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राजस्थान पेन्शन नियम 1996

राजस्थान पेन्शन नियम 1996 
Rule : 4  पेंशन या पारिवारिक पेंशन के दावों का विनियमन
(1) सरकारी कर्मचारी के सेवानिवृत्त होने, मृत्यु होने, सेवामुक्त किए जाने या  सेवा से त्यागपत्र देने के समय प्रभावी नियमों के अनुसार पेंशन या पारिवारिक पेंशन देय होगी 
(2) जिस दिन कोई सरकारी कर्मचारी सेवानिवृत्त होता है या सेवामुक्त किया जाता है या उसे सेवा से त्यागपत्र देने की अनुमति दी जाती है या मृत्यु के दिन को अंतिम कार्य दिवस माना जाता है । किन्तु  स्वैच्छिक सेवानिवृति व अनिवार्य सेवानिवृति  का दिन अकार्य दिवस माना जाता है 
Rule : 5  पेंशन की संख्या पर सीमाएं
(1) कोई सरकारी कर्मचारी एक ही समय में या एक ही निरंतर सेवा द्वारा एक ही सेवा या पद पर दो पेंशन अर्जित नहीं करेगा।
(2) दो सरकारी कर्मचारी एक ही पद के संबंध में एक साथ सेवा की गणना नहीं कर सकते।
(3) कोई सरकारी कर्मचारी जो अधिवर्षिता पेंशन या सेवानिवृत्ति पेंशन पर सेवानिवृत्त होने के बाद बाद में पुनः नियोजित होता है, वह अपनी पुनः नियुक्ति की अवधि के लिए पृथक पेंशन या ग्रेच्युटी का हकदार नहीं होगा।
Rule : 16. परिवीक्षा पर सेवा की गणना
परिवीक्षाधीन या परिवीक्षा पर की गई सेवा पेंशन के प्रयोजन के लिए योग्य होगी।
Rule :  20. छुट्टी पर बिताई गई अवधि की गणना
(1) सेवा के दौरान सभी छुट्टियां, जिनके लिए छुट्टी वेतन देय है, अर्हक सेवा के रूप में गिनी जाएंगी।
(2) असाधारण छुट्टी, अर्थात बिना वेतन के छुट्टी, अर्हक सेवा के रूप में तभी गिनी जाएगी, जब नीचे उल्लिखित किसी भी परिस्थिति में ली गई हो:-
(i) प्राधिकृत चिकित्सा परिचारक द्वारा दिए गए चिकित्सा प्रमाण पत्र पर;
(ii) उच्च वैज्ञानिक और तकनीकी अध्ययन करने के लिए;
(iii) नागरिक उपद्रव या प्राकृतिक आपदा के कारण सरकारी कर्मचारी की ड्यूटी पर आने या दोबारा आने में असमर्थता के कारण।
Rule :  22. निलंबन अवधि की गणना
निलंबन अवधि को पेंशन के लिए अर्हक सेवा के रूप में गिना जाएगा, यदि दंड के आदेश में अनुशासनिक प्राधिकारी द्वारा निलंबन अवधि को योग्य मन है तो उक्त अवधि पेंशन के लिए अर्हक सेवा के रूप में गिना जाएगी 
Rule : 30. अधिवर्षिकी पेंशन
राजस्थान सेवा नियम के नियम 56 के अंतर्गत अधिवर्षिकी (60 वर्ष ) सेवानिवृत्ति की आयु प्राप्त करने पर सेवानिवृत्त होने वाले सरकारी कर्मचारी को अधिवर्षिकी पेंशन प्रदान की जाएगी।
Rule :  32. सेवानिवृत्ति पेंशन
राजस्थान पेन्शन नियम 1996 के नियम 50  के प्रावधानों के अनुसार स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति और  नियम 53 के प्रावधानों के अनुसार अनिवार्य सेवानिवृत्ति पर सरकारी कर्मचारी को सेवानिवृत्ति पेंशन प्रदान की जाएगी 
Rule :  35. अशक्त पेंशन
जब कोई सरकारी कर्मचारी शारीरिक या मानसिक दुर्बलता के कारण सक्षम चिकित्सा अधिकारी के प्रमाण पत्र के आधार पर सेवा के लिए स्थायी रूप से अक्षम हो जाने पर सेवानिवृत्त कर्मचारी  को अशक्त पेंशन स्वीकृत की जाती है  
Rule :  38.  क्षतिपूर्ति पेंशन
यदि किसी सरकारी कर्मचारी को उसके स्थायी पद के समाप्त होने के कारण सेवामुक्त किया जाता है, तो  उसे क्षतिपूर्ति पेंशन दी जाती है 
Rule :  42. अनिवार्य सेवानिवृत्ति पेंशन
