ₂ + ऊष्मावियोजन अभिक्रियाकैल्शियम कार्बोनेट (चूना पत्थर) का उष्मीय वियोजन -CaCO₃ गर्म → CaO + CO₂
- रेडॉक्स अभिक्रिया से क्या अभिप्राय है ? उदाहरण दीजिए ।वह अभिक्रिया जिसमें एक पदार्थ का उपचयन/ऑक्सीकरण व दूसरे पदार्थ का अपचयन होता है रेडॉक्स अभिक्रिया कहलाती हैExample-1CuO + H₂ तापन → Cu + H₂O
- ZnO + C ➡ Zn + CO अभिक्रिया में किस पदार्थ का उपचयन व किस पदार्थ का अपचयन हो रहा हैZnO + C ➡ Zn + COइस अभिक्रिया मे ZnO का Zn में अपचयन हो रहा है तथा C का CO में उपचयन हो रहा है
- उन वियोजन अभिक्रियाओं के एक-एक समीकरण लिखिए जिनमें ऊष्मा, प्रकाश एवं विद्युत के रूप में ऊर्जा प्रदान की जाती है।(I) ऊष्मीय वियोजन / ताप अपघटन- जब किसी यौगिक को गर्म किया जाता है तो उसका अपघटन हो जाता है इसे ऊष्मीय विघटन कहते हैकैल्शियम कार्बोनेट का उष्मीय वियोजन (चूने का निर्माण)CaCO₃ ➡गर्म ➡ CaO + CO₂कैल्शियम कार्बोनेट (चूना पत्थर)(II) प्रकाशीय वियोजन- जब किसी यौगिक का प्रकाश की उपस्थिति मे अपघटन होता है। तो उसे प्रकाशीय अपघटन कहते हैहाइड्रोजन ब्रोमाइड का प्रकाश अपघटन2 HBr ➝सूर्य का प्रकाश → H₂ + Br₂(III) विद्युत वियोजन - जब किसी यौगिक के विलियन में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो वह अपघटित हो जाता है इसे विद्युत अपघटन कहते हैजल का विद्युत अपघटनH₂O → विधुत धारा→ H₂ + O₂
- आक्सीजन के योग और ह्रास के आधार पर निम्न पदों की व्याख्या कीजिए प्रत्येक के दो-दो उदहारण दीजिए(अ) उपचयन (ब) अपचयन(अ) उपचयन - वे रासायनिक अभिक्रियांए जिनमे किसी पदार्थ से आक्सीजन जुङती है या हाइड्रोजन हटती है उपचयन (ऑक्सीकरण) अभिक्रियांए कहलाती है(i) 2Cu + O₂ ➡ 2 CuO( यंहा Cu का CuO में उपचयन हो रहा है)(ii) 2Mg + O₂ ➡ 2MgO( यंहा Mg का MgO में उपचयन हो रहा है)(ब) अपचयन - वे रासायनिक अभिक्रियांए जिनमे किसी पदार्थ से आक्सीजन हटती है इड्रोजन जुङती है अपचयन अभिक्रियांए कहलाती है(i) CuO + H₂ ➡ Cu + H₂O( यंहा CuO का Cu में अपचयन हो रहा है)(ii) ZnO + C ➡ Zn + CO(यंहा ZnO का Zn में अपचयन हो रहा है)
- निम्न अभिक्रियाए किस प्रकार की अभिक्रियाएँ है(i) C + O₂ → CO₂ + ऊष्मासंयोजन अभिक्रिया/ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया(ii) Na₂SO₄ + BaCl₂ → BaSo₄ ⬇ + 2NaClद्विविस्थापन अभिक्रिया/अवक्षेपण अभिक्रिया(iii) 2 HBr ➝सूर्य का प्रकाश → H₂ + Br₂वियोजन (अपघटन) अभिक्रिया(iv) CuO + H₂ ➡ Cu + H₂Oरेडॉक्स अभिक्रिया / अपचयन- उपचयन
- निम्न अभिक्रियाए किस प्रकार की अभिक्रियाएँ है(i) CaO + H₂O ➡ Ca(OH)₂ + ऊष्मासंयोजन अभिक्रिया/ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया(ii) Fe + CuSO₄ → FeSO₄ + Cuविस्थापन अभिक्रिया(iii) 2AgCl ➡सूर्य का प्रकाश➡ 2Ag + Cl₂वियोजन (अपघटन) अभिक्रिया(iv) 2Cu + O₂ ➡ 2 CuOउपचयन (ऑक्सीकरण)
- निम्न अभिक्रियाए किस प्रकार की अभिक्रियाएँ है(i) H₂ + O₂ ➡ H₂Oसंयोजन अभिक्रिया(ii) CH₄ + O₂ → CO₂ + H₂O + ऊष्माऊष्माक्षेपी अभिक्रिया(iii) CaCO₃ →गर्म → CaO + CO₂वियोजन (अपघटन) अभिक्रिया(iv) ZnO + C ➡ Zn + COरेडॉक्स अभिक्रिया / अपचयन- उपचयन
- निम्न अभिक्रियाए किस प्रकार की अभिक्रियाएँ है(i) C₆H₁₂O₆ + 60₂ → 6CO₂ + 6H₂O + ऊर्जाऊष्माक्षेपी अभिक्रिया(ii) H₂O ➡विधुत धारा→ H₂ + O₂वियोजन (अपघटन) अभिक्रिया(iii) CuO + H₂ →तापन→ Cu + H₂Oरेडॉक्स अभिक्रिया / अपचयन- उपचयन(iv) 2AgNO₃ + Cu ⟶ Cu[NO₃]₂ + 2Agविस्थापन अभिक्रिया
- निम्न अभिक्रियाए किस प्रकार की अभिक्रियाएँ है(i) Zn + CuSO₂ → ZnSO₄ + Cuविस्थापन अभिक्रिया(ii) 4Na + O₂ ⟶ 2Na₂Oरेडॉक्स अभिक्रिया / अपचयन- उपचयन(iii) 2Mg + O₂ ➡ 2MgOउपचयन(iv) CaCO₃ →गर्म → CaO + CO₂ऊष्माशोषी अभिक्रियाएं