- आधुनिक आवर्त सारणी का निर्माण किसने किया
हेनरी मौजले ने - सर्वाधिक विधुतॠणी तत्व का नाम लिखिए
फ्लोरीन - F,C,Li,Be तत्वो को बढ़ती हुई परमाणु त्रिज्या के क्रम में लिखिए
F≺ C≺ Be≺ Li - Li, Fr, Na, K तत्वो को उनके बढ़ते धात्विक गुणों के क्रम में लिखिए
Li≺ Na≺ K ≺ Fr - न्यूलैण्ड ने कितने तत्व खोजे।
56 - मेंडलीफ की आवर्त सारणी कितने वर्ग तथा आवर्त थे
8 वर्ग व 6 आवर्त - चार उपधातु के नाम लिखिए
बाॅराॅन, सिलिकॉन, जर्मेनियम, आर्सेनिक - आधुनिक आवर्त सारणी तत्वों के किस गुण पर आधारित है
परमाणु क्रमांक - परमाणु का प्रथम माॅडल किसने दिया
थाॅमसन ने - आधुनिक आवर्त सारणी में वर्ग व आवर्त कितने हैं
आधुनिक आवर्त सारणी में क्षैतिज पंक्तियाँ आवर्त कहलाती है जिनकी संख्या 7 है और ऊर्ध्वाधर स्तम्भ वर्ग कहलाते है जिनकी संख्या 18 है - उत्कृष्ट गैसों के नाम लिखिए
18 वें वर्ग के सदस्य हीलियम, नियाॅन, आर्गन, क्रिप्टोन, जिनाॅन आदि को उत्कृष्ट गैसों के नाम से जाना जाता है - रदरफोर्ड मॉडल की दो कमियां लिखिए
1.परमाणु के स्थायित्व की व्याख्या नहीं कर सका
2.परमाणु की इलेक्ट्रॉन रचना परमाणु की इलेक्ट्रॉन संरचना को स्पष्ट नहीं कर सका - संयोजकता क्या होती है
किसी तत्व के एक परमाणु से सहयोग करने वाले हाइड्रोजन परमाणु की संख्या या संयोग करने वाले ऑक्सीजन परमाणु की संख्या की आधी संख्या संयोजकता कहलाती है - परिवर्ती संयोजकता किसे कहते हैं
d ब्लॉक तत्व, लेंथनाईड व एक्टिनाईड तत्व एक से अधिक संयोजकता प्रदर्शित करते हैं इसे परिवर्तित संयोजकता कहते हैं - डोबेराइनर ने कौन कौन से त्रिक बनाएं
(1) Li Na K
(2) Ca Sr Ba
(3) Cl Br I - न्यूलैण्ड का अष्टक नियम लिखिए (2019)
न्यूलैंड के अनुसार जब तक तुम को उनके बढ़ते हुए परमाणु द्रव्यमान के आधार पर व्यवस्थित किया जाए तो प्रत्येकआठवें तत्व के गुण पहले तत्व के गुणधर्म के समान होते हैं - आधुनिक आवर्त नियम क्या है
"तत्वों के भौतिक व रासायनिक गुणधर्म उनके परमाणु क्रमांक उनके आवर्ती फलन होते हैं" - प्रभावी नाभिकीय आवेश किसे कहते हैं
परमाणु की बाह्यतम कोश में उपस्थित इलेक्ट्रॉन पर नाभिक द्वारा लगने वाला आकर्षण बल प्रभावी नाभिकीय आवेश कहलाता है - बोर मॉडल की कमियां लिखिए
1.अधिक इलेक्ट्रॉन वाले परमाणु की इस मॉडल से व्याख्या नहीं की जा सकती है
2. परमाणु द्वारा रसायनिक बंध बनाकर अणु बनाने की प्रक्रिया को यह मॉडल नहीं समझा सका - ऑक्सीकरण अवस्था से क्या अभिप्राय है
किसी तत्व का एक परमाणु दूसरे तत्व के परमाणु से जितनी संख्या में आवेश या इलेक्ट्रॉन ग्रहण करता है वह उसकी ऑक्सीकरण अवस्था कहलाती है - आयनन एंथैल्पी से क्या अभिप्राय है
किसी तत्व के उदासीन गैसीय परमाणु से एक इलेक्ट्रॉन पृथक करने के लिए दी जाने वाली ऊर्जा आयनन एंथैल्पी या आयनन विभव कहलाती है - इलेक्ट्रॉन लब्धि एंथैल्पी किसे कहते हैं