किसी सरकारी कर्मचारी को सेवा से अनिवार्य रूप से शास्ति के रूप में सेवानिवृत्त किया जाता है तो यह पेंशन देयहोती है जो सामान्यतया अनिवार्य सेवानिवृत्ति की तारीख को उसे देय पेंशन या ग्रेच्युटी या दोनों की दो तिहाई पेंशन से कम नहीं तथा पूर्ण क्षतिपूर्ति पेंशन या ग्रेच्युटी या दोनों से अधिक नहीं होगी।
Rule : 50 : 15 वर्ष की अर्हक सेवा पूरी करने पर सेवानिवृत्ति
(1) कोई भी कर्मचारी 15 वर्ष की अर्हकारी सेवा पूरी कर लेने के पश्चात् न्यूनतम 3 महीने पूर्व नियुक्ति अधिकारी को नोटिस देकर स्वैच्छिक सेवानिवृति ले सकता है।
(2) उपनियम (1) के अधीन दी गई स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की सूचना को नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा स्वीकार किया जाना अपेक्षित होगा
परन्तु जहां नियुक्ति प्राधिकारी उक्त सूचना में विनिर्दिष्ट अवधि की समाप्ति के पूर्व सेवानिवृत्ति की अनुमति देने से इंकार नहीं करता है, वहां सेवानिवृत्ति उक्त अवधि की समाप्ति की तारीख से स्वतः प्रभावी हो जाएगी।
राजस्थान सरकार का निर्णय
"पंद्रह वर्ष" की अर्हक सेवा पूरी करने के बाद दी गई स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की सूचना को नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा स्वीकार किया जाना आवश्यक होगा। 
नियुक्ति प्राधिकारी किसी सरकारी कर्मचारी को निम्न परिस्थिति में सेवानिवृत्त की अनुमति नहीं देगा-
(i) जो निलम्बित है
(ii) जिसके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही लंबित है या विचाराधीन है और प्राधिकारी को लगे कि इस कार्यवाही से सेवा से हटाने या बर्खास्त करने का दंड लगाया जा सकता है 
(iii) जिसके मामले में न्यायालय में अभियोग चलाया जा रहा हो या चलाया जा चुका हो। 
(3) (a) उपनियम (1) में निर्दिष्ट कोई सरकारी कर्मचारी नियुक्ति प्राधिकारी को तीन माह से कम की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की सूचना स्वीकार करने के लिए लिखित में अनुरोध कर सकता है, तथा इसके लिए कारण भी बता सकता है। (चुनाव लड़ने के उद्देश्य से ली गई  स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति)
(b) खंड (a) के अधीन अनुरोध प्राप्त होने पर, नियुक्ति प्राधिकारी उपनियम (2) के उपबंधों के अधीन रहते हुए, तीन माह की सूचना अवधि में कटौती के ऐसे अनुरोध पर गुण-दोष के आधार पर विचार कर सकता है और यदि वह संतुष्ट हो जाता है कि सूचना अवधि में कटौती से कोई प्रशासनिक असुविधा नहीं होगी, तो नियुक्ति प्राधिकारी तीन माह की सूचना अवधि की आवश्यकता में छूट दे सकता है।                  
(4) कोई सरकारी कर्मचारी, जिसने नियुक्ति प्राधिकारी को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की सूचना दे दी है, वह सूचना के प्रभावी रहने के दौरान नियुक्ति प्राधिकारी की स्वीकृति से सूचना वापस ले सकता है  यदि नियुक्ति प्राधिकारी ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की इच्छित तिथि से पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की स्वीकृति के लिए आदेश जारी कर दिया है, तो ऐसे आदेश को नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा तत्काल अर्थात् स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की इच्छित तिथि से पहले रद्द कर दिया जाएगा।
