- नियम 8 (1) के अनुसार राजस्थान सेवा नियमों के अधीन स्थायी या अस्थायी रूप से नियुक्त प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन का बीमा करायेगा।
- नियम 8 (2) के अनुसार बीमा उस वित्तीय वर्ष के, जिसमें उक्त व्यक्ति नियुक्त हुआ है, मार्च मास से किया जायेगा।
- राज्य बीमा योजना में प्रथम व अधिक कटौती सदैव माह मार्च देय अप्रैल के वेतन से ही होती हैं अतः प्रथम अप्रैल को बीमा कटौती की जोखिम वहन तिथि कहलाती हैं।
- नियम 8(3) के अनुसार बीमा इस शर्त के अध्यधीन किया जायेगा कि कर्मचारी क्षय रोग, अस्थमा, कैंसर, मधुमेह,एड्स या सरकार द्वारा समय समय पर अधिसूचित किसी भी अन्य गम्भीर रोग से ग्रसित न हो। वह इस आशय की घोषणा अपने प्रथम घोषणा पत्र में करेगा।
- नियम-11 के उप नियम (1)(i) के अधीन बीमा योजना के तहत बीमित व्यक्ति द्वारा देय मासिक प्रीमियम समय-समय पर सरकारी आदेश द्वारा संशोधित दर से वसूला जायेगी
- जब भी, वेतन स्लैब में बदलाव के परिणामस्वरूप, बीमाधारक द्वारा पहले से ही देय प्रीमियम उसके द्वारा भुगतान किए जाने वाले प्रीमियम से कम रह जाता है तो वृद्धिशील प्रीमियम उसी वित्तीय वर्ष के मार्च माह से उसके वेतन से की जावेगी।
- एक बीमित व्यक्ति अपने विकल्प पर, नियम 11 के उप नियम 1 (i) के तहत उस पर लागू प्रीमियम दर के ऊपर अगले दो स्लैब में से किसी एक का प्रीमियम योगदान कर सकता है
- बीमाकृत व्यक्ति के 55 वर्ष की आयु पूरी कर लेने के पश्चात् नियम-11(1) और (2) के अधीन कोई अतिरिक्त कटौती नहीं की जायेगी।
- नियम-11 (i)(ii) में यथा-विनिर्दिष्ट वृद्धिशील प्रीमियमों पर और नियम 11(2) में यथा विनिर्दिष्ट दर पर अतिरिक्त प्रीमियम के संदाय पर अतिरिक्त जौखिम बीमा स्वास्थ्य परीक्षा के बिना किया जायेगा। नियम-11 (2) के अधीन प्रत्येक अतिरिक्त बीमा प्रारूप सं.1 में यह अतिरिक्त घोषणा करने के अध्यधीन होगा कि पाॅलिसी धारक नियम 8(3) में उल्लेखित किन्हीं भी रोगों से ग्रसित नहीं था।
- प्रथम प्रीमियम की कटौति और पूरे भरे गये प्रारूप 1 प्राप्त होने के 60 दिन के भीतर-भीतर निदेशक विहित प्रारूप में अपने हस्ताक्षर करके एक पाॅलिसी जारी करेगा।
- जब कोई बीमाकृत व्यक्ति, बिना वेतन के छुट्टी के सिवाय छुट्टी पर रहता है, तो प्रीमियम तब वसूल किया जायेगा जब वेतन का आहरण किया जाये। इस कालावधि के दौरान् पाॅलिसी अस्तित्व में रहेगी।
- जब किसी बीमाकृत व्यक्ति को किसी भी कालावधि की बिना वेतन की छुट्टी मंजूर की जाये तो इस अवधि के दौरान ऐसे बीमाकृत व्यक्ति द्वारा संदत्त नहीं किया गया प्रीमियम 12 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर पर साधारण ब्याज सहित पाॅलिसी पर ऋण होगा और यदि अन्यथा संदत्त नहीं किये जाये तो उसके भावी वेतन में से वसूलीय होगा। इस अवधि के दौरान् पाॅलिसी अस्तित्व में रही समझी जायेगी।
- बीमाधारक किसी ऐसे व्यक्ति या व्यक्तियों को नामांकित करने का हकदार होगा जिसे उसके जीवन पर दिए गए सभी बीमा अनुबंधों के तहत बीमा राशि का भुगतान उसकी मृत्यु की स्थिति में किया जाना चाहिए। ऐसा नामांकन फॉर्म नंबर 2 में दिए गए एक निर्धारित फॉर्म में होगा और बीमाधारक द्वारा अपने वरिष्ठ आधिकारी की उपस्थिति में हस्ताक्षरित किया जाएगा और निदेशक को भेजा जाएगा जो पुस्तकों में नामांकन दर्ज करेगा और रसीद की लिखित पावती भेजेगा।