किसी तत्व के उदासीन गैसीय परमाणु द्वारा एक इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने पर मुक्त होने वाली ऊर्जा इलेक्ट्रॉन लब्धि एंथैल्पी या इलेक्ट्रॉन बंधुता कहलाती है - विधुतॠणता किसे कहते हैं
सहसंयोजक यौगिकों में दो असमान परमाणुओ के मध्य बने रासायनिक बंध के इलेक्ट्रोन को अधिक विद्युत ऋणी परमाणु द्वारा अपनी ओर आकर्षित करने के गुण को विद्युत ऋणता कहते हैं - रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल को सौर मंडल का प्रतिरूप क्यों माना जाता है
रदरफोर्ड मॉडल के अनुसार जिस प्रकार सूर्य के चारों और सभी ग्रह परिक्रमा करते हैं उसी प्रकार इलेक्ट्रॉन धनावेशित नाभिक के चारों ओर परिक्रमा करते हैं - गुणो में आवर्तिता से क्या अभिप्राय है
आवर्त सारणी के किसी वर्ग में ऊपर से नीचे की तरफ जाने या आवर्त में बांयी से दांयी ओर जाने पर तत्वो के भोतिक व रासायनिक गुणो में नियमित परिवर्तन होता है इसे गुणों में आवर्तिता कहते है - धनायन अपने उदासीन परमाणु से छोटा क्यों होता है (2020)
धनायन निर्माण में इलेक्ट्रॉन निकलने से परमाणु का बाह्यतम कोश समाप्त हो जाता है तथा शेष इलेक्ट्रॉनों पर प्रभावी नाभिकीय आवेश का मान बढ़ जाता है अतः धनायन का आकार उदासीन परमाणु से छोटा होता है - ऋणायन अपने उदासीन परमाणु से बङा क्यों होता है (2020)
जब कोई परमाणु इलेक्ट्रॉन ग्रहण करता है तो ऋणायन बनता है ॠणायन निर्माण से बाह्यतम कक्षा में इलेक्ट्रॉन की संख्या बढ़ जाती है जिससे प्रभावी नाभिकीय आवेश का मान कम हो जाता है अतः ऋण आयन का आकार उसके उदासीन परमाणु से बड़ा होता है - आवर्त व वर्ग में विद्युत ॠणता का मान किस प्रकार बदलता है
आवर्त में बांयी से दांयी ओर जाने पर परमाणु आकार घटने के कारण विद्युत ॠणता का मान बढता है
वर्ग में ऊपर से नीचे की जाने पर परमाणु आकार बढने के कारण विद्युत ॠणता का मान घटता है - इलेक्ट्रोन लब्धि एन्थैल्पी (इलेक्ट्रोन बन्धुुुता) की आवर्त व वर्ग में आवर्तिता समझाइए
आवर्त में बांयी से दांयी ओर जाने पर परमाणु घटने एवं प्रभावी नाभिकीय आवेश बढने के कारण इक्ट्रोन लब्धि एन्थैल्पी का मान बढता है
वर्ग में ऊपर से नीचे की ओर जाने पर परमाणु आकार में अनियमितता के कारण इलेक्ट्रोन लब्धि एन्थैल्पी में भी अनीयमितता पायी जाती है - आयनन एन्थैल्पी की गुणों में आवर्तिता समझाइए
आवर्त में बांयी से दांयी ओर जाने पर परमाणु आकार घटने एवं प्रभावी नाभिकीय आवेश बढने के कारण परमाणु से इलेक्ट्रोन पृथक करना कठिन होता है अतः आवर्त में बांयी से दांयी ओर जाने पर आयनन एन्थैल्पी बढती है
वर्ग में ऊपर से नीचे की जाने पर परमाणु आकार बढने तथा प्रभावी नाभिकीय आवेश घटने कारण परमाणु से इलेक्ट्रोन पृथक करना सरल हो जाता है अतः वर्ग में ऊपर से नीचे की ओर जाने पर आयनन एन्थैल्पी घटती है - वाण्डरवाल त्रिज्या व सहसंयोजक त्रिज्या किसे कहते हैं