(5) स्वैच्छिक सेवानिवृति पर समस्त परिलाभ (पेंशन, ग्रेच्युटी, कॉम्युटेशन, PL नगदीकरण) स्वैच्छिक सेवानिवृति लेने की दिनांक से पूर्व आहरित वेतन के अनुसार देय होते है।
(6) यह नियम ऐसे सरकारी सेवक पर लागू नहीं होगा जो किसी स्वायत्त निकाय या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम में स्थायी रूप से आमेलित होने के लिए सरकारी सेवा से सेवानिवृत्त होता है, जिसमें वह स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के समय प्रतिनियुक्ति पर है।
(7) यदि कोई सरकारी कर्मचारी अदेय अवकाश पर रहते हुए, ड्यूटी पर वापस आए बिना, इस नियम के अधीन सेवानिवृत्ति चाहता है, तो उसकी सेवानिवृत्ति अदेय अवकाश के प्रारंभ होने की तारीख से प्रभावी होगी और ऐसे अवकाश के संबंध में भुगतान किया गया अवकाश वेतन उससे वसूल किया जाएगा।
राजस्थान पेन्शन नियम 1996 के नियम 4(2) के अनुसार स्वैच्छिक सेवानिवृति का दिन अकार्य दिवस माना जाता है 
Rule : 54. पेंशन की राशि
अधिवर्षिकी, सेवानिवृत्ति, अशक्तता और क्षतिपूर्ति पेंशन तथा सेवा ग्रेच्युटी की राशि निम्नानुसार होगी:-
(1) दस वर्ष की अर्हक सेवा पूरी करने से पहले इन नियमों के प्रावधानों के अनुसार सेवानिवृत्त होने वाले सरकारी कर्मचारी की स्थिति में, सेवा ग्रेच्युटी की राशि अर्हक सेवा की प्रत्येक पूर्ण की गई छमाही अवधि के लिए आधे महीने के परिलब्धियों की दर से गणना की जाएगी।
(2) (क) कम से कम 28 वर्ष की अर्हक सेवा पूरी करने के बाद इन नियमों के प्रावधानों के अनुसार सेवानिवृत्त होने वाले सरकारी कर्मचारी के लिए मूल वेतन के पचास प्रतिशत के बराबर पूर्ण पेंशन की गणना की जाती है।
(ख) 28 वर्ष की अर्हक सेवा पूरी करने से पूर्व, किन्तु दस वर्ष की अर्हक सेवा पूरी करने के पश्चात सेवानिवृत्त होने वाले सरकारी कर्मचारी को पेंशन की राशि खंड (क) के अधीन अनुमेय पेंशन की राशि के समानुपातिक होगी तथा किसी भी दशा में पेंशन की राशि................ से कम नहीं होगी
(3) तीन महीने या उससे अधिक की सेवा अवधि को पूर्ण छमाही माना जाएगा।
(4) उपनियम (2) के खंड (क) या खंड (ख) के अधीन अंतिम रूप से निर्धारित पेंशन की राशि पूरे रुपए में व्यक्त की जाएगी और जहां पेंशन में एक रुपए का अंश शामिल है, उसे अगले रुपए में पूर्णांकित किया जाएगा।
Rule : 55. सेवानिवृत्ति/मृत्यु ग्रेच्युटी (उपादान
(1) (अ) एक सरकारी कर्मचारी, जिसने पांच साल की योग्यता सेवा पूर्ण कर ली है और नियम 54 के तहत सेवा उपदान या पेंशन के लिए पात्र हो गया है उसको सेवानिवृत्ति पर, योग्यता सेवा की प्रत्येक पूर्ण छः माही पर उसकी कुल परिलब्धियों का 1/4 भाग  ग्रेजुएटी/उपादान  के रूप में मिलाता है जो 16.5 माह की परिलब्धियों  से अधिक नहीं होगा 
सरकारी कर्मचारी की 5 वर्ष की योग्यता सेवा पर प्रत्येक छः माह की सेवा पर ग्रेजुएटी/उपादान की राशि की अधिकतम सीमा ₹  20 लाख है 
( परिलब्धियां = मूलवेतन + महंगाई भत्ता ) 
ग्रेजुएटी का फॉर्मूला 
                              (अधिकतम 66 छः माही)
उपादान की राशि पैसों में आने पर 50 पैसे से कम को छोड़ दिया जाता है और 50 पैसे या अधिक को Roundup कर दिया जाता है 