- बीमाधारक के विवाह से पहले किसी व्यक्ति के पक्ष में किया गया नामांकन और उसके बाद रद्द नहीं किया गया हो, उसकी शादी के बाद उसकी पत्नी/पति के पक्ष में स्वतः रूप से रद्द माना जाएगा।
- एक बार नाम निर्देशन फाईल करने के उपरान्त बीमाकृत व्यक्ति उसे, प्रथम बार फाईल किये गये नाम निर्देशन का प्रतिस्थापन करते हुए दूसरा नाम निर्देशन फाईल करने के सिवाय, रद्द करने का हकदार नहीं होगा। बीमाकृत व्यक्ति को नाम निर्देशनों में परिर्वतान करते समय नियम-32 में अधिकथित शर्त का पालना करना होगा।
- नियम-32 के अनुसार निम्न व्यक्तियों में से नामनिर्देशिती नियुक्त किया जा सकता है:-(1) अपने पति/पत्नी,संतान/संतोनों, भ्राता (भ्राताओं ), बहिन (बहिनों), पिता या माता या सोतेली-माता,पिता,भ्राता, बहिन या संतान(2) यदि नाम निर्देशन करते समय उपर(1) में उल्लेखित कोई भी संबंधी जीवित नहीं है तो किसी भी अन्य व्यक्ति का नाम निर्देशन अकृत और शून्य समझा जावेगा। तथापि, यदि पति/पत्नी के सवाय ऐसा कोई भी सबंध नाम निर्देशन फाईल करने के पश्चात् अर्जित किया गया है तो नाम निर्देशन अविधिमान्य नहीं होगा।
- बीमाकृत व्यक्ति, प्रारूप जी.ए. 203 में आवेदन प्रस्तुत करने पर, उसके द्वारा कराये गये बीमों की प्रत्याभूति पर, ऐसे बीमों के कुल अध्यर्पण (surrender) मूल्य के 90 प्रतिशत की सीमा तक ऋण प्राप्त करने का अधिकार होगा। ऋण, 60 समान मासिक किस्तों में या ऐसी कम अवधि में, जिसका बीमाकृत व्यक्ति द्वारा अनुरोध किया जाये, प्रतिसंदत्त किया जायेगा, ये किस्तें ऋण मंजूर किये जाने के पश्चात् प्रथम वेतन के आहरण से प्रारम्भ होगी। 12 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर पर साधारण ब्याज प्रभावित किया जावेगा जो ऋण की मूल रकम के पूर्ण प्रतिसंदाय के पश्चात् सवितरक अधिकारी द्वारा दस समान किस्तों में वूसल किया जायेगा। यदि ब्याज पूर्णतः या अंशतः इस प्रकार वसूल नहीं किया जाता है तो वसूल नहीं किया गया ब्याज, उसके बकाया रहने की अवधि के लिए 12 प्रतिशत साधारण ब्याज सहित दावे की रकम से या अगले ऋण की रकम से वसूल किया जायेगा।
- पाॅलिसी पर अगला ऋण तब तक मंजूर नहीं किया जावेगा, जब तक कि पिछले ऋण की मंजूरी और आवेदित ऋण के बीच दोे वर्ष की अवधि व्यतीत न हो गयी हो और ब्याज सहित ऋण पूर्णतः संदत्त न कर दिया गया हो
- यदि इस बात का समाधान हो जाये कि पाॅलिसी धारक व्यक्ति ने पाॅलिसी खो दी है और उसने उसे खोजने के हर सम्भव प्रयत्न कर लिये हैं या वह नष्ट या विकृत हो गयी है या, यथास्थिति कट-फट गयी है तो उसके बदले में दूसरी पाॅलिसी जारी करेगा, बशर्ते कि पाॅलिसीधारकः-(क) क्षतिपूर्ति पत्र के साथ एक आवेदन निदेशक को प्रस्तुत करें, जिसमें यह लिखें कि उनको जारी की गयी पाॅलिसी खो गयी है या नष्ट हो गयी है।(ख) उसको जारी विकृत या कटी-फटी पाॅलिसी को निदेशक को लौटा दें।(ग) (क) की दशा में 100/- और (ख) कि दशा में 50/- की राशि बीमा विभाग को भेजे। यदि दूसरी पाॅलिसी जारी किये जाने के पश्चात् धारक व्यक्ति की मूल पाॅलिसी मिल जाये तो उसे विभाग को भिजवाया जायेगा।
- बीमा पाॅलिसी धारकसेवा में बना रहते हुए बीमा परिपक्वता तिथि से पूर्व आकस्मिक या सामान्य मृत्यु होने पर राज्य सरकार द्वारा बीमाधन की दुगुनी राशि बोनस सहित भुगतान किया जाता है। चाहे कार्मिक की मृत्यु प्रथम माह का प्रिमियम अदा करने के बाद हो गई हो ।
मासिक प्रीमियम की दर माह मार्च देय अप्रैल 1998 |
|||
क्र.सं. |
वेतन |