ठोस अवस्था में एक ही पदार्थ के दो निकट स्थित अनाबंधित अणुओं के परमाणुओं के बीच की दूरी का आधा वांडरवाल त्रिज्या कहलाती है वाण्डरवाल त्रिज्या का मान हमेशा सहसंयोजक त्रिज्या से अधिक होता है
सहसंयोजक बंध से जुड़े एक ही तत्व के दो समान परमाणुओ के नाभिको के बीच की दूरी का आधा उस परमाणु की सहसंयोजक त्रिज्या कहलाती है - मेंडलीफ का आवर्त नियम लिखिए
मेंडलीफ के अनुसार जब तत्वों को उनके परमाणु द्रव्यमान के आरोही क्रम में व्यवस्थित किया जाता है तो एक निश्चित अंतराल के बाद तत्वों के समान गुणों की पुनरावृत्ति होती है अर्थात "तत्वों के गुणधर्म उनके परमाणु भार के आवर्ती फलन होते हैं" - डोबेराइनर का त्रिक नियम क्या है समझाइए (2019)
डोबेराइनर ने समान गुणधर्म वाले तीन- तीन तत्वों के समूह बनाए और उन्हें त्रिक कहा डोबेराइनर के अनुसार जब त्रिक के तीनों तत्वों को उनके परमाणु द्रव्यमान के आरोही क्रम में रखा जाता है तो बीच वाले तत्व का परमाणु द्रव्यमान शेष दो तत्वों के परमाणु द्रव्यमान के औसत के बराबर होता है - मेंडलीफ की आवर्त सारणी की विशेषताएं लिखिए (2020)
1.मेंडलीफ ने तत्वों को उनके बढ़ते हुए परमाणु भार के क्रम में व्यवस्थित किया परंतु समान गुणधर्म वाले तत्वों को एक साथ रखने के लिए कभी-कभी अधिक द्रव्यमान वाले तत्वों को कम द्रव्यमान वाले तत्वों से पहले रखा
2.मेंडलीफ ने अपनी आवर्त सारणी में कुछ रिक्त स्थान छोड़ें
3.जब उत्कृष्ट गैसों का पता चला तो मेंडलीफ की आधुनिक आवर्त सारणी को बिना छुए इन्हें नए समूह में रखा जा सका - मेंडलीफ की आवर्त सारणी के दोष लिखिए (2020)
1.मेंडलीफ की आवर्त सारणी में हाइड्रोजन को निश्चित स्थान नहीं दिया गया
2.समस्थानिक को कोई स्थान नहीं दिया गया
3.कुछ स्थानों पर परमाणु भार के बढ़ते क्रम का पालन नहीं किया गया
4.कुछ समान गुण वाले तत्वों को अलग-अलग वर्ग में तथा कुछ असमान गुणों वाले तत्वों को एक ही वर्ग में रख दिया - थॉमसन का परमाणु मॉडल क्या है समझाइए (2019)
परमाणु संरचना का पहला मॉडल थॉमसन ने दिया जिसे प्लम पुडिंग मॉडल के नाम से भी जाना जाता हैं थॉमसन ने अपने मॉडल की तुलना क्रिसमस केक या तरबूज से की ।थॉमसन मॉडल के अनुसार :-
1.परमाणु एक धनावेशित गोला है जिसमें ऋणावेशित इलेक्ट्रॉन रहते हैं
2. परमाणु में धन आवेश व ऋण आवेश की मात्रा समान होती है इसलिए परमाणु उदासीन होता है
- रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल के तीन बिंदु लिखिए
1.परमाणु का संपूर्ण द्रव्यमान व धनावेश उस के मध्य में केंद्रित रहता है जिसे नाभिक कहते हैं
2.परमाणु का अधिकांश भाग खोखला होता है जिसमें इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर वृताकार पथ पर चक्कर लगाते हैं
3.परमाणु उदासीन होता है अतः परमाणु में इलेक्ट्रॉन प्रोटॉन की संख्या बराबर होती है - डाल्टन का परमाणु सिद्धांत क्या है