(ब) यदि किसी सरकारी कर्मचारी की सेवाकाल के दौरान मृत्यु हो जाती है तो मृत्यु उपदान उसके परिवार को नियम 56 के उपनियम (1) में दर्शाई गई रीति से नीचे दी गई तालिका में दी गई दरों पर दिया जाएगा।
1 वर्ष से कम सेवा पर =  दो माह का वेतन (परिलब्धियां)
1 वर्ष या अधिक एवं 5 वर्ष से कम पर = छः माह का वेतन (परिलब्धियां)
5 वर्ष या अधिक किन्तु 11 वर्ष से कम सेवा पर = 12 माह का वेतन (परिलब्धियां)
11 वर्ष से अधिक किन्तु 20 वर्ष से कम  सेवा पर = 20 माह का वेतन (परिलब्धियां)
20 वर्ष से अधिक सेवा होने पर =  प्रत्येक पूर्ण की गई 6 माही पर आधे माह का वेतन (परिलब्धियां) जो कि 33 गुना से अधिक नहीं हो
(2) यदि कोई सरकारी कर्मचारी सेवानिवृत्ति की तारीख से पांच वर्ष के भीतर मर जाता है और सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी और रूपांतरित पेंशन की राशि यदि  12 माह की परिलब्धियों से कम है, तो कमी के बराबर अवशिष्ट (residuary) ग्रेच्युटी उसके परिवार को स्वीकृत की जावेगी।
(4) इस नियम और नियम 56, 58 और 59 के प्रयोजन के लिए सरकारी कर्मचारी के संबंध में 'परिवार' का अर्थ है -
(i) पत्नी या पत्नियाँ, जिनमें  न्यायिक रूप से अलग हुई पत्नी या पत्नियाँ शामिल हैं
(ii) पति, जिसमें न्यायिक रूप से अलग हुआ पति भी शामिल है
(iii) बेटे जिसमें सौतेले बेटे और दत्तक पुत्र भी शामिल हैं
(iv) अविवाहित बेटियाँ जिसमें सौतेली बेटियाँ और दत्तक बेटियाँ भी शामिल हैं
(v) विधवा बेटियाँ जिसमें सौतेली बेटियाँ और दत्तक बेटियाँ भी शामिल हैं
(vi) पिता, जिसमें दत्तक पिता भी शामिल हैं
(vii) माता जिसमें दत्तक माता भी शामिल हैं
(viii) 18  वर्ष से कम आयु के भाई जिसमें सौतेले भाई भी शामिल है 
(ix) अविवाहित बहनें और विधवा बहनें जिसमें सौतेली बहनें भी शामिल हैं
(x) विवाहित बेटियाँ 
(xi) पूर्व मृत बेटे के बच्चे।
Rule : 56.  उपादान का भुगतान 
(1)  (अ) मनोनयन के अनुसार मनोनीत व्यक्ति को देय होगी 

(ब) यदि मनोनयन नहीं किया गया है या किया गया मनोनयन अस्तित्व में नहीं है, तो उपदान का भुगतान नीचे दर्शाए गए तरीके से किया जाएगा - 

(i) यदि नियम 55 के उपनियम (4) के खंड (i), (ii), (iii) और (iv) के अनुसार परिवार के एक या अधिक जीवित सदस्य हैं, तो ऐसे सभी सदस्यों को समान हिस्सों में देय होगी 

(ii) यदि उपखंड (i) के अनुसार परिवार के कोई जीवित सदस्य नहीं हैं, लेकिन नियम 55 के उपनियम (4) के खंड (v), (vi), (vii), (viii), (ix), (x) और (xi) के अनुसार एक या अधिक सदस्य हैं, तो ऐसे सभी सदस्यों को समान हिस्सों में देय होगी 

पारिवारिक पेंशन नियम
Rule : 62. पारिवारिक पेंशन की राशि
(i) पारिवारिक पेंशन "परिलब्धियों" के 30% की दर से स्वीकार्य होगी, जो न्यूनतम 8875/- रुपये प्रतिमाह तथा अधिकतम सरकार में उच्चतम वेतन के 30% के अधीन होगी [(सरकार में उच्चतम वेतन 1.7.2017 से 218000/- रुपये है)]।"
(ii) जब कोई सरकारी कर्मचारी, 7 वर्ष की निरंतर सेवा करने के पश्चात सेवा में रहते हुए मर जाता है, तो देय पारिवारिक पेंशन अंतिम आहरित परिलब्धियों का 50% या उपनियम (i) के अंतर्गत स्वीकार्य पारिवारिक पेंशन की राशि का दोगुना, जो भी कम हो, होगी।
जो मृत्यु के बाद सात साल तक या कर्मचारी की 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो, देय है।









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