प्रीमियम |
अधिकतम प्रीमियम |
1 |
2550 से 3700 तक |
150 |
300 |
2 |
3701 से 5000 तक |
200 |
450 |
3 |
5001 से 8000 तक |
300 |
600 |
4 |
8001 से 12000 तक |
450 |
800 |
5 |
12000 से अधिक |
600 |
800 |
6 |
अधिकतम |
800 |
800 |
मासिक प्रीमियम की दर माह मार्च देय अप्रैल 2009 |
|||
क्र.सं. |
वेतन |
प्रीमियम |
अधिकतम प्रीमियम |
1 |
6050 से 8500 तक |
180 |
480 |
2 |
8501 से 11000 तक |
240 |
720 |
3 |
11001 से 18000 तक |
480 |
1200 |
4 |
18001 से 28000 तक |
720 |
1500 |
5 |
28000 से अधिक |
1200 |
1500 |
6 |
अधिकतम |
1500 |
1500 |
मासिक प्रीमियम की दर माह मार्च देय अप्रैल 2010 |
|||
क्र.सं. |
वेतन |
प्रीमियम |
अधिकतम प्रीमियम |
1 |
6050 से 8500 तक |
330 |
900 |
2 |
8501 से 11000 तक |
450 |
1300 |
3 |
11001 से 18000 तक |
900 |
2200 |
4 |
18001 से 28000 तक |
1300 |
2500 |
5 |
28000 से अधिक |
2200 |
2500 |
6 |
अधिकतम |
2500 |
2500 |
मासिक प्रीमियम की दर माह मार्च देय
अप्रैल 2015 |
|||
क्र.सं. |
वेतन |
प्रीमियम |
अधिकतम प्रीमियम |
1 |
6050 से 8500 तक |
400 |
1100 |
2 |
8501 से 11000 तक |
550 |
1550 |
3 |
11001 से 18000 तक |
1100 |
2650 |
4 |
18001 से 28000 तक |
1550 |
3000 |
5 |
28000 से अधिक |
2650 |
3000 |
6 |
अधिकतम |
3000 |
3000 |
मासिक प्रीमियम की दर माह मार्च देय
अप्रैल 2018 |
|||
क्र.सं. |
वेतन |
प्रीमियम |
अधिकतम प्रीमियम |
1 |
22000 तक |
500 |
1300 |
2 |
22001 से 28500 |
700 |
1800 |
3 |
28501 से 46500 |
1300 |
3000 |
4 |
46501 से 72000 |
1800 |
4000 |
5 |
72001 से अधिक |
3000 |
4000 |
6 |
अधिकतम |
4000 |
4000 |
मासिक प्रीमियम की दर माह मार्च देय
अप्रैल 2020 |
|||
क्र.सं. |
वेतन |
प्रीमियम |
अधिकतम प्रीमियम |
1 |
22000 तक |
800 |
2200 |
2 |
22001 से 28500 |
1200 |
3000 |
3 |
28501 से 46500 |
2200 |
5000 |
4 |
46501 से 72000 |
3000 |
7000 |
5 |
72001 से अधिक |
5000 |
7000 |
6 |
अधिकतम |
7000 |
7000 |
(देखिये नियम-31 तथा 34)
नामनिर्देशन का प्रारूप
मै ......................................................पुत्र/पुत्री/श्री ............................................जो राज्यबीमा, विभाग, राजस्थान पाॅलिसी संख्या ................................................ के अधीन बीमाकृत व्यक्ति हूॅं, इसके द्वाराः-
(1) पूर्व में मैरे द्वारा मेरे/मेरी ..........................................................................(नाम निर्दशिती से संबंध) श्री/श्रीमती ..................................................आयु ................वर्ष के पक्ष में किया गया नाम निर्देशन रद्द करता/करती हूॅ।
(2) मेरे/मेरी .............................................................. (नाम निर्देशिती से संबंध) श्री/श्रीमती.............................................. आयु................ वर्ष को अपना नाम निर्देशिती करता/करती हूॅ।
(3) श्री/श्रीमती ................................... जो..............................................(नाम निर्देशिती से संबंध) का नाम निर्देशिती के व्यस्क होने तक उसकाा अभिभावक नियुक्त करता/करती हूॅ।
मेरे समक्ष हस्ताक्षरित बीमाकृत व्यक्ति के हस्ताक्षर
(उच्चाधिकारी के हस्ताक्षर तथा उसके पदनाम की मुहर) दिनांक........................