1.प्रत्येक पदार्थ छोटे-छोटे अविभाज्य कणों से मिलकर बना होता है जिन्हें परमाणु कहते हैं
2.एक ही तत्व के सभी परमाणु भार, आकार व रासायनिक गुणधर्मों में समान होते हैं
3.भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणु भार, आकार व रासायनिक गुणधर्मों में असमान होते हैं
4.रासायनिक अभिक्रिया में परमाणु का न तो निर्माण होता है और ना ही विनाश! परमाणु केवल पुनर्व्यवस्थित होते हैं - नील्स बोर की परिकल्पनाएं लिखिए
1.परमाणु के केंद्र में नाभिक होता है जिसमें परमाणु के धनावेशित कण प्रोटॉन उपस्थित होते हैं
2.इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों और निश्चित त्रिज्या एवं ऊर्जा वाले पथ पर चक्कर लगाते हैं जिन्हें कक्षा, कोष या ऊर्जा स्तर कहते हैं
3.कक्षाएं नाभिक के चारों ओर संकेंद्रीय वलय के रूप में व्यवस्थित होती है जिन्हें n से दर्शाते हैं
4.n का मान बढ़ने के साथ कक्षाएं नाभिक से दूर होती जाती है और उनकी ऊर्जा बढ़ती जाती है
5.एक निश्चित कक्षा में चक्कर लगाने से इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा में कोई परिवर्तन नहीं होता है
6.जब इलेक्ट्रॉन उच्च ऊर्जा स्तर से निम्न उर्जा स्तर में जाता है तो ऊर्जा का उत्सर्जन करता है तथा जब इलेक्ट्रोन निम्न उर्जा स्तर से उच्च ऊर्जा स्तर में जाता है तो ऊर्जा का अवशोषण करता है - आवर्त व वर्ग में निम्न गुण किस प्रकार परिवर्तित होते हैं
(1) परमाणु त्रिज्या - आवर्त में बांयी से दांयी ओर जाने पर परमाणु क्रमांक बढ़ता है अतः नाभिक में प्रोटोन की संख्या बढ़ती है फलस्वरुप परमाणु की बाह्यतम कक्षा में उपस्थित इलेक्ट्रोन पर लगने वाला नाभिकीय आकर्षण बल बढ़ जाता है अतः परमाणु की त्रिज्या घटती है
(2019) वर्ग में ऊपर से नीचे की ओर जाने पर परमाणु क्रमांक बढ़ता है अतः नाभिक में प्रोटॉन की संख्या भी बढ़ती है परंतु साथ ही कोशो की संख्या भी बढ़ जाती है और बाह्यतम कक्षा में उपस्थित इलेक्ट्रोन पर लगने वाला नाभिकीय आकर्षण बल कम हो जाता है अतः परमाणु की त्रिज्या बढ़ती है
(2) धात्विक (2019) व अधात्विक गुण- आवर्त में बांयी से दांयी ओर जाने पर परमाणु आकार घटने एवं प्रभावी नाभिकिय आवेश बढ़ने के कारण इलेक्ट्रोन ग्रहण करने की प्रवृृत्ति बढती अतः धनायन बनाने की प्रवृति(धात्विक गुण) में कमी और ॠणायन बनाने की प्रवृति(अधात्विक गुण) में वृद्धि होती है
वर्ग में ऊपर से नीचे की ओर जाने पर परमाणु आकार में वृद्धि तथा प्रभावी नाभिकीय आवेश में कमी आती है अतः धनायन बनाने की प्रवृत्ति(धात्विक गुण) में वृृद्धि होती एवं ॠणायन बनाने की प्रवृत्ति घटती है अर्थात वर्ग में ऊपर से नीचे की ओर जाने पर धात्विक गुणों में वृद्धि व अधात्वक गुणो में कमी आती है
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