स्थानः-........................
I am 2nd grade teacher from 2011 to 2015and now lecture from 2015 to present.when will be my acp
ReplyDeleteACP Hamesha Joinig Date se Milati H
ReplyDeleteAgar Aap II Grade se I Grade me Promot Hue ho to II grade Joining date Se 20 sal Bad Apko ACP Milagi
I am lecturer in 2015 by dpc .my first posting in second gread teacher direct in 1990.first acp 2000 and second acp 2008 but third acp find
ReplyDeletevery useful blog
ReplyDeletevery useful information
ReplyDeleteप्रश्न -एक कार्मिक की वरिष्ठ अध्यापक पद पर प्रथम नियुक्ति 02 नवम्बर 2011 को हुई है। 05 सितम्बर 2016 DR RPSC se lecturer के रूप में हुई। उसे प्रथम ACP किस वर्ष में देय होगी ?
ReplyDeleteLecturer Post पर कार्यग्रहण से 10 साल बाद (5 सितम्बर 2026 में)
DeleteBasic में 10 वर्ष की सेवा पूर्ण कर (2 दिन पूर्व) lien पर राज्य सेवा में समीक्षा अधिकारी के पद पर चला गया और 6 माह बाद पुनः Basic में वापस Teacher पद पर join कर लिया, क्या मुझे ACP और वेतनवृद्धि ME कोई लॉस होगा(जुलाई में वेतनवृद्धि लगती है दिसम्बर में गया और JULY में WAPAS आ गया)
ReplyDeleteप्रश्न -meri joining 04-3-2004 he mujhe abhi tak ACP Ka labh nahi Mila he or mera 7 th pay me fixation ho Gaya he me kya karu प्रथम ACP किस वर्ष में देय होगी ?
ReplyDeleteयदि आप अधीनस्थ सेवा के कार्मिक है तो 9 वर्ष बाद 04.03.2013 को /राज्य सेवा के कार्मिक है तो 10 वर्ष बाद 04.03.2014 को
DeleteSir मेरी 1st ज्वाइनिंग 14/9/2012 को 3rd ग्रेड teacher लेवल2 में हुई और स्थायीकरण भी हो गया लेकिन मैंने 3rd grade level 1st me दोबारा 15/3/2015 को ज्वाइन किया मेरी acp कब से लगेगी क्या मेरा परिविक्षा कल दोबारा होगा या पहले वाली सर्विस count होगी उचित मार्गदर्शन दे
ReplyDelete1. यदि आप पिछली सेवा से कार्यमुक्त होकर कार्यग्रहण करते हो तो पिछली सेवा काउन्ट होगी और यदि आप त्याग पत्र देकर कार्यग्रहण करते है तो आपकी पिछली सेवा काउन्ट नहीं होगी
Delete2. ACP हमेशा प्रथम नियुक्ति तिथि से मिलती है तो पिछली सेवा काउन्ट हुई तो 14/09/2021 को ACP मिलेगी और यदि पिछली सेवा काउन्ट नहीं होती है तो 15/03/2015 को ACP लगेगी
3. दोनों ही परिस्थितियों में आपका परिवीक्षा काल दोबारा होगा